हिन्दू और इसाई अल्पसंख्यकों के असली दुश्मन पाकिस्तान को अमरीकी संरक्षण क्यों ? barack obama statement
हिन्दू और इसाई अल्पसंख्यकों के असली दुश्मन पाकिस्तान को अमरीकी संरक्षण अभी भी क्यों है - अरविन्द सिसोदिया
पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा को याद करना चाहिये कि , मुस्लिम बहुसंख्यक पाकिस्तान में हिन्दू और इसाई अल्पसंख्यकों को पूरी तरह समाप्त करनें का काम अमरीकी मित्रता के दौर में ही हुआ है। पहले अपनी गिरेबान में छांक कर देखों कि हिन्दू और इसाई अल्पसंख्ख्यकों के असली दुश्मन पाकिस्तान को अमरीकी संरक्षण अभी भी क्यों है।
पाकिस्तान बनने के साथ ही अमरीकी संरक्षण में रहा है, अभी भी पाकिस्तान के चीन से प्रगाढ सम्बंधों के बावजूद अमरीकी संरक्षण जारी है। इसी सरपरस्ती में पाकिस्तान में हिन्दू एवं इसाई अल्पसंख्यकों को पूरी तरह समाप्त करनें के हिंसक अभियान चलते रहे, बराक ओवामा जी के राष्ट्रपति रहते हुये भी चलते रहे और अभी भी जारी है। अमरीकी की ओर से कभी भी पाकिस्तान में हिन्दू और इसाई अल्पसंख्यकों के हितों के लिये बचाव के लिये कोई कदम नहीं उठाया गया । अमरीका का पाकिस्तान की तरफ आंखे मूंदे रखना और भारत को आंख दिखाना , खुद अमरीका के साम्प्रदायिक नजरिये का सबूत देता है। संभवतः यही अमरीका का असली सोच है।
बराक ओबामा की टिप्पणी कुंठित विचार मात्र - अरविन्द सिसोदिया
हिन्दू और इसाई अल्पसंख्ख्यकों के असली दुश्मन पाकिस्तान को अमरीकी सरपरस्ती अभी भी क्यों है - अरविन्द सिसोदिया
बराक ओबामा नें कभी पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर प्रश्न नहीं उठाया, इसलिए उन्हें विश्व के किसी भी अन्य देश से प्रश्न पूछने का अधिकार ही नहीं है। यूं भी पूर्व राष्ट्रपति बराक नें बिना किसी औचित्य के भारत के आंतरिक मामलों में दखल का प्रयास किया है। हलांकी उन्हे अमरीकी में ही जबाव मिल गया है।
यूँ तो उनका सवाल अपने ही राष्ट्रपति जो बाईडन से है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन नें इसे जबाब देनें लायक भी नहीं माना। इसलिए इस बयान को सिर्फ सगुफाई बयान ही मानना चाहिए। कुठिंत मानसिकता का बयान ही मानना चाहिये, जो पूर्व राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा सही मानसिक स्थिती न होनें का प्रमाण भी है।
अन्यथा याद रहे 2002 में गोधरा में हिन्दू तीर्थ यात्रियों को जिंदा जला दिये जानें के पश्चात गुजरात में हुए दंगों को लेकर अमेरिका ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वीजा देने से इनकार कर दिया था। 2014 तक यह रोक बरकरार रही। किन्तु गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें अमेरिका आने का न्योता दिया और इसके बाद पीएम मोदी के वीजा पर लगी रोक हटा दी गई थी। इसके बाद ओवामा भारत हनुमानजी की जेब में रखने वाली प्रतिमा के साथ आये थे, अब वे जो सलाह / बयान दे रहे हैं। वह किस कारण से यह वे ही बता सकते हैं। किन्तु यह विदेशी षड्यंत्र का सबूत जरूर है। इस तरह के स्टेटमेंट से लगता है कि बराक हुसैन ओवामा भारत के राजनैतिक माहौल को खराब करनें के किसी नियत षडयंत्र के परोक्ष अपरोक्ष हिस्सा हैं। अन्यथा उनका अनावश्यक और औचित्यहीन बयान आता ही क्यों।
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बुरे फंसे बराक ओबामा ! भारत ही नहीं अब अमेरिका से भी मिला करारा जवाब, दे डाली बड़ी नसीहत
