संघ कार्य का ओर विस्तार करें - मुरलीधर जी




Ram Dass Soni

श्रीबिजयनगर में शनिवार को आयोजित आरएसएस के पथ संचलन एवं शस्त्र पूजन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आरएसएस के जोधपुर प्रान्त प्रचारक मुरलीधरजी ने कहा कि विजयादशमी पर्व पर भगवान श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें समाज में नवचैतन्यता भरने का कार्य करना है, कार्य तभी सफल हो पायेगा जब हम अपने अन्त:करण में छिपे विकारों को, संकुचित और समाज संगठन विरोधी धारणाओं को बाहर निकाल फेंकेगें।
माननीय प्रान्त प्रचारक मुरलीधरजी ने अपने ओजस्वी सम्बोधन में कहा कि संघ हिन्दु समाज को संगठित, जाग्रत और बलशाली बनाना चाहता है, अपनी स्थापना से लेकर आज संघ द्वारा समाजहित में किए गए कार्य इसका प्रमाण है। उन्होने कहा कि संघ को श्रीमदभागवत गीता के एक ही श्लोक से समझा जा सकता है यदा यदा हि धर्मस्य ग्लार्निभवति भारत ......... युगे युगे। यानि धर्म की स्थापना, सज्जन शक्तियों का संरक्षण और दुष्ट, विभाजनकारी राष्ट्रविरोधी ताकतों का प्रतिकार। ये तीन कार्य ही संघ कार्य है।
आरएसएस के जोधपुर प्रान्त प्रचारक मुरलीधरजी ने आगे कहा कि जनसामान्य विशेषकर युवा वर्ग के मन में एक महत्वपूर्ण प्रश्न है कि संघ कार्य का जिस गति से विस्तार हो रहा है उसी प्रकार से नित नई समस्याऐं देश और समाज के सम्मुख आ रही है ऐसा क्यों?
एक बार एक व्यक्ति गेहूं लेकर चक्की पर पिसाने गया, नियत समय पर वापिस लेने गया तो पता चला कि आटा तो पीसा ही नहीं गया। आटा पीसने वाले ने कारण बताया कि बिजली नहीं है परंतु उसने स्वयं देखा कि सामने बिजली का बल्ब जल रहा है, उसे बहुत गुस्सा आया कि ये दुकानदार उसे सरेआम बना रहा है। उस व्यक्ति ने दुकानदार से कहा कि अगर बिजली नहीं है तो ये बल्ब प्रकाश कैसे दे रहा है, अगर बिजली वास्तव में नहीं है तो वो बिजली के तारों का छू कर देखे कि उसमें करंट है या नहीं। इस पर दुकानदार ने कहा कि भाई आप अपनी जगह ठीक कह रहे है और मैं अपनी जगह, वास्तव में बिजली है भी और नहीं भी। जिस बिजली को आप देख रहे है वो सिंगल फेस वाली है जिससे छोटे मोटे काम हो सकते है पर मेरी चक्की को चलने के लिए थ्री फेस बिजली चाहिए इस समय थ्री फेस बिजली ना होने के कारण मेरे लिए बिजली नहीं है।
संघ का कार्य निरंतर बढने के बाद भी आज यह सिंगल फेस बिजली के समान है देश की वर्तमान भयावह स्थिति में सुधार के लिए आज संघ कार्य को और गति देकर थ्री फेस बनाने की आवश्यकता है।

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