राहुल गाँधी खुद की जाती और वर्ग को उजागर करें - अरविन्द सिसोदिया

राहुल गांधी से भी प्रश्न बनता है कि राजीव गांधी एवं सोनिया गांधी का विवाह 25 फरवरी 1968 को हुआ था। 1970 जून में राहुल गांधी का जन्म हुआ और 1972 जनवरी में प्रियंका गांधी का। किन्तु सोनिया गांधी नें भारत की नागरिकता स्विकार नहीं की अर्थात दोनों का जन्म ही इटालियन नागरिकता के चलते हुआ है। सोनिया गांधी ने बाद में भारतीय नागरिकता अधिनियम की धारा 5(1)(सी) के तहत 30 अप्रैल 1983 को नागरिकता ली थी। राहुल गांधी जिस तरह की बेतुकी बातें प्रधानमंत्री मोदी जी के ओ बी सी वर्ग पर उठा रहे हैं, उस तरह की बातें राहुल के जन्म के समय माता की विदेशी नागरिकता को लेकर भी तो उठाई जा सकती हैं।  गलत बात करोगे तो पडताल आपकी भी होगी। 


राहुल गाँधी खुद की जाती और वर्ग को उजागर करें - अरविन्द सिसोदिया
कोटा 9 फरवरी। भाजपा कोटा संभाग के मीडिया संयोजक अरविन्द सिसोदिया नें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी पर आरोप लगाया है की राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदीजी के ओबीसी वर्ग पर भ्रम उत्पन्न करने की आपराधिक कोशिश की है। राहुल का कथन स्वयं उनके अल्पज्ञानी होनें का सबूत दे रहा है। जब से यह वर्ग बना है तब से मोदी की जाती ओबीसी ही है। आज और इस समय भी मोदीजी ओबीसी हैँ। 

सिसोदिया नें कहा राहुल गाँधी मोदीजी से प्रश्न करने से पहले क्या बताएंगे की उनकी जाती क्या है? देश उनकी जाती जानने का उत्सुक है, क्या राहुल गाँधी देश के जनमत की जिज्ञासा को शांत करने हेतु जबाब देंगे।

संभाग संयोजक सिसोदिया नें कहा राहुल गाँधी खुद की सारी सच्चईयों को झुपाते हैँ और मोदीजी के विरुद्ध निरंतर झूठ और भ्रम फैलाने की कोशिश करते रहते हैँ। देश की जनता सब जानती समझती है और इसीलिए राहुल गाँधी की कोई राजनैतिक विश्वसनीयता नहीं है, वे अपने भ्रम उत्पन्न करने के स्वभाव के कारण ही चुनाव हारते हैँ और अदालत द्वारा सजा भी पाते हैँ। उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता।

भवदीय
अरविन्द सिसोदिया
9414180151

- सोमनाथ मंदिर दर्शन में राहुल गाँधी का नाम गैर हिन्दू के रूप में रजिस्टर में दर्ज है।
- नेपाल यात्रा में काठमांडू स्थिति राजीव गाँधी और सोनिया गाँधी पशुपतीनाथ के दर्शन करना चाहते थे किन्तु सोनिया को अनुमति नहीं मिल रही थी, इसलिए वे बिना दर्शन के ही लौटे। वे ताउम्र नेपाल से नाराज भी रहे।
- 1998 - साल 1998 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष की हैसियत से आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में पूजा की.

उन्होंने वहां लिखा कि वे अपने पति और सास के धर्म का पालन करती हैं. हालांकि सोनिया ये कहने से बचीं कि वो एक हिंदू हैं. सोनिया की तिरुपति यात्रा के फौरन बाद कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि 'हिंदुत्व भारत में धर्मनिरपेक्षता की सबसे असरदार गारंटी है.'

- हक़ीकत में आलोचक मानते हैं कि राजनीतिक मजबूरियों की वजह से सोनिया का झुकाव हिंदुत्व की तरफ़ बढ़ा. साल 1999 के आम चुनाव में जब संघ परिवार उनके विदेशी मूल और ईसाई धर्म के मुद्दे पर 'राम राज्य' बनाम रोम राज्य की मुहिम चला रहा था तो भारत के रोमन कैथोलिक ईसाई एसोसिएशन ने अप्रत्याशित रूप से इस बात को ख़ारिज किया कि सोनिया गांधी कैथोलिक थीं.

- प्रसिद्ध पत्रकार खुशवंत सिंह का एक लेख पढ़ा था, जिसमें लिखा था कि “ सोनिया गांधी , हालांकि जन्म से ईसाई थीं।” , हिंदू रीति-रिवाज से एक हिंदू से शादी की और चर्च के आदेश को नजरअंदाज कर दिया कि मिश्रित कैथोलिक-गैर-ईसाई विवाह के बच्चों को कैथोलिक के रूप में पाला जाना चाहिए। उनके पास इटालियन और कैथोलिक बने रहने का विकल्प था, उन्होंने भारतीय और हिंदू बनना चुना। 

- हिन्दू धर्म में किसी को भी हिन्दू देवी देवता की पूजा अर्चना, दर्शन पर रोक नहीं है। हिन्दू धर्म सभी में एक ही ईश्वर और एक ही आत्मा का विश्वास करता है और दर्शन, पूजा अथवा किसी धार्मिक आयोजन से उसका धर्म बदलता नहीं है।

राजनीति में वोट बैंक के लिए भी धार्मिक दिखावा होता है। कांग्रेस के नेताओं के द्वारा भले ही हिन्दू नाम और हिन्दू मंदिरों के दर्शन की बात सामने आती हो मगर जब भी हिन्दू हित और हिन्दुओं के साथ न्याय की बात आती है तब विशेषकर कांग्रेस के गांधी नेहरू परिवार नें पीठ ही दिखाई है।


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