कैलाश मानसरोवर मुक्त करवाना है भारत अखण्ड बनाना है
1- इस तरह के कथन के साथ अपने अपने वीडियो कैलाश मानसरोवर की मुक्ति हेतु बना कर अनेकानेक सोसल मीडिया प्लेटफार्मों पर डालना चाहिये। जय श्रीराम !
2- में क्या करूंगा वो कर लेगा, यह मेरा काम नहीं है, इसके बजाए पहल men करूँ इस भाव से जुट जाएँ... कम ज्यादा जितना होसके करें जरूर.... इससे आदत बनेगी..... जो अन्य के लिए प्रेरणा होगी.....।
याद रखें और नित्य प्रेरित करें ......
कैलाश मानसरोवर मुक्त करवाना है भारत अखण्ड बनाना है .......
जिस तरह बीज बहुत छोटा होता है और सुरक्षित रखा जाये तो अनुकूल परिस्थिती आनें पर वह वट वृक्ष बन जाता है। इसी बीज की तरह हमें अपने सनातन हिन्दू वैभवशाली अतीत को, सनातन शौर्य को, अपनी संस्कृति को, अपनी विरासत को हमेशा याद रखते हुये पुनः प्राप्त करने के लिए प्रयत्नरत रहना चाहिए। इसलिए अपने गौरवशाली अतीत को, जो हमसे छिना लिया गया उसकी जानकारी अपने समाज में, अपनी अगली पीढ़ियों में, इस बीज स्वरूप को प्रदान करते हुये निरंतर स्मरण में बनाये रखना है। कि यह हमारा है और उसे प्राप्त करना है। भविष्य में जब भी अनुकूल परिस्थितियां आयें तब वह पुनः वट वृक्ष बन सकें।
याद रहे हमें पुनः अपनी अखण्डता प्राप्त करनी है, चीन के कब्जे से अपना कैलाश मानसरोवर मुक्त करवाना है। हिन्दूत्व के ही बौद्ध पंथवाले तिब्बत की चीन से आजादी दिलानी है। अपनी संस्कृति के वैभव को पूर्ण उन्नत करना है। सम्पूर्ण जगत का कल्याण करने वाली सनातन संस्कृति से सम्पूर्ण जगत को सिंचित कर विश्व का कल्याण करना है।
इसलिये हमें निरंतर यह स्मरण में रखना होगा कि हमारी संस्कृति विश्व कल्याण के लिए है। हमारा भारत - अखण्ड भारत है। हमारा कैलाश मानसरोवर देवों के देव महादेव भगवान शंकर का निवास स्थल है,इनके बिना हम अधूरे है। कैलाश मानसरोवर के बिना भारत अधूरा है। अपनी संस्कृति के पूर्वकालीन वैभव की पुर्नस्थापना हमारा सर्वोच्च कर्त्तव्य है। हमारे लक्ष्य हमारे बीज मंत्र हैं, इन्हे निरंतर अपनों में , अपनी संतती में , अपनी अगली पीढियों में स्थापित करते रहना है, जब तक कि हम लक्ष्य प्राप्त न करलें। चरेवैती चरेवैती की तरह यह निरंतर हमें ध्यान में रहे कि हमारा क्या क्या था और उसे कैसे हांसिल करना है।
ये प्रेरणायें बीज की तरह भविष्य में साकार होकर वट वृक्ष बनेंगी । यह टीक उसी तरह होगा जिस तरह देश स्वतंत्र हुआ, जिस तरह श्रीरामजन्म भूमि पर भव्य मंदिर बना । उसी तरह एक दिन भारत अखण्ड बनेगा और हमारा कैलाश मानसरोवर अतिक्रमण मुक्त होकर हमारा होगा । ईश्वर के प्रति अपने पावन लक्ष्यों को बीज की तरह सुरक्षित रखनें हेतु इन तथ्यों का निरंतर स्मरण करते रहें, इनका फैलाव करते रहें। जयश्रीराम ! जयश्री हनुमान !!
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