अन्ना हजारे के आंदोलन को : कांग्रेस ने थका देनें की नीति को अपनाया
अन्ना हजारे के आंदोलन को अपनी मौत मरने देने के लिये,कांग्रेस ने थका देनें की नीति को अपनाया है। बोफोर्स के बाद एक बार जनता ने इन्हे सिंहासन से उतार दिया था,तब से आज तक ये स्पष्ट बहूमत में नहीं आये,देश के अन्य दलों के नेताओं ने आय से अधिक सम्पत्ति एकत्र कर रखी है जैसे करुणानिधि एंड कम्पनी , लालू यादव , मुलायम सिंह और मायावती...और भी हैं। उनके समर्थन से ही ये संसद में बचे हुये है। जनता कांग्रेस को परमानेंट सत्ता से बाहर कर दे तो ही देश में कुछ सुधार संभव है।
सरकार के धोखे ने आंदोलन के लिए मजबूर किया
27 Dec 2011
रालेगण सिद्धी॥ सरकारी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन शुरू करने जा रहेअन्ना हजारे ने सोमवार को कहा कि लोकपाल के मुद्दे पर सरकार के रुख में बार बार बदलाव केकारण उन्हें फिर से अनशन करने के लिए बाध्य होना पड़ा है। सरकार धोखे पर धोखा देती आईहै। उन्होंने आशंका जताई कि सरकार उनके तथा उनके समर्थकों के खिलाफ बल प्रयोग करसकती है।
हजारे ने अपने तीन दिन के अनशन के लिए मुंबई रवाना होने से पहले कहा कि सरकार ने एकसंयुक्त मसौदा समिति बनाई और फिर संयुक्त समिति में वे पलट गये। उन्होंने एक स्थायीसमिति बनाई लेकिन फिर पलट गये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक लिखित आश्वासनदिया था कि विधेयक को संसद में पारित किया जाएगा लेकिन वहां भी सरकार पलट गई।हजारे ने कहा कि कई बार कहने के बावजूद सरकार कानून नहीं बना रही इसलिए उन्हें फिर सेअनशन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
उन्होंने कहा , ' एक बार नहीं , बल्कि कई बार कहने के बाद भी सरकार भ्रष्टाचार निरोधककानून नहीं बना रहे। बाध्य होकर यह आंदोलन छेड़ना पड़ा है। ' उन्होंने कहा , ' मेरा आंदोलनकिसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ है। ' हजारे ने कहा किसरकार ने आजादी के बाद केवल एक कानून भ्रष्टाचार के खिलाफ बनाया है जो सूचना का अधिकार कानून है , मगर उसके लिए भी लोगों को दससाल संघर्ष करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम है कि सरकार बहुत ताकतवर है। सभी ने देखा कि उन्होंने रामदेव के साथ क्या किया। रात में सोती महिलाओं परलाठियां चलाई गईं। हम जानते हैं कि ऐसा हमारे साथ भी हो सकता है लेकिन हम मौत से डरते नहीं हैं। हजारे ने अपने समर्थकों और खासतौर परयुवाओं से यह अनुरोध भी किया कि अहिंसा बरतें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अड़चन पैदा करने की कोशिश करेंगे लेकिन मेरा अनुरोध है कि कोईहिंसा नहीं होनी चाहिए। अहिंसा में बहुत शक्ति है।
इस ऐलान के साथ ही हजारे शाम 4 बजे अपने गांव से मुंबई रवाना हुए। मुंबई यात्रा के दौरान उनके साथ कुछ निजी सुरक्षा गार्ड्स और दूसरी गाड़ीमें टीम अन्ना के अन्य सदस्य सवार थे। रवाना होते समय उन्हें देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण एकत्रित हो गये। वह सड़क के रास्ते आलंदी के लिएरवाना हुए जहां संत ज्ञानेश्वर मंदिर में जाकर पूजा की। गौरतलब है कि अन्ना हजारे अपने किसी भी आंदोलन से पहले इसी गांव में आकर संतज्ञानेश्वर का आशीर्वाद जरूर लेते हैं। आलंदी में अन्ना करीब 40 मिनिट तक ठहरे और मंदिर में रखी पोथी में नाम दर्ज करने के बाद मुंबई के लिए रवाना हुए।
हजारे ने अपने तीन दिन के अनशन के लिए मुंबई रवाना होने से पहले कहा कि सरकार ने एकसंयुक्त मसौदा समिति बनाई और फिर संयुक्त समिति में वे पलट गये। उन्होंने एक स्थायीसमिति बनाई लेकिन फिर पलट गये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक लिखित आश्वासनदिया था कि विधेयक को संसद में पारित किया जाएगा लेकिन वहां भी सरकार पलट गई।हजारे ने कहा कि कई बार कहने के बावजूद सरकार कानून नहीं बना रही इसलिए उन्हें फिर सेअनशन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
