गिद्धों को लाश, सुअरों को गंदगी और आस्था को अमृत मिला - योगीजी
गिद्धों को लाश, सुअरों को केवल गंदगी मिली और श्रद्धा को अमृत मिला - योगीजी
महाकुंभ पर झूठी आलोचना करने वालों को योगी की खरी-खरीउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) महाकुंभ की आलोचना को लेकर समाजवादी पार्टी पर बरसे.
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में जिसने जो ढूंढा, उसे वो मिला है. उन्होंने कहा कि जो दुर्भावना से कुंभ जाएगा, उसकी दुर्गति तय है।
फ़रवरी 24, 2025
गिद्धों को लाश, सुअरों को केवल गंदगी मिली...
महाकुंभ पर झूठी आलोचना करने वालों को योगी की खरी-खरी सीएम योगी ने तंज कसते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष अब समाजवादी से सनातनी हो गए हैं.
लखनऊ:-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सोमवार को महाकुंभ की आलोचना को लेकर समाजवादी पार्टी पर पलटवार किया है. सीएम योगी ने कहा कि सपा को महाकुंभ में गंदगी दिखती है और सनातन में उसकी कोई श्रद्धा नहीं है. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में जिसने जो ढूंढा वो उसे मिला है. गिद्धों को केवल लाश मिलीं, सूअरों को केवल गंदगी मिली. उन्होंने कहा कि जो दुर्भावना से कुंभ जाएगा, उसकी दुर्गति तय है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष अब समाजवादी से सनातनी हो गए हैं.
सीएम योगी ने बजट सत्र के पांचवें दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया. इस दौरान सीएम योगी ने कहा, "महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला. गिद्धों को लाश, सुअरों को गंदगी मिली. संवदेनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली. आस्थावानों को पुण्य मिला, गरीबों को रोजगार, अमीरों को धंधा मिला, भक्तों को भगवान मिले, श्रद्धालुओं को साफसुथरी व्यवस्था मिली, पर्यटकों को अव्यवस्था मिली, सद्भावना वाले लोगों को जाति रहित व्यवस्था मिली, समाजवादी और वामपंथियों को सनातन की सुंदरता कैसे नजर आएगी."
अच्छा लगा आपने महाकुंभ को स्वीकारा: सीएम योगी
उन्होंने कहा, " महाकुंभ की चर्चा हुई है. कई बातें कही गई हैं. अयोध्या के बारे में चर्चा की गई, अच्छा लगा आपने महाकुंभ को स्वीकार किया. अयोध्या को स्वीकार किया. सनातन को स्वीकार किया. मान्यता यही है कि सोशलिस्ट यानी समाजवादी जब अंतिम पायदान पर खड़ा होता है तो उसे धर्म की याद आती है."
सीएम योगी ने कहा, "इस बार आप महाकुंभ गए स्नान किया और व्यवस्थाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की. आपने माना कि महाकुंभ में अगर विश्वस्तरीय व्यवस्था नहीं होती तो अब तक 63 करोड़ श्रद्धालु नहीं आते. अभी 26 फरवरी तक यह संख्या 65 करोड़ पार होगी."
उन्होंने कहा कि भारत की 144 करोड़ की जनसंख्या है. इसमें सनातन धर्म को मानने वाले 110 करोड़ की संख्या है. हम सनातन धर्म के साथ-साथ बौद्ध और जैन सहित सभी के पुनरुद्धार के कार्य कर रहे हैं. साथ ही कहा कि 26 दिसंबर की तिथि को वीर साहिबजादा दिवस के रूप में याद किया जाता है. हमारे मन मे जैन तीर्थंकर के प्रति भी श्रद्धा भाव है, कबीरदासी हो या अन्य वो सभी पंथ जिनसे एक भारत श्रेष्ठ भारत का संकल्प साकार होता है.
