भेदभाव रहित सनातन संस्कृति को प्रमाणित करता है महाकुंभ-अरविन्द सिसौदिया
भेदभाव रहित सनातन संस्कृति को प्रमाणित करता है महाकुंभ-अरविन्द सिसौदिया महाकुंभ, भेदभाव रहित सनातन संस्कृति का प्रमाण - अरविन्द सिसौदिया महाकुंभ एक ऐसा आयोजन है जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह मानवता की एकता और समग्रता का भी अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस महाकुंभ में विभिन्न आध्यात्मिक एवं ईश्वर से संबंधित विचारधाराओं, धर्मों, संप्रदायों,पंथों, वर्गों, जातियों, समूहों और सामाजिक एवं क्षेत्रीय विविधता के लोगों का एक साथ आना, एक साथ स्नान करना, सनातन देवत्व में आस्था व्यक्त करना यह प्रमाणित करता है कि सनातन एकात्म है एवं भेदभाव रहित समाज व्यवस्था है। इस संस्कृति में सभी समान है। संस्कृति और समावेशिता - कुंभ, महाकुंभ और अनेकानेक आस्थाओं से जुड़े स्नानों के आयोजन सनातन संस्कृति की विशेषता है। जहां प्रयागराज गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम स्थल होने से धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। वहीं संपूर्ण सनातन मंदिर मठ और देव प्रतिमाओं और मान्यताओं के माध्यम से पृथ्वी को देवत्वमय बनाता है। विभिन्न पवित्र...