भंवरी देवी : सचमुच मौत की नींद सुला दिया
सत्ता की हवस और साफ सुथरा दिखनें,
जनता के सामने नीति परायण श्रीराम बनाने वाले
अनैतिक नेताओं का सच सामने आगया है..
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अब नहीं लौटेगी भंवरी देवी
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नई दिल्ली, 5 जनवरी 2012
चार महीने पहले मार दी गई भंवरी देवी अब सचमुच मर गई. राजस्थान की पूरी राजनीति में खलबली मचा देने वाली नर्स भंवरी देवी अब कभी लौट कर नहीं आएगी. क्योंकि उसक कत्ल हो चुका है और उसकी लाश को जंगल में जला दिया गया है.सीबीआई के मुताबिक भंवरी का कत्ल किसी और ने नहीं बल्कि राज्सथान के पूर्व ताकतवर और कद्दावर मंत्री महिपाल मदेरणा और मलखान सिंह के इशारे पर किया गया. गुमशुदगी के ठीक 126 दिन यानी करीब चार महीने बाद इस शक पर पुख्ता मुहर लग गई कि नर्स भंवरी देवी सचमुच मर चुकी है. भंवरी देवी का खून कर उसकी लाश को सैकड़ों मील फैले जंगल मे ठिकाने लगा दिया गया. राजस्थान पुलिस से जांच लेने के बाद और एक लंबी तफ्तीश पूरी कर सीबीआई उस जलौड़ा के जंगलों में जा घुसी जहां भंवरी की लाश को जला दिया गया. इस मामले के अहम आरोपी कैलाश जाखड़ को सीबीआई ने मंगलवार देर रात गिरफ्तार किया है. कैलाश नागौर रोड पर पुलिस की घेराबंदी में पकड़ा गया.
बताया जाता है कि कैलाश ने पूछताछ में कुबूल किया है कि उन्होने भंवरी की लाश को जालोड़ा के नहरी एरिया में जलाकर खत्म कर दिया है. यह वही इलाका है जहां चार दिन पहले सीबीआई ने रिमोट संचालित मिनी हेलीकॉप्टर से ज़मीन के अंदर की तस्वीरें उतारी थीं. एक सीडी जो अभी सामने भी नहीं आई और कोहराम मच गया. एक नर्स जिसने सिर्फ सीडी की बातें कीं और गायब हो गई. अब सीबीआई ने भंवरी मर्डर केस की आखिरी कड़ी भी जोड़ ली है और भंवरी की लाश को जंगल में जलाने वाले शातिर अपराधी को पुणे से गिरफ्तार कर लिया है. दावा ये भी है कि सीबीआई ने भंवरी की लाश के टुकडे भी ढूंढ निकाले हैं.
ये वो तारीख़ है जब सोहनलाल नें भंवरीदेवी को फोन पर इत्तेला दी कि सीडी के खरीदार मुंबई से बिलाड़ा आ चुके हैं. ये महिपाल मदेरणा और भंवरी की सीडी का सौदा हो रहा था. भंवरी को सोहनलाल नें इस बात का पूरा यकीन दिला दिया था कि उसे सीडी के बदले में साठ लाख रुपए दे दिए जाएंगे. लेकिन रुपए उसे तब ही मिलेंगे जब राजू भाई सीडी की असलियत परख लेगें.
बस बोरुदा से इसी रोज़ भंवरी बस से बिलाड़ा के लिए रवाना हो गई. बिलाड़ा में एक बुलेरो जीप में पहले से ही राजूभाई और उसका एक साथी मौजूद था. य़े राजूभाई कोई और नहीं बल्कि राजस्थान का खूंखार अपराधी शहाबुद्दीन था. जो राजू बनकर सीडी का सौदा करने आया था. भंवरी इस बात से बिल्कुल बेखबर थी कि वो अब सोहनलाल और शहाबुददीन के बुने जाल में फंस चुकी है. शहाबुद्दीन ने जीप के सीडी प्लेयर में सीडी लगाई और पूरी 52 मिनट की पूरी फिल्म जीप में ही देखी. इस दौरान जीप लगातार सड़क पर फर्राटे भरती रही.
जीप के पीछे सोहनलाल एक स्विफ्ट कार में चल रहा था. ताकि भंवरी को किसी भी तरह का शक ना हो. अब शाम हो चली थी. और भंवरी ने शहाबुद्दीन से कहा कि वो उसे पैसे देकर वापस छोड़ दे. लेकिन शहाबुद्दीन ने आनाकानी करना शुरु की तो भंवरी को शक हो गया और उसने जीप में ही शोर मचाना शुरु कर दिया.
भंवरी के शोरशराबे को देखकर सोहनलाल भी बुलेरो के अंदर आ गया और इन तीनों नें भंवरी को जीप की सीट के नीचे लिटा दिया. जीप के अंदर ही जूतों से रौंद कर भंवरी को मौत के घाट उतार दिया गया. इस साजिश के बीच की कड़ी था सहीराम. मलखान सिंह और महिपाल मदेरणा का खास गुर्गा सहीराम. जो जोधपुर के ज्याति नगर इलाके से कत्ल के इस प्लान को मॉनिटर कर रहा था. भंवरी के कत्ल के बाद उसने सोहन लाल को हुक्म दिया कि भंवरी की लाश जलौड़ा के अपराधी बिश्नाराम को लाश सौंप दे. लिहाजा सोहनलाल ने पिपाड़ इलाके में लाश बिश्नाराम बिश्नोई के हवाले कर दी.
अब बारी थी भंवरी की लाश को ठिकाने लगाने की लिहाजा बिश्नाराम लाश को जलौड़ जंगल में लुहावट नहरी पुलिया पर ले गया और लाश जला दी. दरअसल भंवरी के कत्ल पहली कड़ी मलखान सिंह है वो मलखान सिंह जिसकी एक बेटी की मां होने का दावा भंवरी देवी कर रही थी. जबकि कत्ल की दूसरी कड़ी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा हैं, वो नेता जिनकी आपत्तिजनक हालत में भंवरी ने सीडी तैयार की और सीडी के जरिए उन्हे ब्लैकमेल किया जा रहा था.
दोनों ही नाताओं की परेशानी का सबब भंवरी देवी थी लिहाजा भंवरी के कत्ल की साजिश तैयार की गई. साजिश में मलखान सिंह की बहन इंद्रा बिश्नोई को शामिल किया गया और फिलहाल फरार चल रही इंद्रा बिश्वनोई ने ही सहीराम की मदद से सोहनलाल के जरिए भंवरी को सीडी के सौदे के लिए बिलाड़ा बुलाया. बिलाड़ा से ही भंवरी का अपहरण कर उसे मौत की नींद सुला दिया गया.
अब इस केस में बिश्नाराम की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने सबूतों की आखिरी कड़ी भी जोड़ दी है. वैसे तो सीबीआई के पास सर्क्यूमिस्टेंशियल एविडेंस तो हैं ही. साथ ही उसके पास मदेरणा, मलखान सिंह, सहीराम, सोहनलाल और इंद्रा विश्नोई के कॉल डिटेल्स भी मौजूद हैं. कत्ल से पहले और कत्ल के बाद ये तीनों एक दूसरे के संपर्क में थे. सीबीआई के पास सबूत के तौर पर बुलेरो जीप में मिले भंवरी के बाल, उसका लाकेट और खून के निशान भी हैं जिनकी फोरेंसिक जांच की जा रही है.
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