प्रधानमंत्री मोदीजी की गारंटी वाली गाड़ी का पूरा लाभ बंचितों को मिले - अरविन्द सिसोदिया
प्रधानमंत्री मोदीजी की गारंटी वाली गाड़ी का पूरा लाभ बंचितों को मिले - अरविन्द सिसोदिया
राजस्थान में प्रधानमंत्री मोदी जी की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जितना मिलना था उतना नहीं मिला, कारण था गहलोत सरकार की नकारात्मकता और उस नकारात्मकता को सिद्ध करने मे लगी अफसरशाही... अर्थात जनता को जो मिलना था वह बहुत कम मिला....! अब भाजपा सरकार का गठन राजस्थान में हो गया है, स्वयं प्रधानमंत्री मोदीजी की और नवगठित भाजपा की भजनलाल शर्मा सरकार की अपेक्षा है कि बंचितों को भी केंद्र प्रवर्तित योजनाओं का अधिकतम लाभ मिले।
प्रधानमंत्री मोदी जी का आग्रह है कि जो लोग केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से बंचित हैँ, उन्हें भी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए, वे उसके हकदार हैँ। यह एक बहुत ही अच्छा व सच्चा स्वागत योग्य कदम है। अन्यथा सरकारें कल्याणकारी योजनाएँ बनाती हैँ उनकी विज्ञापनबाजी करती हैँ, किन्तु उस तक पहुंच कम रखती हैँ ताकी पैसा बचे....! यह मोदी सरकार ही है जो कह रही है की बंचितों को खोजो और उन्हें लाभ पहुँचाओ ....!
इस हेतु विकसित भारत संकल्प अभियान यात्रा और उसमें मोदी की गारंटी वाली गाड़ियां सभी जगह भेजी जा रही हैँ। जो बंचितों को खोज - खोज कर उन्हें लाभ दिलाएं।
सरकार इतना पैसा व परिश्रम कर रही है, किन्तु मुझे कोटा शहर के कार्यक्रमों को देख कर लगा कि जितनी जबाबदेही से यह काम होना था उतनी जबाबदेही कहीं भी नजर नहीं आरही है। जिला कलक्टर एम पी मीणा भले ही बार बार कह रहे हों कि कोई कोताही बर्दास्त नहीं होगी मगर फ़िर भी बेसिक काम कितने हो रहे हैँ इस पर सवाल हैँ ?
चिकित्सा परामर्श को छोड़ दें तो सबसे ज्यादा लोग उज्वला कनेक्शन हेतु है, आयुषमान कार्ड हेतु है, पी एम आवास के मकानों हेतु और फुटपाथ फुटकर व्यापार ऋण हेतु आरहे है। इन पर कितना काम हुआ यह अलग - अलग श्रेणीवार समीक्षा होनी चाहिए। क्योंकि व्यक्ती को जीवन जीने में आर्थिक, सामाजिक एवं चिकित्सकीय संबल कि ही जरूरत है।
जो लोग इन यात्रा वाहन के पास आरहे हैँ उन्हें पता ही नहीं है कि कौन - कौन से दस्तावेजों की जरूरत है। वे कागजपत्री लाये ही नहीं, काम हुआ नहीं, आया व्यक्ती विफल होकर गया... कर्मचारियों का कुछ नहीं बिगड़ा, मगर सरकार के प्रति नकारात्मकता तो उत्पन्न करवादी गईं....! यही वह बिंदु है जिस पर विचार जरूरी है। सकारात्मक दृष्टिकोण आवश्यक है -
1- बंचित व्यक्तियों की खोज...?
