कांग्रेस सीधी कार्यवाही और भ्रमित करने से बाज आये
- अरविन्द सीसोदिया
बहुत अरसा नहीं गुजरा, इसी भोपाल में कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी नें भाजपा सरकार के सरकारी गेस्ट होते हुए भी संघ को सिमी से जोड़ गये ..! सिमि कभी भी राष्ट्रवादी संगठन नहीं रहा , उसके क्रिया कलाप हमेशा साम्पदायिक और विघटनकारी माने गये ..! ये शब्द क्या संघ को गाली नहीं थे...? क्या ये अपमान नहीं था ..? क्या इन शब्दों की जरुरत थी..? आलोचना के कई तरीके होते हैं ...!! ये देश एक संविधान को अंगीकार किये है वह कहीं भी नहीं कहता कि नेहरु वंश बेल संविधान और विधान से ऊपर है ..!! कांग्रेस का हमेशा यही खेल रहा कि उसने देश को अपने जर खरीद गुलाम की तरह उपयोग किया ...!
ये सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ , राहुल को सच साबित करने के लिए आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के तालकटोरा मैदान में आयोजित आधा दिवसीय अधिवेशन में केंद्र सरकार में वित्त मंत्री प्रणव मुकर्जी ही यही भाषा बोलते हैं ..? कांग्रेस के कार्यकर्ता और केंद्र के मंत्री में फर्क होता है ...! यदी आरोप हैं तो कार्यवाही करो न ...! साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ एक भी सबूत पिछले ३/४ साल में खोज नहीं पाए और उसे जेल में डाल रखा है ...! यह भी तो संविधान का अपमान है ! उसे जेल में मात्र इसलिए डाल रखा है कि वह कभी विद्यार्थी परिषद् की कार्यकर्ता थी !
बात यहाँ रुकी नहीं .., राजस्थान में वाकायदा एक आतंकी हमले के मामले में संघ की केन्द्रीय कार्यकारणी के सदस्य इन्द्रेश जी का नाम ही घसीट लिया गया और हदें तब पार हो गईं कि राज्य के गृहमंत्री नें बात को पाकिस्तान के आंतकवादियों से जोड़ने के भी संकेत दे दिए ...! यानीं बिना प्रमाण के ही एक पूरे संगठन पर आरोप लगाने के पीछे निहित स्वार्थ ...!! सारे खेल के पीछे तो ईसाई विस्तार वाद है , मदर टेरसा के नाम पर प्रचार ट्रेन चला रखी है और शिवाजी और महाराणा प्रताप कहीं नहीं ....., जो भी ईसाई है वह केंद्र और राज्यों में महत्वपूर्ण पदों पर है ...,
सरकारी पद से जनता को भ्रमित करने की यह कोई पहली घटना नहीं है , महात्मा गांधी की हत्या के समय भी उस घटना की ओट से संघ प्रमुख गुरुजी और सावरकर जी को न केवल बदनाम करने की कोशिश हुई बल्की उनको मुकदमों में घसीटा गया ..! इन की गलती इतनी ही थी कि ये राष्ट्रवादी थे और सरदार पटेल के साथ थे ..!! जांचों द्वारा प्रताड़ित किया गया ..! नेहरूजी ने स्वंय कहा था में जनसंघ को कुचल दूंगा..!! इतनी द्वेषता को भारतीय राजनीति और संविधान इजाजत नहीं देता ..! कांग्रेस के प्लेटफार्म पर नेहरु वंश ने कब्जा कर लिया और राजभोग रही है , ६०० के लगभग राजाओं की रियासते छिना कर आपको अपनी रियासत बनाने का अधिकार किसने दे दिया ...!! उसके कारण ओर दलों का स्वरूप भी वंशवादी हो गया !!
कांग्रेस का इतिहास अपने मामलों में मुस्लीग की तरह सीधी कार्यवाही का रहा है , गांधी वध के बाद भी निर्दोषों पर आक्रमण .., इंदिरा हत्या कांड पर भी हजारों निर्दोषों को मार डाला !! संघ पर सैंकड़ों प्रहार किये .., मगर संघ के एक बुजुर्ग ने कुछ सच कह दिया तो हायतौबा मचाना रोना पीटना शिरू कर दिया..!! संघ कार्यालयों पर आक्रमण ...!! संघ इतनी कम तादाद में भी न्हीन्न है कि वह जबाव नहीं देसके ..! मगर वह उस बयान के साथ नहीं था , इसलिए उसने तह सब सहा ..!!
