भाजपा वो पार्टी है जिसके लिए राष्ट्र सदैव सर्वोपरि रहा है - प्रधानमंत्री मोदी
भाजपा के 44 वें स्थापना दिवस 6 अप्रेल 2023 पर,भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी का भाजपा के कार्यकर्ताओं को , केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली में दिये गये सम्बोधित / मार्गदर्शन को यथावत सम्पूर्ण यहां दिया जा रहा है। इसे अवश्य पढना चाहिये ....
- अरविन्द सिसौदिया, प्रदेश सह संयोजक मीडिया सम्पर्क विभाग, राजस्थान 9414180151
आज का भारत समंदर जैसी विशाल चुनौतियों का मुकाबला करने में पहले से कहीं ज्यादा सक्षम : पीएम मोदी
April 6, 2023
Quote बीजेपी के लिए हमेशा नेशन फर्स्ट : पीएम मोदी
Quote भाजपा विकास, विश्वास, नए विचार और देश की विजय का पर्याय है : पीएम मोदी
Quote बीजेपी ने वंशवादी राजनीति, जातिवाद, क्षेत्रवाद, संकीर्णता से मुक्त एक नई राजनीतिक संस्कृति का उदय किया है : पीएम मोदी
नमस्कार,
कार्यक्रम में उपस्थित भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय जेपी नड्डा जी, पार्टी के अन्य सभी पदाधिकारीगण, देश-विदेश में उपस्थित भाजपा के कोटि-कोटि कार्यकर्ता, देवियों और सज्जनों,
आज हम सभी अपनी पार्टी का स्थापना दिवस मना रहे हैं। मां भारती की सेवा में समर्पित प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता को इस शुभ अवसर पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं। भाजपा की स्थापना से लेकर आज तक जिन महान विभूतियों ने अपने खून-पसीने से इस पार्टी को सींचा है, पार्टी को संवारा है, पार्टी को समृद्ध किया है, पार्टी को सशक्त किया है, देश के कोटि-कोटि जनों की आवाज को बुलंद किया है, उन सभी को छोटे-छोटे कार्यकर्ता से लेकर के वरिष्ठ पद से पार्टी और देश की सेवा करने वाले सभी महानुभावों का मैं आज शीश झुकाकर के प्रणाम करता हूं।
साथियों,
आज हम देश के कोने-कोने में भगवान हनुमान जी जन्मजयंती मना रहे हैं। बजरंग बली के नाम का घोष चारों तरफ गूंज रहा है। हनुमान जी का जीवन, उनके जीवन के प्रमुख प्रसंग, आज भी हमें भारत की विकास यात्रा में प्रेरणा देते हैं, पुरुषार्थ के लिए प्रेरित करते हैं, और हमारी सफलताओं में कहीं-कहीं उन महान शक्ति के आशीर्वाद प्रतिबिंबित होते हैं। हनुमान जी के पास असीम शक्ति है, लेकिन इस शक्ति का इस्तेमाल वो तभी कर पाते हैं, जब स्वयं पर से उनका संदेह समाप्त होता है। 2014 से पहले भारत की भी तो यही स्थिति थी। अथाह सामर्थ्य से भरपूर, लेकिन अनेक संदेहों से घिरा हुआ देश का नागरिक।
आज, भारत, उस बजरंग बली की तरह से, उस बजरंग बली की महाशक्ति की तरह अपने अंदर सुप्त शक्तियों का आभास कर चुका है। आज भारत, समंदर जैसी विशाल चुनौतियों को पार करने, उनका मुकाबला करने में पहले से कहीं ज्यादा सक्षम है। हनुमान जी के ऐसे ही कई गुणों से, हम सभी भाजपा कार्यकर्ता, हमारी पार्टी निरंतर प्रेरणा पाते हैं। हनुमान जी सब कुछ कर सकते हैं, सबके लिए करते हैं, लेकिन अपने लिए कुछ नहीं करते।
इदम् रामाय, इदम् न मम् ।