अमेरिका का पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को जॉनी मूर ने अपने शब्दों में बड़ी नसीहत दी है। मूर ने कहा कि मुझे लगता है कि पूर्व राष्ट्रपति को भारत की आलोचना करने से ज्यादा भारत की सराहना करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए। बराक ओबामा की टिप्पणी पर भारत की ओर से करारा जवाब दिया गय है।
नई दिल्ली - अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत में धर्म की आजादी को लेकर दिए गए बयान पर घिरते नजर आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि उनके बयान की आलोचना और सवाल भारत से ही पूछे जा रहे हैं बल्कि अमेरिका से भी आवाज उठ रही है। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 मुस्लिम देशों पर बमबारी वाल सवाल दागकर ओबामा पर करारा हमला बोला। वहीं आज भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ओबामा जी को ये नहीं भूलना चाहिए कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो विश्व में रहने वाले सभी लोगों को भी परिवार का सदस्य मानता है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आजादी पर बने अमेरिकी आयोग के पूर्व मुखिया जॉनी मूर ने ओबामा की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। मूर ने ओबामा को इसके लिए फटकार लगाई और कहा है कि बेहतर होगा कि वह अपनी ऊर्जा किन्हीं और कामों में खर्च करें।
अमेरिका से ही मिल गया बराक ओबामा को करारा जवाब
जॉनी मूर ने कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को देश की आलोचना करने से ज्यादा भारत की तारीफ करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए। जॉनी मूर ने सोमवार पीएम मोदी के मिस्र दौरे की सराहना की। मूर ने कहा कि दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के प्रधानमंत्री ने महत्वपूर्ण अरब देश के राष्ट्रपति के साथ बैठकर यह मैसेज दिया कि भविष्य उज्ज्वल है। मूर न कहा कि दुनिया के सबसे अधिक हिंदू आबादी वाले देश के नेता को विश्व के सबसे बड़े इस्लामी राष्ट्र से सम्मान मिला। संदेश साफ और स्पष्ट है। जॉनी मूर ने कहा कि अमेरिका भारत से बहुत कुछ सीख सकता है। नरेंद्र मोदी ने अमेरिका और फिर मिस्र की यात्रा की संदेश साफ है। भारत में संविधान वाला लोकतंत्र है। इतनी विविधता है, कई राजनीतक दल हैं। एक ऐसा देश जो हर एक चुनाव में अपने लोकतंत्र के लिए लड़ता है।
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Barack Obama: ओबामा ने 1 साल में 7 मुस्लिम देशों पर गिराए 26171 बम, मिला शांति का नोबेल, अब भारत को दे रहे ज्ञान
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के मुसलमानों पर दिया गया बयान चर्चा में है। उन्होंने कहा था कि अगर मैं प्रधानमंत्री मोदी से मिलता तो उन्हें हिंदू बहुल भारत में अल्पसंख्यक मुसलमानों के अधिकार का मुद्दा उठाता। जबकि, बराक ओबामा के हाथ लाखों मुसलमानों के खून से रंगे हुए हैं।
barack obama / बराक ओबामा
बराक ओबामा के हाथ मुसलमानों के खून से रंगे
उनके कार्यकाल में अमेरिका ने 7 मुस्लिम देशों पर बरसाए बम
लाखों निर्दोष मुसलमानों की हत्या, लेकिन मिला शांति का नोबेल
वॉशिंगटन : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत को अल्पसंख्यकों के अधिकार पर ज्ञान दिया है। ओबामा ने कहा है कि हिन्दू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा ध्यान देने योग्य है। यह वही ओबामा हैं, जिनके राष्ट्रपति रहते अमेरिका ने दुनिया के सात मुस्लिम देशों पर 26000 से ज्यादा बम गिराए। अमेरिकी सेना के इन हमलों में हजारों नहीं बल्कि लाखों मुसलमानों की मौत हुई, जिनमें अधिकतर निर्दोष आम नागरिक थे। इसके बावजूद ओबामा को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया। अब वही ओबामा भारत को अल्पसंख्यकों के अधिकार और सुरक्षा पर भाषण दे रहे हैं। बड़ी बात यह है कि ओबामा को यह दिव्य ज्ञान तब आया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं।
