आडवाणीजी को भारत रत्न देशप्रेम का सम्मान - अरविन्द सिसोदिया Lal Krishan Adwani

"देश के महान सपूत को भारत रत्न देने का निर्णय"

शनिवार 3 फरवरी 2024 को तीन राज्यों के दौरे पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के संबलपुर में कहा, "भारत के उप-प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सूचना प्रसारण मंत्री के रूप में और दशकों तक एक निष्ठावान जागरूक संसद के रूप में आदरणीय आडवाणी जी ने देश की जो सेवा की है वो अप्रतीम है."

उन्होंने कहा, "आडवाणी जी का ये सम्मान इस बात का प्रतीक है कि राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन खपाने वालों को राष्ट्र कभी भूलाता नहीं है. मेरा सौभाग्य रहा कि लालकृष्ण आडवाणी जी का स्नेह, उनका मार्गदर्शन मुझे निरंतर मिलता रहा है."
"मैं आदरणीय आडवाणी जी के दीर्घायु होने की कामना करता हूं और उन्हें ओडिशा की इस महान धरती से बहुत बहुत बधाई देता हूं."
लालकृष्ण आडवाणी भारत रत्न पाने वाले 50वें व्यक्ति होंगे.
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आडवाणीजी को भारत रत्न दिया जाना देशप्रेम और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का सम्मान - अरविन्द सिसोदिया

कोटा 3 फरवरी। भाजपा के संभागीय मीडिया संयोजक अरविन्द सिसोदिया नें प्रधानमंत्री मोदीजी की सरकार द्वारा, भाजपा के संस्थापक सदस्य , प्रखर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की राजनीति  और श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के पुरोधा लालकृष्ण आडवाणीजी को देश का सर्वोच्च सम्मान "भारत रत्न " दिये जानें का समाचार अत्यंत प्रश्नतादायक है, इससे स्व-राष्ट्र और स्व-संस्कृति के उत्थान को अनेकों सदियों तक नई ऊर्जा मिलती रहेगी । भारत और भारतीय संस्कृति के हितों के लिए अडिग रहने और काम करने की प्रेरणा यह सम्मान देता है। यह सम्मान देश सर्वोपरि के सिद्धांत का भी सम्मान है।
संभाग संयोजक सिसोदिया नें अयोध्या में रामलला के प्रतिष्ठित होनें के पश्चात, इस आंदोलन के मुख्य कर्ता लालकृष्ण अडवाणीजी को " भारत रत्न "  दिया जाना, उनकी सर्वमान्य प्रतिष्ठा को सम्मान देना है, जिसका भारत के सभी नागरिकों नें स्वागत किया है। आडवाणी जी इसके हकदार हैँ। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदीजी एवं भाजपा  सरकार साधुवाद की पात्र हैँ। पूरा देश मोदीजी का आभारी है।

सिसोदिया नें कहा आडवाणीजी को भारत रत्न मिलना कोटा और राजस्थान दोनों ही दृष्टि से भी सम्मान और स्वागत का गौरवन्वित अवसर है, क्यों कि आडवाणी नें विभाजन की विभीषिका में पाकिस्तान से भारत आने पर, सबसे पहले उनका प्रवास स्थल राजस्थान ही बना था और कोटा में भी उन्होंने प्रचारक के रूप में कुछ समय कार्य किया व उन्हें प्रथम राजनैतिक नियुक्ति भारतीय जनसंघ के राजस्थान प्रदेश में भी कोटा रहते हुए ही मिली थी। इसके पश्चात वे दिल्ली चले गए।
उन्होंने संघ के प्रचारक और भारतीय जनसंघ संस्थापक सदस्य सुंदरसिंहजी भंडारी के साथ मिल कर पाकिस्तान से भारत आये हिन्दुओं को बसाने के कार्य में बहुत बड़ा कार्य किया था। विशेषकर सिंध से आये हिन्दुओं के पुनर्वास के कार्य में आडवाणी जी का योगदान अविस्मरणीय है।

सिसोदिया ने बताया कि आडवाणी जी के साथ कोटा के वरिष्ठ पत्रकार एवं जनसंघ के वरिष्ठ नेता रहे गजेंन्द्र सिंह सोलंकी, कृष्ण कुमार गोयल , रघुवीर सिंह कौशल, ललितकिशोर चतुर्वेदी, हरिकुमार ओदीच्य, दाऊदयाल जोशी, मोहनलाल मेवाड़ा ( जगदीश होटलवाले ), डा दयाकृष्ण विजय,औंकारलाल बैरबा और हरिकृष्ण जोशी आदि सहित काफी समकालीन कार्यकर्ता कोटा में रहे है।

उन्होंने बताया कि आडवाणी जी श्रीराम जन्मभूमि मुक्ती रथयात्रा सहित अनेकों अवसरों पर कोटा आते रहे हैँ। आडवाणीजी नें पहली राजनैतिक सभा राजस्थान जनसंघ के पदाधिकारी के नाते अंता जिला बारां में संबोधित की थी। उनका हाड़ौती से गहरा रिस्ता रहा है। कोटा संभाग में आडवाणी जी को भारत रत्न मिलने से बहुत उत्साह एवं प्रसन्नता है।

भवदीय
अरविन्द सिसोदिया
9414180151

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