यही तो भाजपा की प्रेरणा है- इदम् राष्ट्राय, इदम् न मम्! भाजपा हनुमान जी की एक और बात से भी बहुत बड़ी प्रेरणा मिलती रहती है हमें। जब हनुमान जी को राक्षसों का सामना करना पड़ा तो वो उतने ही कठोर भी हो गए थे। इसी तरह जब भ्रष्टाचार की बात आती है, परिवारवाद की बात आती है, कानून व्यवस्था की बात आती है, तो भाजपा उतनी ही संकल्पबद्ध हो जाती है, मां भारती को इन बुराइयों से मुक्ति दिलाने के लिए। कठोर होना पड़े तो कठोर भी हो। और हमारे लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा क्या है, आज की माडर्न परिभाषा में जिन बातों का बार-बार जिक्र किया जाता है। और वो है ‘Can do’ attitude’. अगर हनुमान जी का पूरा जीवन देखें, डगर-डगर पर, पल-पल, हनुमान जी के भीतर की ‘Can do’ attitude’, ‘Can do’ संकल्प शक्ति, उनको हर प्रकार की सफलता लाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करती है। कहा भी गया है-
"कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहि होइ तात तुम्ह पाहीं।।"
यानी, ऐसा कोई भी काम नहीं है, जो पवनपुत्र हनुमान कर नहीं सकते। इसलिए जब लक्ष्मण जी पर संकट आया तो हनुमान जी संजीवनी बूटी के लिए पूरा पर्बत ही उठा कर के ले आए। भाजपा भी इसी प्रेरणा से परिणाम लाने में, लोगों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करती रही है, करते रहना है, करते रहेंगे। इसलिए साथियों, आज के पवित्र अवसर पर हमें फिर स्मरण करना है- "राम काज कीन्हे बिनु, मोहि कहां विश्राम!"
भाइयों बहनों,
भाजपा वो पार्टी है जिसके लिए राष्ट्र सदैव सर्वोपरि रहा है। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ जिसकी आस्था का मूल मंत्र रहा है। जब जनसंघ का जन्म हुआ था, तो हमारे पास न ज्यादा सियासी अनुभव था, न साधन थे, न संसाधन थे! लेकिन हमारे पास मातृभूमि के प्रति भक्ति, हमारे पास लोकतन्त्र की शक्ति थी। जो देश लोकतन्त्र की जननी हो- Mother of Democracy हो, उसकी जनता के नीर-क्षीर-विवेक पर प्रारंभ से हमारी आस्था रही है और दिनोंदिन वो आस्था और मजबूत होती जा रही है। इसलिए जन भावना, जन आकांक्षाओं को ही हमने भाजपा की चेतनाशक्ति बनाया। हमने राष्ट्र प्रथम- Nation First के मंत्र को अपना आदर्श बनाया। भाजपा ने लोकतन्त्र की कोख से जन्म लिया, भाजपा लोकतन्त्र के अमृत से पोषित है, और भाजपा देश के लोकतन्त्र को, देश के संविधान को मजबूत करते हुए, समर्पण भाव से दिन रात देश के लिए काम कर रही है। साथियों, हमारा समर्पण है मां भारती को, हमारा समर्पण है देश के कोटि-कोटि जनों को, हमारा समर्पण है देश के संविधान को।
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साथियों,
आज भाजपा विकास का पर्याय है, विश्वास का पर्याय है, नए विचार का पर्याय है और देश की विजय यात्रा का भी एक मूक सेवक बनकर के अपनी भूमिका निभाता रहा है। भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ काम कर रही है। भाजपा की कार्यशैली सर्वसमावेशी है, सर्वस्पर्शी है, सर्वजन का हित करने वाली है। सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण को हमने हमेशा अपने हृदय में, अपनी कार्यशैली में सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सामाजिक न्याय, ये हमारे लिए राजनीतिक नारेबाजी का हिस्सा नहीं, ये हमारे लिए आर्टिकल आफ फेथ है। बीते वर्षों में बहुत सारे दल सामाजिक न्याय के नाम पर राजनीति का दिखावा करते रहे हैं। इन दलों ने, उनके मुखिया अपने परिवार का भला कर लेते हैं, अपने समाज का कतई नहीं। जबकि भाजपा, सामाजिक न्याय को जीती है, उसकी भावना का अक्षरश: पालन करती है।
