लोकपाल बिल पास, संवैधानिक दर्जा नहीं
लोकपाल बिल पास,
संवैधानिक दर्जा नहीं दिला पाई सरकार
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सरकार ने लोकसभा में
लोकपाल बिल पास कराया
27 Dec 2011, 2348 hrs
नई दिल्ली।। सरकार ने लोकसभा में लोकपाल बिल पास करवा लिया है। लेफ्ट, बीएसपी और एसपी के सांसदों के वॉकआउट के बाद सरकार का लोकपाल बिल पास कराना तय माना जा रहा था। अब बुधवार को राज्यसभा में लोकपाल बिल पेश किया जाएगा। सरकार के लिए राज्य सभा से इस बिल को पास करवा पाना इतना आसान नहीं माना जा रहा है।
लोकसभा में पास करवाने के बावजूद सरकार लोकपाल को संवैधानिक दर्जा नहीं दिला पाई है। संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए कुल सांसदों के कम से कम 50 फीसदी और उपस्थित सांसदों के 2 / 3 बहुमत की जरूरत थी। संवैधानिक दर्जे पर सरकार 2 / 3 वोट नहीं जुटा पाई। हालांकि पहले कहा गया कि संवैधानिक दर्जा मिल गया है लेकिन इस तरफ सरकार की हार के बारे में सुषमा स्वराज ने ध्यान दिलाया। बाद में प्रणब मुखर्जी ने इसे लोकतंत्र के लिए दुखद बताते हुए कहा कि उनके पास बहुमत नहीं था। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने की बात उठाई थी।
संविधान संशोधन पर 394 सांसदों ने वोट दिया। 321 सांसदों ने संशोधन के पक्ष में , जबकि 71 ने विरोध में वोट दिया। दो सांसद 2 गैरहाजिर रहे। दिन भर की बहस के बाद सरकार ने 10 संशोधन प्रस्ताव पास किए जिसमें विपक्ष के सारे प्रस्ताव गिर गए|
चैनल टाइम्स नाउ के मुताबिक लोकपाल बिल में सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं...
1-कॉर्पोरेट , मीडिया संबंधी लेफ्ट का संशोधन गिरा।
2-पीएम पर केस चलाने के लिए अब लोकपाल बेंच का 2/3 बहुमत काफी होगा। इस पर बीजेपी की मांग मानी गई।
3-लोकपाल के दायरे से सेना बाहर।
4-लोकपाल की नियुक्ति के लिए पैनल में अब राज्यसभा में विपक्ष का नेता शामिल होगा।
5-अल्पसंख्यक आरक्षण पर बीजेपी की मांग ठुकराई। अल्पसंख्यकों को आरक्षण जैसा का तैसा।
बीच बहस में मनमोहन बोले...
इससे पहले सुषमा स्वराज, मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, कपिल सिब्बल आदि प्रमुख नेताओं की ' गर्मागर्म ' बहस के बाद शाम को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बिल पर बयान दिया। मनमोहन सिंह ने बिल पर विपक्ष की तमाम आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार अपने वायदे के मुताबिक मजबूत लोकपाल बिल लेकर आई है। उन्होंने सभी पार्टियों से लोकपाल बिल को पास कराने के लिए सहयोग मांगा।
मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार का लोकपाल बिल संसद की भावना के अनुरूप है और कानून बनाने का अधिकार केवल संसद के पास है। बाकी लोग केवल अपनी राय दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिल को तैयार करने में हर वर्ग की राय ली गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का मानना है कि सीबीआई को लोकपाल के तहत काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती , क्योंकि यह संविधान के दायरे से बाहर होगा। उन्होंने कहा कि देश की हर इकाई को संविधान के तहत ही काम करना होगा और उसे संसद के प्रति अपनी जवाबदेही रखनी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार राज्यों के स्तर पर है और बिना लोकायुक्त के भ्रष्टाचार देश से पूरी तरह खत्म नहीं होगा।
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बहस की शुरुआत में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने अपनी पार्टी का पक्ष रखा। बीजेपी ने कहा कि यह बिल खामियों से भरा है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बिल को स्टैंडिंग कमिटी को फिर से वापस भेजे और दो-तीन महीने बाद इसे दोबारा पेश किया जाए। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर लोकपाल बिल पास नहीं हुआ, तो देश बीजेपी को माफ नहीं करेगा। बिल के लटकने पर बीजेपी ही विलन बनेगी। इससे पहले सुबह केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने बहस के लिए लोकपाल बिल सदन के पटल पर रखते हुए सरकार का पक्ष रखा।
