छोटा लक्ष्य अपराध है : पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम

 ...मैं यह बहुत गर्वोक्ति पूर्वक तो नहीं कह सकता कि मेरा जीवन किसी के लिये आदर्श बन सकता है; लेकिन जिस तरह मेरी नियति ने आकार ग्रहण किया उससे किसी ऐसे गरीब बच्चे को सांत्वना अवश्य मिलेगी जो किसी छोटी सी जगह पर सुविधाहीन सामजिक दशाओं में रह रहा हो। शायद यह ऐसे बच्चों को उनके पिछड़ेपन और निराशा की भावनाओं से विमुक्त होने में अवश्य सहायता करे।- अब्दुल कलाम

 

 1997 में कलाम साहब को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया जो उनके वैज्ञानिक अनुसंधानों और भारत में तकनीकी के विकास में अभूतपूर्व योगदान हेतु दिया गया था
 मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
'सपने वे नहीं होते, जो आपको रात में सोते समय नींद में आए बल्कि सपने वे होते हैं, जो रात में सोने ही न दें।'

ऐसी बुलंद सोच रखने वाले 'मिसाइलमैन' अवुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम (एपीजे अब्दुल कलाम) भारतीय मिसाइल प्रोग्राम के जनक कहे जाते हैं। जब कलाम ने देश के सर्वोच्च पद , 11वें राष्ट्रपति की शपथ ली थी तो देश के हर वैज्ञानिक का सर फख्र से ऊंचा हो गया था। वे 'मिसाइलमैन' और 'जनता के राष्ट्रपति' के रूप में लोकप्रिय हुए।


आइए नजर डालते हैं उनके जीवन सफर पर...

 "सबसे उत्तम कार्य क्या होता है? किसी इंसान के दिल को खुश करना, किसी भूखे को खाना देना, जरूरतमंद की मदद करना, किसी दुखियारे का दुख हल्का करना और किसी घायल की सेवा करना..."
-अब्दुल कलाम[


कलाम का बचपन :
आसमान की ऊंचाइयों को छूने के लिए हवाई जहाज और अन्य साधनों से भी जरूरी चीज है हौसला। हौसला आपकी सोच को वह उड़ान देता है जिसका शिखर कामयाबी की चोटी पर है। कामयाबी के शिखर तक पहुंचने की आपने यूं तो हजारों कहानियां पढ़ी होंगी लेकिन ऐसी ही एक जीती-जागती कहानी है पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की।

भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जिन्हें दुनिया 'मिसाइलमैन' के नाम से भी जानती है, का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम् (तमिलनाडु) में हुआ था। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम था।

कलाम अपने परिवार में काफी लाड़ले थे, लेकिन उनका परिवार छोटी-बड़ी मुश्किलों से हमेशा ही जूझता रहता था। उन्हें बचपन में ही अपनी जिम्मेदारियों का एहसास हो गया था। उस वक्त उनके घर में बिजली नहीं हुआ करती थी और वे केरोसिन तेल का दीपक जलाकर पढ़ाई किया करते थे।

अब्दुल कलाम मदरसे में पढ़ने के बाद सुबह रामेश्वरम् के रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर जाकर समाचार पत्र एकत्र करते थे। अब्दुल कलाम अखबार लेने के बाद रामेश्वरम् शहर की सड़कों पर दौड़-दौड़कर सबसे पहले उसका वितरण करते थे। बचपन में ही आत्मनिर्भर बनने की तरफ उनका यह पहला कदम रहा।

कलाम की शिक्षा : कलाम जब मात्र 19 वर्ष के थे, तब द्वितीय विश्वयुद्ध की विभीषिका को भी उन्होंने महसूस किया। युद्ध की आग रामेश्वरम् के द्वार तक पहुंच गई थी। इन परिस्थितियों में भोजन सहित सभी आवश्यक वस्तुओं का अभाव हो गया था। कलाम एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में आए, तो इसके पीछे उनके 5वीं कक्षा के अध्यापक सुब्रह्मण्यम अय्यर की प्रेरणा जरूर थी।

अध्यापक की बातों ने उन्हें जीवन के लिए एक मंजिल और उद्देश्य भी प्रदान किया। अभियांत्रिकी की शिक्षा के लिए उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया। वहां इन्होंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में अध्ययन किया।

मिसाइल क्रांति की तरफ कदम :
1962 में वे 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' में आए। डॉक्टर अब्दुल कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (एसएलवी तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल है। अब्दुल कलाम भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं।

