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दिसंबर, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गुरु गोविंद सिंह : प्रकाश पर्व के अवसर पर

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गुरु  गोविंद सिंह के 345वें जन्मदिवस   प्रकाश पर्व  के अवसर पर    गुरु गोविंद सिंह ..... (जन्म- 22 दिसंबर सन 1666 ई. पटना, बिहार; मृत्यु- 7 अक्तूबर सन 1708 ई. नांदेड़, महाराष्ट्र) सिक्खों के दसवें व अंतिम गुरु माने जाते थे, और सिक्खों के सैनिक संगति, ख़ालसा के सृजन के लिए प्रसिद्ध थे। कुछ ज्ञानी कहते हैं कि जब-जब धर्म का ह्रास होता है, तब-तब सत्य एवं न्याय का विघटन भी होता है तथा आतंक के कारण अत्याचार, अन्याय, हिंसा और मानवता खतरे में होती है। उस समय दुष्टों का नाश एवं सत्य, न्याय और धर्म की रक्षा करने के लिए ईश्वर स्वयं इस भूतल पर अवतरित होते हैं। गुरु गोविंद सिंह जी ने भी इस तथ्य का प्रतिपादन करते हुए कहा है, "जब-जब होत अरिस्ट अपारा।   तब-तब देह धरत अवतारा।" जन्म गुरु गोविंद सिंह के जन्म के समय देश पर मुग़लों का शासन था। हिन्दुओं को मुसलमान बनाने की औरंगज़ेब ज़बरदस्ती कोशिश करता था। इसी समय 22 दिसंबर, सन 1666 को गुरु तेगबहादुर की धर्मपत्नी गूजरी देवी ने एक सुंदर बालक को जन्म दिया, जो गुरु गोविंद सिंह के नाम से विख्यात हुआ। पूरे नगर में बालक ...

राजनीती का यह नग्न सत्य भंवरी

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- अरविन्द सिसोदिया   राजनीती का यह नग्न सत्य भंवरी के रूप में राजस्थान की राजनीती में १ सितम्बर 2011 से छैया हुआ हे ...सत्ता का मद और सौन्दर्य की संगत कहाँ ले जाकर खड़ा कर देती हे , यह  इसका नमूना है ! कांग्रेस के विधायक और रिटायर्ड कर्नल सोना राम ने दावा किया कि सीबीआई ने भंवरी के 139 सेक्स सीडी बरामद हुई हैं। इनमें कई नेता और राजस्थान सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। भंवरी की बात तो उजागर हो गई , मगर हजारो भंवारियों की सिसकियाँ किसी ने नहीं सुनी ||        लगता है सी बी आई भी कोंगेस के  डेमेज कंट्रोल करने में लगी हे और बांकी और लोगों को बचा कर भंबरी के भंवर को धीरे धीरे समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है | अन्यथा १३९ कथित सीडीयों में क्या हे यह बहार क्यों नहीं आरहा ?? --------- केंद्रीय मंत्री के भी थे भंवरी से संबंध? 25 Dec 2011,एजेंसियां  जयपुर।। भंवरी देवी मामले की लपटें अब दिल्ली तक भी पहुंचने लगी हैं। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक एक केंद्रीय मंत्री के भी लापता नर्स भंवरी देवी से संबंध थे। जोधपुर में आयोजित ' कि...

सुनो राहुलजी - राज्य महिमा, केन्द्र के गुलछरे राज्यों की जनता के पैसे से..

