48 घंटे से ज्यादा बंद व्यक्ति सरकार का अंग नहीं होता,केजरीवाल को बर्खास्त करें - अरविन्द सिसोदिया
कुतर्क गढ़ने की कोशिश न करें केजरीवाल - अरविन्द सिसोदिया
जेल वह जगह हैँ जहां अपराधी रखे जाते हैँ या वे लोग रखे जाते हैँ जिन्हे सरकार स्वतंत्र रखना उचित नहीं मानती। इस तरह की जगह पर रहने वाला व्यक्ती सरकार कैसे संचालित कर सकता है? फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तो आपराधिक प्रकरण में कस्टडी में हैँ। संविधान में जेल से सरकार चलाने की छूट भी नहीं दी गईं, ना ही इस तरह की कोई इजाजत है। संविधान निर्माण के समय यह पता होता कि भारतीय राजनीती का इतना नैतिक पतन होगा और केजरीवाल जैसा बेशर्म भ्रष्टाचारी और अनैतिक व्यक्ती मुख्यमंत्री बनेगा तो वे यह लिख भी देते कि सरकार जेल से नहीं चल सकती। कुछ बातें अलिखित होते हुए भी मान्य होती हैँ। उसी तरह कि बात जेल से सरकार नहीं चलाने की भी है।
गिरफ्तारी का प्रभाव...
अगर किसी सरकारी सेवा में लगे हुए व्यक्ति की गिरफ्तारी होती है या फिर किसी सरकारी सेवा की तैयारी करते हुए व्यक्ति की किसी अपराध में गिरफ्तारी होती है और उस गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को 48 घंटे से अधिक पुलिस हिरासत में रखा जाता है या फिर न्यायिक हिरासत में रखा जाता है। तब ऐसे व्यक्ति को सरकारी सेवा का अवसर प्राप्त नहीं हो सकता।
अगर कर्मचारी 48 घंटे से ज्यादा पुलिस हिरासत में रहता है तो विभाग उसे निलंबित कर देता है और कोर्ट द्वारा सजा हो जाने पर नौकरी समाप्त हो जाती है।
राजनेता जनता से ऊपर नहीं
जब सरकार का कर्मचारी ही 48 घंटे की हिरासत के बाद पद पर नहीं रह सकता तो जनप्रतिनिधि कैसे पद पर रह सकता है। उस पर तो और अधिक नैतिक जबाबदेही है।
जेल मेन्युअल केजरीवाल पर लागू है
कस्टडी किसी भी जाँच एजेंसी की हो, गिरफ्तारी के साथ ही जेलमेन्युअल लागू हो जाता है। इसलिए केजरीवाल इससे बच नहीं सकते और न जेल से सरकार चला सकते।
पत्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी से पत्रकारवार्ता का अधिकार नहीं है
केजरीवाल अब परिवार बाद की ओर बड़ रहे हैँ, उनकी पत्नी स्वयंभू मुख्यमंत्री दिखानें की कोशिश कर रहीं हैँ। जो अनुचित है वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठ सकतीं।
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सदन दूसरा मुख्यमंत्री चुने या फिर राष्ट्रपति शासन लगे
जब मुख्यमंत्री केजरीवाल मनीष सिसोदिया से मंत्री पद से इस्तीफा लेते हैँ तो अब वे इस स्थापित परंपरा से पीछे कैसे हट सकते हैँ। इससे पूर्व में भी जब मुख्यमंत्री गिरफ्तार हुए तो उन्होंने नैतिकता के नाते अपने पद से त्यागपत्र दिया है। नैतिकता बहूमत से ऊपर है। बहूमत तो उन मुख्यमंत्रीयों पर भी था जिन्होंने त्यागपत्र देकर गिरफ्तारी दी थी। केजरीवाल का पूरा राजनैतिक जीवन रंग बदलने झूठ बोलनें कुतर्क गढ़ने में ही गुजरा है, वे हमेशा अपनी बातों से पलटने वाले नेता रहे हैँ।
किसी भी जनप्रतिनिधि की कस्टडी 48 घंटे से ज्यादा है तो उसे स्वतः पद मुक्त माना जाना चाहिए। जब कर्मचारी पर यह कानून है तो जनप्रतिनिधि उनसे अलग या उनसे ऊपर कैसे हो सकता है। केजरीवाल की हिरासत न्यायालय के द्वारा दी जा रही किसी राजनैतिक दल के द्वारा नहीं।
