'न्यूजक्लिक' पर गंभीर खुलासा : चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी से संबंध
भारत को बदनाम करने की साजिश?
न्यूजक्लिक वेबसाइट ने चीन से पैसे लेकर चलाया एजेंडा ?
By Abhijat Shekhar
| Published: Sunday, July 18, 2021, 16:43 [IST]
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नई दिल्ली, जुलाई 18: प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा किया है कि वामपंथी न्यूज वेबसाइट 'न्यूजक्लिक' के खिलाफ जांच में उसके हाथ कई अहम सबूत मिले हैं। ईडी ने कहा है कि 'न्यूजक्लिक' वेबसाइट ने नियमों का उल्लंघन करते हुए 9.59 करोड़ रुपये का एफडीआई अवैध तरीके से हासिल किया है। ईडी ने जांच के आधार पर खुलासा करते हुए कहा है कि इस न्यूज पोर्टल 'न्यूजक्लिक' के प्रमोटर्स ने श्रीलंका-क्यूबा मूल के एक कारोबारी, जिसके तार चीन से जुड़े हुए हैं, के साथ करार किया था और नियमों के खिलाफ जाकर कई करोड़ रुपये फंडिंग जुटाए।
'न्यूजक्लिक' पर गंभीर खुलासा
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में चलने वाली कंपनी को एफडीआई हासिल करने के लिए उस कंपनी के सीईओ का भारतीय नागरिक होना जरूरी है, और कंपनी के सभी विदेश कर्मचारी, जो 60 दिनों की अवधि से ज्यादा काम कर रहे हैं, उनके लिए सिक्योरिटी क्लियरेंस लेना जरूरी होता है, लेकिन 'न्यूजक्लिक' ने इन नियमों का उल्लंघन किया है। ईडी सूत्रों के मुताबिक इस लेनदेन को कारोबारी नेविले रॉय सिंघम के द्वारा किया गया, जो श्रीलंका-क्यूबा मूल का है और उसका चीन से 'गहरा रिश्ता' है। कारोबारी नेविले रॉय सिंघम ने 'PPK Newsclick Studio Pvt Ltd' को फंड मुहैया कराया और इसके लिए 'डब्लयू डब्ल्यू एम' का रास्ता अख्तियार किया गया। भारत सरकार ने सितंबर 2019 में डिजिटल न्यूज सेवा में 26 प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी दी थी, लेकिन निवेश के लिए सरकारी द्वारा बनाए गये रास्ता होना जरूरी था।
चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी से संबंध
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक नेविले रॉय सिंघम का सीधे तौर पर चीन से संबंध है और वो कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चायना से रिश्ता रखता है। रिपोर्ट के मुताबिक, नेविले रॉय सिंघम ने 2018 से 2021 के बीच में 'न्यूजक्लिक' वेबसाइट को ये रुपये भेजे थे। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि नेविले रॉय सिंघम, चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के कहने पर प्रोपेगेंडा चलाने का काम करता है और 'भीमा-कोरागांव' हिंसा से भी इन न्यूज पोर्टल के तार जुड़े हुए हैं। आरोप हैं कि जो पैसा इस न्यूज पोर्टल को मुहैया कराया गया, उसका एक हिस्सा भीमा कोरेगांव में कुछ 'एक्टिविस्ट' तक भी पहुंचाया गया था। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी अधिकारियों ने कहा है कि अलग अलग मौके पर नेविले रॉय सिंघम ने 'PPK Newsclick Studio Pvt Ltd'को पैसे पहुंचाए। 2018 से 2021 के बीच में 'न्यूजक्लिक' वेबसाइट को 28 करोड़ 46 लाख रुपये नेविले रॉय सिंघम ने मुहैया कराए थे।
भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा ?
एएनआई को ईडी के सूत्रों ने बताया है कि न्यूजक्लिक वेबसाइट को जो फंड मिले हैं, वो काफी संदेहास्पद हैं, और उस फंड को मुहैया कराने वाला कारोबारी भी संदेहास्पद है और उसका सीधे तौर पर चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी से संबंध हैं। रिपोर्ट के मुताबित, ईडी के खुलासे के आधार पर और तमाम सबूतों को देखने के बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध साका ने न्यूजक्लिक वेबसाइट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। आपको बता दें कि इसी साल फरवरी महीने में न्यूजक्लिक वेबसाइट के दफ्तर पर ईडी ने छापेमारी की थी और फिर ईडी लगातार तफ्तीश कर रही थी। खुलासा हुआ है कि 'न्यूजक्लिक पोर्टल PPK Newsclick Studio Pvt Ltd ने 2018-2019 में एफडीआई के तहत M/s Worldwide Media Holding LLC USA से 9.59 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे।'
बीजेपी का आरोप
वहीं बीजेपी ने न्यूज वेबसाइट 'न्यूजक्लिक' पर देश के
खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है. संबित पात्रा ने आरोप लगाया है कि
'न्यूजक्लिक' नाम की वेबसाइट भारत को बदनाम करने का काम कर रही है.