सोनिया जी ने गुजरात में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा ....? इस भाषा का भारतीय संविधान तो इजाजत नहीं देता और जहाँ वे जन्मी हैं उस इटली का संविधान भी इस भाषा की इजाजत नहीं देता ..! बात करोगे तो बात बडेगी ...! कांग्रेस जब तब संघ और भाजपा को साम्प्रदायिक कहता रहता है .., भला क्यों ...? असली साम्प्रदायिकता है धर्मांतरण करवाना ...यह पाखंड पूरी दुनिया में ईसाईयों ने किया है और आज भी कर रहे हैं उनकी मिसनारियों नें भारत में तो लगातार साम्प्रदायिकता कर रहा है ...!! धर्मांतरण करवाना उनकी निरंतर नियति है ...!!
सुदर्शन जी एक तेजस्वी व्यक्ती हैं .., वे सच का गला घोंटने में विश्वास नहीं रखते ..! सोनिया जी के बहु बनने के बाद नेहरु वंश में लगातार तीन मौतें हुई , संजय जी की , इंदिरा जी की , राजीव जी की ..!!! क्यों ...? दूसरी देशी बहू मनको को घर बाहर किया ही ज़ा चुका था ...? कुल मिला कर अब नेहरु वंश पर देशी अधिपत्य का प्रश्न तो खड़ा ही हुआ है ...! देश को सच जानने का अधिकार है ...?
संघ कर वयोवृद्ध माननीय सुदर्शन जी को गुस्सा इसलिए भी आ सकता है कि कांग्रेस ने बड़े नेता और केन्द्रीय मंत्री गण बेसिर पैर के आरोप हिन्दुओं पर और संघ पर लगा रहे थे .., उसे सिमि से जोड़ा , आतंकवाद से जोड़ा , पाकिस्तान की आई एस आई से भी जोड़ना चाहते थे .., इस सरकारी बचकाने पन से उनको क्रोध आना स्वाभाविक है ...! सच तो यह है सामान्य हिन्दू भी इन बातों से आक्रोशित है .. क्यों की वास्तविक आतंकवाद का तो कुछ बिगाड़ नहीं पाते ..!
शशी थरूर कांग्रेस से सांसद और केन्द्रीय मंत्री रहे हैं .., उनके द्वारा लिखी किताब में :-
सोनिया गांधी और शशी थरूर ............
थरूर ने अपनी पुस्तक 'इंडिया: फ्रॉम मिडनाइट टु द मिलेनियम ऐंड बियान्ड' में गाँधी-नेहरू परिवार को कहीं का नहीं छोड़ा है। शशि थरूर ने इस किताब में जहाँ इंदिरा गाँधी से लेकर राहुल गाँधी तक को कटघरे में खड़ा किया है वहीं 'नेहरू: द इनवेंशन ऑफ इंडिया' में नेहरु की अर्थनीतियों को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। थरुर लिखते हैं 'नेहरू की 'अधिकार एवं नियंत्रण' की नीति ने शायद देश की उद्यमीय ऊर्जा का गला घोंट दिया था।' 1997 में जब शशि थरुर कांग्रेस के सदस्य नहीं थे तब उन्होंने अपनी किताब 'इंडिया- फ्रॉम मिडनाइट टू द मिलेनियम' में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी पर ऐसी टिप्पणियाँ की है जो किसी भी काँग्रेसी को विचलित कर सकती है। इस पुस्तक की पृष्ठ संख्या 33 पर लिखा है, 'इंदिरा गाँधी बिना विजन वाली, बिना सोचे-समझे फैसले करती थीं। गरीबी हटाओ का उनका मंत्र सिद्घांतविहीन था। उन्होंने बिना सोचे-समझे देश में आपातकाल लगाने, प्रेस पर प्रतिबंध और विरोधियों को जेल भेजने जैसे काम किए, इससे लगता है कि वे कितनी अयोग्य और अदूरदर्शी वाली नेता थी।
