जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियां करती है बसेरा : ahan Daal Daal Par Sone Ki



. . हम ऐसे देश के वासी है,जिस देश से ज्ञान का दीपक दुसरे देशों में फैला. विश्व गुरु भारत ज्ञान-विज्ञानं में दुनिया में अव्वल रहा है. शांति और अहिंसा का पाठ विश्व को हमने सिखाया है. कही हम खुद इस शांति और अहिंसा को भूल तो नहीं गए है.हमारी सभ्यता, संस्कृति का मुकाबला करने का साहस किसी में नहीं था. खोये हुए गौरव के लिए हमने कोई दीप जलाया की नहीं इस पर भी मंथन करने का समय है.

जहाँ डाल डाल पर सोने 

- Jahan Daal Daal Par Sone Ki (Md.Rafi)

Movie : सिकंदर-ए-आज़म (1965)

Music By: हंसराज बहल

Lyrics By: राजिंदर कृषण

Performed By: मो.रफ़ी


जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियां करती है बसेरा

वो भारत देश है मेरा

जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा

वो भारत देश है मेरा

(जय भारती...)

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ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला (हरी ॐ)

जहाँ हर बालक इक मोहन है और राधा इक-इक बाला

जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा

वो भारत देश है मेरा...

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जहाँ गंगा, जमुना, कृष्ण और कावेरी बहती जाए

जहाँ उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम को अमृत पिलवाये

ये अमृत पिलवाये

कहीं ये फल और फूल उगाये, केसर कहीं बिखेरा

वो भारत देश है मेरा...

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अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले

कहीं दीवाली की जगमग है, होली के कहीं मेले

जहाँ राग-रंग और हँसी-खुशी का चारों ओर है घेरा

वो भारत देश है मेरा...

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जहाँ आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले

किसी नगर मे किसी द्वार पर कोई न ताला डाले

और प्रेम की बंसी जहाँ बजाता आये शाम सवेरा

वो भारत देश है मेरा...

फिल्म – सिकन्दर-ए-आज़म ….. गायक – मोहम्मद रफी

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