अति महत्वाकांक्षी मलिक से पूछताछ होनी जरूरी - अरविन्द सिसोदिया Satyapal Malik

 

अति महत्वाकांक्षी मलिक से पूछताछ होनी जरूरी - अरविन्द सिसोदिया 

मलिक बहुत अधिक महत्वाकांक्षी हैं, पद के पीछे उन्होनें बन्दर कूद का रिकार्ड जैसा बना रखा है। अनेकों दलों में अपना स्वार्थ सिद्धी करते रहे मलिक कतई विश्वसनीय नहीं हें। यह अपने भावी हित साधनें के लिये सफेद झूठ दर झूठ बोले जा रहे हें। इनकी गहन जांच होनी ही चाहिये।
 
राजनैतिक मौसम विज्ञानी मलिक से पूछताछ होनी जरुरी - अरविन्द सिसोदिया

अब आते हैँ मूल मुद्दे पर, पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक राजनीति में अनेकों दल बदल के बाद भाजपा में पहुँचे थे। जैसे कि प्रथमतः लोकदल, फिर लोकदल से कांग्रेस, फिर कांग्रेस से जनता दल, इसके बाद समाजवादी पार्टी और सपा से भाजपा में पहुँच गये। और भाजपा नें उन्हें कई राजभवनों में राज्यपाल बनाया। अब वे ऊँचे ओहदे के बिना झटपटा रहे हैं। अनर्गल बयानवाजी कर देश को शर्मिंदा कर रहे हैं।

मालिक को भविष्य के राजनैतिक उतार चढ़ाव का ज्ञानी माना जाता है, राजनीति में इसे मौसम विज्ञानी कहा जाता है। भविष्य में किसका साथ छोड़ कर, किसके साथ रहने में फायदा है और वह फायदा उठा भी लिया जाये। मलिक इस मामले में भाग्यशाली रहे कि पूर्व में किये तमाम दल बदल उन्हें लाभ पहुंचानें वाले रहे।

मालिक के महत्वाकांक्षी स्वभाव को समझनें में निश्चित ही चूक हुई कि उन्हें राज्यपाल बनाया गया। राज्यपाल का स्वभाव पद गरिमा के साथ साथ संयम का, अनुशासन का और गुप्तबातों को गुप्त रखनें का होना चाहिए। जो मलिक का नहीं है।

मलिक के बयान निश्चित ही गंभीरतम गैर जिम्मेवार हैं, इनका स्वागत नहीं हो सकता बल्कि जाँच ही होनी चाहिए। मलिक जो कुछ बोल रहे हैं वे तब क्यों बोले जब यह सब कथित तौर पर हो रहा था। दूसरी बात अब वह किसके कहने पर या किस हित निहित बोल रहे हैं।
 
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक
यह भी जाँच का विषय है कि कहीं मलिक किसी विदेशी संगठन के चक्रव्यूह में फंस तो नहीं गये। जो उनके इशारे पर बज रहे हैं। हनी टेप जैसे कई षड्यंत्र चल रहे है। वे अपनी भावी राजनैतिक रोटियां सेकनेँ के लिये भी यह बयानवाजी कर सकते हैं। किसी दल विशेष के लिये भी उनकी बयानवाजी षड्यंत्र हो सकती है। अर्थात पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की उच्चस्तरीय जाँच जरूरी है।
-----

Satyapal Malik Profile: -

- पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) अपने 50 सालों के सियासी सफर में अब तक एक बार सांसद और एक बार विधायक रहे चुके हैं. 2017 में उन्हें राज्यपाल बनाया गया था।
-  जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) बीते कुछ दिनों से काफी सुर्खियों में हैं. लेकिन हम उनके सियासी सफर पर एक नजर डालते हैं.
- सत्यपाल मलिक का सियासी सफर 1974 से शुरू हुआ था. तब उन्होंने बागपत विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने राजनीतिक सफर की शुरूआत लोक दल (Lok Dal) से की थी।

- इसके बाद 1980 में सत्यपाल मलिक पहली बार लोक दल से राज्यसभा पहुंचे थे। इसके बाद 1984 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसके बाद उन्हें कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा था। लेकिन 1987 में बोफोर्स घोटाले के बाद कांग्रेस से सत्यपाल मलिक ने इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद 1988 में वीपी सिंह के नेतृत्व वाले जनता दल में वो शामिल हुए और 1989 में अलीगढ़ से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद चुने गए थे। 

- दो बार मिली हार
हालांकि इसके बाद सत्यपाल मलिक कभी चुनाव नहीं जीत सके. 1996 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर फिर से अलीगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सपा के बाद उन्होंने 2004 में बीजेपी का दामन थामा था। हालांकि उन्हें 2004 में फिर बागपत से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि इसके बाद भी बीजेपी में उनका कद बढ़ता गया। 2012 में उन्हें बीजेपी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था।

भाजपा सरकार नें सत्यपाल मलिक को 2017 में बिहार का राज्यपाल बनाया गया। बिहार के बाद उन्हें राज्यपाल के दौरान पर जम्मू कश्मीर की जिम्मेदारी मिली। 2018 में उन्हें यहां का राज्यपाल बनाया गया। अनुच्छेद 370 को निरस्त की गई तो वहां सत्यपाल मलिक राज्यपाल थे। इसके बाद उन्हें 2019 में गोवा का राज्यपाल बनाया गया, हालांकि इसके बाद उन्हें 2020 में मेघालय का राज्यपाल बनाया गया।लेकिन राज्यपाल रहते हुये ही उन्होंने बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी थी।

अब सीबीआई से पूछताछ के लिए समन मिलने के बाद सत्यपाल मलिक फिर से चर्चा में आ गए हैं. 

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

भारत नें सालों तक याद रखने वाला सबक पाकिस्तान को सिखाया है - प्रधानमंत्री मोदी PM Modi

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

योगिराज श्यामा चरण लाहिरी महाशय Yogiraj Shyama Charan Lahiri Mahasaya

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

जीवन मे कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो

कांग्रेस का पाकिस्तान को बचाने का ये षड्यंत्र देशवासी समझ चुके है - अमित शाह Amit Shah Lok Sabha

‘‘भूरेटिया नी मानू रे’’: अंग्रेजों तुम्हारी नहीं मानूंगा - गोविन्द गुरू

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग