कांग्रेस में भय और हिंदुत्व का नया उदय
14 फ़रवरी 2024 वसंत पंचमी के दिन दो ऐतिहासिक घटनायें सामने आईं... जो इतिहास भी बन गईं..
एक तरफ अबू धवी में हिन्दू मंदिर का लोकार्पण प्रधानमंत्री मोदीजी के कर कमलों से हुआ, इस मंदिर हेतु भूमि प्रधानमंत्री मोदीजी के प्रयास से ही मिली थी। इस पर 700 करोड़ रूपये का भव्य मंदिर का निर्माण स्वामी नारायण संस्थान नें किया है। यह खाड़ी देशों में सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर है।
भारत के प्रधानमंत्री मोदीजी को ही यह सौभाग्य कहा जायेगा कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भव्य और दिव्य विशाल मंदिर का लोकार्पण करने के एक माह से भी कम समय में ही एक मुस्लिम देश में भव्य और दिव्य विशाल मंदिर का भी लोकार्पण उन्होंने किया। मोदीजी को दो नव निर्मित भव्य दिव्य मंदिरों के लोकार्पण अवसर मिलना देव योग ही माना जाना चाहिए। निश्चित ही उन्हें देवीय कृपा प्राप्त है।
वही दूसरी तरफ कांग्रेस अयोध्या में रामलला के मंदिर के लोकार्पण का आमंत्रण ठुकरा कर गंभीर भय ग्रस्त है। उनकी राजमाता सोनिया गाँधी नें प्रत्यक्ष लोकसभा चुनाव छोड़ राज्यसभा का रुख कर लिया, जबकि इस समय डूबती कांग्रेस को सहारा देनें उन्हें यूपी से लोकसभा के मैदान में होना बहुत जरूरी था। यह हार का भय ही कहा जायेगा। जनता में कांग्रेस के भय ग्रस्त होनें का ही संदेश गया है।
हो सकता है उन्होंने यह सीट राहुल या प्रियंका के ही लिए खाली की हो मगर यूपी में कई सीटें हैँ जहां से गाँधी नेहरू परिवार जोर आजमाइस कर सकता है, कांग्रेस में आज की तारीख में अपराजेय सोनिया गाँधी सबसे कद्दावर नाम है और उनके सेफ तरीके से राज्यसभा को पलायन कांग्रेस के डर को ही उजागर करता है क्योंकि राहुलजी अमेठी से हार चुके हैँ। यूँ भी सोनिया जी को प्रखर हिन्दू विरोधी माना जाता है उन्होंने सांम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक 2011 तैयार करवाया था जो सोनिया जी के प्रखर हिन्दू विरोधी होनें का सबूत बन चुका है। अर्थात कांग्रेस व सोनिया गाँधी जी के मन में हार का भय जरूर रहा है जिसने उन्हें राजयसभा का रुख करने पर मजबूर कर दिया।
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