तिरंगे के सम्मान का ऐतिहासिक परिदृष्य, कोटि कोटि धन्यवाद मोदी जी - अरविन्द सिसोदिया
तिरंगे के सम्मान का ऐतिहासिक परिदृष्य, कोटि कोटि धन्यवाद मोदी जी - अरविन्द सिसोदिया
आज 13 अगस्त 2022 को पूरा देश तिरंगा मय हो गया है , तिरंगा मय होने का मतलब, तिरंगा फहराने वाले नागरिक के मन में राष्ट्र भाव की सर्वोच्चता होना !
विश्व विजयी तिरंगा प्यारा,
सबसे ऊंचा रहे तिरंगा हमारा ।
भारत स्वतंत्र हुआ, मगर राष्ट्र भाव की सर्वोच्चता से उसे निरंतर दूर रखा गया । देश को हिन्दू मुस्लिम में तो जाती धर्म पंथ में विभजित किया जाता रहा ।
भारत के राष्ट्र भाव के प्रतीक राष्ट्रध्वज तिरंगा , देश का संविधान , लोकतंत्र की सर्वोच्चता, राष्ट्ररक्षा का संकल्प, नागरिक अनुशासन एवं नैतिकता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को व्यापक कार्य कभी हुआ ही नहीं। देश के नागरिकों को नेशन फस्ट से जुड़ने ही नहीं दिया । देश नागरिकों का है किंतु उस पर दलों ने कब्जा कर लिया। राष्ट्र सर्वोपरि के बजाय दल सर्वो परी और अधिकांश दलों में दल का वंशवादी मुखिया सर्वोपरि हो गया। एक दल के मुखिया तो अपने आपको देश , संविधान, लोकतंत्र , न्यायपालिका से ऊपर मानता हैं ।
सभी राष्ट्रभाव की श्रेष्ठताओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए , उनसे जन जन को जोड़ने के लिये, एक शासन व्यवस्था बनी, जो महामहिम राष्ट्रपति महोदय से प्रारंभ होकर के ग्राम पंचायत के पंच तक जाती है । लेकिन इसमें राष्ट्र सर्वोपरी के बजाय पुनः सत्ता में आना है यह सर्वोपरी बना दिया गया ।
आज यह पहली बार हो रहा है कि राष्ट्रध्वज तिरंगे के सम्मान में, तिरंगे की मान मर्यादा के लिए, तिरंगे को सर्वोच्चता के लिए, पंच से लेकर प्रधानमंत्री तक एक समान रूपसे सम्मान में खड़े हैं । यह परिदृष्य देश को संपूर्ण विश्व में गौरवान्वित करनें वाला है।
यह पहला अवसर है जब भारत के अंदर एक साथ, 1 दिन में , एक समय में , एक अवसर पर करोड़ों - करोड़ों लोगों के घरों पर तिरंगा लहरा रहे हैं। कई कई करोड़ लोगों के हाथों में तिरंगा है । हर किसी की जुबान पर , हर किसी के मकसद में , हर किसी के काम में , आज तिरंगा महत्वपूर्ण है ।
किसी ने चाय की थड़ी पर तिरंगा लगा रखा है , तो किसी ने हाथ ठेले पर तिरंगा लगा रखा है , किसी ने ऑटो पर तिरंगा लगा रखा है । तो किसी ने मोटरसाइकिल पर तिरंगा लगा रखा है । कोई हाथ में लेकर रैली में है , तो कोई तिरंगे को हाथ में लेकर घर पर लगा रहा है । हर हाथ में तिरंगा , हर व्यक्ति के मन मस्तिष्क और आचरण व्यवहार में तिरंगा । ऐसी ऐतिहासिक स्थिति के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद के पात्र है ।
यह परिकल्पना पहले भी की जा सकती थी , यह सुविधा भी दी जा सकती थी । भारत ने अपनी स्वतंत्रता के 25 वर्ष और 50 वर्ष भी मनाया है।
यह सब पहले नेताओं,अधिकारियों कर्मचारियों और पूंजीपतियों के बीच में हो जाता था। आमजन को इससे नहीं जोड़ा गया , चलो देर आए दुरुस्त आए ।
भारत को राष्ट्रवाद और राष्ट्र चिंतन की दिनचर्या से आम व्यक्ति को जोड़ने के लिए, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद के पात्र हैं । उन्हें कोटि-कोटि धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए कि उन्होंने भारत में राष्ट्रवाद की अलख जगाया और उसे जन-जन तक, व्यक्ति व्यक्ति तक तिरंगे के माध्यम से पहुंचाया ।
जय भारत ।
जय हिंद ।।
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