सोसल मीडिया पर डमी एकाउंटों द्वारा फेंक न्यूज आक्रमण को रोका जाए fake news


 


सोसल मीडिया पर डमी एकाउंटों द्वारा फेंक न्यूज आक्रमण को रोका जाए 

एक तय सुदा रणनीति के तहत भारत की राष्ट्रभक्त मोदी सरकार के विरुद्ध गत 2/3 महीनें से डमी, फर्जी एवं विदेशी एकांउट के जरिये मीडिया एवं सोसल मीडिया पर फेक न्यूज फैलानें का काम जोर शोर से बड़े पैमाने से किया जा रहा हैं । यह सब मोदी सरकार के विरुद्ध निगेटिविटी फैलानें , हिंदुओं में विभाजन करनें और स्वयं को फेमस करनें की नियत से किये जा रहे हैं । इसके पीछे भाजपा विरोधी दल और वे नेतागण हैं जो स्वयं को अगला प्रधानमंत्री मानते हैं । सोसल मीडिया के यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक जैसे प्लेट फर्मों पर ये गतिविधियाँ चल रहीं हैं। 

भारत की केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय , सूचना प्रसारण एवं आईटी मंत्रालय, विधि एवं कानून मंत्रालय को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए । 

कोई भी विदेशी मीडिया प्लेटफार्म भारत में भारतीय कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कैसे कर सकता है। यदि कोई संधि इस तरह की कभी पूर्व की सरकारों ने की भी हैं तो उनकी समीक्षा कर उन्हें रद्द करें ।

कुल मिला कर फेंक न्यूज फैलानें के शैतानी कृत्यों को अविलंब रोका जाए

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युवा मित्रों को सोशल मीडिया पर डमी अकाउंट बनाने का लिखित निर्देश वायरल, BJP नेता ने बोला हमला

आर्थिक एंव सांख्यिकी विभाग सवाई माधोपुर के सहायक निदेशक सतीश कुमार सहरिया की ओर युवा मित्रों के लिए ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारियों को जारी किए गए आदेशों का एक लेटर विवाद का विषय बन गया    

 

Sawai Madhopur: आर्थिक एंव सांख्यिकी विभाग सवाई माधोपुर के सहायक निदेशक सतीश कुमा र सहरिया की ओर युवा मित्रों के लिए ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारियों को जारी किए गए आदेशों का एक लेटर विवाद का विषय बन गया. सहायक निदेशक द्वारा जारी किया गया आदेश सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है. अब मामला इतना बढ़ गया है कि भाजपा प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल ने जयपुर में पुलिस महानिदेश एम. एल. लाठर से मिलकर इसकी शिकायत की है और उचित कार्रवाई की मांग की है.



गौरतलब है कि सांख्यिकी विभाग सवाई माधोपुर द्वारा जारी किया गया एक लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें युवा मित्रों को लेकर ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे युवा मित्रों की नियुक्त करें और प्रत्येक युवा मित्र को ट्यूटर पर 10-10 और फेसबुक पर पांच-पांच डमी अकाउंट बनाकर राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए है. 



भाजपा प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल का कहना है कि फर्जी अकाउंट बनान IPC की धारा 419 के तहत अपराध है और आईटी एक्ट का उलंघन है, गोठवाल का कहना है कि राज्य सरकार अपनी योजनाओं का फर्जी तरीके से डमी अकाउंट बनवाकर प्रचार प्रसार करवाकर प्रदेश के युवाओं के साथ छलावा कर रही है और युवाओं को अपराध की और धकेल रही है. गोठवाल ने इस पूरे मामले में विशेष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, वहीं इस पूरे मामले पर सांख्यिकी सहायक निदेश सतीश कुमार सहरिया का कहना है कि उनके द्वारा इस तरह डमी अकाउंट बनाकर सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के आदेश जारी नहीं किए गए है. उनके द्वारा जो आदेश जारी किए गए हैं उसमें डमी शब्द का कहीं भी प्रयोग नहीं किया गया है. वहीं मामले के तूल पकड़ने के बाद सहायक निदेशक ने एक आदेश जारी कर सोशल मीडिया पर वायरल आदेश का खंडन किया है.