संबित पात्रा
BJP ने 'न्यूज़ क्लिक' वेबसाइट पर देश के खिलाफ साजिश का लगाया आरोप, कहा- विदेशों से 30 करोड़ की फंडिंग हुई
News Click Website Controversy: संबित पात्रा ने आरोप लगाया है कि 'न्यूज क्लिक' नाम की वेबसाइट भारत को बदनाम करने का काम कर रही.
By: एबीपी न्यूज | Updated : 18 Jul 2021
News Click Website Controversy: बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक न्यूज वेबसाइट पर देश के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है. संबित पात्रा ने आरोप लगाया है कि 'न्यूज क्लिक' नाम की वेबसाइट भारत को बदनाम करने का काम कर रही है. पात्रा ने ये भी कहा कि न्यूज क्लिक को विदेशों से फंडिंग होती है. ये वेबसाइट इंटरनेशनल साजिश का हिस्सा है.
संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'पूरे विश्व में हमारी वैक्सीन नीति को लेकर सराहना की गई, वैक्सीन मैत्री को लेकर सराहना की गई. हमारे देश और हमारी वैक्सीन नीति को बदनाम किया जाए, यह कुचेष्टा कुछ लोगों ने, कुछ संस्थाओं ने और कुछ पोर्टल्स ने की है. ये विदेशी फंडिंग के माध्यम से हो रहा था.'
संबित पात्रा ने न्यूज क्लिक वेबसाइट पर विदेशों से 30 करोड़ रुपये की फंडिंग का आरोप लगाया है. पात्रा ने कहा, 'मीडिया की चादर ओढ़कर पोर्टल चलाने वाले कुछ एक्टिविस्ट हैं, जिनके साथ कुछ विदेशी ताकतें हैं और भारत के कुछ मेन स्ट्रीम के राजनेता भी हैं. इनका एक ग्रुप बना है. न्यूज क्लिक में बाहरी ताकतें फंड भेजती थीं. ये पीपीके नाम की कंपनी के अंतर्गत आती है. इन्होंने 9.59 करोड़ रुपये के एफडीआई को स्वीकार किया. इसमें मुख्य रूप से विदेश के 3 लोग शामिल थे. इसके अलावा करीब 30 करोड़ रुपये इन्होंने विदेशों की अलग-अलग एजेंसियों से प्राप्त किया.'
मीडिया की चादर ओढ़कर पोर्टल चलाने वाले कुछ एक्टिविस्ट, कुछ विदेशी ताकतों और कुछ राजनेताओं का मकसद है, देश में भ्रम, अराजकता फैलाना । कुछ लोगों और पोर्टल्स ने हमारी वैक्सीन नीति को बदनाम करने की कोशिश की । ये सब विदेशी फंडिंग के माध्यम से हो रहा था।
देश में एक ऐसा सरगना है, एक ऐसा गैंग है जो देश को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है। न्यूज क्लिक से संबंधित खबर में आपने पढ़ा होगा कि करोड़ों रुपये विदेशों से संदिग्ध रूप से हिंदुस्तान में आए हैं और उनका एक ही मकसद है, हिंदुस्तान की सरकार को फेल बताना।
विदेश से आए फंड का देश के खिलाफ इस्तेमाल, देश में एक गैंग हैं जो देश को नीचा दिखाना चाहता हैं
न्यूज़ क्लिक मीडिया हाउस नहीं, न्यूज़ पोर्टल को हवाला के ज़रिए मिला विदेशी फंड, कुछ लोग देश के ख़िलाफ़ साज़िश कर रहे हैं, बहुत बड़ी-बड़ी ताक़ते देश को कमज़ोर करने में लगी: संबित पात्रा
देश में भ्रम फैलाने, मोदी जी को गाली देने, दूसरे देशों का प्रॉपगेंडा करने, सरकार को नीचा दिखाने और देश विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए एक प्राइस टैग है, देशद्रोही शक्तियाँ कितनी भी साज़िश करें जीतेगा तो भारत ही: संबित पात्रा
न्यूज क्लिक में बाहरी ताकतें फंड भेजती थीं। ये पीपीके नाम की कंपनी के अंतर्गत आती है।
इन्होंने 9.59 करोड़ रुपये के एफडीआई को स्वीकार किया। इसमें मुख्य रूप से विदेश के 3 लोग सम्मिलित थे।
इसके अलावा करीब 30 करोड़ रुपये इन्होंने विदेशों की अलग-अलग एजेंसियों से प्राप्त किया।
न्यूज क्लिक से संबंधित एक खबर में आपने पढ़ा होगा कि करोड़ों रुपये विदेशों से संदिग्ध रूप से हिंदुस्तान में आए हैं, और उसका एक ही मकसद है कि हिंदुस्तान की सरकार को फेल बताना और विदेश की कुछ ताकतों का एजेंडा चलाना।
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न्यूज लिंक फंडिंग
न्यूज़ वेबसाइट की फंडिंग की ईडी जांच में FDI नीति का उल्लंघन, चीन कनेक्शन आया सामने
