रेल्वे के प्रति षड्यंन्त्रों को राज्य सरकारें गंभीरता से लें - अरविन्द सिसोदिया
रेल्वे के प्रति आपराधिक गतिविधियों को राज्य सरकारें गंभीरता से लें - अरविन्द सिसोदिया
भारत में जबसे सेमी हाई स्पीड स्वदेशी वन्दे भारत ट्रेनों का संचालन प्रारंभ हुआ और इससे मोदीजी सरकार और भारतीय तकनीकी क्षमता की श्रेष्ठता सावित हुई है। तब से ही पूरे देश में विशेष कर गैर भाजपा शासित राज्यों में नाबालिग बच्चों के द्वारा वन्दे भारत ट्रेनों पर पत्थरबाजी की घटनाओं की बाढ़ आई हुई है। यह सब भी मोदीजी की लोकप्रियता से जलन रखने वालों का षड्यंत्र प्रतीत हो रहा है।
इसी तरह रेल ट्रेकों को भी निशाना बनाया जा रहा है। उन पर विस्फोट तक मिल रहे हैं। राज्य सरकारों की भूमिका भी जबरदस्त गैर जिम्मेवार है।
वन्दे भारत ट्रेनों पर पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा पत्थरबाजी हुई, इसके अलावा केरल,कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र,बिहार, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश सहित बहुतसारी घटनायें हो चुकी हैं।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष नें राज्य सरकारों से इस तरह की गतिविधियों को रोकने में सहयोग की अपील भी की है। यह एक राष्ट्रव्यापी अभियान लग रहा है। इसके पीछे कौन है। यह समझ तो आता है, मगर इसे सबूतों सहित उजागर किया जाना चाहिए।
जैसे कि -
उदयपुर अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट का मामला (Blast on Udaipur Ahemdabad Railway Track) सामने आया, पटरी जगह-जगह से उखड़ी मिली और कई स्थानों से नट बोल्ट भी गायब मिले। लोगों के मुताबिक ट्रैक पर धमाके की आवाज भी सुनाई दी थी। खास बात ये है कि 31 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस ट्रैक को हरी झंडी दिखाई थी। सीएम गहलोत ने कहा है कि ब्लास्ट कैसै हुआ इसकी जांच कराई जाएगी।
यदी जनता की जागरूकता से यह षड्यंत्र विफल नहीं होता यों इसमें हजारों जानें जा सकती थी और कह दिया जाता कि पुल ढह जानें से हादसा हुआ और फिर मोदीजी की सरकार को घेरा जाता।
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CBI का विरोध क्या अपराधियों को बचानें की साजिस है
ओड़िसा रेल हादसे की जाँच जैसे ही रेलवे की मांग पर सीबीआई को दी गईं, कांग्रेस और टीमसी के पेट में दर्द शिरू हो गया। देश असली अपराधियों को बेनक़ाब होनें का इंतजार कर रहा है और विपक्ष चाहता है कि उन तक पहुंचा ही नहीं जाये। ये विपक्ष के रोल को भी संदिग्ध बनाता है।
एक कहावत है कि बबूल का पेड़ हर दृष्टि से गलत होता है, उसे समूल नष्ट किया जाना ही निदान होता है। यह समाज का भी सरकार का भी कर्तव्य है।
मोदीजी के विरोध का आपराधिक व्यवहार समाज और प्रजा को सहन नहीं करना चाहिए, इनके बुरे को... बुरा कहना ही चाहिए। केंद्र सरकार को भी कठोरता पूर्वक कार्यवाहीयां करनी चाहिए। राज्य सरकारों को राष्ट्रघातियों को बेनक़ाब करने में आगे आना ही चाहिए यह उनका संवेधानिक कर्तव्य है।
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