Reporter-Arvind Singh

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राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने एक सरकारी अधिकारी को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई तब हुई जब यह सामने आया कि उस अधिकारी ने राजीव गाँधी युवा मित्र वालंटियर को राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर फर्जी एकाउंट्स खोलने का निर्देश दिया था।

दरअसल, सवाई माधोपुर स्थित अर्थशास्त्र और सांख्यिकी कार्यालय के सहायक निदेशक सतीश सहरिया को उनके द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद निलंबित कर दिया गया है।

हालाँकि, राज्य के अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा जारी निलंबन आदेश में कार्रवाई का कोई कारण नहीं बताया गया है। जबकि मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सहरिया को इसलिए निलंबित कर दिया गया था क्योंकि राज्य सरकार ने सोशल मीडिया पर फर्जी एकाउंट्स खोलने के उनके आदेश को गंभीरता से लिया था।

इससे पहले आज दिन में, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कई लोगों अधिकारी द्वारा जारी आदेश को सोशल मीडिया पर शेयर किया था। जिसमें उन्होंने ऐसे आदेश के लिए राजस्थान सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार अपनी वाहवाही के लिए युवाओं के भविष्य को खतरे में डाल रही है।

बता दें कि राजस्थान सरकार ने राज्य सरकार की उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ा कर बताने के लिए युवाओं को जोड़ने के लिए राजीव गाँधी युवा मित्र इंटर्नशिप नामक एक कार्यक्रम शुरू किया है। इसके लिए कॉन्ग्रेस की गहलोत सरकार ने राज्य में 2500 युवा मित्र और लगभग 50000 युवा मित्र स्वयंसेवकों को लगाया है, जो सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में लोगों को सूचित करने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार करते हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान के सवाई माधोपुर में अर्थशास्त्र और सांख्यिकी विभाग के अब निलंबित सहायक निदेशक द्वारा जारी आदेश में विभिन्न सरकारी अधिकारियों को अपने अधीन युवा मित्र स्वयंसेवकों को ट्विटर और फेसबुक पर फेक एकाउंट्स बनाने और उन एकाउंट्स को सक्रिय रूप से चलाने का निर्देश दिया गया है।

फेक एकाउंट्स खोलने के लिए जारी आदेश
यहाँ तक कि जिले के सभी ब्लॉक अधिकारियों और पंचायत समितियों को भी जारी आदेश में कहा गया है कि युवा मित्र स्वयंसेवकों के पास ट्विटर और फेसबुक अपने अकाउंट होने चाहिए, वहीं उन्हें दोनों प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट भी खोलना होगा।

आदेश में कहा गया है कि राजीव गाँधी युवा मित्र स्वयंसेवकों को ट्विटर पर 10 डमी एकाउंट्स खोलने हैं, लेकिन उन खातों में ‘युवा मित्र’ शब्द नहीं होना चाहिए। इसमें कहा गया है कि एक फोन नंबर का इस्तेमाल 10 डमी ट्विटर एकाउंट खोलने के लिए किया जा सकता है। उन्हें सभी डमी एकाउंट्स से सामग्री को ट्वीट और रीट्वीट करना आवश्यक है।

इसी तरह, प्रत्येक युवा मित्र के पास स्वयं के फेसबुक एकाउंट्स होने चाहिए, और उन्हें एक ही फोन नंबर का उपयोग करके 5 फर्जी एकाउंट्स खोलने होंगे। स्वयंसेवकों को कंटेंट पोस्ट और साझा करके सभी एकाउंट्स को सक्रिय रखना है।

अधिकारी के निलंबन का आदेश
फर्जी एकाउंट्स खोलने के निर्देश के साथ-साथ आदेश में यह भी कहा गया है कि युवा मित्र स्वयंसेवकों को तीन लिंक भेजे जाएँगे, और उन्हें हर दिन उन वेबसाइटों पर पोस्ट करनी होगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि युवा मित्रों को अपने व्हाट्सएप स्टेटस के रूप में सीएम द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित तस्वीरों का उपयोग करना होगा।

आदेश में आगे कहा गया है कि युवा मित्रों को सरकारी छुट्टियों के अलावा कोई छुट्टी नहीं मिलेगी और उन्हें शनिवार को भी काम करना होगा। प्रखंड सांख्यिकी कार्यालय स्तर पर कार्यरत युवा मित्रों को माह में केवल एक दिन का अवकाश तथा किसी भी अतिरिक्त अवकाश के लिए जिला कार्यालय से अनुमति लेनी होगी। उन्हें निर्धारित ड्रेस कोड में राज्य स्तरीय कार्यशाला में शामिल होना भी आवश्यक बताया गया है।

