धर्मोंत्सव तनाव से मुक्ति और विश्वास का सृजन करते हैं - अरविन्द सिसोदिया Hindutv


तीज त्योहारों का महत्व
विचार - हिंदू जीवन पद्धति के तीज त्योहार व्रत उपवास एवं धर्मोंत्सव तनाव से मुक्ति और विश्वास का सृजन करते हैं।

विश्लेषण - तीज त्योहारों की विशेषताएं :- 
धार्मिक आस्था और विश्वास : तीज त्योहार, जैसे हरियाली तीज, सावन आदि, हिंदू धर्म में विशेष महत्व हैं। इन त्योहारों के दौरान महिलाएं व्रत रखती हैं और पूजा करती हैं, जिससे उनकी धार्मिक आस्था का पता चलता है। उदाहरण के लिए, हरियाली तीज पर महिलाएं माता पार्वती की पूजा करती हैं, जो उन्हें सुखी दाम्पत्य जीवन की कामना करने का अवसर देती है।

व्रत और उपवास : व्रत रखने से व्यक्ति अपने मन और शरीर को शुद्ध करता है। यह एक प्रकार का आत्म-नियंत्रण है जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है। उपवास के दौरान लोग साधारण भोजन करते हैं या फलाहार लेते हैं, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।

सामाजिक एकता : तीज त्योहारों पर सामूहिक महिलाएं होती हैं, गीत गाती हैं और झूला झूलती हैं। यह सामाजिक बंधनों को मजबूत बनाता है और समुदाय में एकता का अनुभव कराता है। इस तरह के आयोजनों से तनाव कम होता है और खुशी का माहौल बनता है।

प्रकृति के प्रति सम्मान : तीज-त्योहारों के समय वर्षा ऋतु से होती है, जब प्रकृति अपनी प्रकृति में खिलती है। इस समय प्रकृति की पूजा करना और उसके प्रति संचार लोगों को मानसिक शांति प्रदान करना है।

संस्कृति और परंपरा का संरक्षण : यह त्योहार केवल धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक मसाले भी होते हैं। उदाहरण से युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और संप्रदाय से जोड़ने में मदद मिलती है।

: ...
इस प्रकार, हिंदू जीवन पद्धति के तीज त्योहार व्रत उपवास एवं धर्मोंत्सव तनाव से मुक्ति और विश्वास का सृजन करते हैं। यह पर्व केवल धार्मिक आस्था को स्थापित करता है बल्कि सामाजिक एकता, मानसिक शांति और सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करता है।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

संघ नें हिंदुत्व को नई प्राणशक्ति दी हैँ - अरविन्द सिसोदिया

रामराज के सिद्धांत को जिला प्रशासन को अपनाना ही चाहिए - अरविन्द सिसोदिया

हिन्दु भूमि की हम संतान नित्य करेंगे उसका ध्यान

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

ऋषि, मुनि, साधु और संन्यासी

"जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है"।