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सुनो राहुलजी - राज्य महिमा.......... राज्यों की जनता के पैसे से केन्द्र की सरकार चलती है.... केन्द्र सरकार चाहे कांग्रेस नेतृत्व की हो या किसी ओर दल की, उसके खजानें में पैसा विदेशों से नहीं आता, जो उनके नेता यह कहते हें कि हम पैसा भेजते हैं और राज्य खा जाते है। सच यह है कि, यह सारा पैसा राज्यों की जनता भेजती है केन्द्र सरकार के खजानें में, एक्साइज डियूटी, कस्टम, आयकर, सेवाकर और कई अनेक प्रकार के करों और राज्यों की सम्पतियों के कारण से पैसा आता है। तब केन्द्र सरकार खर्च करती है। संघ शासित क्षैत्र हे कितना सा ..., उनमें कितनी जनसँख्या और कितने लोग हें .., उनसे कितना सा  टैक्स आपात हे | जो भी होता हे वह राज्यों की जनता के  धन से होता हे |  राज्यों की जनता के पैसे से ही केन्द्र सरकार चलती है और उसी में से वह खुद व राज्यों पर खर्च करती है। फिर बार - बार यह कहना कि हम पैसा भेजते हैं राज्य सरकार खा जाती है। क्या औचित्य है इसका ????? राज्यों की सरकार और जन प्रतिनिधियों पर यह कैसी दादागिरी भई ? केन्द्र गुलछरे ही राज्यों की जनता के पैसे से उडा रहा है। एक दिन भी राज्यों का प...

कांगेसी लोकपाल बिल तो भ्रष्टाचारियों का सुरक्षा कवच

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- अरविन्द सिसोदिया    अच्छा ही हुआ कि कांग्रेस का नकली लोकपाल बिल पास नहीं हुआ , अन्यथा लोकपाल को शिकायत करने वाले कि खैर नहीं थी ....! इसमें भरी तबदीली कि जरुरत हे .., शिकायत इस प्रकार से करने कि सुविधा हो कि उसकी जांच हो सके और साबित करने , साक्ष्य जुटाने का भार भी सरकारी जांच एजेंसी पर हो जो कि निष्पक्ष हो और लोकपाल के ही अंतर्गत हो ..!! शिकायत करता को जांच और साक्ष्य जुटाने की जवाव देहि से मुक्त रखना चाहिए , वह सूचना दे रहा हे यह भी काफी हे ...शिकायत को गुप्त  रखनें की बात रखी जा सकती हे ...! ” कांग्रेस और उसके नेता यथा सोनियाजी, राहुलजी,पवन बंसलजी, अभिषेक सिंघवी जी और कई सारे,,,,,कांगेसी लोकपाल बिल के लोकसभा मे संवैधानिक दर्जा नहीं मिलने और राज्यसभा में पास नहीं होने का ठीकरा विपक्ष और भाजपा के सिर फोड रहे है। यह गलत है, कांग्रेस के पास दोनों ही सदनों में बहूमत नहीं है। उसक खुद के सदस्यों की संख्या तो काफी कम है। इस स्थिती में सबसे सलाह मशविरा करके ही बिल आता तो पास होता । कांगेस ने एक तानाशाह की तरह हुक्म फरमाया कि हम चुनावी फायदे का बिल पेश कर रहे हैं इस पर ...

सेक्स 'सर्च' : भारत भी पीछे नहीं : नैतिक पतन

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- अरविन्द सिसोदिया  इन्टरनेट........ तमाम तरीकों से समाज को लाभदायक होते हुये भी, नैतिक पतन का दूसरा सबसे बडा कारण बन गया। चैनलों की बेशर्मी के बाद, इन्टरनेट पर तो कोई नियंत्रण ही नहीं, 3 जी और स्मार्ट मोबाईल ने, लगभग घर - घर को सैक्स का ग्राहक बना दिया! सरकार अभी तक कोई प्रभावी तरीका, नियंत्रण या व्यवस्था के लिये नहीं बना पाई!! -------------- भारत भी पीछे नहीं, सेक्स 'सर्च' करने में पाक आगे ! Source: dainikbhaskar.com   | 30/12/२०११ http://www.bhaskar.com नई दिल्ली. साल 2011 में गूगल पर 'सेक्स' शब्द खोजने में रूचि रखने के मामले में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर रहा। गूगल सर्च ट्रेंड के मुताबिक साल 2011 में इंटरनेट पर सेक्स को सर्च करने में सबसे ज्यादा रूचि श्रीलंका के लोगों ने दिखाई और उसके बाद पाकिस्तान के लोगों ने। सेक्स को सर्च करने में एशियाई देशों में कितनी रूचि रहती है इसका अंदाजा इस बात से लग सकता है कि इंटरनेट पर सेक्स को खोजने में पाकिस्तान के बाद भारत का नंबर है। मजे की बात यह है गूगल पर सेक्स को सबसे ज्यादा सर्च करने वाले दस शहरों में से आठ भारत ...

