सावधान देश पर आराजकता का आक्रमण हो चुका है - अरविन्द सिसोदिया

सावधान देश पर आराजकता का आक्रमण हो चुका है - अरविन्द सिसोदिया
कथित किसान आंदोलन पूरी तरह झूठ की बुनियाद पर खड़ा किया जा रहा है। सच यह है कि कृषि की दृष्टि से अति सम्पन्न पंजाब सरकार के सस्ते नहरी पानी का भरपूर फायदा कई कई दसकों से लगातार उठा रहा है, जबकि असिंचित क्षेत्र का किसान एक एक पाई को तरसता रहता है, उसकी स्थिती अत्यंत दयनीय है। असल में सरकार के सहयोग पर पहला अधिकार असिंचित क्षेत्र के कृषकों को ही है।

किन्तु इस कथित किसान आन्दोलन में पंजाब से दिल्ली पर आक्रमण करने जो लोग आ रहे हैं वे किसान नहीं आराजकतावादी तत्व हैँ। ये देश में अनेकों प्रकार के भ्रम और झूठ फैला कर के मोदीजी विरोधी वातावरण बनाने की तमाम कोशिशेँ कर रहे हैं, उनका मकसद सिर्फ आप पार्टी के गठबंधन को राजनैतिक फायदा पहुंचाना है। खालिस्तान परस्त ताकत बढ़ाना है।

 इनका मूल उद्देश्य मोदी सरकार को किसान विरोधी साबित कर केंद्र की सत्ता हथियाना है। इस आंदोलन को आप पार्टी की पंजाब और दिल्ली की राज्य सरकारों का सक्रिय सहयोग प्राप्त है। कुछ सिख आबादी नें कनाडा और अमरीका में नागरिकता प्राप्त करली है, इसलिए वहाँ के वोट बैंक की राजनीती का भी इन्हे फंडिंग के रूप में सहयोग मिल रहा है। विशेष कर कनाडा में 3-4 प्रतिशत तक सिख हैँ, इसलिए वहाँ की सरकार खालिस्तान परस्तों को विशेष संरक्षण देती है। इसलिए तरह के संरक्षण कई अन्य ईसाई देशों में कमोबेस देखने को मिल रहा है।

यही सब दो वर्ष पूर्व भी तत्कालीन पंजाब की कांग्रेस राज्य सरकार और दिल्ली की आप पार्टी सरकार के सक्रिय सहयोग से ही हुआ था। अर्थात दिल्ली पर आक्रमण के मामले में आप और कांग्रेस दोनों मिले हुए हैँ। ये तथाकथित किसान नेताओं की ओट से सत्ता हथियानेँ का षड्यंत्र है।

पूरा देश इस सच को जान समझ रहा हैँ, मीडिया भी सारे सच को जानता समझता है, सर्वोच्च न्यायालय भी यह सब देख रहा है किन्तु जिस प्रखरता से देश विरोधी इस आंदोलन रोका जाना चाहिए,निंदा होनी चाहिए और संवेधानिक उपचार किए जानें चाहिए, वे नहीं हो पा रहे हैँ।

दो साल पहले भी पंजाब और यूपी के चुनाव प्रभावित करने हेतु यही कथित किसान आंदोलन प्रारंभ किया गया था। चुनाव सम्पन्न होते ही आंदोलन समाप्त हो गया था। यही योजना फिर से है।

असल में तो आप पार्टी पंजाब से कांग्रेस को पूरी तरह लोकसभा में साफ करने की योजना से इस आंदोलन को मैनेज़ कर रही है। उसका लक्ष्य पंजाब, चंडीगढ़ और राजस्थान की एक लोकसभा सीट गंगानगर मुख्यतौर पर टार्गेटेड है। कांग्रेस भी यह जानती है कि आप पार्टी नें पहले दिन से ही उसे नुकसान पहुँचाया है,किन्तु करे क्या? उसका जनाधार मुस्लिमों में और सिखों में लगभग समाप्त प्राय है, उन्हें ये वोट सिर्फ वहाँ मिलता है जहां वह खुद है और अन्य कोई ठोस विपक्षी दल नहीं है। वह सोच रही है कि इस आंदोलन का लाभ जहाँ कांग्रेस मज़बूत है वहाँ वह उठाले। यानिकि गुड्डी - गुड्डी आप और कांग्रेस में है, यही सब देख कर अखिलेश यादव भी राहुल के साथ चलने का मन बना रहे हैँ। कुल मिला कर संपूर्ण ईडी गठबंधन इसका लाभ उठाने में अवसर तलाश रहा है।

सच यह है कि आराजकतावाद पूरी तरह गैर कानूनी है, अपराध है संविधान विरोधी है। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं मगर पहले वाले और अबके किसान आंदोलन में मशीनें, हथियार और तोड़फोड़ सम्मिलित है। भाषा में नारों में अपरोक्ष साक्ष्यों में इस सब स्पष्ट है।

देशहित में यह जरूरी प्रतीत हो रहा है कि आराजकता की ताकत बनें दिल्ली और पंजाब की राज्य सरकारें निलंबित या बर्खास्त की जानी चाहिए। ताकी आपराधिक कृत्यों को मिल रहा सपोर्ट बंद हो। आंदोलन अनुशासन में हो।

लोकतंत्र के नाम पर देश को तोड़ने की अनुमति कैसे दी जा सकती है। भारत का संबिधान मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्यों के आधार पर प्रदान करता है। मौलिक कर्तव्यों की अवहेलना कर कोई भी मौलिक अधिकारों की बात नहीं कर सकता।जिन्हे जेल में जाना चाहिए उन्हें खुले आम कैसे घूमने की इजाजत दी जा सकती है। सच यह है कि यह भारत की चुनाव व्यवस्था पर कानून व्यवस्था पर आक्रमण है।

देश की सरकार और अन्य संस्थाएं भी जागरूक तो हैँ किन्तु देश के प्रत्येक आम नागरिक को भी जागरूक होना होगा और इस आक्रमण को विफल करना होगा।

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