क्या कांग्रेस अपने ही गठबंधन दलों को आईना दिखानें में जुटी है - अरविन्द सिसोदिया



एक तरफ तो गठबंधन की हायतोबा और दूसरी तरफ एकला चलो का अहंकारपूर्ण फैसला, गठबंधन धर्म को समाप्त करता है।

समान्यतः राजनैतिक यात्राएँ दल के नेता के नेतृत्व में निकलती हैँ, जैसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण अडवाणी के नेतृत्व में रामरथ यात्रा , भाजपा के ही राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरलीमनोहर जोशी के नेतृत्व में एकता यात्रा सहित अनेकों प्रांतीय यात्राएं इस बात की गवाह हैँ। किन्तु यह यात्रा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बजाए राहुल गाँधी के नेतृत्व में है। जो खरगे का अपमान भी है और राष्ट्रीय अध्यक्ष से सुपर राहुल दिखानें की कोशिश भी है। वहीं खरगे को अगला प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाने का सुझाव देनें वाली ममता और केजरीवाल को जबाव भी है। राहुल गांधी का नाम फिलहाल गठबंधन के किसी साथी की ओर से आगे नहीं रखा जा रहा है। यह एक तीर से कई शिकार करने की कोशिश है। वहीं कहीं न कहीं गठबंधन के अन्य दलों के प्रभाव क्षेत्रों में उन्हें कमजोर कर कांग्रेस की ताकत बढ़ाने का भी प्रयास है। सबसे बड़ी बात यह है कि अरुणाचल प्रदेश से राहुल गाँधी नें दूरी बना कर क्या चीन को संतुष्ट किया है? क्या यह कांग्रेस - चीन MOU का पार्ट एंड पार्सल है। चीन के प्रति राहुल व कांग्रेस पर प्रश्न सहज उठता है।

Bharat Nyay Yatra 2024

राहुल गाँधी की पहली यात्रा भारत जोड़ो यात्रा के समय से ही गुजरात से अरुणाचल तक की नई यात्रा की मांग कांग्रेस में चल रही थी और तब भी लग रहा था कि राहुल गाँधी और गाँधी परिवार के प्रमुख सदस्य शायद ही अरुणाचल जायेंगे....क्योंकि की नेहरू परिवार का साम्यवाद प्रेम और चीन से MOU जग प्रसिद्ध है।


भारत न्याय यात्रा 14 राज्यों के 85 जिलों से होकर गुजरेगी। यात्रा मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात होते हुए महाराष्ट्र पहुंचेगी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 14 जनवरी को मणिपुर से पदयात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। यात्रा के लिए विशेष बस बनाई जा रही है। इस दौरान राहुल बीच-बीच में पैदल भी चलेंगे।

- 14 राज्य 355 लोकसभा सीटें...
- I.N.D.I.A या NDA , राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा से किसको टेंशन?
    
- प्रथम राहुल यात्रा,भारत जोड़ो यात्रा पिछले साल 7 सितंबर 2023 से शुरू हुई थी। यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरी थी और इसमें 4,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की गई थी।
- अब कांग्रेस युवराज राहुल गांधी की अगुवाई में 14 जनवरी 2024 से भारत न्याय यात्रा शुरू होने जा रही है। भारत न्याय यात्रा 14 राज्यों से होकर गुजरेगी।

- कांग्रेस युवराज राहुल गाँधी, यात्रा -2 भारत न्याय यात्रा पर निकलेंगे, इस दौरान राहुल गांधी 14 जनवरी 2024 से 20 मार्च 2024 तक 6200 किलोमीटर की यात्रा करेंगे। जिसमें 14 राज्य शामिल हैँ।
- पहली यात्रा राज्यों के चुनाव को ध्यान में रख कर हुईं थी, जबकि यह दूसरी यात्रा लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर है जो कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले होगी।

- अभी तक यह स्पष्ट नहुँ है कि इंडिया गठबंधन यात्रा का पार्ट है अथवा नहीं, जबकि गठबंधन में सम्मिलित महत्वपूर्ण दलों के राज्यों में यह यात्रा पहुंचेगी।
- पत्रकारवार्ता मात्र एक दल कांग्रेस नें की है और मात्र फक नेता राहुल गाँधी की यह यात्रा है अर्थात गठबंधन के अतिरिक्त अपना अस्तित्व घोषित करने के प्रयास के रुपमें भी इसे देखा जा सकता है।