2- उन्हें क्या - क्या दस्तावेज लाने हैँ इसकी जानकारी देना
3- बंचितों को गारंटी की गाड़ी तक लाना
4- उन्हें लाभार्थी बना कर घर भेजना
यह सब नगरनिगमों के पास मौजूद संसाधनों से बहुत सरल और सहज है। नगर निगमों पर कचारा एकत्र करने वाली गाड़ियों पर भी माइक लगे हैँ जो प्रतिदिन वार्ड में घूमती है। वार्डों में जमादार हैँ सफाई कर्मचारियों का बड़ा बेडा है, पार्षद हैँ. इसके अतिरिक्त प्रत्येक बूथ पर बी एल ओ का कार्य करने वाला कर्मचारी भी सरकार का ही है। व्यापक तंत्र होते हुए बंचितों तक नहीं पहुंचना या नहीं खोज पाना.. विफलता ही मानी जायेगी। हो सकता है कि इसकी मुख्य वजह कांग्रेस के महापौर होना भी हो.... नगर निगमों का असहज होना भी हो....! खैर जरूरत सुधार की है।
अर्थाय उपरवर्णित यह 4 क्रम होना चाहिए, न कि ये फार्म लो नगर निगम के इस कमरा नंबर में जमा करवा देना, आयुष्मान कार्ड के लिए आधारकार्ड लिया और कह दिया कि इस की कोई जानकारी वेवसाइड नहीं दिखा रही है। फुटपाथी दुकानदारों को कर्ज की योजना...फार्म भरकर दे जाओ, पीएम आवास योजना के लिए पट्टा चाहिए, मकान का प्लान व नक्सा चाहिए, यह तभी संभव है जब पहले जानकारी दी जाये, उसे जानकारी ही नहीं है...?
अर्थात यात्रा रथ आनें के एक दो दिन पहले संबंधित क्षेत्र का डोर टू डोर सर्वे हो.. बंचित चिन्हित हों, उनके दस्ताबेजों की पूर्ति की व्यवस्था हो और उसका काम यात्रा गाड़ी पर सम्पन्न हो जाये। तब शाबासी बनती है।
यात्रा कार्यक्रम में अनावश्यक भाषणवाजी का, अतिथियों के स्वागत अभिनन्दन में समय बर्बादी क्या अर्थ...? सक्सेज स्टोरीज पर अधिकतम ध्यान दिया जाना चाहिए....! ताकी लोगों की झिझक खुले...! और शिविर में अधिकतम काम करने पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए। परिणामदायी समाचार न्यूज़ में जाना चाहिए कि... उज्जवला के इतने कनेक्शन दिए गये, पीएम आवास इतने स्वीकृति किए गये, पीएम स्वनिधि के इतने आवेदन स्वीकृत किए.... आयुष्मान कार्ड इतने बनाये गये... इस तरह के परिणामदायी नतीजों का समाचार जाना चाहिए ताकी लोगों को लगे कि काम हो रहा है। आशा ही नहीं विश्वास है की परिणामदायी कार्यक्रम सम्पन्न करवाये जाने की दिशा में प्रभावी मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
नोट - में यहाँ प्रधानमंत्री मोदी जी का वह संबोधन दर्ज कर रहा हूँ जो उन्होंने इस सन्दर्भ में दिया है.....
प्रधानमंत्री कार्यालय
azadi ka amrit mahotsav
विकसित भारत संकल्प यात्रा (शहरी) में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
16 DEC 2023 by PIB Delhi
आप सबको नमस्कार।
विकसित भारत के संकल्प के साथ, मोदी की गारंटी वाली गाड़ी, देश के कोने-कोने में पहुंच रही है। इस यात्रा को शुरु हुए, एक महीना पूरा हो चुका है। इस एक महीने में ये यात्रा हजारों गांवों के साथ-साथ, डेढ़ हज़ार शहरों में भी पहुंच चुकी है। इनमें से अधिकतर छोटे शहर हैं, छोटे-छोटे कस्बे हैं। और जैसा मैंने कहा आज से राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में भी इस यात्रा का आरंभ हो गया है। चुनाव आचार संहिता की वजह से इन राज्यों में अब तक ये यात्रा शुरू नहीं हो पाई थी। मेरा हर राज्य की नई सरकारों को आग्रह है कि विकसित भारत संकल्प यात्रा का अपने राज्य में तेजी से विस्तार करें।