उन्होंने 20 साल तक भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन यानी इसरो में काम किया और करीब इतने ही साल तक रक्षा शोध और विकास संगठन यानी डीआरडीओ में भी। वे 10 साल तक डीआरडीओ के अध्यक्ष रहे। साथ ही उन्होंने रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार की भूमिका भी निभाई। इन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसी मिसाइल्स को स्वदेशी तकनीक से बनाया था।

राष्ट्रपति का सफर : 18 जुलाई 2002 को कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। इन्हें भारतीय जनता पार्टी समर्थित एनडीए घटक दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया था जिसका वामदलों के अलावा समस्त दलों ने समर्थन किया था। 25 जुलाई 2002 को उन्होंने संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। 25 जुलाई 2007 को उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था।

ऐसे भारतीय मिसाइल प्रोग्राम के जनक और जनता के राष्ट्रपति के रूप में लोकप्रिय हुए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई 2015 को शिलांग के आईआईएम में एक व्याख्यान देने के दौरान गिरने के बाद निधन हो गया।

पुरस्कार एवं सम्मान
कलाम के 79 वें जन्मदिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया गया था।[54] इसके आलावा उन्हें लगभग चालीस विश्वविद्यालयों द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्रदान की गयी थीं[55][56] भारत सरकार द्वारा उन्हें 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण का सम्मान प्रदान किया गया जो उनके द्वारा इसरो और डी आर डी ओ में कार्यों के दौरान वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिये तथा भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में कार्य हेतु प्रदान किया गया था.

1997 में कलाम साहब को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया जो उनके वैज्ञानिक अनुसंधानों और भारत में तकनीकी के विकास में अभूतपूर्व योगदान हेतु दिया गया था.

वर्ष 2005 में स्विट्ज़रलैंड की सरकार ने कलाम के स्विट्ज़रलैंड आगमन के उपलक्ष्य में 26 मई को विज्ञान दिवस घोषित किया।[59] नेशनल स्पेस सोशायटी ने वर्ष 2013 में उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान सम्बंधित परियोजनाओं के कुशल संचलन और प्रबंधन के लिये वॉन ब्राउन अवार्ड से पुरस्कृत किया।

सम्मान का वर्ष    सम्मान/पुरस्कार का नाम    प्रदाता संस्था
2014    डॉक्टर ऑफ़ साइन्स    एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम
2012    डॉक्टर ऑफ़ लॉज़ (मानद उपाधि)    साइमन फ़्रेज़र विश्वविद्यालय
2011    आइ॰ई॰ई॰ई॰ मानद सदस्यता    आइ॰ई॰ई॰ई॰
2010    डॉक्टर ऑफ इन्जीनियरिंग    यूनिवर्सिटी ऑफ़ वाटरलू
2009    मानद डॉक्टरेट    ऑकलैंड विश्वविद्यालय
2009    हूवर मेडल    ए॰एस॰एम॰ई॰ फाउण्डेशन, (सं॰रा॰अमे॰)
2009    वॉन कार्मन विंग्स अन्तर्राष्ट्रीय अवार्ड    कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, (सं॰रा॰अमे॰)
2008    डॉक्टर ऑफ इन्जीनियरिंग (मानद उपाधि)    नानयांग टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय, सिंगापुर
2008    डॉक्टर ऑफ साइन्स (मानद उपाधि)    अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
2007    डॉक्टर ऑफ साइन्स एण्ड टेक्नोलॉजी की मानद उपाधि    कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय
2007    किंग चार्ल्स II मेडल    रॉयल सोसायटी, यूनाइटेड किंगडम
2007    डॉक्टर ऑफ साइन्स की मानद उपाधि    वूल्वरहैंप्टन विश्वविद्यालय, यूनाईटेड किंगडम
2000    रामानुजन पुरस्कार    अल्वार्स शोध संस्थान, चेन्नई
1998    वीर सावरकर पुरस्कार    भारत सरकार
1997    इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार    भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
1997    भारत रत्न    भारत सरकार
1994    विशिष्ट शोधार्थी    इंस्टीट्यूट ऑफ़ डायरेक्टर्स (इण्डिया)
1990    पद्म विभूषण    भारत सरकार
1981    पद्म भूषण    भारत सरकार
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 डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के 51 अनमोल विचार
51 Golden thoughts of Dr APJ Abdul Kalam


