नसीरुद्दीन शाह कुछ दिन चीन रह कर आयें , तो उनकी मानसिक स्थिती के लिये ठीक रहेगा - अरविन्द सिसोदिया

 


नसरूद्दीन शाह कुछ दिन चीन रह कर आयें तो उनकी मानसिक स्थिती के लिये ठीक रहेगा - अरविन्द सिसोदिया

अखण्ड भारत एक हिन्दू राष्ट्र ही था , इस पर गत 3000 वर्षों में अनेकों विदेशी आक्रमण हुये हैं। इन आक्रमणों में सबसे ज्यादा नुकसान इस्लामिक आक्रमण नें पहुंचाया, यह इतिहास का कटु सत्य है। जब अंग्रेजों नें भारत का गुलाम बनाना प्रारम्भ किया तो हिन्दू -मुस्लिम एकता का दौर भी चला,  उसका ही नतीजा 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम रहा । इसके बाद अंग्रेजों नें मुस्लिम नवाबों को आगे रख कर राजभक्त मुसलमान तैयार कर हिन्दूओं के स्वाभिमान, स्वायत्तता व स्वतंत्रता के विरूद्ध उनका उपयोग किया । 

अंग्रेजों नें द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद विश्व संधि के कारण ही उपनिवेशों को स्वतंत्र किया था , इसी क्रम में भारत को स्वंतत्रता मिली है, सत्य यही है, संभवतः 50 के लगभग ब्रिटिश उपनिवेश आजाद हुये थे। कमजोर कांग्रेस के कारण भारत का विभाजन हुआ और एक मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान का निर्माण हुआ । 

स्वतंत्र भारत की सत्ता कांग्रेस नें संभाली और भारत की वास्तविक आजादी, गुलामी के नुकसानों की भरपाई एवं सांस्कृतिक उत्थान को लगभग रोक लिया। 2014 आम चुनावों में भारत को पहली बार, पूर्ण राष्ट्रवादी दल भाजपा को पूर्ण बहूमत मिला और जो बदलाव 1947 में आनें थे, अपेक्षित थे, वे आनें प्रारम्भ हुये । इन्ही बदलावों को रोकनें के षडयंत्रों में विविध प्रकार के टूलकिट और भ्रमित करनें वाले आन्देलन, झूठे बयान आदि - आदि सामनें आ रहे हैं। 

इसी क्रम में अभिनेता नसरूद्दीन शाह का षडयंत्रकारी बयान भी सामनें आया है। मेरा शाह को सुझाव है कि अगर उन्हे भारत में हिटलरशाही महसूस हो रही है तो महीनें पन्द्रह दिन वे  चीन रह कर आना चाहिये। किसी दूसरे देश में रह कर आनें पर ही तो महसूस होगा कि वहां और यहां क्या क्या भिन्नतायें हैं। चीन की खुली हवा में दिल बहल जायेगा। उन्हे चीन पहुंच कर राहुल गांधी जैसे कुछ बयान भी देनें चाहिये। शाह को यह करके दिखाना चाहिये। 

मेरा यह भी मानना है कि शाह भारत में रह कर भारत के विरूद्ध जो बयान दे रहे है। वो यहां की सरकार की दरियादिली के कारण ही है अन्यथा पाकिस्तान में इमरान की मट्टीपलीत बताती है कि एक इस्लामिक देश में स्वतंत्र बोल पाना भी कितना मुस्किल होता है। शाह के बयान का स्वागत कोई भी राष्ट्रभक्त नहीं कर सकता और बोलनें की स्वतंत्रता सिर्फ शाह को ही नहीं अन्य 140 करोड नागरिकों को भी है।


