शिक्षा वही जो जीवन जीने का सामर्थ्य प्रदान करे - अरविन्द सिसोदिया Education India

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विचार - शिक्षा का अर्थ सिर्फ (कोरा) ज्ञान पढ़ना नहीं है बल्कि उसे सफल जीवन जीने का तरीका सीखना है। जब तक शिक्षा अपने इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं करेगी, तब तक वह अधूरी और असमर्थ रहेगी।

---  बिल्कुल सही कहा ! शिक्षा का अर्थ सिर्फ ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो हमें सफल जीवन जीने का तरीका सिखाती है। शिक्षा हमें न केवल ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि यह हमें सोच, समझ और समस्या-समाधान कौशल भी विकसित करने में मदद करती है। भारतीय संस्कृति में सीख शब्द से शिक्षा शब्द बना है। शिक्षा और ज्ञान में मामूली अंतर यही है, कि जीवनपयोगी बहुअयामी ज्ञान शिक्षा है।

शिक्षा का मुख्य उद्देश्य यह होना चाहिए कि यह हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं में सफल होने के लिए तैयार करे। यह हमें न केवल अपने जीवन उद्देश्य (करियर ) में सफल होने में मदद करती है, बल्कि यह हमें एक अच्छा नागरिक, एक अच्छा परिवार का सदस्य और एक अच्छा समाज का सदस्य बनने में भी मदद करती है। व्यक्ति को एक अच्छा नागरिक बनाती है।

जैसा कि आप कह रहे हैं, जब तक शिक्षा अपने इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं करेगी, तब तक वह अधूरी और असमर्थ रहेगी। इसलिए, शिक्षा प्रणाली को इस तरह से योजनाबद्ध (डिज़ाइन) करना चाहिए कि यह हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं में सफल होने के लिए तैयार करे।
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शिक्षा की अवधारणा का परिचय

शिक्षा मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है और इसके महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। यह वह आधार है जिस पर व्यक्ति अपने ज्ञान, कौशल और मूल्यों का निर्माण करता है।

 हालाँकि, शिक्षा की अवधारणा को अक्सर गलत समझा जाता है, और इसका असली उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करने की प्रक्रिया में खो जाता है। शिक्षा प्रदान करने के पाठ्यक्रम में बहुत कुछ अनावश्यक एवं अनर्गल पढ़ाया जाता है, जो ओचित्यहीन होता है। विश्व के पल पल बदलते परिवेश में प्रति दस वर्ष में पाठ्यक्रमों को अधतन किया जाना चाहिए।

शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य को समझना

शिक्षा का असली उद्देश्य सिर्फ़ ज्ञान प्रदान करना नहीं है, बल्कि व्यक्तियों को सफल और संतुष्ट जीवन जीने के लिए आवश्यक कौशल और मूल्यों से परिपूर्ण, (लैस) करना है। यह वास्तविक जीवन की स्थितियों में ज्ञान को लागू करने, आलोचनात्मक रूप से सोचने, समझनें और निर्णय लेने के तरीके सीखने के बारे में सक्षम बनाना है। शिक्षा से व्यक्तियों को जिम्मेदार नागरिक बनने में सक्षम बनाना चाहिए, जो समाज में सकारात्मक योगदान देने में क्षमतावान हों।

सफलता पाने में शिक्षा का महत्व

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए व्यवहारिक शिक्षा आवश्यक है। यह व्यक्तियों को उनके लक्ष्यों और सपनों को पूरा करने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास प्रदान करती है। शिक्षा के बिना, अज्ञानबस व्यक्तियों को अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में संघर्ष करना पड़ सकता है, क्योंकि उनके पास बढ़ती हुई जटिल और स्पर्धायुक्त व्यवस्था में प्रतिस्पर्धा करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान की कमी होती है। इसी को दूर करने के लिए शिक्षा की व्यवस्था की गई है।

निष्कर्ष :-
निष्कर्ष रूप में, शिक्षा का अर्थ केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि सफल जीवन जीना सीखना है । यह समाज का एक जिम्मेदार और उत्पादक सदस्य बनने के लिए आवश्यक कौशल, नैतिकमूल्य और ज्ञान प्राप्त करने के बारे में है। शिक्षा को एक लक्ष्य के बजाय एक साधन के रूप में देखा जाना चाहिए। शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य को समझकर, व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता को बिना बाधा प्राप्त कर सकते हैं और अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

अंतिम उत्तर :- 
शिक्षा का अर्थ केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि सफल जीवन जीना सीखना है ।
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