आज के इस युग में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम युवाओं के बेहद लोकप्रिय प्रेरणा स्त्रोत है डॉ. कलाम पेशे से एक अध्यापक, एक वैज्ञानिक तथा राष्ट्रपति रह चुके हैं डॉ. कलाम को मिसाइल मैन तथा जनता के राष्ट्रपति के रूप में भी जाना जाता है आज डॉ. कलाम भले ही हमारे बीच मौजूद नहीं है लेकिन उनका दिया हुआ मार्गदर्शन हमेशा हमारे साथ रहेगा। आज हम आपके साथ डॉक्टर अब्दुल कलाम के 51 अनमोल विचार आपके साथ शेयर कर रहे हैं

1.जब हम परेशानियों में फँसे होते हैं तो हमें अहसास होता है कि एक छुपा हुआ साहस हमारे अंदर है जो हमें तब ही दिखाई देता है जब हम असफलता का सामना कर रहे होते हैं। हमें उसी छुपे हुए साहस और शक्ति को पहचानना है

2. हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए, और कभी परेशानियों को हमें खुद को हराने नहीं देना चाहिए

3. यदि चार बातों का पालन किया जाए – एक महान लक्ष्य बनाया जाए, ज्ञान अर्जित किया जाए, कड़ी मेहनत की जाए, और दृढ रहा जाए – तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है
 
4. मनुष्य के लिए कठिनाइयाँ बहुत जरुरी हैं क्यूंकि उनके बिना सफलता का आनंद नहीं लिया जा सकता
 
5. निपुणता एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है यह एक घटना मात्र नहीं है

6. रचनात्मकता भविष्य में सफलता की कुंजी है, प्राथमिक शिक्षा ही वह साधन है जो बच्चों में सकारात्मकता लाती है

7. हमें त्याग करना होगा ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी समृद्ध हो

8. अपने कार्य में सफल होने के लिए आपको एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाना होगा
 
9. महान सपने देखने वाले महान लोगों के सपने हमेशा पूरे होते हैं

10. युवाओं को मेरा सन्देश है कि अलग तरीके से सोचें, कुछ नया करने का प्रयत्न करें, अपना रास्ता खुद बनायें, असंभव को हासिल करें

11. अगर कोई देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो और सारे लोग अच्छी शुद्ध मानसिकता वाले हों, मैं दावे से कह सकता हूँ केवल 3 लोग ही ऐसे देश का निर्माण कर सकते हैं- माता, पिता और गुरु

12. आसमान की ओर देखो हम अकेले नहीं हैं, जो लोग सपने देखते हैं और कठिन मेहनत करते हैं, पूरा ब्रह्माण्ड उनके साथ है

13. आपके सपने सच होने से पहले आपको सपने देखने होंगे
 
14. सपने वो नहीं जो आप सोते समय देखते हैं, बल्कि सपने वो हैं जो आपको सोने नहीं देते

15. मुझे पक्का यकीन है कि जब तक किसी ने नाकामयाबी की कड़वी गोली न चखी हो, वो कायमाबी के लिए पर्याप्त महत्वाकांक्षा नहीं रख सकता

16. ‘अद्वितीय’ बनने के लिए, चुनौती है सबसे कठिन लडाई लड़ने की जो कोई सोच सकता है; जब तक आप अपनी मंजिल तक पहुँच ना जाएं

17. छोटा लक्ष्य अपराध है
 
18. मैं एक पायलट से अधिक और कुछ नहीं बनना चाहता था। लेकिन, तकदीर का कुछ और ही प्लान था
 
19. किसी भी मिशन की सफलता के लिए, रचनात्मक नेतृत्व आवश्यक है

20. मैं एक बिना पढ़े-लिखे परिवार का वंचित बच्चा था, फिर भी मेरे पास महान शिक्षकों के सानिध्य में रहने का फायदा था

21. युवाओं को जॉब सीकर्स से जॉब जनरेटर्स बनने के लिए सक्षम बनाना होगा

22. राष्ट्रपति के तौर पे एक बेहद कठिन काम जो मेरे पास था वो था अदालतों द्वारा दिए गए मृत्यु दंड की पुष्टि करना

23. जब मैं राष्ट्रपति बना, मैंने संविधान का अध्ययन किया, और मैंने जितना अधिक अध्ययन किया, उतना ही मुझे महसूस हुआ कि ये भारत के राष्ट्रपति को देश को एक विजन देने से नहीं रोकता। अतः जब मैं संसद और विधान सभाओं में गया और विज़न प्रस्तुत किया, तो सभी ने मेरा स्वागत किया, अपनी पार्टी की परवाह किये बगैर