इसी तरह पृष्ठ संख्या 39 पर राजीव गाँधी पर तीखी टिप्पणी करते हुए थरुर लिखते हैं, 'राजीव ईमानदारी की बात कहते थे, लेकिन उन पर बोफोर्स मामले में धांधली का आरोप भी लगा। छोटे बच्चे तब कहते थे कि गली-गली में शोर है..।' इसी किताब में सोनिया गाँधी पर चुटकी लेते हुए थरुर ने पृष्ठ संख्या 25 पर लिखा है, 'तुरिनो के एक बिल्डर की बेटी, बिना कॉलेज की डिग्री लिए, भारत की सभ्यता को जाने बिना, चेहरे पर गंभीरता का लबादा ओढ़े, भारत का भविष्य बन गई है।'
थरूर ने नेहरू-गाँधी परिवार के साथ ही देश के करोड़ों लोगों की भाषा हिन्दी और हिंदुस्तान को लेकर भी अनाप-शनाप लिखा है। न्यूयार्क टाइम्स में लिखे अपने एक लेख में शशि थरूर ने अंग्रेजी के लेखन की पुरजोर हिमायत करते लिखा है कि अंग्रेजी भारत के दो प्रतिशत लोगों की भाषा है। इसलिए उसमें लिखना और लिखा हुआ भारतीय और जायज है।
और अधिक पढने के लिए ........हिन्दी मीडिया . इन की यह पोस्ट पढ़ें
http://www.hindimedia.in/index.php?option=com_content&task=view&id=9760&Itemid=134
------- कांग्रेस को स्वंय सोनिया जी का सच जानना चाहिए, सोनिया जी के नाम पर सीधी कार्यवाहियों से बचाना चाहिए , तर्क और तथ्य के दम पर काम करना चाहिए , इंदिरा जी कि ह्त्या पर हजारों निर्दोष सिखों को मर देने कि क्या तुक थी , उनका क्या अपराध था ...!! सुरेश जी की पोस्ट पढने लायक है ..आँखे खोलती है ...!!
http://www.blogger.com/post-edit.g?blogID=5812446417135784435&postID=5040713355061036095
http://kmmishra.wordpress.com/2010/11/14
बहुत अरसा नहीं गुजरा, इसी भोपाल में कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी नें भाजपा सरकार के सरकारी गेस्ट होते हुए भी संघ को सिमी से जोड़ गये ..! सिमि कभी भी राष्ट्रवादी संगठन नहीं रहा , उसके क्रिया कलाप हमेशा साम्पदायिक और विघटनकारी माने गये ..! ये शब्द क्या संघ को गाली नहीं थे...? क्या ये अपमान नहीं था ..? क्या इन शब्दों की जरुरत थी..? आलोचना के कई तरीके होते हैं ...!! ये देश एक संविधान को अंगीकार किये है वह कहीं भी नहीं कहता कि नेहरु वंश बेल संविधान और विधान से ऊपर है ..!! कांग्रेस का हमेशा यही खेल रहा कि उसने देश को अपने जर खरीद गुलाम की तरह उपयोग किया ...!
ये सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ , राहुल को सच साबित करने के लिए आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के तालकटोरा मैदान में आयोजित आधा दिवसीय अधिवेशन में केंद्र सरकार में वित्त मंत्री प्रणव मुकर्जी ही यही भाषा बोलते हैं ..? कांग्रेस के कार्यकर्ता और केंद्र के मंत्री में फर्क होता है ...! यदी आरोप हैं तो कार्यवाही करो न ...! साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ एक भी सबूत पिछले ३/४ साल में खोज नहीं पाए और उसे जेल में डाल रखा है ...! यह भी तो संविधान का अपमान है ! उसे जेल में मात्र इसलिए डाल रखा है कि वह कभी विद्यार्थी परिषद् की कार्यकर्ता थी !