वहीं इस पूरे मामले में यह बात भी सामने आई है कि जिस आदेश को जारी करने के लिए अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था, वह आदेश संपादित किया गया था, और सतीश सहरिया ने स्वयंसेवकों को कभी भी फेक एकाउंट्स खोलने के लिए नहीं कहा। आदेश का एक और संस्करण ट्विटर पर कुछ लोगों द्वारा साझा किया गया था, जिसमें कहा गया था कि स्वयंसेवकों को 10 लोगों को ट्विटर खाते और 5 लोगों को फेसबुक खाते खोलने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा गया था। बाकी दोनों आदेशों में शेष सामग्री समान है।

हालाँकि, निलंबन की जानकारी देने वाली मीडिया रिपोर्टों में वायरल पत्र का इस्तेमाल किया गया जिसमें फर्जी एकाउंट्स बनाने के लिए कहा गया था। इसलिए, यह पता नहीं चल पा रहा है कि वास्तव में कौन सा संपादित किया गया है, लेकिन अधिकारी को बिना कोई कारण बताए फिलहाल के लिए निलंबित कर दिया गया है।

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जयपुर। उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ हर मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। एक फिर से उन्होंने सीएम गहलोत पर निशाना साधा है। भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ ने अब सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी, अपनी नाकामियों व जनविरोधी नीतियों पर पर्दा डालते हुए अब अपनी झूठी घोषणाओं का झुनझुना बजाने के लिए फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स का सहारा लेकर डूबती नैया को बचाने की जुगत में है। फर्जीवाड़ा कांग्रेस की रग-रग में बसा है।मुखिया जी ने सरकारी धन का दुरुपयोग करने के लिए युवा मित्रों के माध्यम से फर्जी प्रचार करने का सरकारी फरमान भी जारी कर दिया है। कांग्रेस विधायकों को मिनी मुख्यमंत्री बनाने के बाद अब युवा मित्रों को प्रचार मंत्री का दायित्व सौंपकर मुखिया जी अपनी धूमिल छवि को चाहकर भी सुधार नहीं सकते।
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क्या है और कैसे किया जाता है फेसबुक लाइक्स घोटाला ?

क्या है और कैसे किया जाता है फेसबुक लाइक्स घोटाला ?

