भारतीय सिक्के कहाँ गए...महंगे ब्लेड बनाने में ?



- अरविन्द सिसोदिया 
जनता परेशान है की भारतीय सिक्के कहाँ गए... सिक्के कौन ले गया जी ...क्या इन्हें गायब करवानें में बैंकों की भी भूमिका हे ...कोई कहता है की महंगे ब्लेड बनाने में उनका उपयोग होता है , कोई कहता हे की इनकी मंहगी बिल्डिंग निर्माण के कम आने वाली शीटें बनाई जाती है , जो बहुत मंहगी बिकती हें ...,कुल मिला कर जरुरी है की सिक्के बच्चाये  जाएँ , जनता को उपलब्ध करवाएं ...कानून के तहत भारतीय सिक्का अधिनियम-1906, छोटे सिक्के (अपराध)अधिनियम-1971, धातु टोकन अधिनियम-1889 और कांस्य सिक्का (कानून निविदा) अधिनियम-1918 शामिल हैं। वित्त मंत्रालय की स्थायी संसदीय समिति ने सिक्का नष्ट करने वालों को 10 साल की कैद की सजा देने की मांग रखी थी लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सात साल के कैद को मंजूरी दी।
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 सिक्के बरामद 
1 छह क्विंटल भारतीय सिक्के बरामद | rashtriyaujala
rashtriyaujala.com/छह-क्विंटल-भारतीय-सिक्के.html12 मई 2011 – कोतवाली सूरजपुर पुलिस ने चेकिंग के दौरान कुलेसरा के पास एक बोलेरो में छह क्विंटल भारतीय सिक्के बरामद किए हैं। पुलिस ने दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है, इनके खिलाफ मामला दर्ज करके जेल भेज दिया गया है। 
2 चलाने से ज्यादा गलाना फायदेमंद - Coins ...
bollywood2.bhaskar.com › Madhya Pradesh13 अप्रैल 2011 – भारतीय सिक्कों को गला कर उससे निकली धातु को यह गिरोह ऊंचे दामों में बेच देता था। ... उसके पास से 60 किलो सिक्के,करीब डेढ़ किलो की पिघली धातु की सिल्ली और एक इलेक्ट्रिक तराजू बरामद किया ... कई टन सिक्के गलाने पर क्विंटल के हिसाब में धातु निकलती है। 
3 पकड़ी सिक्कों की तस्करी
www.dailynewsnetwork.in/news/jaipur/27082011/hj/42775.html27 अगस्त 2011 – ... स्थित कल्पना कार्गो के ऑफिस से 2 व 5 रूपए के सिक्कों से भरे 60 कट्टे बरामद किए, जिनका वजन करीब पौने चार क्विंटल है। ... सिक्कों की जांच व कानूनी कार्रवाही के लिए भारतीय रिर्जव बैंक के अधिकारियों को भी सूचित कर दिया गया है।
4 भोपाल. साढ़े आठ हजार रुपए के सिक्कों ...
www.bhaskar.com/dainikbhaskar2010/.../index.php?...in...भारतीय सिक्कों को गला कर उससे निकली धातु को यह गिरोह ऊंचे दामों में बेच देता था। ... उसके पास से 60 किलो सिक्के,करीब डेढ़ किलो की पिघली धातु की सिल्ली और एक इलेक्ट्रिक तराजू बरामद किया गया है। ... कई टन सिक्के गलाने पर क्विंटल के हिसाब में धातु निकलती है। 
5 12 दिसम्बर 2007 आईबीएन-7
http://hindi.in.com/showstory.php?id=95663 
नई दिल्‍ली। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के औद्योगिक क्षेत्र में सिक्कों को गलाने का गैरकानूनी काम चल रहा है। यहां सिक्कों को गलाकर निकिल की शीट बनाई जाती हैं। यह शीट बिल्डिंग निर्माण में उपयोग में लाई जाती है। निकिल के शीट रद्दी से भी बनाए जा सकते हैं, लेकिन सिक्के से बनाए गए शीट सस्ते और बढ़िया होते हैं। इन शीटों को बांग्‍लादेश भी भेजा जाता है।
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सिक्कों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
स्टार न्यूज़ संवाददाता
Saturday, 27 August 2011 
जयपुर: वि‍धायकपुरी थाना पुलि‍स ने भारी मात्रा में गलाने के लि‍ए चोरी छिपे ले जाए रहे दो और पांच रूपये के सि‍क्‍कों से भरीं 60 बोरियां बरामद की हैं. पुलि‍स के मुताबिक ये सि‍क्‍के ब्‍लेड बनाने के काम में लि‍ए जाते हैं. इनसे बने एक ब्‍लेड की कीमत बाजार में करीब सौ रूपये के लगभग है. पुलि‍स के अनुसार एक अज्ञात शख्स ने इस खेप को जयपुर से अहमदाबाद ले जाने के लि‍ए बुक कराया था. 
इन सि‍क्‍कों का वजन चार टन के लगभग है. पुलि‍स ने भारतीय मुद्रा की तस्‍करी का मामला अज्ञात लोगों के खि‍लाफ दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, साथ ही भारतीय रि‍जर्व बैंक के अधि‍कारि‍यों को भी इसकी सूचना दे दी गई है. 
दक्षि‍ण जयपुर के पुलि‍स उपायुक्‍त ने बताया कि फतेह सिंह मार्केट के पास बडी संख्‍या में सि‍क्‍के तस्‍करी करने की सूचना सामने आई तो इस पर तुरंत कार्रवाई की गई.इस मामले में खास बात ये है क़ि इन सिक्कों को गलाकर उनसे निकलने वाली निकिल नामक धातु से काफी बेहतरीन क्वालिटी के शेविंग ब्लेड बनते हैं. कई मल्टी नेशनल कम्पनी इस तरह से सिक्कों की खरीद करती हैं. एक अनुमान के अनुसार पांच रूपए के एक सिक्के से इस तरह के पांच ब्लेड बन जाते हैं. ऐसी एक ब्लेड, बाज़ार में पचास से सौ रूपए में आसानी से बिकती है. 
ये सारे सिक्के कानपुर से जयपुर लाये गए और इन्हें निजी कूरियर कम्पनी के जरिए अहमदाबाद भेजा जा रहा था. अब जयपुर पुलिस की जांच के दायरे में अहमदाबाद की ब्लेड बनाने वाली कुछ कम्पनी भी आ गई हैं. 

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