- कांग्रेस की 14 जनवरी से भारत न्याय यात्रा में मणिपुर से मुंबई तक छह हजार किमी से अधिक दूरी तय होगी। राहुल गांधी यात्रा 2.0 में अधिक दूरी कम समय में तय करेंगे। 6200 किलोमीटर की यात्रा कई ऐसे राज्यों से होकर गुजरेगी जहां लोकसभा की अधिक सीटें हैं। जिन राज्यों से भारत न्याय यात्रा गुजरेगी वहां से लोकसभा की 355 सीटें आती हैं।
- विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A में सीटों का बंटवारा अभी हुआ नहीं है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द हो जाएगा। राहुल गांधी इस बार जिन राज्यों से होकर गुजरेंगे उनमें से अधिकांश राज्य ऐसे हैं जहां इंडिया गठबंधन के भीतर सीटों के तालमेल को लेकर सवाल हैं। इसमें बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र प्रमुख रूप से शामिल है। यात्रा के पहले या बीच इंडिया गठबंधन में सीटों की बात तय होती या नहीं दोनों ही सूरत में यह देखने वाली बात होगी कि विपक्ष के दूसरे साथी इस यात्रा को कैसे देखते हैं।

राहुल गांधी यात्रा 2.0 जो कि मणिपुर से शुरू होकर मुंबई तक जाएगी और इस दौरान 14 राज्यों और 85 जिलों में छह हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की जाएगी। भारत न्याय यात्रा मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगी।
- जिन राज्यों से यात्रा गुजरेगी वहां लोकसभा की 355 सीटें , भारत न्याय यात्रा 14 राज्यों से होकर गुजरेगी और यहां लोकसभा की कुल 355 सीटें आती हैं। ये वो राज्य हैं जहां कांग्रेस का पिछले दो चुनावों में प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा।
- जिन राज्यों से यात्रा गुजरेगी वहां कुल लोकसभा की कितनी सीटें आती हैं -
राज्य / लोकसभा सीटें
मणिपुर 02
नागालैंड 01
असम 14
मेघालय 02
पश्चिम बंगाल 42
बिहार 40
झारखंड 14
ओडिशा 21
छत्तीसगढ़ 11
यूपी 80
मध्य प्रदेश 29
राजस्थान 25
गुजरात 26
महाराष्ट्र 48

- इस यात्रा का राजनीतिक महत्व समझिए
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारत न्याय यात्रा पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों से होकर गुजरेगी। ये वो राज्य हैं जहां बड़ी संख्या में लोकसभा सीटें हैं। इसके अलावा, जब पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के साथ सीट बंटवारे की बात आती है तो कांग्रेस को सबसे अधिक चुनौतियों का सामना यहीं करना पड़ सकता है। यात्रा के दौरान इंडिया गठबंधन के सहयोगी अपने-अपने राज्यों में राहुल गांधी का किस तरह समर्थन करते हैं यह देखना होगा। यह वक्त 2024 के चुनाव से ठीक पहले का होगा और इंडिया गठबंधन के दूसरे दल भी इसी दौरान विभिन्न स्थानों पर रैलियों की योजना बना रहे हैं।

प्रथम यात्रा के दौरान आर्थिक असमानता, ध्रुवीकरण और तानाशाही के मुद्दे उठाए थे, वहीं न्याय यात्रा में देश के लोगों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भारत जोड़ो यात्रा में एकता, प्रेम और सौहार्द का संदेश फैलाने के पश्चात राहुल गांधी अब देश के लोगों के लिए न्याय मांगेंगे।
जयराम रमेश, कांग्रेस नेता

2024 लोकसभा से पहले विपक्ष किस राह पर
यात्रा की अगुवाई राहुल गांधी करेंगे और कांग्रेस की ओर से पूरे यात्रा के केंद्र में वही रहेंगे। पोस्टर- बैनर से लेकर यात्रा के केंद्र में वह रहेंगे। ऐसे में यह भी काफी दिलचस्प है क्योंकि हाल ही में दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को 2024 में इंडिया गठबंधन की ओर से पीएम उम्मीदवार बनाए जाने का प्रस्ताव रखा। हालांकि खरगे ने इस बात पर जोर दिया था कि गठबंधन को एक पीएम चेहरा पेश करने की जरूरत नहीं है। फिलहाल जरूरी काम चुनाव जीतना है। राहुल गांधी का नाम फिलहाल गठबंधन के किसी साथी की ओर से आगे नहीं रखा जा रहा है। साथ ही खरगे का नाम आगे कर कुछ दलों ने अपनी मंशा भी जाहिर कर दी है। ऐसे में इस यात्रा के बीच ही कई सवालों के जवाब भी मिलेंगे। साथ ही यह भी तय हो जाएगा कि 2024 से ठीक पहले विपक्ष की दिशा क्या होगी।

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