पैसे के लिए पतन : सन्नी लियोन : टीवी चैनल

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- अरविन्द सिसोदिया  २०११ में सबसे बड़ा नैतिक पतन चैनलों का देखनो को मिला , अश्लीलता से भरे हाश्य कार्यक्रम और विज्ञापन सरकार रोकनें में विफल रही .. हद तो तब हो गई जब .., पोर्न फिल्मों में काम करनें वाली एक विदेशी अभिनेत्री को दम तोड़ते सीरियल को बचने के लिए बुला लिया गया ..! पैसे के लिए इससे जयादा  और क्या गिरना होगा..!!! सार्वजानिक प्रदर्शन किसी भी तरह का हो , उसकी एक मर्यादा होनी ही चाहिए ...भारत में इतनी  स्वछंदता की फ़िल्में , चेनलों के हाश्य कार्यक्रम और विज्ञापन  पोर्न   नहीं तो सेमी पोर्न तो हो ही गए ..!     ----------- सन्नी लियोन को लेकर  कलर्स को नोटिस December - 25 - 2011 अदिति टंडन/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस नयी दिल्ली, 24 दिसंबर। भारतीय मूल की कनाडाई ‘पोर्न’ कलाकार सन्नी लियोन टीवी शो ‘बिग बॉस’ के ज़रिये अपना पोर्नोग्राफी व्यवसाय को बढ़ावा नहीं दे पायेगी। उसने 21 नवंबर को इस टीवी शो में प्रवेश किया था। इंडियन ब्राडकास्टर्स फाउंडेशन द्वारा स्थापित ब्राडकास्टिंग कंटेंट कंप्लेंट्स कौंसिल ने कल ‘बिग बॉस’ प्रसारित कर रहे कलर्स च...

सरकारी लोकपाल बिल : हार भी और भागना भी

- अरविन्द सिसोदिया  सरकारी लोकपाल  बिल , कांग्रेस ही कमान के अभिमानी और अहंकारी कार्य प्रणाली के कारण लोकसभा में संवेधानिक दर्जा नहीं पा सका ,तो राज्यसभा  में हार की कगार पर पहुँच गया और सरकार ने वोटिंग के बजाये सदन को अनिश्चित काल को स्थगित किया गया | यानि हार भी और भागना भी....कोंग्रेस को अब भी सही तरीके से प्रयत्न करने चाहिए | असफलता का ठीकरा दूसरों से सर फोड़ने से कुछ नहीं होगा  ..|  कोंग्रेस को बीजेपी के माथे विफलता का ठीकरा फोड़ने के बजाये अपनी असफलता पर आत्म मंथन करना चाहिए !!! ------------------ मध्य रात्रि का ड्रामा,सबसे बड़ा धोखा: जेटली  Friday, December 30, 2011 ज़ी न्यूज ब्यूरो  नई दिल्ली: बीजेपी नेता अरुण जेटली ने कहा है कि लोकपाल विधेयक पर गुरुवार को मध्य रात्रि में हुआ ड्रामा सबसे बड़ा धोखा था।  जेटली ने लोकपाल बिल के मुद्दे पर कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया है। शुक्रवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि गुरुवार को राज्यसभा में वोटिंग से डरकर सरकार आधी रात को मैदान ...

अब कांग्रेस क्या हुआ....? लोकपाल बिल .???