साथियों,
विकसित भारत संकल्प यात्रा को हरी झंडी भले ही मोदी ने दिखाई है, लेकिन सच्चाई ये है कि आज देशवासियों ने इस यात्रा की कमान संभाल ली है। और अभी जिन लाभार्थियों से मैं बात कर रहा था, उनसे संवाद से दिखता है कि देश का जन-मन इस यात्रा को लेकर कितना ज्यादा उत्साहित है। एक जगह जहां पर यात्रा खत्म होती है, वहां से दूसरे गांव या शहर के लोग इस यात्रा की अगुवाई करने लग जाते हैं। मुझे जानकारी मिली है कि 'मोदी की गारंटी वाली गाड़ी' के स्वागत सत्कार की भी एक बड़ी स्पर्धा चल रही है, होड़ मची है, लोग नए-नए तरीके से स्वागत कर रहे हैं। और मैंने देखा है नौजवान तो आजकल सेल्फी का भरपूर उपयोग करते हैं, गाड़ी के साथ अपनी सेल्फी भी करवा लेते हैं और वो अपलोड़ भी करते हैं। और लोग बड़ी संख्या में एक प्रकार से विकसित भारत के एंबेसेडर बन रहे हैं। नमो ऐप को डाउनलोड़ करके उसमें विकसित भारत के एंबेसेडर बनने की योजना है। सब उससे जुड़ रहे हैं। गांव हो या शहर, बड़ी संख्या में लोग जो quiz कंपीटिशन चल रहा है, प्रश्न-उत्तर वाला एक बड़ा अच्छा कार्यक्रम चल रहा है, जिससे knowledge भी बढ़ता है, जानकारियां मिलती हैं। उसका भी कंपीटिशन में लोग भाग ले रहे हैं। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से लोग न सिर्फ पुरस्कार जीत रहे हैं, बल्कि नई-नई जानकारियां भी प्राप्त कर रहे हैं और लोगों को भी बता रहे हैं।
साथियों,
इस यात्रा के शुरू होने के बाद, ये चौथी बार है, जब मैं virtually इस यात्रा से जुड़ रहा हूं। पिछले कार्यक्रमों में ज्यादातर मैंने ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े लोगों से संवाद किया था। पीएम किसान सम्मान निधि की बात हो, प्राकृतिक खेती, natural farming की चर्चा हो, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अलग-अलग जो आयाम होते हैं उसके संदर्भ में विचार विमर्श हो। मैंने हमारे गांवों को विकसित बनाने वाले अलग-अलग, छोटे-मोटे कई विषयों पर चर्चा की। और मुझे भी जब मैं सभी संवाद कर रहा था तो इतनी बारीकियों से लोग बताते थे और मन को इतना आनंद होता था कि ये सरकार की योजनाएं गांव तक, गरीब के घर तक पहुंचती हैं। आज के इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहरी क्षेत्रों के लोग जुड़े हुए हैं। इसलिए इस बार मेरा फोकस शहरी विकास से जुड़ी बातों पर था और मैंने संवाद भी जिनके साथ किया उसमें भी वो बातें थी।
मेरे परिवारजनों,
विकसित भारत के संकल्प में हमारे शहरों की बहुत बड़ी भूमिका है। आज़ादी के लंबे समय तक जो भी विकास हुआ, उसका दायरा देश के कुछ बड़े शहरों तक सीमित रहा। लेकिन आज हम देश के टीयर-2, टीयर-3 के शहरों के विकास पर बल दे रहे हैं। देश के सैकड़ों छोटे शहर ही विकसित भारत की भव्य इमारत को सशक्त करने वाले हैं। इसलिए अमृत मिशन हो या स्मार्ट सिटी मिशन, इनके तहत छोटे शहरों में मूल सुविधाओं को बेहतर बनाया जा रहा है। कोशिश यही है कि वॉटर सप्लाई हो, ड्रेनेज और सीवेज सिस्टम हो, ट्रैफिक सिस्टम हो, शहरों में CCTV कैमरों का नेटवर्क हो, इन सभी को लगातार अपग्रेड किया जाए। स्वच्छता हो, पब्लिक टॉयलेट्स हों, LED स्ट्रीट लाइट्स हों, शहरों में इन पर भी पहली बार इतने व्यापक स्तर पर काम हुआ है। और इसका सीधा प्रभाव Ease of Living पर पड़ा है, Ease of Travel पर हुआ है, Ease of Doing Business पर हुआ है। गरीब हो, नियो मीडिल क्लास हो, जो अभी-अभी गरीबी से बाहर निकले हैं, ऐसा की नया मध्यमवर्गीय परिवार पैदा हो रहा है। मिडिल क्लास हो या संपन्न परिवार हो, हर किसी को इन बढ़ती हुई सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।