सरकार ने सितंबर 2019 में डिजिटल न्यूज़ में सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत 26 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) कैप की घोषणा की थी. अधिक इक्विटी वाले लोगों को इसे नीचे लाने की आवश्यकता थी.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated : 18 Jul 2021
नई दिल्ली: मीडिया पोर्टल न्यूज़क्लिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच में कहा गया है कि कंपनी ने कथित तौर पर समाचार मीडिया आउटलेट्स के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मानदंडों के उल्लंघन किया है और कृत्रिम रूप से बढ़ी हुई कीमतों पर एफडीआई में 9.59 करोड़ रुपये तक की धनराशि की लॉन्ड्रिंग की.
ईडी ने कहा कि यह भी आवश्यक है कि कंपनी के सीईओ को भारतीय नागरिक होना चाहिए और 60 दिनों से अधिक समय तक काम करने वाले सभी विदेशी कर्मचारियों को सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता होगी. जांच एजेंसी के सूत्रों ने नेविल रॉय सिंघम के साथ वित्तीय लेन-देन की ओर इशारा किया, जो एक विदेशी नागरिक है और चीन में स्थित है. साथ ही डब्ल्यूडब्ल्यूएम के माध्यम से पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट में धन का संचार करता है.
26 फीसदी एफडीआई
वहीं सरकार ने सितंबर 2019 में डिजिटल न्यूज़ में सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत 26 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) कैप की घोषणा की थी. अधिक इक्विटी वाले लोगों को इसे नीचे लाने की आवश्यकता थी. वाणिज्य मंत्रालय ने न्यूज़ डिजिटल मीडिया क्षेत्र में लगी संस्थाओं के लिए एफडीआई व्यवस्था को उदार बनाने का निर्णय लिया था और इन संस्थाओं को सरकारी अनुमोदन मार्ग के माध्यम से 26 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति दी गई है.
सूत्रों ने बताया कि जांच से पता चला है कि व्यवसायी सिंघम 28.46 करोड़ रुपये की फंडिंग का प्रमुख स्रोत है, जो पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को कथित तौर पर विदेश से 2018 और 2021 के बीच प्राप्त हुआ था. ईडी के सूत्रों ने कहा कि सिंघम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की प्रचार शाखा से जुड़ा था. ईडी जांच 'संदिग्ध धन, संदिग्ध चरित्र और चीन कनेक्शन' की बात करती है.
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके आधार पर ईडी ने इस साल फरवरी में न्यूजक्लिक के परिसरों पर छापेमारी की थी. यह आरोप लगाया गया था कि पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी यूएसए से ₹9.59 करोड़ का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया.
अधिक मूल्य निर्धारण
ईडी ने आरोप लगाया कि डिजिटल समाचार वेबसाइट में एफडीआई की 26 प्रतिशत की सीमा से बचने के लिए याचिकाकर्ता कंपनी के शेयरों का बहुत अधिक मूल्य निर्धारण करके निवेश किया गया था और इस निवेश का कुछ हिस्सा "डायवर्टेड/ सिफोन ऑफ" किया गया था. ईडी के सूत्रों ने कहा कि इस साल फरवरी में पीपीके न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक और निदेशक प्रबीर पुरकायथ के कार्यालय और आवास पर एजेंसी की छापेमारी के दौरान उन्होंने "नवलखा और बप्पादित्य सिन्हा को भुगतान से संबंधित दस्तावेज" जब्त किए. ईडी ने नवलखा से भी पूछताछ की, जो नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद है. तलोजा जेल में नवलखा से पूछताछ के लिए ईडी को कोर्ट से विशेष अनुमति मिली है.
बीजेपी का आरोप
वहीं बीजेपी ने न्यूज वेबसाइट 'न्यूजक्लिक' पर देश के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है. संबित पात्रा ने आरोप लगाया है कि 'न्यूजक्लिक' नाम की वेबसाइट भारत को बदनाम करने का काम कर रही है.
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