आतंकी संगठनों से राजनैतिक नेताओं की जीवनरक्षा के प्रति सुरक्षा एजेंसियों को सर्तक रहना होगा - अरविन्द सिसौदिया

आतंकी संगठनों से राजनैतिक नेताओं की जीवनरक्षा के प्रति सुरक्षा एजेंसियों को सर्तक रहना होगा - अरविन्द सिसौदिया
आतंकी संगठनों से राजनैतिक नेताओं की जीवनरक्षा के प्रति सुरक्षा एजेंसियों को सर्तक रहना होगा - अरविन्द सिसौदिया

भारत में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को  हिन्दुत्ववादी माना जाता है तथा ये कट्टर इस्लामिक आतंकी गतिविधियों को अंजाम देनें वाले आतंकी संगठनों के निशानें पर हैं। केन्द्र सरकार को इनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान रखना ही होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की गुजरात में जनप्रतिनिधि के तौर पर यात्रा ही दंगों एवं आतंकी हमलों से लोहा लेते हुये हुई है। देश में तीन तलाक समाप्ती, जम्मू और कश्मीर में धारा 370 की समाप्ती और अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण,सीएए कानून एवं सर्जिकल स्ट्राईक जैसे बडे कामों को लेकर निश्चित ही कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकी संगठनों के निशानें पर वे हैं। उनकी जान को खतरा है।

 पिछले दिनों जापान में चुनाव अभियान के दौरान वहां के प्रमुख राजनेता की हत्या कर दी गई। अमेरिका में भी तमाम सुरक्षा इंतजामों के बीच कई राजनैतिक हत्यायें हुई है। कई बार घटना को अंजाम देनें वाला कोई व्यक्ति होता या संगठन कोई होता है। मगर उसके पीछे मूल कर्ता कोई ओर होता है। जो कभी सामनें नहीं आता । इस तरह की कपटनीति भी विश्व राजमंच पर निरंतर चलती रहती है। जिसको इन देशों के गुप्तचर संगठनों के द्वारा अंजाम दिलाया जाता है।
 
श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या में सामान्यतौर पर सही है कि सिख स्वर्ण मंदिर पर सैनिक कार्यवाही से नाराज थे और उन्होनें प्रतिशोध लिया। मगर कभी कोई जांच इस तरह की नहीं हुई कि क्या सिखों को आगे रख कर कोई दूसरी ताकत अपना काम कर रही थी ? यह जरूरी नहीं कि कोई अन्य ताकत थी, मगर सत्य को जानने का एक सिद्यांत है कि शक करो, सच तक पहुंचों। इसी दृष्टिकोंण से हम राजीव गांधी की हत्या को भी देख सकते है। यह सही है कि श्रीलंका का आतंकी संगठन लिट्टे  राजीव गांधी सरकार के द्वारा श्रीलंका में शांती सेना के नाम से भारतीय फौज भेजे जानें के खिलाफ थे। उन्होनें प्रतिशोध लिया है। यह सच भी माना जाना चाहिये। मगर क्या कभी किसी नें इस पर यह जांच भी की कि क्या मात्र लिट्टे को उपयोग में लिया गया ?

विश्व पटल पर बडे देशों के द्वारा किसी को रास्ते हटाना और किसी को सत्ता पर बिठानें का खेल होता है। इसके लिये विभिन्न प्रकार के संगठन बनाना, आन्दोलन खडे करना , विद्रोही संगठन बनाना, विद्रोह करवाना आदि आदि चलता रहता है। अमेरिका की सीआईए, रूस की केजीबी कुख्यात रहीं हैं। इजराइल और चीन को भी इसमें महारत हांसिल है।

योगी आदित्यनाथ नें उत्तरप्रदेश में एक शानदार शासन का माडल प्रस्तुत किया है। बाहूबली गिरी और गुण्डागर्दी भी वहीं नियंत्रित हुई है। योगी जी का आईकॉन बुल्डोजर बन गया है। उन्हे जान से खतरा सबसे ज्यादा है।
 
भारत को मात्र इस्लमिक कट्टरपंथियों की दृष्टि से ही नहीं, दूसरे देशों के कूटनीतिक लाभों की दृष्टि से चलने वालें षडयंत्रों की दृष्टि से भी सावधान रहना चाहिये। वे भी इन कट्टरपंथियों का उपयोग कर सकते है। आजादी के साथ ही महात्मा गांधी को प्रबल विरोध जनता में बड गया था। पाकिस्तान बननें और हिन्दुओं के विरूद्ध हिंसा का सैलाव आनें के लिये, भारत के लोग महात्मा गांधी को दोषी मानते थे। उनकी जान को खतरा है, जवाहरलाल नेहरू जानते थे। सुरक्षा के कूटनीतिक उपाये किये जाने चाहिये थे। इस दौरान महात्मा गांधी पर बम से आक्रमण होता है, एक आक्रमणकारी पकडा जाता है। पूरी योजना भारत सरकार के सामनें खुल जाती है। मगर कोई सावधानी नहीं रखी गई, नतीजा मात्र 10/20 दिन बाद महात्मा गांधी की हत्या उन्ही लोगों ने करदी जिसकी जानकारी भारत सरकार को थी। सुरक्षा एजेंसियां सर्तक होतीं तो महात्मा गांधी बच जाते । यहां यह कह दिया जाये कि महात्मा गांधी की हत्या के लिये गोडसे से ज्यादा जिम्मेवार नेहरू सरकार थी तो हल्ला हो जायेगा। मगर यह सच तो है हि कि पूरी योजना सामनें आ जानें के बाद भी हत्यारे सफल क्यों हुये ? बात गई रात गई !!