मेरे परिवारजनों,
हमारी सरकार, परिवार के सदस्य की तरह आपकी हर चिंता कम करने का प्रयास कर रही है। आपने देखा है, जब कोरोना का इतना बड़ा संकट आया तो सरकार ने आपकी मदद करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। हमारी सरकार ने कोरोना के संकट के दौरान 20 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते में हजारों करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। ये हमारी सरकार है जिसने हर व्यक्ति को कोरोना की मुफ्त वैक्सीन सुनिश्चित कराई। ये हमारी ही सरकार है जिसने कोरोना काल में हर गरीब को मुफ्त राशन की योजना शुरू की। ये हमारी ही सरकार है जिसने कोराना काल में छोटे उद्योगों को बचाने के लिए लाखों करोड़ रुपए की मदद भेजी। जहां दूसरों से उम्मीद खत्म हो जाती हैं, वहां से मोदी की गारंटी शुरु हो जाती है।
हमारे रेहड़ी, ठेले-पटरी, फुटपाथ पर काम करने वाले, ये सभी साथी नाउम्मीद हो चुके थे। उनको लगता था चलो भई ऐसे ही गुजारा करो कुछ होने वाला नहीं है। उनको पूछने वाला कोई नहीं था। इन साथियों को पहली बार बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने का सौभाग्य हमारी सरकार को मिला है। आज पीएम स्वनिधि योजना से इन साथियों को बैंकों से सस्ता और आसान ऋण मिल रहा है। देश में 50 लाख से अधिक ऐसे साथियों को बैंकों से मदद मिल चुकी है। इस यात्रा के दौरान भी सवा लाख साथियों ने मौके पर ही पीएम स्वनिधि के लिए आवेदन किया है। पीएम स्वनिधि योजना के 75 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी, दलित, पिछड़े, आदिवासी समाज के साथी हैं। इसमें भी करीब 45 प्रतिशत लाभार्थी हमारी बहनें हैं। यानि जिनके पास बैंक में रखने के लिए कोई गारंटी नहीं थी, मोदी की गारंटी उनके काम आ रही है।
साथियों,
शहर में रहने वाले लोगों की सामाजिक सुरक्षा के लिए भी हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। 60 वर्ष की आयु के बाद भी सबको सुरक्षा कवच मिले, इसके लिए हमारी सरकार ने गंभीरता से काम किया है। अटल पेंशन योजना से अभी तक देश के 6 करोड़ साथी जुड़ चुके हैं। इससे 60 वर्ष की आयु के बाद, 5 हज़ार रुपए तक नियमित पेंशन सुनिश्चित हो रही है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना भी शहर में रहने वाले गरीबों के लिए बहुत बड़ी उम्मीद बनी है। इसमें बीमाकर्ता को साल में एक बार केवल 20 रुपये, केवल 20 रुपये के प्रीमियम का भुगतान करना होता है और बदले में उसे 2 लाख रुपए का कवर मिलता है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत शहरी गरीबों को साल में सिर्फ 436 रूपए देने का प्रावधान किया गया है। इससे भी उन्हें 2 लाख रुपए तक का बीमा कवर मिलता है। हमारी सरकार इन दोनों योजनाओं के माध्यम से लोगों को अब तक जिनके परिवार में कोई संकट आ गया, ऐसे परिवारों में 17 हजार करोड़ रूपए आप सोचिए, 17 हजार करोड़ रूपए की क्लेम राशि इन परिवारों को मिल चुकी है। संकट की घड़ी में इन परिवारों में जब स्वजन खो दिया हो और इतने रूपये आ जाए तो कैसे दिन निकल जाए इसका आप अंदाज कर सकते हो। आज जब आप अंदाज लगा सकते हो कि 200-400 करोड़ की भी योजना शुरू करता है ना, कुछ राजनीतिक दल बोलते रहते हैं, हेडलाइंस बनवाने में जुट जाते हैं, खबरें बनवा देते हैं। 