भाजपा की भजनलाल शर्मा एक्शन में, कांग्रेस बौखलाहट में - अरविन्द सिसोदिया

 


भाजपा की भजनलाल शर्मा एक्शन में, कांग्रेस बौखलाहट में - अरविन्द सिसोदिया

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की भजनलाल सरकार जैसे-जैसे एक्शन में आ रही है, वायदे पूरे कर रही है, वैसे-वैसे कांग्रेस में बौखलाहट बढ़ती जा रही है। उनके पेट में दर्द शिरु हो गया है। सच यही है कि अशोक गहलोत की सरकार ने साढ़े चार साल तक कुर्सी युद्ध में व्यतीत किया और गहलोत बनाम पायलेट और पायलेट बनाम गहलोत का संघर्ष चलता रहा, राजस्थान सरकार इतिहास में पहलीबार फाइवस्टार होटल से चली, महीनों महीनों बाडा बंदी रही । गहलोत नें अपना समर्थन बनाए रखने के लिए विधायकों को हर तरह के भ्रष्टाचार, दुराचार और अनियमितताओं की झूट दी, प्रलोभन दिये और गैरकानूनी गतिविधियों का सहारा लिया। सच यह है कि तुष्टिकरण की पराकाष्टा की और मनमाने लाभोँ को बटोरने में कोई कसर नहीं छोडी गईं। जिसके चलते लाल डायरी चर्चा में आई .....!

राज्य में बनी वर्तमान नई सरकार का यह कर्तव्य है कि देश - प्रदेश और जनता के साथ जो - जो धोखाधड़ियां हुई, जो अपराध हुए, जो अनैतिकतायें हुईं, उनके विरुद्ध कार्रवाई करें और उन पर से पर्दा उठाएं, उन्हें एक्सपोज करें, जनता के बीच सत्य को स्थापित करें।

भजनलाल सरकार नें इस हेतु कई निर्णय लिए हैँ, पेपरलीक के विरूद्ध एसआईटी गठन, भ्रष्टाचार और गलत निर्णयों को चिन्हित कर इन पर एक्सन , जिसके कारण निश्चित रूप से कांग्रेस के कई नेताओं को परेशानी होना शुरू हो गई है और कांग्रेस के ये नेतागण सारी बातें घुमा फिरा करके करेंगे, वे अब रोड़े डालने की कोशिश करेंगे, राजनीतिक रंग देने की कोशिश करेंगे, अपने आप को पाक साफ बताने की कोशिश करेंगे। किंतु भारतीय दर्शन और सनातन जीवन मूल्यों के आधार पर सत्य तक पहुंचना, सत्य को स्थापित करना ही हमारा राजनीतिक कर्तव्य होता है और इससे यह सरकार पीछे नहीं हटेगी।

आने वाले समय में कांग्रेस की अनेकों नौटंकियां सामने आएंगी, अनेकों प्रकार के भ्रम और झूठ भी सामने आएंगे, वर्तमान सरकार को सत्य तक पहुंचाने के लिए रोकने के तमाम उपाय भी किए जाएंगे, राजस्थान सरकार का अधिकारी वर्ग का एक बड़ा तबका जिसमें हजारों कर्मचारी भी सम्मिलित हैं। उन सबने भी पूरी तरह से गहलोत सरकार में अनैतिकता, अपराधिकता, सांप्रदायिक, तुष्टिकरण और भेदभाव में कांग्रेस मंत्रिमंडल के मंत्रियों और विधायकों को पूरा-पूरा साथ दिया, सहयोग दिया। उन तक भी पहुंचना और उन्हे दण्डित करना नई सरकार का नैतिक कर्त्तव्य है।
वर्तमान सरकार की विभिन्न जांच उन तक भी पहुंचनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी, कर्मचारी, संविधान और विधान के दायरे में रह कर ही कार्य करें और अनैतिक कार्यों और आपराधिक कार्यों से दूर रहें। राज्य के कर्मचारियों का यह कर्तव्य है कि वे समय से आयें, सेवाभाव से कार्य करें, समय पर कार्य सम्पन्न करें और भ्रष्टाचार से पूरी तरह दूर रहें। उनकी इस जिम्मेवारी को ठीक से निर्वहन हेतु राज्य सरकार सजग है। अनेकों विभागों में समय पर नहीं आने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही हुई है।

जब भगवान राम नें अयोध्या का राज संभाला तब उन्होंने अयोध्यावासियों को यह अधिकार दिया कि आपका राजा कोई अनीति का कार्य करे तो उसे रोक दें। अर्थात अधिकारियों व कर्मचारियों का भी यह कर्तव्य बनता है की वे गलत कार्य में सरकार के सहभागिता न करें। गहलोत सरकार में तुष्टिकरण के निर्णय हुए और उन्हें गैरकानूनी तरीके से लागू किया गया, वे अनैतिकता की सीमा में आते है। इनकी व्यापक जांच और कार्यवाही इस सरकार को करना चाहिये ।

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