80 करोड़ गरीबों को बिना भेदभाव मुफ्त राशन मिलना, सामाजिक न्याय का ही प्रतिबिंब है। 50 करोड़ गरीबों को बिना भेदभाव 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलना, सामाजिक न्याय की सशक्त अभिव्यक्ति है। 45 करोड़ गरीबों के बिना भेदभाव जनधन बैंक खाते खोलना, सामाजिक न्याय का इनक्लूसिव एजेंडा का जीता जागता उदाहरण है। 11 करोड़ गरीबों को बिना भेदभाव शौचालय मिलना, यही तो सामाजिक न्याय है। यही तो सामाजिक न्याय के प्रति हमारी भक्ति है। बिना भेदभाव, बिना तुष्टिकरण, बिना स्वार्थ, बिना वोटबैंक की राजनीति किए, भाजपा आज सामाजिक न्याय का भी सच्चे अर्थ में धरती पर इरादों को साकार करने वाला, देश के दबे कुचले समाज के लिए आशा की किरण बना हुआ, एक पर्याय बनकर के उभरा है।
साथियों,
आज भाजपा देश में एक नए Political Culture का भी नेतृत्व कर रही है। कांग्रेस और उनके जैसी पार्टियों का कल्चर, उन पार्टियों की पहचान क्या है... ये उन्हीं के कल्चर में से पैदा हुई है, उन पार्टियों की पहचान है, पार्टी का नाम लेते ही एक ही बात दिखती है, सारी पार्टियों के अंदर देख लीजिए... परिवारवाद, वंशवाद, जातिवाद और क्षेत्रवाद का बंधक हैं ये सारे लोग। जबकि भाजपा का Political Culture, प्रत्येक देशवासी को साथ लेकर चलने का है। कांग्रेस और उसके जैसी पार्टियों का कल्चर, छोटा-छोटा सोचना, छोटे सपने देखना और उससे भी कम हासिल करके खुशियां मनाना बस। और खुशी... एक-दूसरे की पीठ थपथपाना। भाजपा का Political Culture है, बड़े सपने देखने और उससे भी ज्यादा हासिल करने के लिए जीजान से खप जाना। शरीर का कण-कण समय का पल-पल खपाने का हौसला रखते हैं।
कांग्रेस और उसके जैसी पार्टियों का कल्चर, महिलाओं की समस्याओं, उनकी रोजमर्रा की चुनौतियों की परवाह ही नहीं करता है। जबकि भाजपा का Political Culture, महिलाओं के जीवन को आसान बनाने, उनके सपनों को साकार करने को, निर्णय प्रक्रिया में उनको भागीदारी देने को प्राथमिकता देता है। इसीलिए आज के युवा हों या फिर देश की माताएं-बहनें-बेटियां, भाजपा के साथ हम पल-पल अनुभव कर रहे हैं। हमारी माताओं-बहनों के आशीर्वाद बढ़ते चले जा रहे हैं। जुड़ाव महसूस करती हैं, अपनापन महसूस करती हैं। इसलिए आज ये सभी भाजपा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।
साथियों,
आज स्थापना दिवस के इस शुभ अवसर पर हम सब के लिए अपने सपनों को, अपने संकल्पों को, मां भारती की सेवा के लिए समर्पित अपने हर कार्यकर्ता के जीवन को देखते हुए, बहुत सी बातों को बार-बार समझने की आवश्यकता होती है। 2014 में जो हुआ, वो केवल सत्ता परिवर्तन नहीं था। 2014 में भारत के लोगों ने, भारत के पुनर्जागरण की नई यात्रा का शंखनाद कर दिया है। आठ सौ साल से ज्यादा की गुलामी से बाहर निकलकर, एक राष्ट्र अब अपना खोया हुआ गौरव पाने के लिए फिर से उठ खड़ा हुआ है। और इस प्रक्रिया में, दशकों से चली आ रही बुराइयां, चुनौतियां, धीरे-धीरे कमजोर पड़ती जा रही हैं। अब देश पंच-प्राणों की शक्ति से आगे बढ़ रहा है।
