भंवरी की हत्या,जालोड़ा में उसे जलाया,कई भंवारियां
सीबीआई का भंवरी मामला सुलझाने का दावा
Jan 04-2012
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जयपुर [जागरण संवाददाता]।
बहुचर्चित नर्स भंवरी देवी मामले को सीबीआइ ने सुलझा लेने का दावा किया है। जांच एजेंसी ने बताया कि भंवरी की हत्या की साजिश राजस्थान के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई ने रची थी। भंवरी इन दोनों को ब्लैकमेल करने के साथ ही अश्लील सीडी सार्वजनिक करने की धमका दे रही थी। इस मामले में अहम आरोपी कैलाश जाखड़ को सीबीआइ ने मंगलवार देर रात जोधपुर से गिरफ्तार कर किया। उसकी निशानदेही पर एक अन्य आरोपी विशनाराम को बुधवार को पुणे में गिरफ्तार किया गया। कैलाश ने कुबूल किया कि उसने पहले भंवरी की हत्या की। फिर जालोड़ा गांव के नहरी क्षेत्र में उसे जला दिया।
यह वही क्षेत्र है, जहां चार दिन पहले सीबीआइ ने रिमोट संचालित मिनी हेलीकॉप्टर से तस्वीरें ली थीं। अब जांच एजेंसी कैलाश को साथ लेकर भंवरी के अवशेष ढूंढने के लिए जालोड़ा पहुंच गई है। विशनाराम के भाई ओमप्रकाश को सीबीआइ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उसकी रिमांड अवधि 9 जनवरी तक बढ़ा दी गई है। जोधपुर सर्किट हाउस में पूर्व मंत्री मदेरणा, मलखान सिंह और अन्य दो आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने अपना अपराध कबूला। सूत्रों के मुताबिक, भंवरी के पति अमरचंद को उसकी अपहरण की जानकारी पहले से ही थी। मलखान ने अमरचंद से यह सुनिश्चित करने के कहा था कि भंवरी अकेले बिलाड़ा तक आए। इसके एवज में अमरचंद को 10 लाख रुपए दिए थे।
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अकेले भंवरी नहीं और भी हैं कईं
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अविनाश मिश्रा | लखनऊ, जनवरी 4, 2012
अकेली भंवरी देवी ही नहीं है जिसे सत्ता की चकाचौंध पाने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी हो. ऐसी कई महिलाएं हैं जो अपनी महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए शॉर्ट कट रास्ता अपनाती है. उनमें से ही एक हैं राजधानी लखनऊ की चर्चित युवा कवित्री मधुमिता शुक्ला जो की अपने कविता पाठ के जरिए सारे श्रोताओं को मत्र मुग्ध कर देती थी लेकिन एक कार्यक्रम तत्कालीन मंत्री रहे अमर मणि से मुलाकात व फिर अति निकटता उनकी जान पर बन पड़ी.
लखनऊ स्थित पेपर मिल कालोनी में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी. सीबीआई ने जांच में तत्कालीन मंत्री अमर मणि त्रिपाठी व उनकी पत्नी को मधुमिता की हत्या का दोषी माना और उन्हें सजा सुनायी. अमर मणि इस समय देहरादून जेल में सजा काट रहें हैं.
इसी प्रकार बुलन्दशहर की रहने वाली आर्ट कालेज की प्रवक्ता कविता चैधरी के साथ भी ऐसा ही हुआ. सत्ता की चकाचैंध से प्रभावित होकर तत्कालीन मंत्री किरनपाल सिंह, बाबूलाल चैधरी के सम्पर्क में आयी और तत्कालीन सिंचाई मंत्री मेराजुददीन के साथ अतरंग सीडी ने मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में कोहराम मचा दिया था. जिसके बाद मेराजुददीन को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. सत्ता के अति निकट रहने की ललक व अति महत्वकांक्षा के कारण उसकी हत्या करके उसकी लाश को नहर मे डाल दिया गया था. जिसका बहुत दिनो तक कोई पता नहीं चला था. सीबीआई ने इसकी चार्जशीट लगाये जाने के बाद कोर्ट ने दोषी व्यक्तियों को सजा सुनायी और राजनैतिक व्यक्तियों को क्लीन चिट दी. कविता की हत्या मे दोषी एक व्यक्ति की डासना जेल में रहस्य मय परिस्थियों में मौत हो चुकी है.
सत्ता की चकाचैध से जुडी एक घटना फैजाबाद की एक उच्च शिक्षित दलित लड़की शशी के साथ भी हुआ. सत्ता की नजदीकियों से उसे जान से हाथ धोना पड़ा. बसपा सरकार के तत्कालीन मंत्री आनन्द सेन यादव, से उसकी अतिनिकटता उसकी मौत का कारण बनी. सीबीआई ने जांच के बाद उसके तह तक पहुंची और आनन्द सेन उसका चालक और आरोपी व्यक्तियो के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की . कोर्ट ने आनन्दसेन उसके चालक और दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. फिलहाल दोषी व्यक्ति जेल में हैं. कई भंवारियां
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