पश्चिम बंगाल की ममता सरकार का हिन्दू विरोधी चेहरा, जानवरों के नाम तक में जहरीली सांम्प्रदायिकता Anti Hindutv Mamta

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार का हिन्दू विरोधी चेहरा, जानवरों के नाम तक में जहरीली सांम्प्रदायिकता 
------------
शेर का नाम ‘अकबर’ और शेरनी का ‘सीता’ : हाईकोर्ट ने कहा- क्या आप पालतू जानवर का नाम मुस्लिम पैगंबर के नाम पर रखेंगे?
Feb 22, 2024 

नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के सफारी पार्क में एक सिंह (शेर) के जोड़े का नाम ‘अकबर’ और सीता रख दिया गया है जिसके बाद विश्व हिंदू परिषद् ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। इसके अलावा नाम बदलवाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा ख़टखटाया और इसे हिंदू धर्म का अपमान बताते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

VHP का कहना है कि शेरों का नाम राज्य के वन विभाग ने रखा था। ‘अकबर’ के साथ ‘सीता’ नाम रखना हिंदू धर्म का अपमान है। इस मामले में राज्य के वन अधिकारियों और सफारी पार्क डायरेक्टर को मामले में पक्षकार बनाया गया है।

16 फरवरी को लगाई गई याचिका पर अदालत ने 20 फरवरी को सुनवाई की और कोर्ट ने शेरों के जोड़े का नाम बदलने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने शेरनी का नाम सीता रखने और शेर को अकबर नाम देने को लेकर बंगाल सरकार से जवाब मांगा है।

वहीं इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस शेर-शेरनी के जोड़े को हाल ही में त्रिपुरा के सेपाहिजला जूलॉजिकल पार्क से लाया गया था। उन्होंने शेरों का नाम नहीं बदला है। 13 फरवरी को यहां आने से पहले ही उनका नाम रखा जा चुका था।

इस मामले पर सिंगल बेंच के जज जस्टिस सौगत भट्टाचार्य ने सुनवाई करते हुए कहा- “मिस्टर काउंसिल, क्या आप खुद अपने पालतू जानवर का नाम किसी हिंदू भगवान या मुस्लिम पैगंबर के नाम पर रखेंगे… मुझे लगता है, अगर हममें से कोई भी अधिकारी होता, तो हममें से कोई भी उनका नाम अकबर और सीता नहीं रखता।

कोर्ट ने आगे कहा, “आप इसका नाम बिजली या ऐसा कुछ रख सकते थे। अकबर और सीता के ऐसे नाम क्यों रखें गए?” बेंच ने राज्य सरकार से कहा था कि वह बताए कि क्या वन विभाग ने त्रिपुरा से सिलीगुड़ी के सफारी पार्क में लाए गए दो शेरों को सीता और अकबर के नाम दिए हैं?

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी जोड़ा- “कृपया विवाद से बचें अपने अधिकारियों से इन जानवरों का नाम बदलने के लिए कहें… कृपया किसी भी जानवर का नाम किसी हिंदू भगवान, मुस्लिम पैगंबर, ईसाई, महान पुरस्कार विजेताओं, स्वतंत्रता सेनानियों आदि के नाम पर न रखें। आम तौर पर, जो पूजनीय और सम्मानित होते हैं, उनका नाम नहीं दिया जाना चाहिए।”

हाई कोर्ट की बेंच ने पूछे तीखे सवाल
न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने विचार किया कि क्या जानवरों के नाम देवताओं, पौराणिक हस्तियों, स्वतंत्रता सेनानियों या नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखना उचित है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे विवादों से बचा जाना चाहिए। उन्होंने कहा,विवाद पैदा करने वाला यह नाम किसने दिया है? मैं सोच रहा था कि क्या किसी जानवर का नाम किसी भगवान, किसी पौराणिक नायक, स्वतंत्रता सेनानी या नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम पर रखा जा सकता है। आपको एक शेर और एक शेरनी का नाम अकबर और सीता रखकर विवाद क्यों खड़ा करना चाहिए?”

बता दें कि अकबर भारत में मुगल साम्राज्य का एक प्रमुख मुस्लिम शासक था। जबकि हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार, सीता को भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम की पत्नी के रूप में मान्यता प्राप्त है। सीता को हिंदू धर्म के लोग माता कहकर पुकारते हैं।
-------
मेरे इस ट्विटर एकाउन्ट को फॉलो करें.... मुझसे जुड़ें..... अरविन्द सिसोदिया भाजपा कोटा संभाग मीडिया संयोजक,

Take a look at Arvind S Sisodia (@ArvindSSisodia):
 https://x.com/ArvindSSisodia?t=pEKQtJg9hQJ20HQij4cmDw&s=08

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

पहले दिन से सुपरफ़ास्ट दौड़ रही है भजनलाल शर्मा सरकार - अरविन्द सिसोदिया cm rajasthan bhajanlal sharma

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

युवाओं को रोजगार से जोडने की भाजपा की ऐतिहासिक पहल - राकेश जैन BJP Kota City

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

ईश्वर तो समदर्शी, भेद हमारे अपने - अरविन्द सिसोदिया ishwar

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

महापुरुषों के शौर्य को पाठ्यक्रम में पर्याप्त स्थान दिया जाये Mahapurushon ko sthan