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- अरविन्द सिसोदिया  अब कांग्रेस क्या हुआ....? राज्य सभा में वोटिंग से पीछे क्यों हटे ..? भाजपा ने लाकसभा में भी कहा था, यह बिल असंवैधानिक है और राज्यों के अधिकार क्षैत्र मे हस्तक्षेप करता है। -------------------- संशोधन पर सरकार ने मांगा वक्त, बीजेपी बोली-डर गई सरकार Dec 30, 2011   http://khabar.ibnlive.in.com नई दिल्ली। करीब 12 घंटे तक गर्मागर्म बहस के बाद भी लोकपाल बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पाया। देर रात करीब 12 बजे संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल ने खडा़ होकर सदन से और वक्त मांगा। उन्होंने तर्क दिया कि सरकार को कुल 187 संसोधन प्रस्ताव मिले हैं। जिसे गहन करने में वक्त लगेगा। जबकि राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि वो पूरी रात बहस के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार तैयार नहीं हुई। विधेयक पर जारी चर्चा और उसके बाद मत विभाजन के बारे में सरकार की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब न मिलने पर सदन में हंगामा होने लगा। जिसके बाद सभापति उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। जेटली ने कहा कि सरकार अल्पमत है इसलिए लोकपाल बिल को टालन...

नेताओं पर जूते-चप्पल या थप्पड़

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- अरविन्द सिसोदिया  २०११ का हीरो  कभी जूता तो कभी चप्पल तो कभी थप्पड़ भी रहा  मुद्दा कोई भी हो, तकरार हुई नहीं कि मारपीट शुरू हो जाती है। नाराज नागरिक नेताओं पर जूते-चप्पल फेंकने या थप्पड़ मारने पर उतारू दिखते हैं तो सड़कों पर हर कहीं से ‘रोड रेज’ की खबरें मिल रही हैं। खबरें ही नहीं, सरकारी आंकड़े भी बयां रहे हैं कि हर कहीं ‘कोलावेरी हिंसा’ का चढ़ता ग्राफ लोगों को हल्ला बोल मुद्रा में ला रहा है। निरीह औरतों, बच्चों तथा बूढ़ों के खिलाफ तो विशेष तौर से, जो पलटवार करने में असमर्थ हैं। नागरिकों के गुस्से पर ठंडे छींटे डालने और तटस्थता और शांति की अपील करने की उम्मीद हम किससे करें? पहले सहज जवाब होता था, गांधीवादियों या घट-घटव्यापी मीडिया से, पर इन दिनों गांधीवाद के उपासक भी नापसंद व्यवस्था के प्रतिनिधियों के खिलाफ गुस्से और मारपीट को सही ठहराने लगे हैं और मीडिया इन हिंसक छवियों और बयानों को दिनभर भुनाता हुआ हिंसा करने वालों को राज-समाज में एक तरह की सांस्कृतिक स्वीकृति और शोहरत दिला रहा है। लगता है यह लगभग मान लिया गया है कि आज जो कुछ व्यवस्था सम्मत है, वह कुचलने ...

मुलायम , मायावती , लालू और कांग्रेस की सांठगांठ

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- अरविन्द सिसोदिया मुलायम , मायावती , लालू और कांग्रेस  की सांठगांठ से, राज्य सभा में भी नकली लोकपाल पास हो जायेगा । जनता को इस सांठगांठ को समझना चाहिये। --------- राज्यसभा में लोकपाल पर सरकार की अग्निपरीक्षा आज! Dec 29, 2011 नई दिल्ली। लोकसभा में पास हो चुके लोकपाल बिल की आज राज्यसभा में अग्निपरीक्षा है। लोकपाल बिल को आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा। लेकिन इसके पास होने को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। एक तो सदन में सरकार का बहुमत नहीं है, ऊपर से सहयोगी टीएमसी ने बिल में संशोधन पेश कर दिया है। उधर, विपक्ष भी बिल को लेकर अपना कड़ा रुख छोड़ने को तैयार नहीं है। गौरतलब हैकि कुल 243 सांसदों की राज्यसभा में यूपीए के 99 सांसद हैं। अगर बीएसपी (18) और समाजवादी पार्टी (5) के 23 सांसद लोकसभा की ही तरह वॉकआउट करते हैं तो संसद में मौजूदगी रहेगी 220 सांसदों की। ऐसी सूरत में उसे बहुमत के लिए 111 सांसदों की दरकार होगी। अगर 8 मनोनीत सांसदों और 6 निर्दलियों को सरकार साध ले तो उसकी तादाद 113 हो जाएगी यानी बहुमत से 2 ज्यादा| दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्य सभा में लोकपाल बिल के पास...

