मोदीजी और भाजपा को विदेशी षड्यंत्र के प्रति हजार गुणा ज्यादा जागरूक रहना होगा - अरविन्द सिसोदिया pm modi ji & India savdhan
अमेरिका में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के भव्य और दिव्य दौरे से ठीक पहले, भारत से एक राजकुमार अमरीका में जाकर के भारत की छवि खराब करते हैं और फिर जब नरेंद्र मोदी जी वहां पहुंचते हैं अमेरिका का एक टीवी चैनल द्वारा उसी तरह का रंग में भंग डालने के लिए पूर्व राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा के मुंह से भारत के अल्पसंख्यकों के लिए कथित चिंता व्यक्त करवाई जाती हैं। जबकि 75 सालों से लगातार अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और नेस्टनावुद करने पर तुले पाकिस्तान के विरुद्ध वे एक भी शब्द नहीं बोलते हैं। वहीं अमरीका में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, किन्तु वहाँ हिंदू डिस्मेंटल अभियान चल रहा है , जिसका उद्देश्य हिंदू धर्म को समाप्त करना है, इसके विरुद्ध भी पूर्व राष्ट्रपति ओवामा चुप रहते हैं। इस तरह का अभियान भारत में कभी संभव नहीं हो सकता। भारत नें तो सदियों पहले से बाहरी धर्म, पंथ और संम्प्रदायों को जीने का अवसर दिया। स्वामी विवेकानंद नें शिकागो में धर्म संसद में यही तो कहा था कि में उस भूमि से आया हूँ जिसने दुनिया भर के सताये हुए लोगों को अपने यहाँ जीने का अवसर दिया।
यह बराक ओबामा का इंटरव्यू पूरी तरह से भारत के ऊपर सोचा समझा आक्रमण था, यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आक्रमण था, यह भारत पर एक बेबुनियाद दोषारोपण था। यह भारत कि आंतरिक राजनीति का अपरोक्ष हिस्सा, इसलिए था कि इस कथन के द्वारा भारत के एक राजनैतिक दल के एजेंडे कि पूर्ति की जा रही थी।
इसके साथ यह भी सच है कि यह एक षड्यंत्र था भारत के आम चुनावों को प्रभावित करने के लिए है, भारत की मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए यह एक बड़ा षड्यंत्र है। बराक हुसैन ओबामा के द्वारा पूरी तरह से झूठ, मक्कारी और छल कपट को जबरिया भारत पर थोपने का प्रयास किया गया है। यह अघोषित रूप से भारत पर दुर्भावनापूर्ण, मिथ्या दोषारोपण का आक्रमण था। सवाल यह है कि यह क्यों था?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दो आम चुनाव जीत चुके हैं, वे भारत में पहले गैर कोंग्रेसी प्रधानमंत्री हैं जो पूर्ण बहूमत से दो बार लगातार चुनाव जीते हैं। इसी के साथ वे पहले गैर कोंग्रेसी प्रधानमंत्री हैं जो सबसे अधिक समय से लगातार सत्ता में हैं। उनके नेतृत्व में लगातार दो आम चुनावों से भारतीय जनता पार्टी अपने बल बूते बहुमत प्राप्त कर रही है। इससे कांग्रेस और उसे भारत पर शासित रखने वाली ताकतें सकते में भी हैं और हटाना भी चाहती हैं।
बात सिर्फ बहूमत तक सीमित नहीं है उनके नेतृत्व में भारत का कायाकल्प हुआ है , अद्भुत विकास हुआ है, वैज्ञानिक क्षेत्र में भी भारत की कीर्ति और यश की वृद्धि हुई है। कुल मिला कर भारत नें उन्नति की ऐतिहासिक गाथा लिखी है।
वहीं पिछले एक हजार साल बाद भारत में सांस्कृतिक उत्थान हो रहा है। भारत में आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ रही है, भारत अर्थ व्यवस्था में भी ब्रिटेन को पीछे छोड़ दसवे नंबर से पांचवें नंबर पहुंच गया है। अब भारत एक मजबूत आर्थिक स्थिति वाला देश बन रहा है।