ओबाना ने मोदी को लेकर क्या बोला -
बराक ओबामा ने पीएम मोदी के व्हाइट हाउस में भव्य स्वागत के वक्त सीएनएन को इंटरव्यू देते हुए दुनियाभर के तानाशाहों को याद किया। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पीएम मोदी का नाम लेते हुए अपने कार्यकाल का बखान किया। ओबामा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर उन्हें दुनियाभर के ऐसे नेताओं से भी मिलना पड़ा, जिन्हें वो लोकतांत्रित नहीं मानते हैं। इतना ही नहीं, ओबामा ने यह भी कहा कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन और अन्य क्षेत्रों पर पीएम मोदी के साथ काम किया है। लेकिन, उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के बारे में चिंता व्यक्त करना भी कूटनीतिक बातचीत में शामिल होना चाहिए।
भारत के अल्पसंख्यकों पर दिया दिव्य ज्ञान -
ओबामा ने आगे कहा कि हिन्दू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा ध्यान देने योग्य है। ओबामा ने कहा कि अगर मेरी पीएम मोदी से बातचीत होती, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर अलग होना शुरू कर देगा। और हमने देखा है कि जब इस प्रकार के बड़े आंतरिक संघर्ष होने लगते हैं तो क्या होता है।
मुसलमानों के खून से रंगे हैं ओबामा के हाथ -
ओबामा के कार्यकाल को ईरान के साथ परमाणु समझौता, क्यूबा के साथ राजनयिक संबंधों की शुरुआत के लिए याद किया जाता है। बहुत कम लोगों को पता है कि बराक ओबामा ने अमेरिकी इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति की तुलना में लंबे समय तक युद्ध में शामिल रहने के बाद अपने कार्यालय को छोड़ा था। उनके चार-चार साल के लगातार दो कार्यकाल के दौरान अमेरिका दुनियाभर के कई मुस्लिम देशों में युद्ध में शामिल रहा। इसी के साथ ओबामा युद्धग्रस्त अमेरिका के दो पूर्ण कार्यकाल तक सेवा करने वाले एकमात्र राष्ट्रपति भी हैं। ओबामा के कार्यकाल में ही अमेरिका ने ड्रोन हमलों को बड़े पैमाने पर शुरू किया। ओबामा ने खुद ड्रोन हमलों की जबरदस्त वकालत की। उनके कार्यकाल में जॉर्ज डब्ल्यू बुश की तुलना में 10 गुना अधिक ड्रोन हमले किए गए।
1 साल में 7 मुस्लिम देशों पर 26,171 बम गिराए -
ओबामा ने अपने कार्यकाल के दूसरे चरण में अफगानिस्तान और इराक में लड़ने वाले अमेरिकी सैनिकों की संख्या कम कर दी, लेकिन उन्होंने दुनिया भर में हवाई युद्ध और विशेष अभियान बलों के उपयोग को तेजी से बढ़ाया। 2016 में अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज के कमांडो दुनिया के 138 यानी 70 फीसदी देशों में मौजूद थे। यह बुश प्रशासन के दिनों के बाद से 130 गुना की आश्चर्यजनक वृद्धि थी। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन ने अमेरिका रक्षा विभाग के डेटा के अनुसार, बताया कि अकेले 2016 में ओबामा प्रशासन ने कम से कम 26,171 बम गिराए। इसका मतलब यह है कि अमेरिकी सेना ने हर दिन दुनियाभर के सात मुस्लिम देशों में 72 बम गिराए। अमेरिका के ये हवाई हमले सीरिया, इराक, अफगानिस्तान, लीबिया, यमन, सोमालिया और पाकिस्तान में किए गए। ये सभी घोषित तौर पर इस्लामिक देश हैं।