बिल पर बीजेपी के संशोधन माने सरकार
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और जेडीयू नेता शरद यादव ने सरकार के लोकपाल बिल को ' कमजोर ' बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को बीजेपी के संशोधनों को मान लेना चाहिए। मुलायम सिंह यादव ने कपिल सिब्बल के बयान की ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकार को विपक्ष की आलोचनाओं पर नाराज होने के बजाय उचित राय मान लेनी चाहिए। मुलायम ने सरकार पर बिल का मसौदा अपने मनमाफिक बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई के संबंध में जो संशोधन लाया गया है सरकार को उसे मान लेना चाहिए, अन्यथा जांच एजेंसी जैसे ही आरोप लोकपाल पर लगने लगेंगे। इसके अलावा विपक्ष के अच्छे सुझावों को मान लेना चाहिए।
नीचे पढ़ें, लोकसभा में लोकपाल बिल पर बहस के दौरान किसने क्या कहा और क्या रहा पार्टियों का स्टैंड।
यशवंत सिन्हा, बीजेपी
बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि सरकार ने लोकपाल बिल में जानबूझकर कर ऐसी चीजें रखी हैं जिससे यह संसद में लटक जाए या फिर बाद में कानूनी अड़चन आ जाए। उन्होंने कहा कि विवाद बढ़ाने के लिए लोकपाल बिल के ड्राफ्ट में अल्पसंख्यक आरक्षण जानबूझ कर डाला गया है।
लालू प्रसाद यादव, आरजेडी
पार्टी का स्टैंडः बिल का विरोध
लालू ने लोकपाल बिल का विरोध किया है। उन्होंने सीबीआई को लोकपाल के तहत लाने पर सख्त आपत्ति जताई। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा , ' द्रौपदी के पांच पति थे , सीबीआई के नौ पति होने जा रहे हैं। ' उन्होंने कहा कि इससे पूरा तंत्र अस्त-व्यस्त हो जाएगा। उन्होंने लोकपाल बिल की धाराओं को खतरनाक बताया। लालू ने कहा कि पूर्व सांसद को सात साल के बाद लोकपाल के दायरे में लाने की धाराएं बेहद खतरनाक है। उन्होंने अपने भाषण में अन्ना हजारे , अरविंद केजरीवाल और किरन बेदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें आंदोलन के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश नजर आ रही है।
तृणमूल कांग्रेस
पार्टी का स्टैंडः राज्यों के अधिकार में दखल, बिल का विरोध
लोकपाल बिल पर सरकार को विपक्ष ही नहीं अपने सहयोगी दलों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बिल पर बहस के दौरान तृणमूल कांग्रेस ने सरकार के मौजूदा लोकपाल बिल का विरोध किया। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि राज्य की शक्तियों को कम करने वाले बिल के ड्राफ्ट का वह विरोध करते हैं।
अनंत गीते, शिवसेना सांसद
पार्टी का स्टैंडः लोकपाल बिल संविधान के खिलाफ, सरकार वापस ले
शिवसेना ने संसद में पेश लोकपाल बिल का विरोध किया है। शिवसेना नेता अनंत गीते ने बिल पर बहस के दौरान कहा कि लोकतंत्र के चारों स्तंभ अभी सुरक्षित हैं, ऐसे में लोकतंत्र के पांचवें स्तंभ (लोकपाल) की जरूरत नहीं है। उन्होंने लोकपाल के दायरे में पीएम को लाने और लोकसभा के स्पीकर को लोकपाल के प्रति जवाबदेह बनाने पर सख्त ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा लोकपाल बिल को वापस ले और स्टैंडिंग कमिटी में भेजे।
सुषमा स्वराज , बीजेपी
पार्टी का स्टैंडः सरकार बिल में संशोधन करे