उन्होंने कहा , ' एक बार नहीं , बल्कि कई बार कहने के बाद भी सरकार भ्रष्टाचार निरोधककानून नहीं बना रहे। बाध्य होकर यह आंदोलन छेड़ना पड़ा है। ' उन्होंने कहा , ' मेरा आंदोलनकिसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ है। ' हजारे ने कहा किसरकार ने आजादी के बाद केवल एक कानून भ्रष्टाचार के खिलाफ बनाया है जो सूचना का अधिकार कानून है , मगर उसके लिए भी लोगों को दससाल संघर्ष करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम है कि सरकार बहुत ताकतवर है। सभी ने देखा कि उन्होंने रामदेव के साथ क्या किया। रात में सोती महिलाओं परलाठियां चलाई गईं। हम जानते हैं कि ऐसा हमारे साथ भी हो सकता है लेकिन हम मौत से डरते नहीं हैं। हजारे ने अपने समर्थकों और खासतौर परयुवाओं से यह अनुरोध भी किया कि अहिंसा बरतें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अड़चन पैदा करने की कोशिश करेंगे लेकिन मेरा अनुरोध है कि कोईहिंसा नहीं होनी चाहिए। अहिंसा में बहुत शक्ति है।
इस ऐलान के साथ ही हजारे शाम 4 बजे अपने गांव से मुंबई रवाना हुए। मुंबई यात्रा के दौरान उनके साथ कुछ निजी सुरक्षा गार्ड्स और दूसरी गाड़ीमें टीम अन्ना के अन्य सदस्य सवार थे। रवाना होते समय उन्हें देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण एकत्रित हो गये। वह सड़क के रास्ते आलंदी के लिएरवाना हुए जहां संत ज्ञानेश्वर मंदिर में जाकर पूजा की। गौरतलब है कि अन्ना हजारे अपने किसी भी आंदोलन से पहले इसी गांव में आकर संतज्ञानेश्वर का आशीर्वाद जरूर लेते हैं। आलंदी में अन्ना करीब 40 मिनिट तक ठहरे और मंदिर में रखी पोथी में नाम दर्ज करने के बाद मुंबई के लिए रवाना हुए।
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27 Dec 2011
अन्ना की तबीयत फिर हुई ख़राब,
टीम अन्ना ने अनशन न करने की अपील की
मुंबई.टीम अन्ना के अहम सहयोगी मनीष सिसोदिया ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अन्ना की तबीयत ठीक नहीं है,उन्हें खांसी और बुखार है। उन्होंने कहा कि हमने उनसे अनशन पर ना बैठने की अपील की है और हम सब कोशिश कर रहे हैं कि वे अनशन पर ना बैठते पर वे जिस मीट्टी के बने हैं उससे नहीं लगता कि वे मानेगें।
उन्होंने कहा कि अन्ना ने कहा है कि उन्होंने देशवासियों से वादा किया है इसलिए वे अनशन पर बैठेंगे। सिसोदिया ने कहा की हमने उनसे कहा है कि वे ऐसे ही बैठ जाएं,सारा देश उनके साथ आ जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि इस बारे में अंतिम फैसला अन्ना का ही होगा।
डॉक्टरों ने भी उनके स्वस्थ्य और उम्र को देखते हुए अनशन पर न बैठने की सलाह दी है। अन्ना सोमवार को रालेगण सिद्धि से सड़क मार्ग से पांच घंटे की यात्रा कर मुंबई पहुंचे हैं।
अब यह सुबह ही पता चल पाएगा कि अन्ना अनशन पर बैठते है की नहीं।
इस बीच एमएमआरडीए मैदान पर आज से शुरू हो रहे अन्ना के अनशन की सभी तैयारियां पूरी हो गई है। ख़ुफ़िया विभाग ने सूचना दी है कि कुछ लोग गड़बड़ी फैला सकते हैं। इसे देखते हुए अन्ना की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए है। मुंबई पुलिस के करीब 2000 जवान मैदान पर तैनात रहेंगे। मैदान में बिना चेकिंग के किसी को घुसने नहीं दिया जाएगा।
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कांग्रेस ने अन्ना की प्रमुख मांगें खारिज कीं
२६.१२.२०११
रालेगण सिद्धि. कांग्रेस ने मंगलवार से शुरू हो रहे अनशन से कुछ घंटे पहले अन्ना हजारे की कई मांगों को खारिज करते हुए अपना रुख कड़ा कर दिया है। कांग्रेस के मुख्य सचेतक संदीप दीक्षित ने सीबीआई को लोकपाल और ग्रुप सी को लोकपाल के दायरे में लाने से एक बार फिर इनकार कर दिया है। टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर अपनी प्रमुख मांगों को सामने रखा था। इन मांगों में टीम अन्ना ने कहा था कि लोकपाल की अपनी पुलिस हो, पूरी जांच सीबीआई के पास हो, ग्रुप सी, डी कर्मचारी इसके दायरे में हों और सीबीआई राजनीतिक नियंत्रण से मुक्त होनी चाहिए।
