हिन्दू विरोधी षड्यंत्र कांग्रेस घोषणापत्र से फिर उजागर - अरविन्द सिसोदिया


हिन्दू विरोधी षड्यंत्र कांग्रेस घोषणापत्र से फिर उजागर - अरविन्द सिसोदिया

कांग्रेस घोषणापत्र का हर पन्ना विभाजनकारी - मोदी


हिन्दू विरोधी षड्यंत्र कांग्रेस घोषणापत्र से फिर उजागर - अरविन्द सिसोदिया 

कांग्रेस का हिन्दू विरोधी चेहरा एक बार फिर बेनक़ाब हुआ है, उनकी हिन्दू विरोधी सोच पुनः प्रगट हुईं है। वहीं मुस्लिम वोट पुनः कांग्रेस में लाने का प्रलोभन कांग्रेस के लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र में पूरी तरह से सामने आया है। 

कांग्रेस घोषणा पत्र में कांग्रेस की मुखिया, सर्वेसर्वा और कांग्रेस सोच की मुख्यकेंद्र बिंदु नेहरू परिवार के मन में झुपा सच सामने आया है। जो राष्ट्र और हिन्दू के विरुद्ध है।

याद रहे कांग्रेस की गठबंधन में मनमोहन सिंह सरकार के समय सोनिया गाँधी के नेतृत्व में बना लक्षित सांम्प्रदायिकता विरोधी अधिनियम लाया गया था, जो हिन्दू विरोध के बाद अंततः समाप्त हो गया था। यह सोनिया गाँधी सहित कांग्रेस के मूल मस्तिष्क की सोच तुष्टिकरण का प्रगटीकरण भी था। 

कांग्रेस घोषणा पत्र बहुत ही सावधानी पूर्वक संकेतात्मक अधिक है, इसकी भाषा पूरी तरह कूटनीतिक है। भ्रामक भी है, अपनी ही बात का खंडन भी करती है। किन्तु यह जम्मू और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत के नागरिकों के सामने छल, कपट, झूठ, भ्रम और तुष्टिकरण ही परोसता है।

यदी एक लाईन में कांग्रेस घोषणा पत्र पर कुछ कहा जाये तो वह यह है कि " मुसलमानों को पूरी तरह सर्वोच्च बनाओ और हिन्दुओं को छिन्न भिन्न करो, बांटो और समाप्त करो ।"

असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वा शर्मा नें बहुत स्पष्टता से कहा है कि "यह तुष्टीकरण की राजनीति है और हम इसकी निंदा करते हैं। घोषणापत्र ऐसा लगता है जैसे यह भारत के लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तान के चुनाव के लिए है।"


  - सांप्रदायिक और लक्ष्यित हिंसा निवारण विधेयक भारत का 2011 में कांग्रेस सरकार द्वारा लाया गया एक विधेयक था जो की पूरी होने की प्रक्रिया में थी। इस अधिनियम का प्रारूप संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् के द्वारा तैयार किया गया। जिसे देश नें इस आधार पर रद्द कर दिया कि इस विधेयक का मूल सोच बहुसंख्यक हिन्दू समाज को हिंसक मान कर आगे बड़ा गया था, जबकि ऐसा है नहीं।

अंग्रेजों के शासन के विरोध में 1857 में जब विद्रोह हुआ तब हिन्दू मुस्लिम एक थे। अंग्रेजों नें कूटनीति पूर्वक इन्हे अलग अलग करने के लिए अपने साथ मुसलमानों को मिलाया, "अंग्रेज राजभक्त मुसलमान" प्रचारित करवाया, मुस्लिम लीग और अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनवाई। उन्ही बातों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी जी नें कांग्रेस घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग से तुलना की है। 

मूलरूप से कांग्रेस का ईसाई नेतृत्व भारत को ब्रिटिश सरकार की तरह अपना गुलाम बना कर रखना चाहता है, उसकी मदद विदेशी ताकतें टूलकिट के रुप में करती हैँ। किन्तु अब प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत जाग्रत हो चुका है, गुलामी की मानसिकता को पूरी तरह परास्त कर स्वाभिमान से सिर उठा कर चलना प्रारंभ कर चुका है।

