नीरा राडिया की तमाम टेप सुदा बातें उजागर हों.......

- अरविन्द सीसोदिया
  आयकर विभाग ने जो बातें टेप करवाई हैं .., उन्हें तुरंत जनता के बीच रिलीज होना चाहिए.. ताकी जनता भी जान सके की देश को लूटनें के ताने बानें में कौन कौन  हैं ..., देश के वे  नाम जिन्हें हम आन बान  शान से लेते हैं और उन नामों  पर विश्वास रखते हैं उनके नंगे असली चेहरों की हकीकत जनता के बीच आनी जरुरी है ... यदी इसमें देरी हुई तो ये सभी बातें दवादी जायेंगी ..और जनता तक नहीं पहुच सकेंगी ...!!
१ ---  २४ नवम्बर २०१०
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में कथित भूमिका के लिए कॉरपोरेट जगत के लिए लॉबिंग करने वाली नीरा राडिया से बुधवार को सात घंटे तक पूछताछ की. अधिकारियों ने राडिया से कहा है कि उन्‍हें पूछताछ के लिये फिर बुलाया जा सकता है.निदेशालय में उप निदेशक प्रभाकांत ने बताया कि हमने उनका बयान दर्ज किया है. राडिया ने हमें कुछ दस्तावेज देने का वादा किया है. वह जल्द ये दस्तावेज हमें सौंपेंगी. ईडी कार्यालय से बाहर आने के बाद राडिया ने पत्रकारों से कहा कि वह एजेंसी के साथ जांच में पूरा सहयोग करेंगी.

२ --- दैनिक भास्कर डॉट कॉम २२ नवम्बर २०१० ..... 
नीरा का एक काल तय कर्ता था अरबों की डील
http://bollywood.bhaskar.com/article/NAT-ms-1574730.html
- आशीष महरिशी की रिपोर्ट ...  
हिंदुस्तान की राजनीति में इनदिनों यदि सबसे अधिक कोई महिला चर्चित है तो वह है नीरा राडिया। नीरा राडिया के संबंध देश के ताकतवार राजनेताओं, मंत्रियों और मीडिया के दिग्गजों तक से हैं। वे इस संबंध का इस्तेमाल अपने क्लाइंट्स को फायदा पहुंचाने के लिए करती हैं। नीरा की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके कॉल की एक घंटी मंत्रियों को सीट से उठा देने के लिए काफी है। उसके कॉल तय करते थे कि किस घराने को कौन सा ठेका मिलेगा। कॉरपोरेट्स धराने, मीडिया और राजनेता के इस खतरनाक गठजोड़ ने पूरे देश को चौंका दिया है। आखिर नीरा है क्या बला? जब दैनिक भास्कर डॉट कॉम ने इसी पड़ताल की तो उसकी जिंदगी के कई राज सामने आए।धुंधराले बालों वाली नीरा मूलत: ब्रिटिश नागरिक हैं। लेकिन अपनी बिजनेसमेन पति जनक राडिया से तलाक के बाद उन्होंने लंदन से भारत का रुख किया। भारत में उनके तीन बेटे उनके साथ रहती हैं। 2003 में उनके बिजनेस पार्टनर धीरज सिंह को उनके 18 साल के बेटे के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।नीरा का नाम दुनिया के सामने पहली बार 2008-09 में आया जब आयकर विभाग ने उनके कुछ फोन कॉल को टैप किया। इस फोन कॉल से पता चला कि कैसे नीरा अपने क्लाइंट को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार में दखल करती हैं।
नीरा राडिया चार कंपनियों की मालकिन है। वे जिस-जिस कंपनी की मालिक हैं, उनके टेलीफोन टेप किए गए थे। आयकर निदेशालय के मुताबिक टेलीफोन टैप से जो बाते सामने आईं हैं उसमें अपने कॉरपोरेट क्लाइंट की व्यवसायिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार के कई विभाग के निर्णयों को बदला गया और कई मामलों में तो नीतिगत फैसलों को भी बदलवाकर लाभ पहुंचाया गया। नीरा ने पूर्व दूरसंचार ए.राजा से कई ऐसे फैसले बदलवा दिए जिससे उसके क्लाइंट का लाभ पहुंच सके।