बात यहाँ रुकी नहीं .., राजस्थान में वाकायदा एक आतंकी हमले के मामले में संघ की केन्द्रीय कार्यकारणी के सदस्य इन्द्रेश जी का नाम ही घसीट लिया गया और हदें तब पार हो गईं कि राज्य के गृहमंत्री नें बात को पाकिस्तान के आंतकवादियों से जोड़ने के भी संकेत दे दिए ...! यानीं बिना प्रमाण के ही एक पूरे संगठन पर आरोप लगाने के पीछे निहित स्वार्थ ...!! सारे खेल के पीछे तो ईसाई विस्तार वाद है , मदर टेरसा के नाम पर प्रचार ट्रेन चला रखी है और शिवाजी और महाराणा प्रताप कहीं नहीं ....., जो भी ईसाई है वह केंद्र और राज्यों में महत्वपूर्ण पदों पर है ...,
सरकारी पद से जनता को भ्रमित करने की यह कोई पहली घटना नहीं है , महात्मा गांधी की हत्या के समय भी उस घटना की ओट से संघ प्रमुख गुरुजी और सावरकर जी को न केवल बदनाम करने की कोशिश हुई बल्की उनको मुकदमों में घसीटा गया ..! इन की गलती इतनी ही थी कि ये राष्ट्रवादी थे और सरदार पटेल के साथ थे ..!! जांचों द्वारा प्रताड़ित किया गया ..! नेहरूजी ने स्वंय कहा था में जनसंघ को कुचल दूंगा..!! इतनी द्वेषता को भारतीय राजनीति और संविधान इजाजत नहीं देता ..! कांग्रेस के प्लेटफार्म पर नेहरु वंश ने कब्जा कर लिया और राजभोग रही है , ६०० के लगभग राजाओं की रियासते छिना कर आपको अपनी रियासत बनाने का अधिकार किसने दे दिया ...!! उसके कारण ओर दलों का स्वरूप भी वंशवादी हो गया !!
कांग्रेस का इतिहास अपने मामलों में मुस्लीग की तरह सीधी कार्यवाही का रहा है , गांधी वध के बाद भी निर्दोषों पर आक्रमण .., इंदिरा हत्या कांड पर भी हजारों निर्दोषों को मार डाला !! संघ पर सैंकड़ों प्रहार किये .., मगर संघ के एक बुजुर्ग ने कुछ सच कह दिया तो हायतौबा मचाना रोना पीटना शिरू कर दिया..!! संघ कार्यालयों पर आक्रमण ...!! संघ इतनी कम तादाद में भी न्हीन्न है कि वह जबाव नहीं देसके ..! मगर वह उस बयान के साथ नहीं था , इसलिए उसने तह सब सहा ..!!
सोनिया जी ने गुजरात में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा ....? इस भाषा का भारतीय संविधान तो इजाजत नहीं देता और जहाँ वे जन्मी हैं उस इटली का संविधान भी इस भाषा की इजाजत नहीं देता ..! बात करोगे तो बात बडेगी ...! कांग्रेस जब तब संघ और भाजपा को साम्प्रदायिक कहता रहता है .., भला क्यों ...? असली साम्प्रदायिकता है धर्मांतरण करवाना ...यह पाखंड पूरी दुनिया में ईसाईयों ने किया है और आज भी कर रहे हैं उनकी मिसनारियों नें भारत में तो लगातार साम्प्रदायिकता कर रहा है ...!! धर्मांतरण करवाना उनकी निरंतर नियति है ...!!
सुदर्शन जी एक तेजस्वी व्यक्ती हैं .., वे सच का गला घोंटने में विश्वास नहीं रखते ..! सोनिया जी के बहु बनने के बाद नेहरु वंश में लगातार तीन मौतें हुई , संजय जी की , इंदिरा जी की , राजीव जी की ..!!! क्यों ...? दूसरी देशी बहू मनको को घर बाहर किया ही ज़ा चुका था ...? कुल मिला कर अब नेहरु वंश पर देशी अधिपत्य का प्रश्न तो खड़ा ही हुआ है ...! देश को सच जानने का अधिकार है ...?
संघ कर वयोवृद्ध माननीय सुदर्शन जी को गुस्सा इसलिए भी आ सकता है कि कांग्रेस ने बड़े नेता और केन्द्रीय मंत्री गण बेसिर पैर के आरोप हिन्दुओं पर और संघ पर लगा रहे थे .., उसे सिमि से जोड़ा , आतंकवाद से जोड़ा , पाकिस्तान की आई एस आई से भी जोड़ना चाहते थे .., इस सरकारी बचकाने पन से उनको क्रोध आना स्वाभाविक है ...! सच तो यह है सामान्य हिन्दू भी इन बातों से आक्रोशित है .. क्यों की वास्तविक आतंकवाद का तो कुछ बिगाड़ नहीं पाते ..!