साथियों,
सन सैंतालीस में अंग्रेज भले चले गए लेकिन जनता को गुलाम रखने की मानसिकता यहीं पर कुछ लोगों के जहन में बोकर के चले गए, यहीं छोड़ गए थे। इसलिए आजादी के बाद के वर्षों में, देश में ऐसा वर्ग खूब फला-फूला जो सत्ता को अपना जन्मजात हक समझता था। इन लोगों की बादशाही मानसिकता ने देश की जनता को हमेशा अपना गुलाम माना। 2014 में इस दबे-कुचले, शोषित-वंचित वर्ग ने अपनी आवाज़ बुलंद की। बादशाही मानसिकता के लोग इस वर्ग की आवाज सुनने की बात तो छोड़ दीजिए, पल-पल कुचलते रहते थे। इसलिए हमारी सरकार के पहले कार्यकाल में ही बादशाही मानसिकता वाले इन लोगों ने इन शोषितों-वंचितों-दलितों-पिछड़ों, कोई मौका नहीं छोड़ा, उनकी मजाक उड़ाने में, हर पल उनकी मजाक उड़ाते रहे। हमारी योजनाओं को, हमारे कार्यक्रमों को निम्न स्तर का बताने की होड़ लगाई गई। जब मैंने लाल किले से स्वच्छ भारत अभियान की चर्चा की, गांवों को, गरीब को, मेरी माताओं-बहनों को इज्जतघर देना, शौचालय की सुविधा देने की बात जब मैंने की, तो यही लोग क्या-क्या नहीं कहते थे। जब मैंने डिजिटल इंडिया की बात की, तो इन्होंने अपनी ताकत, पूरी ताकत उसे खारिज करने में, देश के लोगों में भ्रम पैदा करने में, निराशा पैदा करने में पूरी शक्ति झोंक दी। ये तर्क दिए जाने लगे और ये कहने लगे कि देश में बड़ी आबादी अनपढ़ है, अनजान है, वो कैसे डिजिटल इंडिया का लाभ ले पाएगी?
साथियों,
जब हमारा मज़ाक उड़ाकर ये सफल नहीं हुए तो, बादशाही मानसिकता वाले इन लोगों की नफरत और ज्यादा बढ़ गई। उन्होंने कभी सोचा नहीं था, कि दशकों-दशक से हिंसा से जूझ रहे जम्मू कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट में शांति का सूरज उगेगा। इन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि आर्टिकल 370 कभी इतिहास हो जाएगा। जो काम दशकों तक सरकार चलाने वाले नहीं कर सके, वो काम भाजपा सरकार कैसे कर रही है, ये इन्हें पच नहीं रहा है। इसलिए नफरत से भरे हुए ये लोग आज झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं। अपने भ्रष्ट कर्मों का खुलासा होते देख, ये बेचैन हैं, हताशा से भर गए हैं। इसलिए अब ये लोग, इतने हताश, इतने निराश हो चुके हैं कि अब एक ही रास्ता उन्हें दिख रहा है, एक ही उपाय दिख रहा है, और वो खुलकर के कहने लगे हैं- मोदी तेरी कब्र खुदेगी। वो कब्र खोदने की धमकी देने लगे हैं। बादशाही मानसिकता वाले इन लोगों को, इन पार्टियों को एक बात पता नहीं है। आज देश का गरीब, देश का सामान्य मानवी, देश का युवा, देश की माताएं-बहनें-बेटियां, दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित-आदिवासी, हर कोई भाजपा के कमल को खिलाने के लिए, भाजपा के कमल की रक्षा करने के लिए वो ढाल बनकर के खड़ा हुआ है।
साथियों,
अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे इन राजनीतिक दलों की हमारे खिलाफ साजिशें चलती रहेंगी। लेकिन हम देशवासियों के सपनों को, देशवासियों की आकांक्षाओं को दबते हुए, बिखरते हुए, सिमटते हुए, मुरझाते हुए नहीं देख सकते। इसलिए हमारा जोर देश के विकास पर है, देशवासियों के कल्याण पर है। हमारे परिश्रम से जो परिणाम मिले हैं, इसकी गवाही वो आंकड़े दे रहे हैं, जो पिछला वित्तीय वर्ष समाप्त होने पर बीते 15-20 दिनों में सामने आए हैं। और मैं सभी देश और दुनिया में भाजपा के कार्यकर्ताओं को हमेशा हिसाब देने की आदत रखता हूं। काम का ब्योरा हर मौके पर देता रहता हूं। मैं आज सिर्फ दो-तीन सप्ताह की ही झलक दिखा रहा हूं, 15-20 दिन की। इतने छोटे से काल में, हर भारतीय को गर्व हो।
GST लागू होने के बाद से किसी एक वित्तीय वर्ष में 18 लाख करोड़ रुपए क्लेक्शन का रिकॉर्ड बनाना अभूतपूर्व। इस दौरान, देश के टैक्सपेयर ने भी 16 लाख करोड़ रुपए से अधिक टैक्स देकर नया रिकॉर्ड बनाया। मार्च महीने में ही UPI से 14 लाख करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन का नया रिकॉर्ड बना। देश के इतिहास में पहली बार हमारा एक्सपोर्ट 750 अरब डॉलर के पार पहुंचा। देश में कोयला उत्पादन ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। देश में स्टील उत्पादन में भी पुराने सारे रिकॉर्ड टूट गए। पहली बार 16 हज़ार करोड़ रुपए का डिफेंस एक्सपोर्ट हुआ। HAL ने रिकॉर्ड रैवेन्यू जेनरेट किया। मोबाइल फोन प्रोडक्शन और मोबाइल एक्सपोर्ट में भी नया रिकॉर्ड बना। एक साल में साढ़े 6 हज़ार किलोमीटर रेल ट्रैक का Electrification करने का रिकॉर्ड भी कुछ दिन पहले ही सामने आया। रेलवे ने डेढ़ हजार मीट्रिक टन से अधिक फ्रेट loading का रिकॉर्ड भी इसी दौरान बनाया। देश के बड़े पोर्ट्स ने एक साल में करीब 800 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो हैंडल करने का नया रिकॉर्ड बनाया। लगातार बन रहे विकास के ये रिकॉर्ड, दिखाते हैं कि देश कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। मैं एक सांस में जितना बोल पाया, बोल दिया।
साथियों,
आज हम सबका सौभाग्य है कि आज एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में हमें आज़ादी के अमृतकाल में देश की सेवा का अवसर मिल रहा है। हमें भविष्य के भारत का निर्माण भी करना है, और मेरे सब कार्यकर्ताओं को, भाजपा के हर सिपाही को हर स्तर पर उसका नेतृत्व भी करना है। हमारे प्रयास में अगले 25 वर्षों का विज़न शामिल होना चाहिए। हमारे हर कार्य में वो ऊर्जा होनी चाहिए जो आने वाले दशकों तक देश की दिशा और दशा हमारे सपनों को मजबूत करने वाली मां भारती के कोटि-कोटि जनों की आजादी से अब तक के संजोये हुए सारे सपनों को सिद्ध करने वाली होनी चाहिए।
साथियों,
आज के इस समय में दुनिया तेजी से बदल रही है। हमें भविष्य के हिसाब से भी अपनी पार्टी को निरंतर विकास करने की, विकसित करने की, सामर्थ्य बढ़ाने की कोशिश कभी भी रुकने नहीं देना है। हम पहले भी करते आए हैं, आगे अब जरा और गति से करना होगा। 