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राजनाथ सिंह ने कहा- क्यों भूल रहे हैं बराक ओबामा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की टिप्पणी पर सोमवार कहा कि ओबामा जी को ये नहीं भूलना चाहिए कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो विश्व में रहने वाले सभी लोगों को भी परिवार का सदस्य मानता है। उनको अपने बारे में सोचना चाहिए कि उन्होंने कितने मुस्लिम देशों पर हमला किया। पिछले कुछ सालों में दुनिया के विभिन्न देशों में प्रधानमंत्री मोदी की बढ़ती साख का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि एक देश के प्रधानमंत्री ने उन्हें बॉस कहा, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि मोदी इतने लोकप्रिय हैं कि लोग उनसे ऑटोग्राफ लेना चाहते हैं। मोदी के नेतृत्व में विश्व पटल पर भारत की प्रतिष्ठा और कद में इजाफा हुआ है। आज दुनिया के अधिकतर बड़े देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से जारी संयुक्त बयान दर्शाता है कि आज किस तरह भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका समेत पूरी दुनिया की सोच बदल दी है।
ओबामा के रहते 6 मुस्लिम देशों को बमबारी का सामना करना पड़ा
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर दिए गए बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ओबामा का बयान आश्चर्यजनक है क्योंकि जब वह शासन में थे तब छह मुस्लिम बहुल देशों को अमेरिकी बमबारी का सामना करना पड़ा था। सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 13 देशों ने अपने शीर्ष सम्मान से सम्मानित किया है जिनमें से छह मुस्लिम बहुल देश हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों की ओर से अल्पसंख्यकों के प्रति व्यवहार को लेकर आधारहीन आरोप लगाने के लिए संगठित अभियान चलाया जा रहा है। सीतारमण ने कहा मुझे आश्चर्य हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी सभी के सामने भारत के बारे में बात कर रहे थे, तब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय मुस्लिमों को लेकर बयान दे रहे थे। उन्होंने सवाल किया क्या ओबामा के राष्ट्रपति रहते छह देशों, सीरिया, यमन, सऊदी, इराक और अन्य मुस्लिम देशों में बमबारी नहीं हुई।
अमेरिका में मोदी और ओबामा ने उसी वक्त उठाए सवाल
सीएनएन को दिए इंटरव्यू में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने कहा था कि यदि भारत जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करता तो इस बात की प्रबल आशंका है कि एक समय आएगा जब देश बिखरने लगेगा। ओबामा ने कहा था कि यदि उनकी मोदी के साथ बातचीत होगी तो वह भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर चर्चा करेंगे। यदि उनके अधिकार संरक्षित नहीं होंगे तो क्या होगा। बराक हुसैन ओबामा ने इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका और दुनिया भर में लोकतांत्रिक संस्थाएं अजीब हो गई हैं, और यह अमेरिकी नेताओं पर निर्भर है कि वे भविष्य में उन्हें बनाए रखने के तरीके खोजें। ओबामा ने कहा कि पीएम मोदी के साथ काम किया है और भारतीय लोकतंत्र के बारे में चिंता व्यक्त करना भी कूटनीतिक बातचीत में शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा ध्यान देने योग्य है। ओबामा ने कहा कि अगर मेरी पीएम मोदी से बातचीत होती, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर अलग होना शुरू कर देगा।
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