भाजपा और संसद सोनिया की बंधुआ मजदूर नहीं.........

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भाजपा और संसद  सोनिया की बंधुआ मजदूर नहीं.........  सरकारी लोकपाल बिल को वोट नहीं मिलने से, संवैधानिक दर्जा नहीं मिल पाया, लोकसभा में करारी हार से तिलमिलाये  सोनिया - राहुल इस तरह आग उगल रहे हैं जैसेः-  भारतीय जनता पार्टी या संसद उनकी बंधुआ मजदूर हो। अपने ही गिरेवान में झांके कांग्रेस उनके सहयोगी दल और उनके ही सांसदों ने धोका दिया।  --------------------- क्या सांसद सोनिया के बंधुआ मजदूर हैं? केजरीवाल और किरण बेदी ने कांग्रेस अध्यक्ष पर हमला नई दिल्ली, बुधवार, 28 दिसंबर 2011 अन्ना हजारे की मजबूत लोकपाल की जंग में कांग्रेस को निशाना बनाने की घोषणा के बाद हजारे पक्ष के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी ने बुधवार को सोनिया गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या सांसद पार्टी आलाकमान के बंधुआ मजदूर हैं? बेदी ने ट्वीट किया कि जनलोकपाल शासन में बदलाव के बगैर नहीं मिलेगा, केवल समय बताएगा कि ऐसा कब होगा। सोनिया पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा कि सांसदों को पार्टी आलाकमान की इच्छाओं के खिलाफ मतदान करने या बोलने की आजादी नहीं है। क्या सांसद पार्टी आ...

कांग्रेस : अपने ही गिरेवान में झांके

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अपने ही गिरेवान में झांके कांग्रेस उनके सहयोगी दल और उनके ही सांसदों ने धोका दिया। -----------------  लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने को लेकर संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में गिरने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बहुत नाराज हैं। कांग्रेस सरकार अब उन सांसदों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना रही है, जो वोटिंग के दौरान गायब थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार सोनिया गांधी ने वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहे पार्टी के 16 सांसदों की सूची भी मंगवाई है। जबकि इनमें से 6 सांसद तो सिर्फ गुजरात के ही हैं। गुजरात के इन सांसदों के नाम हैं... 1. दिनशा पटेल 2. बिठ्ठल रादडिया 3. जगदीश ठाकोर 4. विक्रम माडम 5. किशन पटेल 6. कुंवरजी बावडिया लोकसभा में बिल पेश करने वाले नारायण सामी ने बताया कि एसएमएस और फोन द्वारा इस संबंध में सभी सांसदांे को जानकारी दे दी गई थी। लेकिन फिर भी ये लोग अनुपस्थित रहे। सामी के अनुसार अनुपस्थित सांसदों को जल्द ही शो कॉज नोटिस भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को लोकपाल और लोकायुक्त को संवैधानिक दर्जा दिए जाने वाला संविधान संशोधन विधेयक दो तिहाई बहुमत के अभाव में गिर गया, जि...

सोनिया : भड़ास भाजपा पर

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सोनिया : भड़ास  भाजपा पर संसदीय समिति में लोकपाल बिल में धर्म आधारित आरक्षण का प्रावधान नहीं था..कांग्रेस ने यू पी चुनाव में फायदा उठाने के लिए धर्म आधारित आरक्षण कर वायदा खिलाफी की और लोकपाल को वोटपाल  बना दिया | विश्वाषघात तो कांग्रेस ने किया , धोका तो कांग्रेस ने दिया | संविधान सभा की बहस के पन्ने देखलो , कहाँ लिखा हे  धर्म आधारित आरक्षण दिया जा सकता हे |  यदि संविधान विरोधी प्रावधान कांग्रेस ले कर आई हे तो उसे रोकना ही भाजपा का कर्तव्य हे | अरुण जेतली - सरकार को समर्थन दे रहे समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस और द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) जैसे दलों पर कटाक्ष किया कि राज्यसभा में लोकपाल एवं लोकायुक्त विधेयक पारित कराने का प्रयास होगा तब ऎसे दलों के लिये परीक्षा की घड़ी होगी. वे सिर्फ प्रवचन करना ही जानते हैं या प्रहार करना भी जानते हैं.       ------------------ http://in.jagran.yahoo. कॉम भाजपा पर बरसीं सोनिया, अपने सांसदों से नाराज Dec 28, 2011 नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकपाल पर लोकसभा म...