सपा में सनातन के प्रति श्रद्धा भाव नहीं : - सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अब समाजवादी से सनातनी हो गए हैं. देखकर अच्छा लगा कि उन्होंने अपने सदस्यों को सनातन को लेकर टोका भी. साथ ही समाजवादी पार्टी पर बरसते हुए सीएम योगी ने कहा, "समाजवादी पार्टी के अंदर सनातन के प्रति कोई श्रद्धा भाव नहीं था. इसीलिए उन्होंने अपने सरकार में एक गैर सनातनी को कुंभ का प्रभार दिया, जबकि इस आयोजन में मैं खुद इसकी निगरानी करता रहा."
उन्होंने समाजवादी पार्टी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, "आपने कहा कि महाकुंभ में एक जाति विशेष के लोगो को रोका गया. हमने कहा कि किसी को रोका नहीं गया है. अगर किसी ने अव्यवस्था फैलाई तो उसको इसकी इजाजत नहीं है."
'आप उपदेश बहुत देते हैं, लेकिन खुद को नहीं देखते'
उन्होंने कहा, "आप संविधान लेकर घूमते हैं जबकि संवैधानिक पद पर लेकर बैठे व्यक्ति पर आपकी टिप्पणियां और राज्यपाल के प्रति आपके व्यवहार क्या संवैधानिक था? अगर यह संवैधानिक था तो असंवैधानिक क्या है?"
आप भाषण बहुत देते हैं, लेकिन आपकी सोच भाषा व्यवहार और सोच देखना हो तो समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल को देखिए. आप दूसरों को बहुत उपदेश देते हैं, लेकिन खुद नही देखते.
'पुलिस अपना काम कर है तो आपको दिक्कत हो रही'
सीएम योगी ने अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग सवेरे 11 बजे उठते हैं, 12 बजे तैयार होते हैं और शाम 5 बजे मित्र मंडली के साथ बैठ जाते हैं. उनके पास समय ही नहीं था, लेकिन हमने सात जिलों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया है.
उन्होंने कहा कि सुशासन का पहला आधार कानून व्यवस्था है. कानून व्यवस्था से किसी को चिढ़ है तो यह हर व्यक्ति जानता है. देश दुनिया से जो कोई भी आया उसने दो चीज की सराहना सबने की, एक स्वच्छता की और दूसरा पुलिस की. प्रधानमंत्री जी ने भी उनकी सराहना की. आज जब पुलिस अपना कार्य कर रही है तो आपको दिक्कत हो रही है.
इस चर्चा में 146 सदस्यों ने भाग लिया. इस दौरान सभी ने अपनी विचारधारा के आधार पर अपनी बात रखी. चर्चा में सत्ता पक्ष से 98 और प्रतिपक्ष से 48 सदस्यों ने भाग लिया.
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Maha Shivratri
UP: महाकुंभ पर टिप्प्णी को लेकर भड़के सीएम योगी, बोले- गिद्धों को लाशें नजर आती हैं सनातन की सुंदरता नहीं
यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की व्यवस्था पर सवाल उठाने पर विपक्ष को करारा जबाव दिया। उन्होंने कहा कि सब ने अपने स्वभाव और चरित्र के अनुसार महाकुंभ को देखा।
UP Budget 2025: CM Yogi Adityanath speaks in Uttar Pradesh Vidhansabha.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को लेकर टिप्पणी करने पर विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने महाकुंभ में अव्यवस्था और भगदड़ के मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि समाजवादियों और वामपंथियों को सनातन की सुंदरता रास नहीं आ रही है। उन्होंने एक सोशल मीडिया टिप्पणी के माध्यम से विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसे वो मिला। गिद्घों को केवल लाश मिली। सुअरों को गंदगी मिली। संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली। आस्थावानों को पुण्य मिला। गरीबों को रोजगार मिला। अमीरों को धंधा मिला। श्रद्घालुओं को साफसुथरी व्यवस्था मिली। पर्यटकों को अव्यवस्था मिली। सद्भावना वाले लोगों को जातिरहित व्यवस्था मिली। एक ही स्थान पर सभी जाति के लोगों ने स्नान किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ को लेकर किए जाने वाले प्रश्न समाजवादियों और वामपंथियों की नीयत को दर्शाते हैं। मुख्यमंत्री सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को विधानसभा में विपक्ष पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि सब अपने स्वभाव और चरित्र के अनुसार महाकुंभ के आयोजन को देख रहे हैं। एक ही घाट पर सभी जाति वर्ग के तीर्थ यात्री बिना भेदभाव के नहाते रहे। मुख्यमंत्री ने तंज कसा कि सनातन की सुंदरता आखिर समाजवादी और वामपंथियों को कैसे नजर आएगी। इनके द्वारा लगातार किए जाने वाले प्रश्न, उनकी नियत को ही संदेह के दायरे में खड़ा करतें हैं। महाकुंभ ने पूरी दुनिया को भारत की सनातन एकता का संदेश देकर प्रधानमंत्री के एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन को चरितार्थ करके दिखाया है।
अब समाजवादी भी सनातनी हो गए
महाकुंभ को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि अच्छा लगा कि आपने महाकुंभ, सनातन परंपरा व अयोध्या धाम को स्वीकार किया। सपा जब अंतिम पायदान पर खड़ी होती है तो उसे धर्म की याद आती है। महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर विपक्ष के आरोपों पर तंज कसते हुए कहा कि बहुत अच्छा लगा कि समाजवादी भी अब सनातनी हो गए हैं। नेता प्रतिपक्ष को इस बारे में आपत्ति थी कि भाजपा ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में राज्यपाल के अभिभाषण में महाकुंभ को वैश्विक स्तर का आयोजन बनाने का उल्लेख क्यों किया और उस प्रकार की व्यवस्था क्यों नहीं की। यदि विश्वस्तरीय सुविधा नहीं होती तो अब तक 63 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ का हिस्सा नहीं बनते।
हमने महाकुंभ जाने से किसी जाति को नहीं रोका
सीएम ने कहा कि विपक्ष द्वारा महाकुंभ में एक जाति विशेष को वहां जाने से रोकने की बात कही गई, लेकिन किसी जाति को रोका नहीं गया था। हमने कहा था कि जो सद्भावना से जाएगा उसका स्वागत है। वह सम्मान से कुंभ में आ सकते हैं, लेकिन जो दुर्भावना से जाएगा तो उसकी दुर्गति भी होगी। मुख्ममंत्री ने नेता प्रतिपक्ष से पूछा कि आपके समय में यूपी क्यों पिछड़ा था? हमने पांच वर्ष सफलतापूर्वक चलाने के बाद बहुमत से दोबारा सरकार बनाई और 2027 में फिर से आएंगे हैट्रिक लगाएंगे।
देव, दानव व महामानव का अंतर बताया
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की टिप्पणी से अपनी बात की शुरूआत करते हुए कहा कि डॉ. राधाकृष्णन ने कहा कि मानव का मानव होना उपलब्धि है, मानव का दानव होना पराजय और मानव का महामानव होना उसकी विजय है। मानव, दानव व महामानव (देव) तीनों श्रेणी सदा रही हैं। मान्यता है कि महर्षि कश्यप की दो रानियां थीं। एक से देव व दूसरे से दानव हुए। सीएम ने कहा कि कर्म, आचरण, व्यवहार उन्हें उस श्रेणी में पहुंचाता है। सीएम ने देव, दानव व महामानव का अंतर बताया।
विपक्ष ने गैर सनातनी को बनाया था कुंभ का प्रभारी
2013 में कुंभ का प्रभारी तत्कालीन आजम खां को बनाए जाने पर सीएम ने उनका नाम लिए बगैर कहा कि हमने सपा की तरह आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया। उनके समय में मुख्यमंत्री को फुर्सत नहीं थी कि वे उस आयोजन को देख सकें और उसकी समीक्षा कर सकें। यही वजह है कि उन्होंने एक गैर सनातनी को कुंभ का प्रभारी बनाया था, लेकिन यहां मैं स्वयं लगातार समीक्षा करा रहा हूं। यही वजह है कि 2013 के कुम्भ में जो भी गया, उसे अव्यवस्था, भ्रष्टाचार और प्रदूषण देखने को मिला।
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