हिन्दू और हिंदुस्तान विरोधियों के लिए 5 अगस्त सचमुच काला दिवस ही है - अरविन्द सिसोदिया
हिन्दू और हिंदुस्तान विरोधियों के लिए 5 अगस्त सचमुच काला दिवस ही है - अरविन्द सिसोदिया
भारत की राजनीति में 5 अगस्त का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है क्यों इस दिन राष्ट्रीय स्वभिमान को गौरवान्वित करनें वाले दो ऐतिहासिक कार्य सम्पन्न हुये हैं ।
1- जम्मू और कश्मीर प्रान्त से धारा 370 समाप्त हुई और उसे दो केंद्रशासित क्षेत्रों में विभाजित किया गया । अर्थात वह 370 से मुक्त होकर भारत का पूर्ण अंग बना । वहां से दो प्रधान,दो विधान,दो निशान का अध्याय हमेशा के लिए समाप्त हो गया । यह ऐतिहासिक निर्णय भारतवासियों के लिए गौरवशाली है , तो पाकिस्तान और पाकिस्तान परस्तों के लिए अत्यंत दुःखदायी ...!
2 इसी दिन अर्थात 5 अगस्त को ही अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर का शिलान्यास हुआ था।
यह भी ऐतिहासिक कार्यसिद्धि है जो सैंकड़ो वर्षों के संघर्ष के पश्चात प्राप्त हुई है । यह कार्य संपूर्ण हिंदुत्व के लिए गौरवशाली है। किंतु जो हिंदुत्व विरोधी हैं जो आक्रांताओं के पक्षधर हैं, उन्हें तो यह काला दिवस के समान ही है ।
जब 5 अगस्त 2022 को कांग्रेस के नेताओं ने संसद से सड़क तक काले वस्त्र पहन कर अपरोक्ष काला दिवस मनाया , तब यह महसूस हुआ कि अपरोक्ष रूप से भारत की इन दो महत्वपूर्ण उपलब्धियों का कांग्रेस नें अपरोक्ष रूप से अपमान किया गया है तथा तुष्टिकरण की राजनीति की है।
यह कालावस्त्र दिवस एक दो दिन पूर्व या पश्चात भी मनाया जा सकता था। लगता है 5 अगस्त को कांग्रेस काले कपड़े पहन कर किसी को कोई सन्देश देना चाहतो थी। जो उसने दिया। किंतु याद रहे हिदुओं के लिए, हिन्दुस्तान के लिए 5 अगस्त गौरवशाली ऐतिहासिक स्मरणीय दिवस है ।
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