आखिर क्या है मुस्लिम लीग ?
'ऑल इंडिया मुस्लिम लीग' की स्थापना 30 दिसंबर, 1906 को हुई थी। तब अविभाजित भारत के कई मुस्लिम नेता ढाका में इकट्ठे हुए और कांग्रेस से अलग मुस्लिमों के लिए 'ऑल इंडिया मुस्लिम लीग' बनाने का फैसला किया। 1930 में, ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए अल्लामा इकबाल ने राजनीतिक और आर्थिक समस्याओं को हल करने के मकसद से दक्षिण एशिया के वंचित मुसलमानों के लिए एक अलग देश का विचार प्रस्तुत किया। 

घोषणापत्र के इन बिंदुओं की जांच करें

1. तीन तलाक (मुस्लिम पर्सनल लॉ) वापस लाएंगे
2. सरकारी और निजी नौकरियों में मुस्लिमों को आरक्षण (सच्चर समिति की रिपोर्ट लागू करें)
3. लव जिहाद (प्यार का अधिकार) का समर्थन करें
4. स्कूल में बुर्के का समर्थन (पोशाक का अधिकार)
5. बहुसंख्यकवाद (हिंदू धर्म) समाप्त करें 
6. बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाएं
7. गाजा (हमास) का समर्थन करें
8. समान लिंग विवाह, लिंग तरलता, ट्रांस मूवमेंट को वैध बनाना
9. न्यायपालिका में मुस्लिम जज बढ़ायें
10. सांप्रदायिक हिंसा बिल (मॉब लिंचिंग रोकेगा)
11. गोमांस को वैध बनाना (सब कुछ खाने का अधिकार)
12. मुसलमानों के लिए अलग से ऋण ब्याज
13. देशद्रोह की अनुमति दें (कोई देशद्रोह नहीं)
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🖐🏿🫵

*48 पन्नों के कांग्रेस घोषणापत्र में छिपे कुछ डरावने मुद्दे पढ़ें------*👇

*इतना खतरनाक घोषणापत्र कभी नहीं देखा। यह PFI के विज़न 2047 जैसा ही है ...*...

कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे 
*जमात-ए-इस्लामी* , 
*लश्कर-ए-तैयबा*, 
*अल-कायदा* की राह पर चलने लगी है *...*...

1. ट्रिपल तलाक *मुस्लिम पर्सनल लॉ* वापस लाएगी *...*...

2. सरकारी और निजी नौकरियों में मुसलमानों के लिए आरक्षण *सच्चर समिति की रिपोर्ट का क्रियान्वयन ...*...

3. लव जिहाद का समर्थन *प्यार करने का अधिकार ...*...

4. स्कूल में बुर्के का समर्थन *पोशाक पहनने का अधिकार ...*...

5. बहुलवाद को खत्म करेगी *यानी हिंदू धर्म को खत्म करेगी ...*...

6. बुलडोजर चलाने पर रोक 🚫 लगाएगी *...*...

7. गाजा का समर्थन *यानी हमास का समर्थन ...*...

8. न्यायपालिका में *मुस्लिम जजों की संख्या बढ़ाएगी ...*...

9. सांप्रदायिक हिंसा विधेयक *मॉब लिंचिंग को रोकेगी ...*...

10. गोमांस को वैध करेगी *सब कुछ खाने का अधिकार ...*...

11. मुसलमानों के लिए अलग से ऋण योजना शुरू करेगी *शून्य या कम ब्याज दर पर न्यूनतम 7,50,000 ऋण ...*...

12. कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा *यानी संक्षेप में कहें तो यह 10. मुसलमानों के लिए एक अलग ऋण योजना शुरू करेगी ...*...

13. 370 हटाने की पिछली स्थिति को देखते हुए......
★ सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, 
★ चुनाव आयोग, 
★भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक,
★ केंद्रीय मानवाधिकार आयोग *जैसे संवैधानिक निकाय मुस्लिम व्यक्तियों की नियुक्ति करेंगे ...*...

14. मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषणों को रोकने के लिए एक अलग कानून लागू करें *यानी मुसलमानों के लिए अत्याचार अधिनियम ...*...

जो हिंदू  INDI अघाड़ी या नोटा को वोट देने की सोच रहे हैं *वे इसे पढ़ें और सोचें ...*...

🛑 इसका सिर्फ 14वां बिंदु, जो कि *मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषणों को रोकने के लिए अत्याचार जैसा एक अलग कानून लागू करना* है, हिंदुओं को एक तुच्छ कारण से *जेल में डालने के लिए पर्याप्त है !!!!!!!!*

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