कांग्रेस को फिर से पावर में लानें के लिये, किसी वरिष्ठ कांग्रेसी पर भी हमला हो सकता है। हमले का लाभ मिलता है, यह स्व0 इन्दिरा गांधी जी की हत्या के बाद हुये चुनाव परिणामों से स्पष्ट हुआ , यही बंगाल में ममता बनर्जी के पैर के कथित फेक्चर ने किया, वे हारी बाजी पैर में बंधे पट्टे और व्हील चेयर से भारी बहूमत से जीत गईं। अगला आम चुनाव देश के आंतरिक राजनैतिक परिपेक्ष्य से लेकर विदेशों के अपने अपने हितों के लिय बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिये न केबल भाजपा के बल्कि कांग्रेस के बडे नेताओं की सुरक्षा की भी चिन्ता , सुरक्षा एजेंसियों को रखनी चाहिये।
देश के ऊपर आतंकी हमले का खतरा मंण्डरा रहा है, यह रूस में पकडे गये आत्मघाती आतंकी के माध्यम से भी सामनें आ ही गया है। वर्तमान में भारत की राजनीति में चल रहे घमासान के बीच , आतंकी संगठन अपना कुछ बडा करनें की जुगत हैं। इस तरह के अनेकों संदेश, सूचनायें एवं अनुमान भारतीय सुरक्षा तंत्र पर होंगे । इसलिये सावधानी सबसे ज्यादा जरूरी है।

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भारत में आतंकी हमले की साजिश रचने वाले IS के आतंकी को रूस ने पकड़ा

रूस ने भारत में आतंकी हमले की साजिश रच रहे आईएस के आत्मघाती हमलावर को अरेस्ट कर लिया है.

रूस ने भारत में आतंकी हमले की साजिश रच रहे आईएस के आत्मघाती हमलावर को अरेस्ट कर लिया है.

भारतीय नेता को सुसाइड हमले में मारना चाहता था इस्लामिक स्टेट का आतंकी, दोस्त रूस ने किया अरेस्ट

Curated by योगेंद्र मिश्रा | नवभारतटाइम्स.कॉम
Aug 22, 2022, 

IS Terrorist Arrested:

इस्लामिक स्टेट से जुड़े एक आतंकी को रूस में पकड़ा गया है। ये आतंकी भारत के एक बड़े नेता को सुसाइड बम के जरिए मारने का प्लान बना रहा था। रूस की एजेंसी FSB ने इसे गिरफ्तार किया है। आतंकी को तुर्की में भर्ती किया गया था।

मॉस्को: रूस ने भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले एक आतंकी को पकड़ा है। ये आतंकी हाई प्रोफाइल आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने के लिए रूस से भारत आने वाला था। लेकिन रूस ने भारत से दोस्ती निभाते हुए हमले को पहले ही नाकाम कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये हमला देश के एक बड़े नेता के खिलाफ प्लान किया गया था। ये आतंकी इस्लामिक स्टेट से जुड़ा हुआ है, जो एक आत्मघाती हमले की प्लानिंग कर रहा था। रूसी रक्षा सिक्योरिटी एजेंसी FSB ने सोमवार को आतंकी को पकड़ा है।


न्यूज एजेंसी रिया नोवोस्ती की रिपोर्ट के मुताबिक FSB ने एक विज्ञप्ति में कहा, 'FSB ने रूस में प्रतिबंधित अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के एक आतंकी की पहचान की है। इस आतंकी को हिरासत में लिया गया है। ये आतंकी मध्य एशिया के एक देश का रहने वाला था। इसने भारत के एक बड़े नेता के खिलाफ आत्मघाती विस्फोट करने की योजना बनाई थी।' हालांकि रिलीज में ये नहीं बताया गया कि आतंकी किस देश का रहने वाला है।

तुर्की में ली आतंक की ट्रेनिंग
एजेंसी ने बताया कि अप्रैल से जून तक तुर्की में वह था, जहां उसे IS के एक नेता ने आत्मघाती हमलावर के तौर पर भर्ती किया। इनकी पर्सनल मीटिंग इस्तांबुल में हुई है और टेलीग्राम के जरिए बातचीत होती है। FSB ने आगे कहा, 'इस आतंकी ने ISIS के आतंकवादी आमिर के प्रति निष्ठा की शपथ ली। इसके बाद उसे रूस जाने का आदेश दिया गया। यहां से वह जरूरी दस्तावेज बनवा कर भारत जाना चाहता था।'

आतंकी संगठन है इस्लामिक स्टेट
इस्लामिक स्टेट और इससे जुड़े सभी संगठनों को आतंकी संगठन के रूप में माना जाता है। गृह मंत्रालय के मुताबिक IS अपनी विचारधारा को बढ़ाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करता है। सोशल मीडिया के जरिए भी वह लोगों का ब्रेनवाश करते हैं। इसी कारण सुरक्षा एजेंसियां साइबर स्पेस पर कड़ी नजर रखती है। हमले के लिए टारगेट कौन था इसकी जानकारी नहीं हुई है।

  

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