टैप से साबित हुआ है कि राडिया की पहुंच सीधी ए राजा तक है। वह सीधे राजा को ही कॉल करती थी। बीच में कभी भी कोई सचिव या पीए नहीं होता था। कुछेक दस्तावेज तो यह भी बताते हैं कि नीरा के संबंध झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा से भी थे। नीरा ने अपने क्लाइंट को खान दिलाने के लिए उन्हें 180 करोड़ रूपए की रिश्वत दी थी। सीबीआई की कागजों में कहा गया है कि झारखंड में लौहअयस्क की खानों के बदले नीरा ने कोड़ा और दो सहयोगियों को भारी पैसा दिया था।
नीरा का संबंध सिर्फ राजनीतिक गलियारों में ही नहीं बल्कि मीडिया में भी रहा। नीरा ने कई प्रभावशाली मीडिया हस्तियों से संपर्क साधती थीं और अपने लिए प्रयोग करती थीं। देश के दो बड़े पत्रकार इस सिर्फ शक के घेरे में हैं। एक देश की ख्यात महिला पत्रकार हैं जो एक न्यूज चैनल में काम करती हैं तो दूसरे पत्रकार एक अंग्रेजी अखबार में हैं। हालांकि, दोनों ने नीरा से किसी भी प्रकार के ऐसे संबंध से इंकार किया है जिसका फायदा वह उनसे उठाती थीं।नीरा को शिकंजे में लेना कोई आसान काम नहीं है। उसकी कंपनियां टाटा ग्रुप के साथ-साथ यूनिटेक, मुकेश अंबानी की रिलांयस से लेकर देश के कई ख्यात मीडिया संस्थानों के लिए भी काम करती हैं।


३ --- आलोक तोमर / सत्ता चक्र पर , मई  ७ , २०१० लिखते हैं ....
इसे आप सीधे उनके ब्लॉग पर भी पढ़ सकते हैं ...
http://sattachakra.blogspot.com/2010/05/blog-post.html
सोचा था कि इतने बड़े देश में बहुत दलाल पड़े है इसीलिए नीरा राडिया ( NIRA RADIA) के बारे में दुबारा नहीं लिखूंगा। मगर सीबीआई के एक दोस्त राडिया की पूरी फाइल थमा गए और जैसा कि मुहावरे में कहते हैं, मेरी नींद हराम हो गई। नीरा राडिया ने चार कंपनियां बनाई हैं और इनमें वैष्णवी कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड सबसे पुरानी है। इसके अलावा रिश्ते बेचने की नोएसिस कंसलटिंग विटकॉम और न्यूकॉम कंसलटिंग भी दलाली का अच्छा खासा कारोबार कर रही है। ये पहली बार पता चला कि पिछले साल 21 अक्टूबर को सीबीआई ने नीरा राडिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया है। उनकी कंपनी नोएसिस पर आपराधिक साजिश रचने का इल्जाम हैं। इस जांच की जानकारी 16 नवंबर 2009 को सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के डीआईजी विनीत अग्रवाल ने आयकर महानिदेशालय में सतर्कता अधिकारी मीराब जैन को भेज दी थी। चार दिन बाद 20 नवंबर को इसका जवाब भी आ गया और चिट्ठी में साफ लिखा है कि नीरा राडिया के टेलीफोन को आयकर विभाग के आदेश पर निगरानी में डाल दिया गया। नीरा राडिया जो चारो कंपनियां चलाती है उन सभी के फोन टेप हुए। पता चला कि अपने कॉरपोरेट ग्राहकों के लिए नीरा राडिया ने संचार मंत्री ए राजा से कह कर कई बड़े और महंगे सौदे अपने ग्राहकों के हक में बदलवाए। सिर्फ चार महीने में हजारों करोड़ के सौदे हो गए। नीरा राडिया ने नए टेलीफोन ऑपरेटरों को सिखाया कि विदेशी निवेश कैसे छिपाया जा सकता है।
नीरा राडिया के ए राजा के साथ संदिग्ध होने की हद तक अंतरंग संबंध है। राजा और राडिया सीधे मोबाइल पर प्रेमालाप करते है। सीबीआई के अधिकारियों के अनुसार जब मनमोहन सिंह अपना दूसरा मंत्रिमंडल बना रहे थे तो गुप्तचर रिपोर्ट दी गई थी कि ए राजा के बहुत सारे आर्थिक स्वार्थ हैं इसलिए उन्हें कोई जिम्मेदार विभाग नहीं दिया जाए। मगर राजनैतिक मजबूरियों और नीरा राडिया के ताकतवर कॉरपोरेट ग्राहकों की मदद से आखिरकार राजा संचार मंत्री बन ही गए। सबूत सामने है। कैबिनेट के शपथ ग्रहण से ग्यारह दिन पहले नीरा राडिया के फोन टेप दस्तावेजों के अनुसार कॉरपोरेट लॉबी की पहल पर नीरा राजा को संचार मंत्री बनवाने में लगी हुई थी। कई बड़े पत्रकारों के नाम भी (हिन्दुस्तान टाइम्स के पूर्व सम्पादक वीर संघवी, एनडीटीवी की प्रबंध सम्पादक बरखा दत्त का नाम नीरा राडिया के साथ और उसके लाबिंग में तथाकथित मदद को लेकर चर्चा में है , और भी सुनामधन्य खबरनवीसों के नाम हैं ) इन दस्तावेजों में है।