अन्ना हजारे मंगलवार को मुंबई में शुरू हो रहे अनशन के लिए अपने गांव रालेगण सिद्धि से मुंबई के रास्ते पर हैं। वे लोनावला पहुंच चुके हैं, जो मुंबई से ११२ किलोमीटर दूर है। रालेगण से कार में रवाना हुए अन्ना रास्ते में सबसे पहले आलंदी में रुके। अन्ना ने यहां संत ज्ञानेश्वर के दर्शन किए। आलंदी में अन्ना को सम्मानित भी किया गया।
मुंबई रवाना होने से पहले अपने गांव में अन्ना ने एक बार फिर ऐलान किया कि अनशन के बाद वह दिल्ली जाकर सोनिया गांधी के घर के बाहर धरना देंगे। उन्होंने इस बात की आशंका भी जताई कि अनशन के दौरान सरकार उनके साथ भी वैसा बर्ताव कर सकती है जैसा रामलीला मैदान में रामदेव के साथ किया गया था।
अन्ना ने कहा कि उनका स्वास्थ्य अब ठीक है। इससे पहले तबीयत थोड़ी खराब थी लेकिन अब वह अनशन पर बैठने के लिए पूरी तरह फिट हैं। अन्ना ने कहा, 'मैं हर दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को याद करता हूं इसलिए मुझे मौत का डर नहीं है। यदि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते हुए मर गया तो यह मेरी खुशकिस्मती होगी। लड़ते रहेंगे, जब तक शरीर में जान है तब तक लड़ते रहेंगे।’ 27 से 29 दिसंबर को मुंबई में अन्ना का अनशन होगा। 30 दिसंबर को सोनिया गांधी के घर के बाहर अनशन होगा।
अन्ना ने चेतावनी दी है कि वो सरकार को उसी की भाषा में जवाब देंगे। अन्ना ने मजबूत लोकपाल कानून लाने को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने टीम अन्ना को सतर्क रहने की सलाह भी दी है। उन्होंने कहा, 'मेरा विरोध प्रदर्शन किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं है। सरकार खुद ही अपने वायदे से मुकरी है। मैं हर किसी खासकर युवाओं से अनुरोध करता हूं कि चाहे कुछ भी हो जाए, अहिंसा का रास्ता नहीं छोड़ना है।’
अन्ना हजारे के अनशन से ठीक एक दिन पहले अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया मुंबई में उलेमा काउंसिल के प्रतिनिधियों से मिले और अनशन के लिए समर्थन मांगा। केजरीवाल ने कहा, 'अन्ना हजारे ने दलितों और मुसलमानों के लिए काम किया है। वह दलित विरोधी या मुस्लिम विरोधी नहीं हैं।'
अन्ना को मुंबई नगर निगम के पूर्व डिप्टी कमिश्नर खैरनार और रविवार को केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा द्वारा भगोड़ा बताए जाने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'अगर अन्ना भगोड़ा होते तो उनका कोर्ट मार्शल हुआ होता। इन आरोपों की जांच होनी चाहिए।' भ्रष्टाचार को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए केजरीवाल ने कहा, 'लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। वे अनशन के लिए आगे आएं। देश में सबसे बड़ा आतंक भ्रष्टाचार है।'
केजरीवाल ने अन्ना की सेहत से जुड़े सवालों पर कहा, 'अन्ना की सेहत बहुत अच्छी नहीं रहती है तो हम उन्हें अनशन से रोकने की कोशिश करेंगे। केजरीवाल ने यह भी बताया कि अन्ना आज रात 9 बजे तक मुंबई पहुंच जाएंगे। जो भी फैसला लेना होगा, वह अन्ना खुद लेंगे।' वहीं, लोकपाल कानून में आरक्षण के सवाल पर केजरीवाल ने कहा, 'हम सब भाइयों की तरह भ्रष्टाचार से लड़ेंगे। भ्रष्टाचार धर्म या जाति में अंतर नहीं करता है।'
दिल्ली में मंगलवार से होने जा रहे अनशन में शामिल होने वाले समर्थकों से टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा है कि रामलीला मैदान में मौसम के चलते अनशन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ही होगा। प्रशांत का कहना है कि वे नहीं चाहते हैं कि समर्थक बीमार पड़ें।
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस अन्ना पर तीखे हमले करने के अलावा उनको मनाने की भी कोशिश कर रही है। कांग्रेस के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा है कि अन्ना को मंगलवार से अनशन नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि अन्ना हजारे को संसद के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