दिल्ली के उप राज्यपाल को आबिलंव विधानसभा सदन बुला कर सदन में मौजूद विधायकों से नया मुख्यमंत्री चुनने के निर्देश देनें चाहिए और सदन नया मुख्यमंत्री चुनने में विफल हो तो राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।
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अरविन्द केजरीवाल : तिहाड़ जेल
1 अप्रैल 2024
दिल्ली की शराब आबकारी नीति केस में सोमवार को सीएम अरविंद केजरीवाल को 15 अप्रैल तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया गया। वे जेल नंबर 2 में अकेले रहेंगे। 21 मार्च से जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़े दो मामलों पर राउज एवेन्यू कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
राउज एवेन्यू कोर्ट में ED ने दावा किया कि केजरीवाल ने पूछताछ में बताया कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज को विजय नायर रिपोर्ट करता था। ED ने कहा कि केजरीवाल हमें सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे हमें गुमराह कर रहे हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि ज्यूडिशियल कस्टडी के लिए ये दलीलें कितनी सही हैं?
ASG राजू ने कहा कि केजरीवाल अपने फोन का पासवर्ड नहीं शेयर कर रहे हैं। हम बाद में इनकी ED कस्टडी की मांग करेंगे। ये हमारा अधिकार है। इसके बाद कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
केजरीवाल के वकील रमेश गुप्ता ने कोर्ट से कहा- अरविंद केजरीवाल को जेल में 3 किताबें दी जाएं- गीता, रामायण और नीरजा चौधरी की बुक हाऊ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड।
दूसरा मामला केजरीवाल के जेल से सरकारी आदेश के खिलाफ था। सुरजीत सिंह यादव ने PIL दाखिल कर जेल से सरकारी आदेश देने पर रोक लगाने की मांग की थी। इस पर एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने सुनवाई करते हुए याचिका खारिज कर दी।
दिल्ली भाजपा ने पोस्टर जारी किया- शीशमहल टु तिहाड़
जेल में अरविंद टीवी देख सकेंगे, हफ्ते में दो बार लोगों से मिलेंगे
अरविंद तिहाड़ में टीवी देख सकेंगे। हफ्ते में 2 बार उन लोगों से मिलने की इजाजत है जिनके नाम पहले से लिखे हैं। उनकी पत्नी और लॉयर अब तक उनसे मिलने गए हैं।
अरविंद डायबिटिक हैं। इसीलिए उनके पास बिस्किट और कुछ ऐसा हल्का फुल्का नाश्ता रखा रहता है ताकि वो 2-3 घंटे में खाते रहें। उनकी डायट में उनके डायबिटिक होने का ध्यान रखा गया।
बांसुरी स्वराज बोलीं- तथ्यों पर बेल खारिज हो रही
भाजपा नेता बांसुरी स्वराज ने कहा- ED के सारी के सारी तथ्य देखने के बाद और दलीलें सुनने के बाद कोर्ट को ये लगा कि ये बेल का मामला नहीं है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेल खारिज करने की आवश्यकता है। बार-बार आम आदमी पार्टी के नेताओं की बेल खारिज हो रही है क्योंकि जो भी जांच एजेंसियां तथ्य रख रही हैं उसमें इस देश के न्यायालयों का ये मानना है कि प्रथम दृष्टया प्रमाण की स्थापना हो गई है।
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