नकली लोकपाल : भाजपा कांग्रेस की गुलाम नहीं उसके लिए पहले देशहित हे ... ,

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नकली लोकपाल  भाजपा कांग्रेस की गुलाम नहीं उसके लिए पहले देशहित हे ... ,  न ही उसकी जिम्मेवारी कांग्रेस के लिये बहुमत जुटाना है। कांग्रेस के सांसद अनुपस्थित थे, भाजपा ने सही किया कि नकली लोकपाल का साथ नहीं दिया,  असली लोकपाल तो जन लोकपाल है। जब तक जन लोकपाल जैसा बिल न बनें तब तक संर्घष जारी रहे। सूत्रों के मुताबिक, संसदीय कार्यमंत्री व्हिप के बावजूद सदन में मौजूद न रहने वाले सांसदों को कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा। शुरुआती गणना के मुताबिक, 16 सांसद अनुपस्थित पाए गए। इनमें दो तृणमूल कांग्रेस के हैं, जबकि एक दर्जन से ज्यादा सांसद खुद कांग्रेस के हैं। सोनिया के कड़े तेवरों से घबराए केंद्रीय मंत्री दिनशा पटेल ने तो तुरंत सफाई भी दी कि वह घर में शादी कार्यक्रम में थे और पहले से नेतृत्व को बता दिया था। एम राजमोहन रेड्डी, विक्रमभाई अरजनभाई, मदन अहीर, किशन बी पटेल, केआरजी रेड्डी, हर्षव‌र्द्धन, हमीदुल्लाह सईद जैसे नाम पहली नजर में सामने आए हैं। इन सबको कारण बताओ नोटिस देने के साथ गुरुवार को राज्यसभा में सारे कांग्रेस सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।

रूस में गीता पर नहीं लगेगा प्रतिबंध : इसाई चर्च की साजिस विफल

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- अरविन्द सिसोदिया  दुनिया भर में ईसाईयों ने हिंसा और प्रलोभन के आधार पर अपना विस्तार किया ...इस हेतु गैर इसाई देशों में किसी न किसी तरह के कार्यों में लिप्त हें ..इसी तरह का एक कार्य रूस में सर्बिया के एक ईसाई चर्च ने गीता को कट्टरपंथी ग्रंथ बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की थी | इसाई चर्च की साजिस विफल   रूस में गीता पर नहीं लगेगा प्रतिबंध Wednesday, December 28, 2011,17:01 नई दिल्ली : अब रूस में भारतीय महाकाव्‍य श्रीमदभागवत गीता पर प्रतिबंध नहीं लगेगा। रूस की अदालत में इस संबंध में दायर याचिका बुधवार को खारिज हो गई। रूस के कोर्ट के यह फैसला आज इस संबंध में अंतिम सुनवाई के बाद आया। सर्बिया के एक ईसाई चर्च ने गीता को कट्टरपंथी ग्रंथ बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसका रूस के कई इलाकों के साथ भारत में भी जमकर विरोध हुआ था। यह मुद्दा भारतीय संसद में भी उठाया गया था। रूस की एक अदालत में बुधवार को हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ भगवद् गीता पर प्रतिबंध लगाए जाने और उसे चरमपंथी साहित्य घोषित करने के मामले पर अंतिम सुनवाई शुरू हो गई। रूस के तोमस्क शहर से ह...