जहां तक कश्मीर फाईल्स और केरला स्टोरी की बात है तो यह इस बात का सबूत है कि अब हिन्दू अपने दर्द को व्यक्त करनें की स्वतंत्रा की ओर बढ रहा है। जो उसे इस देश के नागरिक के नाते अधिकार है। अन्डरवल्ड के नीचे दवा भारतीय सिनेमा तो इस तरह को साहस पिछले 75 वर्षों में कर ही नहीं सका । अखण्ड भारत के साथ जो कुछ हुआ उस सच का 95 प्रतिशत हिस्सा तो गायब कर दिया गया जो मात्र 5 प्रतिशत हिस्सा है वह भी बहुत ही नृशंस अत्याचारों से भरा हुआ है। एक देश को अपनी आपबीती बतानें व दिखानें से कोई भी कैसे रोक सकता है।

नसीरुद्दीन शाह क्यों बोल रहे हैं क्यो बोल रहे हें । यह सब पूरा देश जानता है। बोलनें का क्या , किसान आन्दोलन के टूलकिट में पोर्न स्टार भी बोली थी। हिटलरशाही तो पाकिस्तान में है जहां 24 प्रतिशत हिन्दू था अब वह 1. 5 प्रतिशत बचा है। दम हो तो कभी इस पर भी बोल कर दिखाना ! किसी टूलकिट का हिस्सा बन कर बोलना आसान है मगर सच से निगाह मिलाना बहुत मुस्किल होता है। इस्लामिक अत्याचारों के किस्से पूरे विश्व में भरे पडे है। केरला स्टोरी और कश्मीर फाईल्स इसी को उजागर करते हैं।

गोधरा भी है, अजमेर भी है.....अनगिनित अत्याचारों की अनगिनित कहानियां हैं। एक देश को अपनी आप बीती जानने का पूरा हक है।  

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If Nasruddin Shah stays in China for a few days, it will be good for his mental condition - Arvind Sisodia


Unbroken India was a Hindu nation, it has been subjected to many foreign invasions in the last 3000 years. Islamic invasion caused maximum damage in these invasions, this is the bitter truth of history. When the British started making India a slave, the period of Hindu-Muslim unity also started, the result of which was the first freedom struggle of 1857. After this, the British put Muslim Nawabs in front and prepared loyal Muslims and used them against the self-respect, autonomy and freedom of Hindus.


The British had liberated the upaniveshes after the Second World War only because of the world treaty, in the same sequence India got independence, the truth is that probably around 50 British upaniveshes were liberated. Weak Congress led to the partition of India and the creation of a Muslim nation, Pakistan.


The Congress took over the power of independent India and almost stopped India's real independence, compensation for the losses of slavery and cultural upliftment. In the 2014 General Elections, for the first time in India, a fully nationalist party, the BJP, got an absolute majority and the changes that were expected in 1947, started coming. In conspiracies to stop these changes, different types of toolkits and confusing movements, false statements etc. etc. are coming in front.


In this sequence, the conspiratorial statement of actor Nasruddin Shah has also come to the fore. I suggest to Shah that if he is feeling Hitler's rule in India, then he should stay in China for fifteen days in a month. It is only after living in another country that you will feel what are the differences between there and here. The heart will be blown away in the open air of China. He should also give some statements like Rahul Gandhi after reaching China. Shah should demonstrate by doing this.


As far as the Kashmir files and the Kerala story are concerned, it is a proof that Hindus are now moving towards the freedom to express their pain. Which he has the right as a citizen of this country. Medicine under the underworld Indian cinema could not dare to do this in the last 75 years. Whatever happened to Akhand Bharat, 95 percent of the truth has been disappeared, which is only 5 percent, that too is full of brutal atrocities. How can anyone stop a country from telling and showing its past.

Why is Naseeruddin Shah speaking, why is he speaking. The whole country knows all this. What to speak, porn stars also spoke in the toolkit of the farmer's movement. Hitler's rule is in Pakistan where there were 24 percent Hindus, now only 1.5 percent is left. If you have guts, show it by speaking on this too! It is easy to speak as part of a toolkit but it is very difficult to face the truth. The whole world is full of stories of Islamic atrocities. The Kerala Story and the Kashmir Files expose this.

Godhra is also there, Ajmer is also there..... there are innumerable stories of innumerable atrocities. A country has every right to know its own past.


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