24. क्षमता का निर्माण करना अंतर को भंग करता है। इससे असमानताएं ख़त्म हो जाती हैं

25. महान शिक्षक ज्ञान, जूनून और करुणा से निर्मित होते हैं

26. भविष्य में सफलता के लिए क्रिएटिविटी सबसे ज़रूरी है, और प्राइमरी एजुकेशन वो समय है जब टीचर्स उस स्तर पर बच्चों में क्रिएटिविटी ला सकते हैं

27. मेरा संदेश, विशेष रूप से युवाओं के लिए, है कि वे अलग सोचने का साहस रखें, आविष्कार करने का साहस रखें, अनदेखे रास्तों पर चलने का साहस रखें, असंभव को खोजने और समस्याओं पर जीत हासिल करके सफल होने का साहस रखें। ये महान गुण हैं जिनके लिए उन्हें ज़रूर काम करना चाहिए। युवाओं के लिए ये मेरा सन्देश है

28. मेरे लिए, दो तरह के लोग हैं: युवा और अनुभवी

29. शिक्षा का मकसद कौशल और विशेषज्ञता के साथ अच्छे इंसान बनाना है…शिक्षकों द्वारा प्रबुद्ध मनुष्य बनाये जा सकते हैं

30. जहाँ हृदय में सच्चाई होती है वहां घर में सामंजस्य होता है; जब घर में सामंजस्य होता है, तब देश में एक व्यवस्था होती है; जब देश में व्यवस्था होती है तब दुनिया में शांति होती है

31. राष्ट्र लोगों से मिलकर बनता है। और उनके प्रयास से, कोई राष्ट्र जो कुछ भी चाहता है उसे प्राप्त कर सकता है

32. भारत के लिये मेरा 2020 विजन है- इसे एक विकसित राष्ट्र में बदल देना। ये भावात्मक नहीं हो सकता; यह एक जीवन रेखा है

33. विज्ञान मानवता के लिए एक खूबसूरत तोहफा है; हमें इसे बिगाड़ना नहीं चाहिए


34. किसी विद्यार्थी की सबसे ज़रूरी विशेषताओं में से एक है प्रश्न पूछना। विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने दीजिये

35. एक लोकतंत्र में, देश की समग्र समृद्धि, शांति और ख़ुशी के लिए हर एक नागरिक की कुशलता, वैयक्तिकता और ख़ुशी आवश्यक है

36. मेरे लिए, नकारात्मक अनुभव जैसी कोई चीज नहीं है

37. जीवन एक कठिन खेल है। आप एक व्यक्ति होने के अपने जन्मसिद्ध अधिकार को बनाये रखकर इसे जीत सकते हैं

38. जो अपने दिल से काम नहीं कर सकते वे हासिल करते हैं, लेकिन बस खोखली चीजें, अधूरे मन से मिली सफलता अपने आस-पास कड़वाहट पैदा करती है.

39. जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होता, कोई हमारी इज्जत नहीं करेगा। इस दुनिया में, डर की कोई जगह नहीं है। केवल ताकत ताकत का सम्मान करती है

40. जब हम बाधाओं का सामना करते हैं, हम अपने साहस और फिर से खड़े होने की ताकत के छिपे हुए भण्डार को खोज पाते हैं, जिनका हमें पता नहीं होता कि वो हैं। और केवल तब जब हम असफल होते हैं हैं एहसास होता है कि संसाधन हमेशा से हमारे पास थे। हमें केवल उन्हें खोजने और अपनी जीवन में आगे बढ़ने की ज़रूरत होती है

41. असली शिक्षा एक इंसान की गरिमा को बढ़ाती है और उसके स्वाभिमान में वृद्धि करती है। यदि हर इंसान द्वारा शिक्षा के वास्तविक अर्थ को समझ लिया जाता और उसे मानव गतिविधि के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाता, तो ये दुनिया रहने के लिए कहीं अच्छी जगह होती

42. शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता है। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा

43. हमें हार नहीं माननी चाहिए और हमें समस्याओं को खुद को हराने नहीं देना चाहिए

44. अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो

45. तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपनी तय की हुई जगह पे ना पहुँच जाओ- यही, अद्वितीय तुम हो। ज़िन्दगी में एक लक्ष्य रखो, लगातार ज्ञान प्राप्त करो, कड़ी मेहनत करो, और महान जीवन को प्राप्त करने के लिए दृढ रहो

46. अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा

47. इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं

48. आकाश की तरफ देखिये। हम अकेले नहीं हैं। सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता है

49. यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा

50. महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं

51. कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये

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