कोंग्रेस सरकार को शासन का अधिकार नहीं हे

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- अरविन्द सिसोदिया कोंग्रेस सरकार को शासन का अधिकार नहीं हे  विपक्षी पार्टियों ने कॉपरेरेट्स, मीडिया और विदेशी चंदा प्राप्त करने वाले एनजीओ को इसके दायरे में लाने की मांग करते हुए संशोधन प्रस्तुत किए थे। ये अस्वीकृत हो गए। सी बी आई को भी सरकार ने अपने पास रखा हे |  कुछ भी नहीं हे इस लोकपाल में ....एक कडवा सच यह हे कि   लोकसभा में सरकार को बनें रहने के लिए २७२ सांसदों कि जरूरत हे ..मगर सरकार को लोकपाल बिल पर मात्र २५० ही सांसदों का समर्थन मिला , एक प्रकार से सरकार को शासन का अधिकार नहीं हे ... यह अल्पमत सरकार हे .. संविधान संशोधन बिल पर गच्चा खा गई कांग्रेस Story Update : Wednesday, December 28, 2011    4:15 AM लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने की राहुल गांधी की पहल आखिरी वक्त पर कांग्रेस के फ्लोर मैनेंजमेंट की कमी की वजह से धरी की धरी रह गई। लोकपाल बिल को ध्वनि मत से पास करा लेने के बाद यूपीए संविधान संशोधन बिल के तीन प्रावधानों पर दो तिहाई बहुमत जुटाने में कामयाब नहीं हो पाई। इसके साथ ही संविधान में 116वां संशोधन नहीं हो सका। राजीव गांधी भी ...

BJP demands resignation of the UPA government

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28 DEC, 2011, 12.32AM IST, PTI BJP demands resignation of the UPA government NEW DELHI: With the Constitution Amendment Bill on Lokpal failing in Lok Sabha, BJP tonight demanded resignation of the UPA government on moral grounds. "Government should resign on moral grounds. Prime Minister Manmohan Singh has no moral right to continue in office," BJP leader Yashwant Sinha told reporters after the embarassing development for the government. He noted that the government could not muster even simple majority of 273 votes in favour as it managed only 250 votes on the crucial legislation. "Rahul Gandhi's dream has been shattered. This shows the monumental inefficiency of this government. "I had said during my speech that Prime Minister spoke as if he was making his farewell speech. If any morality left is left in them, they should quit," Sinha said. On the attack by Leader of the House Pranab Mukherjee for the defeat of the bill, he said he was indulging...

लोकपाल बिल पास, संवैधानिक दर्जा नहीं

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लोकपाल बिल पास,  संवैधानिक दर्जा नहीं दिला पाई सरकार ---- सरकार ने लोकसभा में  लोकपाल बिल पास कराया 27 Dec 2011, 2348 hrs नई दिल्ली।। सरकार ने लोकसभा में लोकपाल बिल पास करवा लिया है। लेफ्ट, बीएसपी और एसपी के सांसदों के वॉकआउट के बाद सरकार का लोकपाल बिल पास कराना तय माना जा रहा था। अब बुधवार को राज्यसभा में लोकपाल बिल पेश किया जाएगा। सरकार के लिए राज्य सभा से इस बिल को पास करवा पाना इतना आसान नहीं माना जा रहा है। लोकसभा में पास करवाने के बावजूद सरकार लोकपाल को संवैधानिक दर्जा नहीं दिला पाई है। संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए कुल सांसदों के कम से कम 50 फीसदी और उपस्थित सांसदों के 2 / 3 बहुमत की जरूरत थी। संवैधानिक दर्जे पर सरकार 2 / 3 वोट नहीं जुटा पाई। हालांकि पहले कहा गया कि संवैधानिक दर्जा मिल गया है लेकिन इस तरफ सरकार की हार के बारे में सुषमा स्वराज ने ध्यान दिलाया। बाद में प्रणब मुखर्जी ने इसे लोकतंत्र के लिए दुखद बताते हुए कहा कि उनके पास बहुमत नहीं था। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने की बात उठाई थी। संविधान संशोधन पर 394 सांसदों ने वोट ...