टाटा इंडिकॉम तो चलाता ही है और नई मोबाइल कंपनी एयरसेल में मैक्सिस कम्युनिकेशन और अपोलो के जरिए टाटा ही मालिक है। रतन टाटा वोल्टास के जरिए करुणानिधि के पत्नी के चार्टर्ड अकाउंटेंट के संपर्क में भी थी। एयरटेल के सुनील मित्तल लगातार कोशिश कर रहे थे कि राजा नहीं, दयानिधि मारन दोबारा संचार मंत्री बने। इस काम के लिए भी मित्तल ने राडिया से संपर्क किया। आयकर विभाग के गुप्त दस्तावेज बताते है कि स्वान टेलीकॉम, एयरसेल, यूनीटेक वायरलैस और डाटा कॉम को लाइसेंस और स्पेक्ट्रम के लाभ भी मिले। राडिया ने अपनी सभी कंपनियों में रिटायर्ड अफसरों को रखा हुआ हैं और वे बहुत काम आते है। कहा जाता है कि झारखंड के मुख्यमंत्री मधु कोडा टाटा समूह से एक सौ अस्सी करोड़ रुपए मांग रहे थे मगर राडिया ने राज्यपाल के जरिए मुफ्त में काम करवा दिया। जाहिर है कि यह सेवा निशुल्क नहीं हुई होगी।
नीरा राडिया की कंपनिया टाटा के अलावा यूनीटेक, रिलायंस, स्टार समूह जैसे बड़े ब्रांड के लिए जनसंपर्क यानी दलाली कर रही है। इस दलाली में भी खूब खेल हो रहे हैं। स्वान को पंद्रह सौ सैतीस करोड़ रुपए में लाइसेंस मिला और कुछ ही दिन बाद इसका सिर्फ चौवालीस प्रतिशत हिस्सा संयुक्त अरब अमीरात के ईटीसैलेट को बयालीस सौ करोड़ में बेच दिया। यूनीटेक वायरलैस को स्पेक्ट्र लाइसेंस सोलह सौ इकसठ करोड़ में मिला और उन्होंने नार्वे की टेलनोर को साठ प्रतिशत शेयर इकसठ सौ बीस करोड़ रुपए में बेच दिया। ईमानदारी की कसम खाने वाले टाटा टेली सर्विसेज ने भी सिर्फ छब्बीस फीसदी शेयर जापान के डोकोमो को तेरह हजार दो सौ तीस करोड़ रुपए में बेचे। स्वान कंपनी ने तो और भी कमाल किया। चार महीने पहले चेन्नई की जेनेक्स एग्जिम वेंचर को तीन सौ अस्सी करोड़ रुपए के शेयर एक लाख रुपए में दे दिए। घपला साफ दिख रहा है। लेकिन इस घपले को पकड़ने वाले सीबीआई के मिलाप जैन का तबादला हो चुका है और आयकर विभाग अब कह रहा है कि उसने कभी नीरा राडिया का फोन टेप करने के आदेश दिए ही नहीं थे। नीरा राडिया के ग्र्राहकों में पीसीएस हैं, टाटा स्टील है, टाटा मोटर्स है, टाटा टेली सर्विसेज है, इंडियन होटल्स है, ट्रेंट इंटरनेशनल है, टाइटन है, सन माइक्रो सिस्टम है, आईटीसी है, जीएमआर है, स्टार है, सीमंस है, कोटक महिंद्रा है, चैनल वी है, ईबे है, अरेवा पावर्स है, रेमंड्स है और भारतीय उद्योग महासंघ भी है। आप समझ सकते हैं कि नीरा जी कितनी प्रतिभाशाली है। नीरा की कंपनियों की बोर्ड में मध्य प्रदेश काडर के आईएएस अफसर और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरटी के अध्यक्ष रहे प्रदीप बैजल है, बड़े सचिव पदो पर रहे सीएम वासुदेव हैं जो महाराष्ट्र के मुख्य सचिव थे, एस के नरुल्ला है जिन्हें और बड़ा दलाल माना जाता है और सीईओ के पद पर राजीव मोहन है जो दुर्भाग्य से नीरा वाडिया से पहले जेल जाएंगे।

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