6-7 वर्ष बाद, मैं सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं, 6-7 वर्ष बाद, भारतीय जनता पार्टी के 50 वर्ष पूरे होंगे। जब भाजपा के 50 वर्ष पूरे हो उस समय पार्टी का व्याप कितना होगा, स्वरूप कैसा होगा, हमारे लक्ष्य क्या होंगे, ये हमें अभी से तय करना होगा। हमें नए ideas को, नए इनोवेशन्स को अपनाना होगा, पार्टी में उन्हें एक प्रकार से हमारा जीवन का कल्चर का हिस्सा के रूप में जोड़ना होगा, उसे बढ़ाना होगा। जैसे मेरा एक सुझाव है कि हम पार्टी में टेक्नोलॉजी को हर स्तर पर आगे लेकर आएँ। हम विभिन्न स्तरों पर टेक्नोलॉजी सेल्स बना सकते हैं। हम युवाओं की ऐसी टीम बना सकते हैं जो आधुनिक टेक्नोलॉजी को मॉनिटर करें, उसे जनता तक पहुँचने के लिए कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं, हम एक्सपर्ट से सुझाव लें, हम सेमिनार करें, एक्सपर्ट को बुलाकर के बदलते हुए विश्व को समझने की कोशिश करें। सोशल मीडिया में भी हमें नए तौर तरीकों के बारे में सोचना होगा। आजकल Reals, You Tube, Twitter-Facebook और Instagram के जमाने में, ज्यादा से ज्यादा युवाओं में, इस युवा पीढ़ी में प्रोफेशनल्स से जुड़ने के लिए हमें राजनीति के नए आयामों को विकसित करना ही है। Communication और Information, भाजपा के निरंतर विस्तार में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं। इसके लिए हमें अपने कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग, पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, चुने हुए प्रतिनिधियों की ट्रेनिंग के नए प्लेटफॉर्म बनाने होंगे।
साथियों,
संगठन शक्ति, कार्यकर्ताओं की एकजुटता, ये भाजपा की प्राणशक्ति हैं, हमारा प्राणवायु है। इसे नित-निरंतर ऊर्जा देते रहना भी हम सभी का कर्तव्य है। हमें अपने विस्तार के लिए, दूसरों से सीखने के लिए, देश के भीतर और बाहर, हर तरफ दृष्टि रखनी होगी। हमें विश्व की दूसरी लोकतान्त्रिक पार्टियों के साथ भी समन्वय और संवाद बढ़ाने के बारे में काम करना चाहिए। मेरा आग्रह है, हमारे यूथ विंग्स, महिला विंग्स, दूसरे देशों की उन पार्टियों के इन विंग्स और कार्यकर्ताओं से जुड़ें, अपने अनुभव साझा करें और उनसे सीखें। हमारे सांसदों को भी संवाद...उनके प्रेशर बहुत रहता है, मैं जानता हूं, एक सांसद को इतने प्रकार के काम रहते हैं। लेकिन सांसद के पास जानकारियों के स्रोत भी बहुत रहते हैं। वो कार्यकर्ताओं को बहुत अच्छी तरह गाइड कर सकते हैं। कार्यकर्ताओं की क्षमता बढ़ाने में वो बहुत बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। हमारे जन प्रतिनिधि... क्योंकि उनको काफी जानकारियों के लिए अवसर मिलता है। उनका लाभ जितना ज्यादा हमें मिले, पार्टी को मिले, हमें कोशिश करनी चाहिए।
हम पार्टी में अलग-अलग मोर्चों के माध्यम से समाज के अलग-अलग वर्गों के लिए संघर्ष करते रहे हैं। जहां जरूरत पड़ेगी, संगठन करेंगे, जहां जरूरत पड़ेगी, लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष करेंगे, जहां जरूरत पड़ेगी, समर्पण की मात्रा बढ़ाते जाएंगे। लेकिन साथियों, अब हम उस दायरे में पहुंचे हैं... अब समय आ गया है कि सभी मोर्चे समाज की आवाज उठाने के साथ-साथ एक futuristic विज़न के साथ, उनकी हर छोटी-मोटी तकलीफों से मुक्ति के लिए आधुनिक तौर-तरीके अब क्या हो सकते हैं। कम समय में, कम संसाधनों से भी उत्तम से उत्तम परिणाम लाने के तरीके क्या हो, ताकि उनका जीवन बहुत तेजी से बदल सके, और 2047 जब आजादी