बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है मोदीजी और भारत पर - अरविन्द सिसोदिया

बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है मोदीजी और भारत पर - अरविन्द सिसोदिया

में अभी 65 वर्ष आयु पार कर चुका हूँ, जब में 14-15 वर्ष का था तब ईसाई मिशनरियों के द्वारा धर्मान्तरण हेतु बहुत सारे सर्टिफिकेट कोर्स चलाये जाते थे और उसके जरिये हिन्दुओं को ईसाई में कनवर्ट किया जाता था। तब यह बात आती थी कि भारत के 100 टुकड़े होंगे, छोटे - छोटे राज्य बनेंगे और फिर ईसाईकरण आसान होगा।

इसके बाद हम देखते हैं कि राजीव गाँधी प्रधानमंत्री हैँ, ईसाई सोनिया जी उनकी छाया कि तरह साथ हैँ, ईसाई पोप भारत की धरती पर आते हैं उनका भव्य और दिव्य स्वागत होता है। वे भारत की धरती पर खड़े होकर जो कहते हैं उसका भाव यह है कि पहली सस्त्रावदी अर्थात पहले एक हजार साल में यूरोप को ईसा मसीह के झंडे के साथ लाया गया, दूसरी सहस्त्रावदी में अन्य महाद्वीप अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में ईसाइयत का विस्तार हुआ। अब तीसरी सहस्त्रावदी अर्थात 2001 से प्रारंभ कालगणना से सन 3000 तक में एशिया को ईसा मसीह के साथ लाना है और इस ताले कि चाबी भारत है। अर्थात पहले भारत का ईसाईकरण करना है।

यहाँ यह बताना आवश्यक है कि भारत में परतन्त्रताकाल में ब्रिटिश सरकार और उनकी सेना के सहयोग से भारत के वनवासी क्षेत्र का प्रलोभन आधारित व्यापक धर्मान्तरण हुआ,  वहीं दक्षिण भारत के केरल, गोवा और तमिलनाडु में भी बहुत काम मिशनरियों ने खड़ा किया, वहाँ हिन्दू नाम और वर्गो को साथ रखते हुए ईसाईकरण किया गया। ताकी सभी आरक्षण लाभ भी मिलते रहें। पूर्वांचल स्टेट पहले वनवासी थे अब ईसाई हो गये। 

जब 2014 में भारत में प्रधानमंत्री मोदीजी की सरकार स्थापित होती है तब ब्रिटिश अख़बार जो लिखता है वह बहुत महत्वपूर्ण है। उसका कथन था कि भारत पर सही मायने में स्वतंत्र भारत सरकार अब स्थापित हुई है। अर्थात अब वह हमारे हाथ में भारत नहीं रहा है। ब्रिटेन की समाचार एजेंसी बी बी सी विशेष कर मोदीजी की सरकार के विरुद्ध परोक्ष - अपरोक्ष षड्यंत्ररत रहती है।

पिछले दिनों कॉंग्रेस युवराज के मुंह से भी यही सुना गया कि भारत राज्यों का संघ है। अर्थात वह कोई देश नहीं है समूह है। 

याद रहे भारत का संविधान, अंग्रेजों के भारत शासन अधिनियम की 75 प्रतिशत नकल है। जो हिन्दुओं को अधिकार से बंचित करता है और अल्पसंख्यकों को अधिकारवान बनाता है।

कांग्रेस वर्तमान में एक अघोषित ईसाई पार्टी है जो मुस्लिम वोटों को प्राप्त कर भारत को खंडित खंडित करने और उसके ईसाईकरण की योजना पर चल रही है। इसके पास भारत में ईसाईमत शक्ति नहीं है इसलिए वह मुस्लिम मतों के माध्यम से सत्ता पर पहुँचती है। मुस्लिम परस्ती की यह नीती ब्रिटिश युग से ही है।

संघ की सबसे बड़ी पहली सफलता यह है कि उसने हिन्दुओं के ईसाईकरण को काफ़ी हद तक रोक दिया और दूसरी सफलता यह है कि देश की राजनीति को राष्ट्रभक्त संगठन दे दिया।  इन दोनों कार्यों से भारतविरोधियों के षड्यंत्र बाधित ही गये, इसलिए RSS और BJP को रोज कोसा जाता है और देश को दिन प्रतिदिन MODI JI मज़बूत बना रहे हैँ, इसलिए देश विरोधी युवराज उन्हें प्रतिदिन गरियाते हैँ, जो लफ्ज मुंह से भी नहीं निकलने चाहिए थे उनका हर दूसरे दिन उपयोग होता है। 

माना जाता है कि पोप की इच्छा और लक्ष्य पूरा करने का काम अमेरिका के नेतृत्व में होता है, अमेरिका में रहने वाले पूर्व राष्ट्रपति ओबामा नें मणिपुर की ओट से भारत पर आक्रमण किया था।

अमेरिका में ही एक बहुत बड़ा व्यापारी जॉर्ज सोरेस है जो 100 बिलियन डालर की राशि मोदीजी को हराने में लगाने की बात करता है।

इसी तरह डिसमेंटल ग्लोवल हिंदुत्व अर्थात DGH संगठन लगातार हिन्दू धर्म को समाप्ति की घोषणा व कार्यक्रम करता है, जिसमें अमेरिकन व यूरोपियन विश्वविद्यालय तक शामिल हैं। यह उद्योगपति इन आयोजनों के पीछे भी है।

पिछले दिनों हिड्नेवर्ग की झूठी थ्योरी के द्वारा अडानी समूह को बड़ा नुकसान पहुंचाने भी यही महाशय थे। इन से जुड़े लोगों का संबंध कांग्रेस से भी है यह, भारत सरकार की मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने आरोपों में कहा है।

खालिस्तान आंदोलन के पीछे मूलरूप से अमरीका ही है, ये तब से है जब भारत रूस सैन्य शक्ति गुट में था। इस कारण अमरीका गुट के देशों में खालिस्तानी सरकारी संरक्षण में हिन्दुओं पर व तिरंगे पर अत्याचार करते हैं। कनाडा तो सामने है पीछे ईसाई विस्तारवादी ताकतें ही हैँ, आप पार्टी कितना भी अपने आपको बचाती रहे यह विदेशी षड्यंत्र का पार्ट एंड पार्टनर है। पंजाब में ईसाईकरण की गतिविधियां तेज हैं। खालिस्तानी आतंकी पंन्नू को भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया हुआ है। उसे अमेरिका में अघोषित शरण भी है संरक्षण भी है।

अर्थात भारत के प्रधानमंत्री मोदीजी और भारत के खिलाफ जबरदस्त और बेहद खतरनाक षड्यंत्र चल रहे हैं, अरबों डालर की विदेशी फंडिंग भारत को अंदर से बर्वाद करने के लिए तथाकथित आंदिलंजीवियों को हो रही है। जब देश में गद्दार आसानी से उपलब्ध हों तो समस्या सो गुना अधिक हानिकारक हो जाती है। अर्थात इन विदेशी षड्यंन्त्रों को विफल करने के लिए, सिर्फ मोदीजी की सरकार काफ़ी नहीं होगी, इस हेतु संपूर्ण राष्ट्र को आगे आना होगा, मोदीजी के साथ खड़ा होना होगा। राष्ट्रवादी ताकतों को, संस्थाओं को आगे आना होगा।

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