देश और उसकी सांस्कृतिक धरोहर सर्वोपरी हो
सत्ताजीवी राजाओं की गुलामी करते करते पूरी दुनिया से गायब हो गए।
कांग्रेस नामक ब्रिटिश अधिकारी की पार्टी नें पाकिस्तान बनाने में सहमति देकर भारत को पहला बड़ा नुकसान किया।
फिर सत्ताजीवी नेताओं की गुलामी करते करते भारत 9 राज्यों में अल्पसंख्यक हो गए।
*200 जिलों से पलायन हो रहा है लेकिन सच बोलने की हिम्मत नहीं है और राजनीतिक पार्टियों की गुलामी आज भी जारी है*
*बच्चों का भविष्य सुरक्षित चाहते हो तो अपने सांसद विधायक से विशेष कानून, विशेष दर्जा और विशेष स्कूल बंद करने तथा हवाला और FCRA द्वारा होने वाली विदेशी फंडिंग रोकने के लिए तत्काल कठोर कानून बनाने की मांग करो।*
*भारत के 200 जिलों में बहुत तेजी से पलायन हो रहा है। मजहबी आग रोकना चाहते हो तो अपने सांसद विधायक से समान शिक्षा, समान नागरिक संहिता, समान धर्मस्थल संहिता और समान जनसंख्या संहिता लागू करने की मांग करो।*
*सनातन धर्म और सनातन संस्कृति को बचाना चाहते हो तो अपने सांसद विधायक से घुसपैठ, घूसखोरी, कालाधान, हवाला, धर्मांतरण, नशा तस्करी और मानव तस्करी नियंत्रण के लिए तत्काल कठोर कानून की मांग करो।*
*जिहाद को रोकना चाहते हो तो सांसद विधायक से मिलकर घटिया अंग्रेजी कानूनों को खत्म करने तथा पुलिस रिफॉर्म, ज्यूडिशियल रिफार्म, इलेक्शन रिफॉर्म, एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म और कांस्टीट्यूशनल रिफार्म करने की मांग करो*
*कानून घटिया है और न्यायिक व्यवस्था सड़ चुकी है इसीलिए पिछले 5 वर्ष में दिलवर नेगी, डॉक्टर नारंग, अंकित सक्सेना, रिंकू शर्मा, ध्रुव त्यागी, बादल राजपूत, ट्विंकल शर्मा, श्रद्धा, तारा खन्ना, हिना तलरेजा, खुशी परिहार, हीरा सिंह, किशन भरवाड़, रतनलाल, अभिजीत सरकार, कन्हैया लाल, कमलेश तिवारी, बंधू प्रकाश, रामलिंगम, चंदन गुप्ता, भरत यादव, विकास यादव, प्रशांत पुजारी, हर्षा पटेल, राजू राजपूत, नीलेश तेलगड़े, अंकित शर्मा, राहुल भट्ट, यश रस्तोगी, श्रीनिवासन, सुबोध सिंह, देवनाथ यादव, सत्यनारायण, संजय शर्मा, भावेश कोली, खेतराम वील, दीपक राव, राहुल उपाध्याय, श्याम प्रसाद सरोज, संतोष मंजूनाथ, शिवम खरगांव, गंगाराम हरिजन, वी रामलिंगम, अविनाश सक्सेना, रमेश गुर्जर, विष्णु गोस्वामी, जीतू मोहन, विधु जैन, मनहर वारिया, सावन राठौड़, रचित जाट, गीता यादव, मधु चिंडाकी, अमित गौतम, रिया गौतम, रामेश्वर सिंह, उमेश कोल्हे, कल्पवृक्ष गिरी, मिथुन राठौर सहित हजारों लोगों को मार दिया गया लेकिन किसी भी जिहादी को फांसी नहीं हुई*
*साम्यवाद, समाजवाद, गांधीवाद और अंबेडकरवाद महज एक जुमला है। पार्टियों और नेताओं का असली लक्ष्य तो केवल वोट और नोट है। सड़क, स्कूल, हॉस्पिटल बनाने से वोट और नोट मिलता है इसलिए यह तेजी से होता है।*
केंद्र और राज्यों का कुल बजट 75 लाख करोड़ है और इसका 20% अर्थात 15 लाख करोड़ घूसखोरी कमीशनखोरी दलाली में जाता है अर्थात हर साल 15 लाख करोड़ कालाधान बन जाता है फिर भी संसद विधानसभा मीडिया में सन्नाटा है। पुलिस चार्टर ज्यूडिशियल चार्टर इलेक्शन चार्टर और एडमिनिस्ट्रेटिव चार्टर लागू करके यह 15 लाख करोड़ हर साल बचाया जा सकता है।
*एक बात याद रखना,*
*गंधार शांत था, कंधार अशांत है*
*कुंभा शांत था, काबुल अशांत है*
*पर्शिया शांत था, ईरान अशांत है*
*कैकेय शांत था, पेशावर अशांत है*
*बाल्हीक शांत था, बल्ख अशांत है*
*कंबोज शांत था, बदख्शां अशांत है*
*सुवास्तु शांत था, स्वात घाटी अशांत है*
*तक्षशिला शांत था, रावलपिंडी अशांत है*
*9 राज्यों में सेक्युलरिज्म काम नहीं करता है*
*200 जिलों में समाजवाद कार्य नहीं करता है*
इसलिए दल गुलामी छोड़ो और सांसद विधायक से मिलकर इन मुद्दों पर बात करो अन्यथा जिहाद की आग एक दिन तुम्हारा भी घर जलाएगी।
*अश्विनी उपाध्याय, अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट*
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