विपक्ष का असली लफड़ा सीटों के बंटवारे का है - अरविन्द सिसोदिया congress vs vipaksh

विपक्ष का असली लफड़ा सीटों के बंटवारे का है - अरविन्द सिसोदिया

यूँ तो विपक्ष 23 जून 2023 को पटना में एक हो रहे हैं, किन्तु ये एक हो पाएंगे यह बहुत मुश्किल है। क्योंकि असल मसला राज्यों में सीटों के बंटवारे का है। जैसे आम आदमी पार्टी, दिल्ली की 7 और पंजाब में 13 सीटों को अपने पास ही रखना चाहेगी। जबकि कांग्रेस का भी इन सभी सीटों पर ज़नाधार है। वे कम से कम 50 प्रतिशत सीटें चाहेंगे।

विपक्ष की सारी रणनीति गैर गाँधी परिवार के प्रधानमंत्री पर रहेगी, वे चाहेंगे की कांग्रेस बहूमत से दूर रहे और कोई गैर गाँधी, गैर कोंग्रेसी प्रधानमंत्री बने. ताकी विपक्षी दलों का भविष्य राज्यों के चुनावों में सुरक्षित रहे। कांग्रेस चाहेगी की वह बहूमत तक पहुँचे और किसी पर निर्भरता न रहे और राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री बिना किसी चुनौती के बनाया जा सके।

यूँ भी कई विपक्षी दल इस तरह के हैं जिन्हे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई खास परेशानी नहीं है। जैसे ओड़िसा, तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना आदी। वे कॉंग्रेस को इन राज्यों में वापसी क्यों होने देंगे।

आप पार्टी कई तरह ही यही समस्या बंगाल में ममता बनर्जी की है, बिहार में लालू नितीश की है तो यूपी में अखिलेश की है। मुख्य सवाल सीट बंटवारे का है। कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य राज्यों में 50 प्रतिशत सीटें स्वयं प्राप्त करने की होगी। ताकी उसे दूसरों पर अधिक निर्भर न रहना पड़े।

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