अन्ना हजारे मंगलवार को मुंबई में शुरू हो रहे अनशन के लिए अपने गांव रालेगण सिद्धि से मुंबई के रास्ते पर हैं। वे लोनावला पहुंच चुके हैं, जो मुंबई से ११२ किलोमीटर दूर है। रालेगण से कार में रवाना हुए अन्ना रास्ते में सबसे पहले आलंदी में रुके। अन्ना ने यहां संत ज्ञानेश्वर के दर्शन किए। आलंदी में अन्ना को सम्मानित भी किया गया।
मुंबई रवाना होने से पहले अपने गांव में अन्ना ने एक बार फिर ऐलान किया कि अनशन के बाद वह दिल्ली जाकर सोनिया गांधी के घर के बाहर धरना देंगे। उन्होंने इस बात की आशंका भी जताई कि अनशन के दौरान सरकार उनके साथ भी वैसा बर्ताव कर सकती है जैसा रामलीला मैदान में रामदेव के साथ किया गया था।
अन्ना ने कहा कि उनका स्वास्थ्य अब ठीक है। इससे पहले तबीयत थोड़ी खराब थी लेकिन अब वह अनशन पर बैठने के लिए पूरी तरह फिट हैं। अन्ना ने कहा, 'मैं हर दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को याद करता हूं इसलिए मुझे मौत का डर नहीं है। यदि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते हुए मर गया तो यह मेरी खुशकिस्मती होगी। लड़ते रहेंगे, जब तक शरीर में जान है तब तक लड़ते रहेंगे।’ 27 से 29 दिसंबर को मुंबई में अन्ना का अनशन होगा। 30 दिसंबर को सोनिया गांधी के घर के बाहर अनशन होगा।
अन्ना ने चेतावनी दी है कि वो सरकार को उसी की भाषा में जवाब देंगे। अन्ना ने मजबूत लोकपाल कानून लाने को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने टीम अन्ना को सतर्क रहने की सलाह भी दी है। उन्होंने कहा, 'मेरा विरोध प्रदर्शन किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं है। सरकार खुद ही अपने वायदे से मुकरी है। मैं हर किसी खासकर युवाओं से अनुरोध करता हूं कि चाहे कुछ भी हो जाए, अहिंसा का रास्ता नहीं छोड़ना है।’
अन्ना हजारे के अनशन से ठीक एक दिन पहले अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया मुंबई में उलेमा काउंसिल के प्रतिनिधियों से मिले और अनशन के लिए समर्थन मांगा। केजरीवाल ने कहा, 'अन्ना हजारे ने दलितों और मुसलमानों के लिए काम किया है। वह दलित विरोधी या मुस्लिम विरोधी नहीं हैं।'
अन्ना को मुंबई नगर निगम के पूर्व डिप्टी कमिश्नर खैरनार और रविवार को केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा द्वारा भगोड़ा बताए जाने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'अगर अन्ना भगोड़ा होते तो उनका कोर्ट मार्शल हुआ होता। इन आरोपों की जांच होनी चाहिए।' भ्रष्टाचार को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए केजरीवाल ने कहा, 'लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। वे अनशन के लिए आगे आएं। देश में सबसे बड़ा आतंक भ्रष्टाचार है।'
केजरीवाल ने अन्ना की सेहत से जुड़े सवालों पर कहा, 'अन्ना की सेहत बहुत अच्छी नहीं रहती है तो हम उन्हें अनशन से रोकने की कोशिश करेंगे। केजरीवाल ने यह भी बताया कि अन्ना आज रात 9 बजे तक मुंबई पहुंच जाएंगे। जो भी फैसला लेना होगा, वह अन्ना खुद लेंगे।' वहीं, लोकपाल कानून में आरक्षण के सवाल पर केजरीवाल ने कहा, 'हम सब भाइयों की तरह भ्रष्टाचार से लड़ेंगे। भ्रष्टाचार धर्म या जाति में अंतर नहीं करता है।'
दिल्ली में मंगलवार से होने जा रहे अनशन में शामिल होने वाले समर्थकों से टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा है कि रामलीला मैदान में मौसम के चलते अनशन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ही होगा। प्रशांत का कहना है कि वे नहीं चाहते हैं कि समर्थक बीमार पड़ें।
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस अन्ना पर तीखे हमले करने के अलावा उनको मनाने की भी कोशिश कर रही है। कांग्रेस के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा है कि अन्ना को मंगलवार से अनशन नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि अन्ना हजारे को संसद के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
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