नेता विपक्ष और बीजेपी लीडर सुषमा स्वराज ने कहा कि यह सरकारी लोकपाल बिल भारतीय संविधान के मुताबिक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार बिल को लेकर कन्फ्यूज है। उन्होंने कहा कि यह कानून अनुच्छेद 253 के तहत लाया गया है , जो देश के संघीय ढांचे पर चोट है। सुषमा ने कहा कि अगर यह बिल इसी स्वरूप में पास हो गया तो राज्यों के अधिकार में दखल होगा। उन्होंने कहा सरकार राज्यों पर लोकायुक्त थोप रही है। सुषमा स्वराज ने कहा हमें इसमें आरक्षण पर भी ऐतराज है।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी लोकपाल में 50 फीसदी आरक्षण के खिलाफ है। उन्होंने कहा सांविधानिक संस्थाओं में देश में आरक्षण की व्यवस्था लागू नहीं है। उन्होंने कहा की लोकपाल में 5 से अधिक सदस्यों पर आरक्षण के हम खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। अल्पसंख्यक आरक्षण से देश बंट जाएगा। इतिहास बताता है कि बिना आरक्षण के भी हमारें यहां अल्पसंख्यकों उच्च पदों पर पहुंचे हैं। पीएम मनमोहन सिंह भी अल्पसंख्यक ही है।
लालू पर ली चुटकी : सुषमा स्वराज ने अपने संबोधन के दौरान लालू यादव पर चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार ने 4.5 फीसदी आरक्षण के मुद्दे पर उन्हें मूर्ख बनाया है।
सीबीआई के चार बॉस होंगे : सुषमा ने कहा कि सीबीआई को सरकारी नियंत्रण से मुक्त तो किया नहीं गया, पर उस पर अब लोकपाल का शिकंजा भी डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब सीबीआई के चार बॉस हो जाएंगे।
पीएम पर निशाना : उन्होंने कहा कि पीएम के खिलाफ कार्यवाही गुप्त रखने का नियम क्यों बनाया गया है ? उन्होंने कहा कि पीएम को लोकपाल के दायरे में लाने के बाद सरकार इतनी बंदिशें क्यों चाहती है ?
सुषमा ने कहा कि सरकार का लोकपाल बिल विकृति के साथ-साथ विसंगतियों से भी भरा है। उन्होंने कहा कि इसमें सेक्शन 24 के तहत प्रावधान है कि सांसदों के खिलाफ चार्जशीट दायर भर होने से लोकपाल पीठासीन अधिकारी (लोकसभा स्पीकर/ राज्यसभा सभापति) से कार्रवाई करने को कह सकता है। सुषमा ने कहा कि पीठासीन अधिकारी को लोकपाल को ऐक्शन टेकन रिपोर्ट लोकपाल को भेजना होगा। विपक्ष की नेता ने कहा कि इस देश में संसद सर्वोच्च है और सदन के भीतर जिस पीठासीनधिकारी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट तक में चुनौती नहीं दी जा सकती , उसे लोकपाल के प्रति जवाबदेह होना होगा
लालू यादव , नेता , आरजेडी
पार्टी का स्टैंडः बिल खतरनाक है
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी बिल को वापस लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि या तो हमारे सुझाए संशोधन माने जाएं या फिर इसे वापस लिया जाए।
कपिल सिब्बल, कांग्रेस
पार्टी का स्टैंडः सरकार का लोकपाल बिल मजबूत
कपिल सिब्बल ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि अगर बिल पास नहीं होता है, तो देश बीजेपी को माफ नहीं करेगा। उन्होने कहा कि बीजेपी चाहती है कि बिल कभी पास ही न हो। उन्होंने कहा कि जब पहले लोकायुक्त पर आम सहमति बनी थी, तो अब क्यों विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में नहीं राज्यों में करप्शन अधिक है। केंद्र सरकार की सेवाओं में तो व्यापक सुधार हुआ है।
सुषमा के वार का सरकार की ओर से जवाब देते हुए टेलिकॉम मिनिस्टर कपिल सिब्बल ने कहा कि विपक्ष साजिश के तहत अनुच्छेद- 252 के तहत बिल लाने की मांग इसलिए कर रहा है ताकि राज्यों में लोकायुक्त न बनाना पड़े। उन्होंने कहा कि असली विपक्ष राज्यों सरकार की सेवाओं में है। सिब्बल ने कहा कि बिना घूस के लोगों को राशन नहीं मिलता , अस्पतालों में बेड नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि 9 साल से गुजरात में लोकायुक्त क्यों नहीं है। कपिल सिब्बल ने कहा कि लोकपाल में धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी नहीं चाहती कि इस देश के 16 करोड़ अल्पसंख्यकों में से कोई लोकपाल समिति में शामिल हो।
उन्होंने कहा कि बीजेपी केंद्र में तो करप्शन के खिलाफ है, पर राज्यों में करप्शन उसे दिखाई नहीं देता।