अब भारत दुनिया के बड़े देशों के साथ बराबरी से बात करता है, समान रूप से सम्मान पाता है, इससे बड़ी विदेशी ताकतें भारत के प्रति मन ही मन इर्ष्या भी रखती हैं। भारत की अद्भुत सफलता से वे समानता के व्यवहार को तो मजबूर हैं। किन्तु भारत की व्यापक सफलता से उनमें एक चिंता का भाव भी है। इससे पहले वाली सरकारें भारत को विदेशों पर निर्भर रखती थीं, जानबूझ कर भारत को विकसित होनें ही नहीं देती थीं। उन सरकारों नें भारत को दवा हुआ भारत, कुचला हुआ भारत, पिछड़ा हुआ भारत बना रखा था।
अब भारत विदेशी देशों के व्यापार में, उत्पादन में, सामरिक उत्पादन में बराबरी करेगा और हिस्सा भी बटायेगा, निश्चित ही उभरता भारत अपरोक्ष रूप से अन्य विदेशी ताकतों को एक नई चुनौती के रूप में उभरा है, इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा के प्रति गुप्त ईर्ष्या होना स्वाभाविक ही है, इसी से ये षड्यंत्र उत्पन्न हो रहे हैं।
पिछले दिनों अमेरिका में डिस्मेंटल ऑफ हिंदू कार्यक्रम चले, यह हिंदू को खत्म करो अभियान था और इसमें बहुत सारे दुनिया के विश्वविद्यालय भी सक्रिय हुए थे। इन विश्वविद्यालयों को आयोजन से जोड़ा गया लिटरेचर उपलब्ध करवाना, बड़ी फंडिंग करना और प्रशासनिक व राजनैतिक सहयोग भी करना रहा है। क्या यह कृत्य अनुमत हो सकता है, कदापि नहीं, मगर यह अमरीका सहित कई देशों में अनुमत रहा, जो पूरी तरह गलत था।
इस तरह के अभियान के पीछे एक पूरी सोची-समझी प्लानिंग थी और इस प्लानिंग में हिंदू विरोधी ताकते थी, जो हिंदुत्व को पूरी तरह समाप्त करने पर आमादा हैं, इनके निशांने पर भी प्रधानमंत्री मोदीजी, भाजपा और आर एस एस रही हैं। इन्हीं तत्वों को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अच्छे नहीं लगते।
भारत में हिंदुत्व के उदय व मजबूत होने के लिए, आत्मनिर्भर होने के लिए, बलशाली शक्तिशाली होने के लिए, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक शताब्दी के प्रयास को ही श्रेय जाता है। हिंदुत्व भारतभूमि पर अरबों वर्ष से है, यह हिंदुत्व क़ी मातृभूमि है। यहाँ हिंदुत्व नहीं होगा तो कहां होगा।
यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नहीं होता तो आज भारत दूसरा पाकिस्तान बन चुका होता, भारत के कई राज्य स्वतंत्र इस्लामिक और ईसाई राष्ट्र बन चुके होते या बनने कई तरफ अग्रसर होते। इसलिए विदेशी एजेंडे को संघ नें रोक दिया, इसीलिए संघ से विरोध है।
कांग्रेसी नें भारत के साथ छल किया, कॉग्रेस भारत को दूसरा पाकिस्तान बनाने के लिए अपरोक्ष रूप से समस्त सहायक कार्य कर रही थी और अभी भी कर रही है। कांग्रेस हिंदू चेहरा मोहरा लगाकर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनने देनें में लगी हुई है। इसका असली नाम अगर मुस्लिम लीग भी कह दिया जाए तो कोई आश्चर्य नहीं है, बल्कि सही और 100% सही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही एक ऐसा संगठन है जिसने कांग्रेस क़ी डरपोक नीतियों को, कायरता को, देश के प्रति छल को, बहुत पहले पहचान लिया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक आध्य सरसंघचालक परमपूज्य ड़ा केशव बलिराम हेडगेवार पहले कांग्रेस के सक्रिय पदाधिकारी थे, स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार का नारा देने वाले बाल गंगाधर तिलक के सहयोगी थे। उन्होंने आने वाली परिस्थितियों से मुकाबला करने के लिए सशक्त समाज बनाने का बीड़ी उठाया व भारत को अंदर से मज़बूत बनाया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक येशा संगठन है जो तब ब्रिटिश चाल को समझ रहा था और यही वह संगठन है जिसने भारत के लिए, भारत के हित के लिए, भारत के हित चिंतन के लिए, सच्चे सपूतों को पैदा किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नें स्वयंसेवकों के रूप में भारत के सच्चे हित चिंतक उत्पन्न किये। देशहित के लिए सच्चे हित चिंतक उत्पन्न करने का लोक शिक्षण लगातार 100 साल से चल रहा है। इसी श्रंखला ने लगातार राष्ट्रहित के संघर्ष किये, जम्मू और कश्मीर को बचाया जो अब भारत का पूर्ण हिस्सा है। श्रीरामजन्म भूमि मुक्ती का बीड़ी उठाया जहां अब भव्य मंदिर निर्माण हो रहा है। आज भारत जो राष्ट्र स्वाभिमान के दिन देख रहा है, पिछले 9 सालों से राष्ट्रभक्त मोदी सरकार चल रही है। इसकी नींव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शिक्षण ही आधारभूत है।
कांग्रेस के नेतृत्व में भारत को अघोषित पाकिस्तान बनाने के काम पर ब्रेक लगा और देश को उसके सच्चे हिंदुत्व का उत्थान देखने को मिल रहा है, भारत को भारतीय संस्कृति से परिचित कराया जा रहा है, इसके लिए भारत में भाजपा बहुत जरूरी है, भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बहुत जरूरी है। अन्यथा भारत को लगातार पाकिस्तान से परेशान देश बनाया जाता रहा, भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के षड्यंन्त्रों का स्वागतकर्ता बनाया जाता रहा।
विश्व कूटनीतिक में, शत्रु राष्ट्र ही नहीं तमाम अन्य हितों क़ी भी कार गुजारियां होतीं हैं, उनके छल कपट होते हैं। भारत में भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उभरनें से, देश हित मज़बूत होता है। देश हित मज़बूत होनें से चीन और पाकिस्तान को कष्ट होता है। इसलिए भारत विरोधी ताकतें भारत में कमसे कम भाजपा, संघ और मोदीजी को कतई नहीं चाहेंगी। वे इन्हे कमजोर करने के सभी प्रयत्न करेंगी। इसलिए तरह के षड्यंत्र लगातार देखे भी जा रहे, टूलकिट आधारित षड्यंत्र भी देश देख रहा है।
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का बयान, बीबीसी डॉक्युमेंट्री, हिड्नेवर्ग की अडानी विरोधी रिपोर्ट एक सुनिश्चित षड्यंत्र क़ी श्रंखला रहे हैं। आने वाला समय इस तरह के अनेकों नये षड्यंत्र भी सामने आएंगे। लगभग एक वर्ष तक पग पग पर षड्यंत्र सामनें आएंगे। उनके विरुद्ध भारत को प्रभावी तरीके से निपटना ही होगा। भारत क़ी सरकार को और भारत क़ी राष्ट्रभक्त जनमत को पहले से हजार गुणा अधिक सतर्क व सावधान रहना होगा। क्योंकि देश भक्त मोदी सरकार को हटाने के लिए गिरे से गिरे प्रयत्न भी होंगे।
इसलिए भारत और भारत के लोगों को अधिक सावधान सतर्क त्वरित जवाब देने की क्षमता वाला बनना होगा।
जय भारत जय हिंद!
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