शशी थरूर कांग्रेस से सांसद और केन्द्रीय मंत्री रहे हैं .., उनके द्वारा लिखी किताब में :-
सोनिया गांधी और शशी थरूर ............
थरूर ने अपनी पुस्तक 'इंडिया: फ्रॉम मिडनाइट टु द मिलेनियम ऐंड बियान्ड' में गाँधी-नेहरू परिवार को कहीं का नहीं छोड़ा है। शशि थरूर ने इस किताब में जहाँ इंदिरा गाँधी से लेकर राहुल गाँधी तक को कटघरे में खड़ा किया है वहीं 'नेहरू: द इनवेंशन ऑफ इंडिया' में नेहरु की अर्थनीतियों को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। थरुर लिखते हैं 'नेहरू की 'अधिकार एवं नियंत्रण' की नीति ने शायद देश की उद्यमीय ऊर्जा का गला घोंट दिया था।' 1997 में जब शशि थरुर कांग्रेस के सदस्य नहीं थे तब उन्होंने अपनी किताब 'इंडिया- फ्रॉम मिडनाइट टू द मिलेनियम' में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी पर ऐसी टिप्पणियाँ की है जो किसी भी काँग्रेसी को विचलित कर सकती है। इस पुस्तक की पृष्ठ संख्या 33 पर लिखा है, 'इंदिरा गाँधी बिना विजन वाली, बिना सोचे-समझे फैसले करती थीं। गरीबी हटाओ का उनका मंत्र सिद्घांतविहीन था। उन्होंने बिना सोचे-समझे देश में आपातकाल लगाने, प्रेस पर प्रतिबंध और विरोधियों को जेल भेजने जैसे काम किए, इससे लगता है कि वे कितनी अयोग्य और अदूरदर्शी वाली नेता थी।
इसी तरह पृष्ठ संख्या 39 पर राजीव गाँधी पर तीखी टिप्पणी करते हुए थरुर लिखते हैं, 'राजीव ईमानदारी की बात कहते थे, लेकिन उन पर बोफोर्स मामले में धांधली का आरोप भी लगा। छोटे बच्चे तब कहते थे कि गली-गली में शोर है..।' इसी किताब में सोनिया गाँधी पर चुटकी लेते हुए थरुर ने पृष्ठ संख्या 25 पर लिखा है, 'तुरिनो के एक बिल्डर की बेटी, बिना कॉलेज की डिग्री लिए, भारत की सभ्यता को जाने बिना, चेहरे पर गंभीरता का लबादा ओढ़े, भारत का भविष्य बन गई है।'
थरूर ने नेहरू-गाँधी परिवार के साथ ही देश के करोड़ों लोगों की भाषा हिन्दी और हिंदुस्तान को लेकर भी अनाप-शनाप लिखा है। न्यूयार्क टाइम्स में लिखे अपने एक लेख में शशि थरूर ने अंग्रेजी के लेखन की पुरजोर हिमायत करते लिखा है कि अंग्रेजी भारत के दो प्रतिशत लोगों की भाषा है। इसलिए उसमें लिखना और लिखा हुआ भारतीय और जायज है।
और अधिक पढने के लिए ........हिन्दी मीडिया . इन की यह पोस्ट पढ़ें
http://www.hindimedia.in/index.php?option=com_content&task=view&id=9760&Itemid=134
------- कांग्रेस को स्वंय सोनिया जी का सच जानना चाहिए, सोनिया जी के नाम पर सीधी कार्यवाहियों से बचाना चाहिए , तर्क और तथ्य के दम पर काम करना चाहिए , इंदिरा जी कि ह्त्या पर हजारों निर्दोष सिखों को मर देने कि क्या तुक थी , उनका क्या अपराध था ...!! सुरेश जी की पोस्ट पढने लायक है ..आँखे खोलती है ...!!
http://www.blogger.com/post-edit.g?blogID=5812446417135784435&postID=5040713355061036095
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