मुलायम सिंह यादव, नेता, समाजवादी पार्टी
पार्टी का स्टैंडः बिल में कई खामियां, विरोध किया
एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कहा कि इस बिल से करप्शन खत्म नहीं होगा। सरकारी बिल में कमी है। एसपी पीएम को लोकपाल के दायरे में लाने के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हम अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने के पक्ष में है। सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाने के खिलाफ है हमारी पार्टी। उन्होंन कहा कि लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया सरकार ने अपनी मन मुताबिक बनाई है। सीबीआई की ही तरह लोकपाल पर भी पक्षपात के आरोप लगेंगे।
दारा सिंह चौहान , बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी)
पार्टी का स्टैंडः सीबीआई लोकपाल के दायरे में हो
बीएसपी ने कहा कि चुनावी चश्मे से लोकपाल बिल को नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकपाल में अल्पसंख्यक आरक्षण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीएसपी लोकपाल के दायरे में पीएम और सीबीआई को लाने के पक्ष में है।
शरद यादव, नेता, जेडीयू
पार्टी का स्टैंडः लोकपाल बिल का विरोध
लोकपाल बिल पर जेडीयू नेता शरद यादव ने कहा कि लोकायुक्त पर राज्य के अधिकार में दखल दे रही हैं सरकार।
टी . के . एस . इलनगोवन , डीएमके
पार्टी का स्टैंडः बिल राज्यों की ताकत कम करता है
डीएमके के टी . के . एस . इलनगोवन ने कहा , ' लोकायुक्त के गठन का विषय राज्यों का है। राज्यों को प्रदान किए गए अधिकारों को संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। '
बासुदेव आचार्य , सीपीएम
पार्टी का स्टैंडः और मजूबत हो लोकपाल बिल
सीपीएम के बासुदेव आचार्य ने कहा , ' भ्रष्टाचार आज देश के सामने सबसे गंभीर और विकट समस्या है। इस संदर्भ में एक सशक्त लोकपाल का गठन किया जाना चाहिए और राज्यों के अधिकारों को संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए , क्योंकि लोकायुक्त के गठन का प्रस्ताव संघीय ढांचे पर प्रहार है। ' उन्होंने कहा कि लोकपाल की अपनी जांच एजेंसी होनी चाहिए अन्यथा यह बेअसर हो जाएगा। सरकार को इस बारे में खुले मन से विचार करना चाहिए। आचार्य ने कहा कि 1991 में देश में आर्थिक सुधार लागू किए जाने के बाद भ्रष्टाचार में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। इसको ध्यान में रखते हुए कॉर्पोरेट घरानों को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए। इसके साथ ही सीबीआई को सरकारी प्रभाव से मुक्त बनाए जाने की जरूरत है।
भृतुहरि माहताब , बीजेडी
पार्टी का स्टैंडः राज्यों के अधिकार में दखल देता है लोकपाल
बीजेडी के भृतुहरि माहताब ने कहा कि इस बिल में लोकपाल कितना मजबूत है , यह सवालों के घेरे में है। यह बिल करप्शन को मिटाने की इच्छा रखने वाले सभी लोगों की उम्मीदों से परे है। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त का विषय राज्यों का अधिकार है , लेकिन इस संबंध में विधेयक में जो प्रावधान किया गया है वह राज्यों की स्वायत्ता पर चोट करता है। हालांकि ओडि़शा सरकार तीन महीने के भीतर राज्य में सशक्त लोकायुक्त के गठन की प्रतिबद्धता व्यक्त करती है।
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लोकसभा में बहस की झलकियां
रात्रि करीब 12:00 बजे: लोकसभा बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित।
रात्रि 11:40 बजे: प्रणब मुखर्जी बोले आज का दिन लोकतंत्र के लिए दुखद।
रात्रि 11:30 बजे: संवैधानिक दर्जा देने का गिरा।
रात्रि 10:45 बजे: लेफ्ट और बीजेडी ने भी वॉकआउट किया।
रात्रि 10:40 बजे: लोकसभा में लोकपाल बिल पास।
रात्रि 10:20 बजे: विपक्ष के प्रस्ताव गिरे।
रात्रि 10:00 बजे: बीएसपी-सपा का सदन से वॉकआउट।