17 हजार करोड़ रूपया गरीब के घर पहुंच चुका है। भारत सरकार की इन योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है। मेरा सभी साथियों से आग्रह है कि सरकार की इन पेंशन और बीमा योजनाओं से जुड़कर, अपना सुरक्षा कवच जरूर मजबूत करें। मोदी की गारंटी वाली गाड़ी, इसमें आपकी मदद करेगी।
साथियों,
आज इनकम टैक्स में छूट हो या फिर सस्ते इलाज की सुविधा हो, सरकार की कोशिश शहरी परिवारों से ज्यादा से ज्यादा उनके पैसे बचाने की है, बचत ज्यादा हो उनकी। अब तक शहरों के करोड़ों गरीब, आयुष्मान भारत योजना से जुड़ चुके हैं। आयुष्मान कार्ड की वजह से गरीबों के एक लाख करोड़ रुपए खर्च होने से बचे हैं। एक लाख करोड़ रुपया या तो डॉक्टरों के पास जाते या दवाईयों में जाते, जो आज गरीब के जेब में रहे हैं, मध्यमवर्ग के जेब में रहे हैं। हमारी सरकार ने जो जन औषधि केंद्र खोले हैं, और मैं तो आज जो मुझे सुन रहे हैं इन सबसे कहता हूं, आपको दवाई खरीदनी है तो जन औषधि केंद्र से खरीदिए 80 परसेंट डिस्काउंट है, 100 रूपये की दवाई 20 रूपये में मिल जाती है, आपका पैसा बचेगा। इन केंद्रों ने शहरों में रहने वाले गरीब और मध्यम वर्ग के जिन-जिन लोगों ने जन औषधि केंद्र से दवाइयां खरीदी हैं अगर वो जन औषधि केंद्र ना होता तो उनका 25 हजार करोड़ रूपया ज्यादा जाता। इनके 25 हजार करोड़ रुपए बच गए हैं। अब तो सरकार जन औषधि केंद्र की सख्या को भी बढ़ाकर के 25 हजार करने जा रही है। बीते वर्षों में हमने उजाला योजना से देश में LED बल्बों की क्रांति देखी है। इससे शहरी परिवारों के बिजली का बिल भी बहुत कम हुआ है।
मेरे परिवारजनों,
हमारी सरकार, गांवों से रोजगार के लिए शहर आने वाले गरीब भाई-बहनों की मुश्किलों को समझती है। उनकी एक दिक्कत थी कि उनके गांव का राशनकार्ड दूसरे राज्य के शहरों में नहीं चलता था। इसलिए ही मोदी ने वन नेशन, वन राशन कार्ड बनाया। अब एक ही राशन कार्ड पर कोई भी परिवार, गांव हो या शहर राशन ले सकता है।
मेरे परिवारजनों,
हमारी सरकार का प्रयास है कि कोई भी गरीब झुग्गियों में रहने के लिए मजबूर ना हो, सबके पास पक्की छत हो, पक्का घर हो। पिछले 9 साल में केंद्र सरकार 4 करोड़ से ज्यादा, 4 करोड़ से ज्यादा घर बना चुकी है। इसमें से एक करोड़ से अधिक घर शहरी गरीबों को मिले हैं। हमारी सरकार मिडिल क्लास परिवारों के घर का सपना पूरा करने में भी हर संभव मदद कर रही है। क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत अभी तक, लाखों मध्यम वर्गीय परिवारों को मदद दी जा चुकी है। जिनके पास अपना घर नहीं है, उनको सही किराए पर अच्छा घर मिले, इसकी चिंता भी सरकार कर रही है। सरकार ने शहरी प्रवासियों, मज़दूरों और दूसरे काम करने वाले साथियों को किराए के घरों के लिए विशेष योजना बनाई है। इसके लिए अनेक शहरों में विशेष complex भी बनाए जा रहे हैं।
मेरे परिवारजनों,