By Ratan Singh Shekhawat- July 19, 2013  

पिछले दिनों अख़बारों व सोशियल साईट पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के फेसबुक पेज पर अचानक फेसबुक लाइक्स की संख्या बढ़ने की चर्चा ने जोर पकड़ते ही लोगों ने मुख्यमंत्री गहलोत पर फेसबुक लाइक घोटाले का आरोप ठोक दिया, लोगों का मानना था कि अशोक गहलोत ने किसी विदेशी फर्म से धन के बदले फेसबुक लाइक्स की संख्या से ज्यादा संख्या दिखाने के लिए अपने पेज के लिये लाइक्स खरीदें है क्योंकि गहलोत के पेज पर लाइक्स की संख्या में एकदम से इजाफा हुआ साथ ही लाइक करने वाले लोग इंस्तांबुल के ज्यादा थे, फेसबुक पेज के हिसाब से गहलोत एक ऐसे देश में ज्यादा लोकप्रिय है जिन्हें वहां कोई जनता तक नहीं, ऐसे में इन कुछ कारणों के चलते सोशियल साइट्स पर सक्रीय लोगों के लिए इस पर आशंका करना पर्याप्त था|अक्सर अभिनेता, राजनेता व व्यवसायिक प्रतिष्ठान अपने फेसबुक पेज लाइक्स, ट्विटर पर फोलोवर आदि की बढ़ी संख्या दिखाकर लोगों के सामने अपनी झूंठी लोकप्रियता पेश करते है क्योंकि आजकल सोशियल साइट्स फेसबुक ट्विटर आदि पर पेज लाइक्स व फोलोवर की संख्या के आधार पर उनकी लोकप्रियता आंकी जाती है| अत: हर नेता, अभिनेता सोशियल साइट्स पर अपनी लोकप्रियता साबित करने के लिए लाइक्स व फोलोवर बढाने की जुगत में रहते है| इसी मांग ने इंटरनेट पर इसकी आपूर्ति करने वालों की बाढ़ ला दी|कैसे बढ़ते है ये फर्जी लाइक्स, फोलोवर आदि ?बाजार में मांग के अनुसार उत्पाद हमेशा उपलब्ध रहते है, इंटरनेट पर भी वेब प्रमोशन के लिए कार्य करने वाली ढेरों कम्पनियों की वेब साइट्स व टूल मौजूद है, इसी श्रंखला में इस लाइक्स व फोलोवर की मांग की पूर्ति करने वाली ढेरों वेब साइट्स इंटरनेट पर उपलब्ध है जो धन के बदले सोशियल साइट्स पर जरूरतमंद को लाइक्स या फोलोवर की मांग की आपूर्ति कर देती है| यह वेब साइट्स अपने ग्राहकों को उनकी पसंद के देशों के प्रसंशक उपलब्ध कराती है| राजस्थान के मुख्यमंत्री के लिए फेसबुक लाइक्स का जुगाड़ (मैनेज) करने वालों ने शायद इस बात का ख्याल नहीं रखा और उन्होंने लाइक्स मैनेज करनी वाली वेब साईट एडमीफ़ास्ट.कॉम पर विश्वभर से लाइक्स करने वालों को छुट दे दी, नतीजा यह हुआ कि गहलोत के पेज पर लाइक्स करने वाले प्रसंशक इस्तांबुल देश से ज्यादा हो गये और यह बात पकड़ में आते ही लोगों ने उनकी खिल्ली उड़ाते हुए इसे फेसबुक घोटाला करार दे दिया|कैसे जुगाड़ (मैनेज) करती है ये वेब साइट्स प्रसंशक ?इन वेब साइट्स के माध्यम से लाइक्स व फोलोवर बढाने हेतु एक खाता बनाकर पॉइंट्स जमा करने होते है ये पॉइंट्स खरीदने के साथ मुफ्त भी उपलब्ध होते है अत: नेता व अभिनेता जिनके पास समय नहीं होता और जल्द से जल्द जो सोशियल साइट्स पर प्रसंशक बढ़ाना चाहते है वे वेब साइट्स से धन के बदले पॉइंट्स खरीद लेते है और मुफ्त पॉइंट जमा करने वालों के लिए अपने प्रसंशक बन लाइक्स करने के लिये पॉइंट निर्धारित कर देते है जैसे अशोक गहलोत के फेसबुक पेज को लाइक करने वाले को एडमीफ़ास्ट.कॉम वेब साईट पर 9 पॉइंट दिए जा रहे है, ये मुफ्त पॉइंट एकत्रित करने वाले या तो बदले में अपने लाइक्स बढ़वाते है या फिर किसी के लिए प्रमोशन का कार्य करने के लिए धन लेकर अपने जमा पॉइंट्स अपने ग्राहक के लिए खर्च कर देते है| कुल मिलाकर ये सिस्टम आपस में एक दूसरे को लाइक करने या फोलोवर बनकर चलता रहता है जो खुद किसी को लाइक नहीं कर सकता या फोलोवर नहीं बन सकता है वह धन खर्च कर पॉइंट जमा कर लाइक्स बढ़वाता है|इस तरह के प्रमोशन के लिए कितना करना होता है खर्च ?इस तरह की सेवा देने वाली अलग-अलग वेब साइट्स अलग-अलग खर्च वसूलती है, सबके अपने अलग अलग पैकेज है, यहाँ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए जिस वेब साइट्स से लाइक ख़रीदे गए उसकी मूल्य सूची का चित्र सलंग्न है| इस सूची पर नजर डाली जाय तो इसके अनुसार इस वेब साईट का सबसे बड़ा पैकेज एक बार ख़रीदा जाय तो यह 400 डालर यानी लगभग चौबीस हजार रूपये में एक लाख पैंसठ हजार पॉइंट मिलेंगे, अब अशोक गहलोत के मैनेज किये जा रहे एक लाइक के बदले 9 पॉइंट दिए जा रहे है इस हिसाब से चौबीस हजार में रूपये में 18333 लाइक्स मिलते है, यदि गहलोत के लिए ख़रीदे गए लाइक्स का मूल्य निकाला जाय तो प्रति लाइक लगभग 1.31 रूपये बैठता है|विरोधी को बदनाम करने के लिए इसका सहारा लिया जा सकता हैजिस तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पेज पर बढे फेसबुक लाइक्स पर हंगामा हुआ और उन पर आरोप लगाये गये इसी तरह यदि कोई व्यक्ति या समूह अपने किसी विरोधी को इस मामले में बदनाम करना चाहे तो वो भी आसान है क्योंकि ये फेसबुक लाइक्स बढाने वाली वेब साइट्स जिस फेसबुक पेज के लाइक्स, ट्विटर फोलोवर आदि बढ़ाती है उसके स्वामित्व की जाँच नहीं करती अत: कोई भी व्यक्ति इन्हें धन चूका किसी के भी पेज के लाइक्स बढ़वाकर उस पर धन खर्च लाइक्स बढवाने का आरोप लगा बदनाम कर सकता है मुख्यमंत्री गहलोत के फेसबुक पेज पर भी हो सकता है किसी ने उन्हें बदनाम करने हेतु ऐसा खेल खेला हो|

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