रात्रि 9:50 बजे: विपक्ष के भारी विरोध के बीच लोकपाल पर मतदान शुरू किया गया।
रात्रि 8:30 बजे: लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा को संबोधित किया।
शाम 6:20 बजे: भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि कजोर लोकपाल बिल को वापस किया जाना चाहिए।
शाम 6:00 बजेः लालू यादव ने कहा कि अन्ना के स्वास्थ्य की हमें चिंता हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को लोकपाल बिल वापस लेना चाहिए। इसमें संशोधन होना जरूरी है। बिल को दोबारा स्थायी समिति में भेजा जाना चाहिए।
शाम 4:41 बजे: लोकपाल बिल के मुद्दे पर संसद में प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकपाल बिल जनता को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएगा।
शाम 4:25 बजे- लोकसभा में बहस में शामिल होते हुए शिव सेना के नेता अनंत गंगाराम गीते ने कहा कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। गीते ने कहा कि शिवसेना लोकपाल बिल के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि क्या देश में कोई ईमानदार नेता नहीं बचा है?
शाम 4:00-दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के सहयोगी शांति भूषण ने कहा कि सीबीआई को सरकार के नियंत्रण से स्वतंत्र करने का तरीका उसे लोकपाल के तहत लाना ही है।
दोपहर 3:00-अन्ना हजारे ने कहा कि हमारा देश त्याग करने वालों का देश है।
दोपहर 2:56- जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार देश में एक बड़ी बीमारी है। लोकायुक्त पर राज्य के अधिकार में सरकार दखल दे रही है। लेकिन जनता सब समझती है। यादव ने कहा कि ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारी लोकपाल के दायरे में आने चाहिए।
दोपहर 2:45- बसपा का कहना है कि लोकपाल बिल को चुनावी चश्मे से न देखा जाए। लोकपाल में अल्पसंख्यक आरक्षण होना चाहिए। बसपा सीबीआई और प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखना चाहती है।
दोपहर 2:24-मुलायम सिंह ने कहा सरकार का लोकपाल बिल कमजोर है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी मर्जी का लोकपाल बिल बनाया है। बिल ने जनता को निराश किया। बिल में बड़ी खामियां हैं।
दोपहर 1:30- सिब्बल ने कहा, चुनाव में फायदे के लिए लोकपाल बिल का विरोध कर रही है भाजपा।
दोपहर 1:00- सिब्बल बोले असली भ्रष्टाचार राज्य सरकारों की सेवाओं में।
दोपहर 12:52- कपिल सिब्बल ने कहा, बिल वापस लिया तो देश माफ नहीं करेगा।
दोपहर 12:45 लालू यादव ने भी लोकपाल बिल को वापस लेने की मांग की।
दोपहर 12:44 सरकार लोकपाल बिल को वापस लेः सुषमा स्वराज
दोपहर 12:35 अन्ना हजारे अनशन स्थल मरदा मैदान पहुंचे।
दोपहर 12:02 : सुषमा स्वराज ने लोकपाल समिति में आरक्षण के प्रावधानों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं में तो आरक्षण का सवाल ही पैदा नहीं होता। सुषमा ने कहा कि धर्म आधारित आरक्षण के प्रस्ताव संविधान सम्मत नहीं हैं।
सुबह 11:48-विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने अपनी पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार जो बिल लेकर आई है उसमें बहुत खामियां है। बिल ने हम सभी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। उन्होंने कहा कि यह बिल संधीय ढांचे पर प्रहार करता है।
सुबह 11:40-नारायणसामी ने बहस के दौरान कहा कि सरकार मजबूत लोकपाल चाहती है। उन्होंने लोकपाल बिल के खास प्रावधानों का जिक्र किय। जिनमें लोकपाल समिति में एससी-एसटी, पिछड़े, महिला और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए आरक्षण शामिल हैं।
सुबह 11:25-लोकपाल पर बहस के दौरान विपक्ष का हंगामा।
सुबह 11:20-लोकपाल पर लोकसभा में बहस शुरू।
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