सुरक्षाबलों का मनोबल ऊँचा रखें : सरसंघचालक डा. मोहनराव भागवत




सुरक्षाबलों का मनोबल ऊँचा रखें . डॉक्टर मोहन भागवत

तिथि 29-09-2013

जम्मू  । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जम्मू-कश्मीर द्वारा आज परेड़ ग्राउंड के मिनी स्टेडियम में संघ संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में संघ के स्वयंसेवकों ने खाकी निक्कर, सफेद कमीज, काली टोपी में भाग लिया। इस अवसर बड़ी संख्या में जम्मू महानगर के अतिरिक्त जम्मू के प्रबुद्व नागरिक और महिलाएं भी उपस्थित थीं।
     संघ के स्वयंसेवकों द्वारा योग, व्यायाम, सामूहिक गीत व भगवा ध्वज को प्रणाम कर संघ प्रार्थना की गई। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परमपूजनीय सरसंघचालक डा. मोहनराव भागवत ने हाल ही में हीरानगर पुलिस स्टेशन व साम्बा सैन्य कैंप में घटी आतंकी घटना में शहीद हुए जवानों व नागरिकों को श्रद्धांजलि दी। मा. भागवत जी ने सेना और सुरक्षाबलों के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि वह गत 67 वर्षों से अपनी कुर्बानी देकर देश व समाज की रक्षा कर रहें हैं।  उन्होंने प्रश्न पूछा कि यह संकट सैनिकों पर ही है क्या? क्या यह लड़ाई केवल वहीं लड़ेंगे ? संकट तो समाज पर है, समाज ठीक से जी सके इसलिए अपने सीने को ढाल बनाकर वह अपना कार्य करते हैं।  समाज का कतवर््य बनता है कि वह सुरक्षाबलों के मनोबल को ऊंचा रखे।
     उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा का जिम्मा सरकार, समाज, नेतागण आदि सब पर है। समाज बल से ही सरकारें चलती हैं। उन्होंने वर्तमान परिस्थितियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज देश की परिस्थतियां वैसी ही हैं जैसे हम किसी ठेकेदार को किसी काम का ठेका देकर सौ जाते हैं। उन्होंने कहा कि समाज की जागृत शक्ति ही देश की सभी समस्याओं का हल है। वर्तमान परिस्थितियों को देखकर लगता है कि देश भगवान के भरोसे ही चल रहा है लेकिन भयभीत, उदास व मायूस होने से काम नहीं चलने वाला, समाज को उठ खड़े होना होगा।
     उन्होंने जम्मू संभाग के लोगों के साथ हो रहे भेदभाव का जिक्र करते  हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में हर प्रकार की समस्या है बल्कि ऐसी कोई समस्या नहीं है जो इस प्रदेश में न हो। उन्होंने समाज को उसके कर्तव्य का बोध करवाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को देश का मनोबल ऊंचा रखना होगा। उन्होंने किश्तवाड़ घटनाक्रम पर बोलते हुए कहा कि यह अपने ही देश के नागरिकों को बेदखल कर राजनीतिक स्वार्थ साधने की योजना है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री द्वारा राज्य के विलय पर कुछ युरोपियन लोगों के समक्ष लगाए गए प्रश्न चिन्ह पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह विलय बहुत सोच समझकर लिया गया निर्णय है जिसे वापिस नहीं लिया जा सकता। जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय अंतिम और पूर्ण है। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि जिनको देश को जोड़ने वाली बात करनी चाहिए वही लोग अलगाववाद को प्रोत्साहित करते हैं। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे बाड़ ही खेत को खाए।
     उन्होंने देश की विविधताओं की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति ही सबको एक साथ चलाने वाली अद्वितीय संस्कृति है। उन्होंने कहा कि इस भूमि को संरक्षित  रखने के लिए जिन महापुरूषों ने बलिदान दिए, उनका गौरव मन में धारण कर समाज को आगे बढ़ना चाहिए।
     मंच पर डा. भागवत के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र संघचालक डा. बजरंग लाल गुप्त, प्रांत संघचालक सेवानिवृत ब्रि. सुचेत सिंह, जम्मू विभाग संघचालक डा. गौतम मैंगी व जम्मू महानगर संघचालक मा. यश पुरी जी उपस्थित थे।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमें वीर केशव मिले आप जबसे : संघ गीत

सर्व हिंदू समाज की " हिंदू नववर्ष शोभायात्रा " अद्भुत और दिव्यस्वरूप में होगी Hindu Nav Varsh Kota

स्वदेशी मेला हिंदू संस्कृति के विविध रंगारंग कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न Hindu Nav Varsh Kota

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

आज होगा विराट हिंदू संगम, लघु कुंभ जैसा दृश्य बनेगा कोटा महानगर में Hindu Nav Varsh

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

प्रत्येक हिंदू 365 में से 65 दिन देश को दे, जनसंख्या में वृद्धि कर समाज की सुरक्षा करें - महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी महाराज

भारतवासी भूल गए अपना खुद का हिन्दू नववर्ष Hindu New Year