विविध आशंकाओं वाली रेल दुर्घटना के सूत्र पकड़ कर सत्य तक पहुंचना होगा - अरविन्द सिसोदिया
विविध आशंकाओं वाली रेल दुर्घटना में, सूत्र पकड़ कर सत्य तक पहुंचना होगा - अरविन्द सिसोदिया
विशेष बात यह हुई कि ब्लाग के प्रकाशन के कुछ घंटे बाद ही अब 6.30 बजे सायंकाल को पत्रकारों से बात करते हुये रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव नें बताया कि भारतीय रेल्वे बोर्ड नें CBI से जाँच करवाये जानें की सिफारिश की गईं है।
1- जाँच NIA और IB को सोंपी जाये....राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण NIA, इंटेलिजेंस ब्यूरो IB ,
2- पूरे देश में सुनियोजित तरीके से रेल्वे ट्रैकों से हो रही लगातार छेड़छाड़ की पूर्व घटनाओं को भी जाँच में सम्मिलित किया जाये....
3- वन्दे भारत ट्रेनों के विरुद्ध चल रही पत्थरवाजी की घटनाओं को भी जाँच में सम्मिलित किया जाये...
4- मोदी सरकार के 9 साल बेमिसाल कार्यक्रम के लिए सभी प्रदेशों में केंद्रीय मंत्रिगण प्रवास पर थे, विविध कार्यक्रम चल रहे हैं, कहीं इस जश्न के रंग में भंग डालने के लिए तो यह षड्यंत्र नहीं रचा गया। जाँच में यह भी सम्मिलित हो।
5- मोदी सरकार द्वारा आजादी के बाद ऐतिहासिक स्वदेशी संसद भवन का निर्माण एवं राष्ट्र को समर्पित करने से बनें, मोदी जी के पक्ष में देश में व्यापक व बहुँआयामि वातावरण को समाप्त करने व देश के सोच की दिशा बदलने के लिए तो इस दुर्घटना का निर्माण तो नहीं किया गया। जाँच में यह भी सम्मिलित हो।
देश को झकझोर देनें वाली, इस भयानक दुर्घटना नें कई प्रकार क़ी शंकाओं को जन्म दिया है। इसलिए व्यापक व उच्च स्तरीय जाँच, राष्ट्रव्यापी दायरे में करवाई जावे।
यू टियूब पर इस संदर्भ में एक वीडियो रिपोर्ट
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ओड़िसा रेल दुर्घटना का सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि सिग्नल से छेड़छाड़ हुई मानी जा सकती है, क्यों कि जिस ट्रेन को बिना रुके सीधे निकलना था , उसे ख़डी मालगाड़ी की लूप लाइन कैसे दे दी गईं और इस हेतु ग्रीन सिग्नल कैसे दे दिया गया।
ओडिशा ट्रेन दुर्घटना एक भीषण रेल हादसा
1- शुक्रवार 02 जून 2023 की शाम क़रीब सात बजे तीन ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं यह ओडिशा के बालासोर के पास बाहानगा बाज़ार स्टेशन के पास हुआ। इस में 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, 12864 सर एम विश्वेश्वरैया- हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस यात्री ट्रेनों के कुल 17 डिब्बे पटरी से उतर के दुर्घटनाग्रस्त हुये । इसमें बहानगा बाज़ार रेलवे स्टेशन पर पहले से ख़डी एक मालगाड़ी भी चपेट में आई। जिससे अब तक लगभग 288 लोगों की मौत व 1000 से अधिक लोग घायल हुए है।
2- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हलाँकि इस दुर्घटना पर विश्व के अनेकों देशों नें संवेदनायें व्यक्त की हैं। किन्तु इसमें षड्यंत्र की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
रेलवे हादसा :- भारतीय रेलवे के दक्षिण - पूर्व जौन के खड़गपुर मंडल स्थित ओडिशा राज्य के बालासोर ज़िले में बाहानगा बाज़ार स्टेशन पर, शुक्रवार की शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के एक मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मारने की वजह से बड़ी रेल दुर्घटना हुई । रेलवे की तकनीकी भाषा में इसे हेड ऑन कॉलिज़न कहते हैं। ऐसे हादसे आमतौर पर बहुत कम देखने को मिलते हैं।
इस दुर्घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए, इनमें से कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर चले गए दूसरी पटरी पर ठीक उसी वक़्त बेंगलुरु से आ रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस गुज़र रही थी।
पटरी से उतरने के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के जो डिब्बे दूसरी पटरी पर गए थे वो वहां से गुज़र रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से जा टकराये, इसके साथ ही यह भीषण हादसा हुआ।
कैसे हुआ ये हादसा ?
शुक्रवार 2 जून को हावड़ा के पास शालीमार रेलवे स्टेशन से ट्रेन नंबर 12841 शालीमार-मद्रास कोरोमंडल एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर निकली। 23 डिब्बों की इस ट्रेन को अप लाइन पर से बालासोर, कटक, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा होते हुए चेन्नई पहुंचना था।यह ट्रेन शाम 7 बजे बालासोर के पास बाहानगा बाज़ार रेलवे स्टेशन की तरफ़ बढ़ रही थी। इस ट्रेन को बाहानगा स्टेशन पर बिना रुके सीधा आगे निकल जाना था, लेकिन यह स्टेशन पर मेन लाइन की बजाय लूप लाइन की तरफ़ चली गई। इस स्टेशन पर लूप लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी और तेज़ गति में चल रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ने मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी।
सवाल यही है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को हरा सिग्नल मिला जिससे वह बढ़ती चली आरही थी, यह लूप लाइन पर कैसे आई जिस पर पहले से ही मालगाड़ी ख़डी थी। यह गलती सिग्नल देने की थी या तकनीकी थी। यह ट्रेन मेन लाइन को छोड़कर लूप लाइन पर कैसे चली गई, जिससे यह हादसा हुआ है।
कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मारी, इस कारण ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। इसके कुछ डिब्बे गिरकर दूसरी तरफ़ डाउन लाइन तक पहुंच गए और उस पर आ रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गये।
ठीक इसी समय यशवंतपुर से हावड़ा की तरफ़ आ रही 12864 यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे वाली जगह को क्रॉस कर रही थी, 22 डब्बों की यह ट्रेन क़रीब 4 घंटे की देरी से चल रही थी और ट्रेन का ज़्यादातर हिस्सा हादसे वाली जगह से आगे निकल चुका था।
तभी कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन का हादसा हुआ और इसके कुछ डिब्बे गिरने के बाद लुढ़कते हुए यशवंतपुर- हावड़ा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से से टकरा गए, इस टक्कर से दूसरी ट्रेन के भी 3 डिब्बे पटरी से उतर गए.
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने शुक्रवार रात एक बयान में कहा है कि यह हादसा शुक्रवार शाम क़रीब सात बजे हुआ था और हादसे में दोनों ट्रेनों के कुल क़रीब 15 डिब्बे पटरी से उतर गए।
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