आरूषी हत्याकाण्ड पर अदालत का फैसला सही

Aarushi murder case over the last Talwars couple


_ अरविन्द सिसोदिया 

आरूषी हत्याकाण्ड पर अदालत का फैसला सही
जिस तरह से बडी पहुच वाले तलवार दम्पती ने,बेटी आरूषी और एक नौकर की हत्या के मामले को साक्ष्य मिटवा कर समाप्त करने की कोशिश की थी,उसमें पहले ही दिन से तलवार दम्पती की भूमिका संदिग्ध और साक्ष्य मिटपाने पाली प्रमाणित होती ही रही है। जांच में बार बार स्टेंण्ड किसी छुपे दवाब का नतीजा था। ंअब जो अदालत ने निर्णय दिया वह सही है।
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तलवार दंपति पर आरुषि की हत्या का केस चलेगा
नई दिल्ली/अमर उजाला ब्यूरो।
Story Update : Saturday, January 07, 2012    6:06 ऍम
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नोएडा के चर्चित आरुषि हत्याकांड मामले में बेटी की हत्या करने के आरोप में दंत चिकित्सक राजेश और नूपुर तलवार पर अब आपराधिक मुकदमा चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तलवार दंपति को बड़ा झटका देते हुए दोनों पर मुकदमा चलाने को हरी झंडी दे दी। अदालत ने कहा कि हम खुद हैरानी महसूस कर रहे हैं कि इस मामले में किस स्तर पर मुकदमा चलाने पर रोक लगा दी गई थी।


जस्टिस ए. के. गांगुली और जस्टिस जे. एस. खेहर की पीठ ने 2008 के इस चर्चित हत्याकांड में आरुषि की मां नूपुर तलवार की याचिका को खारिज कर दिया। नुपुर ने पति और खुद के खिलाफ चलाई जाने वाली आपराधिक कार्रवाई को रद करने के लिए याचिका दायर की थी। पीठ ने कहा कि महज समन जारी किए जाने के खिलाफ आप सुप्रीम कोर्ट चले आए। ऐसा और किसी मामले में हुआ है। यह हत्या का मामला है। कोर्ट ने मामले का ब्योरा सुनने से इनकार करते हुए कहा कि आप क्या चाहते हैं कि हम तकिये का कवर और बेडशीट देखें। इसके लिए आप ट्रायल कोर्ट जाएं।


निचली अदालत मामले पर संज्ञान ले चुकी है और अब आप अदालत का समय बर्बाद कर रहे हैं। वहीं सीबीआई ने पीठ से कहा कि निचली अदालत ने कुछ पहलुओं पर गौर करके मामले पर संज्ञान लिया था। इसके बाद ही तलवार दंपति को समन जारी किए थे। वह जब अदालत में नहीं पेश हुए तब जमानती वारंट जारी किया गया।
पीठ ने कहा कि मजिस्ट्रेट के दंपति पर मुकदमा चलाने के आदेश में कुछ भी गलत नहीं है। 


निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए फैसला दिया है। इसलिए हम याचिका को खारिज करते हैं। पीठ ने यह स्पष्ट किया कि आज के आदेश से आरोपियों के खिलाफ चलाए जाने वाले मुकदमे में कोई पूर्वाग्रह नहीं पाला जाना चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राजेश तलवार की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने को कहा है जिसमें उनके जमानत लेने के बाद जारी हुए समन के चलते दोबारा जमानत लेने का मुद्दा शामिल है।


क्या है आरुषि प्रकरण
16 मई, 2008 को नोएडा के सेक्टर-25 स्थित जलवायु विहार केफ्लैट नंबर एल-32 में डॉ. राजेश तलावार की 14 वर्षीय बेटी आरुषि का शव उसके कमरे से बरामद किया गया। हत्या गले पर तेज धारदार चाकू से वार करके की गई थी। वारदात का शक घर से लापता नौकर हेमराज पर गया लेकिन अगले दिन 17 मई को उसी फ्लैट के छत से नौकर हेमराज की लाश मिली थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि आरुषि व हेमराज का कत्ल 15 मई को हुआ था। मामले की जांच पहले पुलिस ने और फिर सीबीआई ने की।


कब क्या हुआ
23 मई 2008 : पुलिस ने डॉ. राजेश तलवार को गिरफ्तार किया
31 मई 2008 : सीबीआई ने हत्याकांड की जांच अपने हाथ में ली
11 जुलाई 2008 : डॉ. तलवार को अदालत ने जमानत दी
5 अक्तूबर 2008 : आरुषि कांड की दोबारा जांच को सीबीआई ने टीम बनाई
29 दिसंबर, 2010 : सीबीआई ने हाथ खड़े किए, मर्डर मिस्ट्री बंद करने की रिपोर्ट लगाई कोर्ट में
3 जनवरी, 2011 : आधी-अधूरी क्लोजर रिपोर्ट पर अदालत ने सीबीआई को फटकार लगाई
7 जनवरी, 2011 : डॉ. तलवार के वकील ने कोर्ट से क्लोजर रिपोर्ट देने का आग्रह किया
9 फरवरी, 2011 : सीबीआई कोर्ट ने राजेश और नूपुर तलवार को 28 फरवरी को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया
21 फरवरी, 2011 : तलवार दंपत्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कोर्ट द्वारा उनको तलब किए जाने के आदेश को चुनौती दी
18 मार्च, 2011 : हाईकोर्ट ने तलवार दंपत्ति के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया
19 मार्च, 2011 : तलवार दंपत्ति सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई पर रोक लगाई दी


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