शहरों में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को बेहतर जीवन देने के लिए एक और बड़ा माध्यम पब्लिक ट्रांसपोर्ट का होता है। आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए जो काम बीते 10 वर्षों में हुआ है, वो अतुलनीय है। आप कल्पना कर सकते हैं कि 10 वर्ष से भी कम समय में, 15 नए शहरों तक मेट्रो सेवा का विस्तार हुआ है। आज कुल मिलाकर, 27 शहरों में या तो मेट्रो चल चुकी है या फिर मेट्रो पर काम चल रहा है बीते वर्षों में देश के शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए भी केंद्र सरकार ने हज़ारों करोड़ रुपए खर्च किए हैं। 'पीएम- ई-बस सेवा अभियान' इसके तहत अनेक शहरों में इलेक्ट्रिक बसों को चलाया जा रहा है। दो-तीन दिन पहले ही दिल्ली में भी केंद्र सरकार ने 500 नई इलेक्ट्रिक बसें शुरू करवाई हैं। अब दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 1300 को पार कर गई है।
मेरे परिवारजनों,
हमारे शहर, हमारी युवा शक्ति और नारीशक्ति, दोनों को सशक्त करने के बहुत बड़े माध्यम हैं। मोदी की गारंटी वाली गाड़ी युवा शक्ति और नारीशक्ति दोनों को ही सशक्त कर रही है। इसका अधिक से अधिक लाभ आप सब उठाएं और विकसित भारत के संकल्प को आगे बढ़ाएं। एक बार फिर आप सबको मेरी शुभकामनाएं है। ये यात्रा का और ज्यादा लोगों को लाभ मिलें, अधिक लोग जुड़े, यात्रा आने से पहले ही पूरे गांव में वातावरण बने, शहर के अलग-अलग इलाकों में वातावरण बने और जिनको अब तक सरकारों का लाभ मिला है, उनको वहां जरूर लाइए ताकि बाकियों को विश्वास पैदा हो कि जिनको आज अभी लाभ नहीं मिला है, रह गए हैं, ये मोदी की गारंटी है भविष्य में मिलेगा। इसलिए उनको जितना ज्यादा लाएंगे, जितनी जानकारी मिलेगी और हम कुछ भी कहें जिसको मिला है वो जब बोलता है ना तो दूसरे का भरोसा बढ़ जाता है। और इसलिए मेरा आपसे आग्रह है जिन-जिन लोगों को किसी को गैस का कनेक्शन मिला होगा, किसी को बिजली का कनेक्शन मिला होगा, किसी को जल का कनेक्शन नल मिल गया होगा, किसी को घर मिल गया होगा, किसी को आयुष्मान कार्ड मिला होगा, किसी को मुद्रा योजना मिली होगी, किसी को स्वनिधि मिली होगी, किसी को बैंक से पैसा मिला होगा, किसी को बीमा का पैसा मिला होगा। बहुत सारे लाभ हैं, जब उसको पता चलेगा हमारे गांव में उसको मिला है तो चलो मैं भी रजिस्टर करवा देता हूं। और जिसको मिला है वो ज्यादा आने चाहिए, वो आकर के बताने चाहिए कि देखो भई ये योजना है मोदी की, इसका फायदा उठाओ।
मुझे तो गांव से गरीब व्यक्ति तक, शहर की झुग्गी-झोपड़ी तक सरकार के सभी लाभ पहुंचाने हैं और बिना मुश्किल पहुंचाने है। और इसलिए ये गाड़ी चल पड़ी है ये मोदी की गारंटी वाली गाड़ी है ना वो आपके लिए है। तो आप ज्यादा से ज्यादा जुड़िए, इस कार्यक्रम को सफल बनाएं। और देश में 2047 में जब भारत की आजादी के 100 साल होंगे ये देश विकसित होके रहेगा, ये मिजाज पैदा करना है। हम सबकुछ अच्छा करेंगे और देश को अच्छा बनाएंगे। इस विचार को लेकर के चलना है। और ये वातावरण बनाने में ये यात्रा, ये गाड़ी, ये संकल्प बहुत काम आने वाला है। मेरी आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।
धन्यवाद !
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DS/VJ/RK/AK
(Release ID: 1987236)
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