के 100 साल हो तब विकसित भारत का सपना सिद्ध करने में कोटि-कोटि जनों की भागीदारी बढ़े। हर मोर्चे को सोचना चाहिए कि वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का स्थायी समाधान कैसे हो। उदाहरण के लिए, हम सभी पहले किसानों की समस्याएँ उठाते थे। किसान मोर्चे इसमें बड़ी भूमिका निभाते थे। हमने किसान सम्मान निधि से लेकर MSP तक कई बड़े फैसले लिए, किसानों की सेवा की। अब किसानों के FPO’s बन रहे हैं, कॉपरेटिव्स बन रहे हैं। इन्हें मजबूत करने का काम भी भाजपा कार्यकर्ता का ही है। इसी तरह, हमने हमेशा झुग्गी में रहने वाले गरीबों की आवाज़ उठाई। जब हमें सेवा का मौका मिला तो हमने उन्हें पक्के मकान दिए, शौचालय दिए, गैस कनेक्शन दिए। हमें इसी तरह आगे के लक्ष्य तय करने हैं। ये समाधान स्थायी होने चाहिए, और फ्युचर रेडी होने चाहिए। इस तरह के प्रयासों के लिए हम पार्टी में नए intellectual सेल्स भी बना सकते हैं। नए विचारों पर सेमीनार्स करने और उन पर आगे बढ़ने की एक व्यवस्था तैयार कर सकते हैं।
साथियों,
जब हमारे सामने 2047 के विकसित भारत जैसा बड़ा लक्ष्य है, तो हमारी ये ज़िम्मेदारी है कि परिश्रम में कोई कमी नहीं छोड़ें। हमें सफलताओं को सेलिब्रेट तो करना है, लेकिन अगले ही पल अगली चुनौती के लिए कमर भी कसनी है। और हमें ये सब बीजेपी की मूल विचारधारा के प्रकाश में ही करना है। भारत के संविधान की सीमाओं में ही रहना है। हमें भारत के समाधान उधार की सोच से नहीं, भारत की जड़ों से ही, भारत की परंपराओं से ही, भारत के कोटि-कोटि जनों के सदियों के अनुभव से ही, उस अमृत से आगे बढ़ना है। इस सोच के साथ हमें भाजपा को 21वीं सदी की, भविष्य की पार्टी बनाना है। हमें दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी अतिआत्मविश्वास का शिकार नहीं होना है। लोगों ने अभी से ये कहना शुरू कर दिया है कि 2024 में भाजपा को कोई नहीं हरा सकता। ये बात सही भी है। लेकिन, हमें एक भाजपा कार्यकर्ता के नाते इस देश के हर नागरिक का दिल जीतना है। हमें चुनाव जीतने तक सीमित नहीं रहना है। हमें कोटि-कोटि जनों के दिलों को जीतना... ये हमारा मकसद है। हमें हर चुनाव उसी परिश्रम से लड़ना है, जैसे हम 80 के दशक से अभी तक लड़ते आए हैं।
मुझे विश्वास है, कार्यकर्ताओं की ताकत और राष्ट्र प्रथम का संकल्प हमें इसी तरह ऊर्जा देता रहेगा। आज के इस शुभ अवसर पर दो पड़ाव, 50 साल जब बीजेपी के होंगे और 100 साल देश की आजादी के होंगे। आइए, एक खाका खींचें, योजना बनाएं, जन-जन के दिलों को जीतते हुए मां भारती के जिन सपनों को लेकर हम चले हैं, उन सपनों को साकार करते रहें। आज हनुमान जयंती पर स्वयं हनुमान दादा भी हम पर आशीर्वाद बरसाएं और जनता-जनार्दन तो ईश्वर का रूप ही होती है, उस जनता-जनार्दन के आशीर्वाद के बिना कुछ नहीं होता है। उन आशीर्वादों को लेकर के भी हम आश्वस्त होकर के आगे बढ़ें।
मैं आप सब को बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं!
पुन: शुभकामनाएं देता हूं।
मेरे साथ बोलिए...
भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!
बहुत-बहुत धन्यवाद।
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