झांसी में लगाये , राहुल की बॉलिंग पर मोदी ने छक्के ....
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गत कुछ आम सभाओं में जितने भी मुद्दे जनता के बिच डाले थे अर्थात क्रिकेट की भाषा में बोलिंग की थी उन सभी पर भाजपा नेता नरेंद्र मोदी ने झांसी की आम सभा में जोरदार जबावी हमले बोले , कटघरे में खड़ा किया अर्थात क्रिकेट की भाषा में छक्के उडाये।
झांसी में लगाये , राहुल की बॉलिंग पर मोदी ने छक्के
http://abpnews.newsbullet.in/ind/34/57888
'ISI कनेक्शन वाले युवकों का नाम बताएं, नहीं तो माफी मांगे राहुल'
एबीपी न्यूज Friday, 25 October 2013
झांसी. गुजरात
के मुख्यमंत्री और बीजेपी की तरफ से पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी
यूपी के झांसी में राहुल गांधी पर जमकर बरसे. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत
करते हुए कहा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें इस वीरभूमि से आशीर्वाद लेने
का मौका मिला है.राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह आज रोने नहीं आए हैं. वह आपके आंसू पोछने आया हूं.
कानपुर
की रैली में जिस तरह से मोदी ने क्षेत्रीय समस्याओं को तवज्जो दी थी, उसके
बाद अब झांसी में भी बुंदेलखंड के स्थानीय मुद्दों को उठाया. उन्होंने कहा
कि यहां नदियां बहुत हैं फिर भी किसान आत्महत्या क्यों करते हैं. कांग्रेस
को न तो गरीब की परवाह है न किसान की. कांग्रेस रेवड़ियां बांटने में
माहिर है. पैकेज नेताओं में बंदरबांट के लिए आया है.
मोदी
ने कहा कि यूपी में अकेले इतना ताकत है कि पूरे देश की गरीबी को दूर किया
जा सकता है. यूपी अकेले ऐसा राज्य है जहां सारे वाद हैं. कांग्रेस का
अंहकारवाद है, सपा का परिवार वाद है. बसपा ब्यक्तिवाद. ये लोग आपके वादों
को पूरा नहीं करना चाहते हैं.
मोदी
ने कहा कि आपने कांग्रेस को 60 साल दिया है. यदि बीजेपी को 60 महीने का
मौका दिया तो हम आपकी तकदीर बदल देंगे. कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी
पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि इंदिरा गांधी
के मरने पर उनको गुस्सा आया तो क्या केवल गुस्सा आपको आया या सभी
कांग्रेसियों को गुस्सा आया. हजारों सिखों को मारा गया तब आपको गुस्सा
क्यों नहीं आया. कांग्रेस के गुस्से का शिकार हुए सिख.
इंटेलिजेंस
पर सवाल उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी तो केवल एमपी हैं फिर ये लोग उनसे
सूचना क्यों शेयर करते हैं. राहुल गांधी द्वारा दिए गये इंटेलिजेंस की
सूचना पर सवाल उठाते हुए मोदी ने कहा कि सरकार आपकी है फिर आईएसआई
मुजफ्फरनगर कैसे पहुंच गई? भारत सरकार क्या कर रही है कि आईएसआई यूपी में
पैर पसार रही है. राहुल से मोदी ने सवाल पूछा कि वे कौन युवक हैं जिनसे ISI
संपर्क साधी है. नाम बताएं नहीं तो देश से माफी मांगे.
राहुल
गांधी पूर्वजों के पराक्रम देखने गरीबों के झोपड़ी में जाते हैं. इनके
पूर्वज कहते थे कि आधी रोटी खाएंगे देश बचाएंगे. राहुल गांधी कहते हैं कि
पूरी रोटी खाएंगे. 60 साल में आधी से पूरी रोटी तक पहुंचे हैं.
मोदी
से पहले बीजेपी नेत्री उमा भारती ने मोदी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा
कि गुजरात में महिलाएं सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि मोदी के
पीएम बनने के बाद देश में बिना रिश्वत लिए ही काम होगा. आपको बता दें कि
मोदी के साथ मंच पर राजनाथ सिंह भी हैं. पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा
कि यह जनसभा नहीं जनसैलाब है. राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर तंज कसा और कहा
कि यह पार्टी गरीबी की मार्केटिंग कर रही है. कांग्रेस लोगों की आंखों में
धूल झोंक रहे हैं.
गरीबों
की चारपाई पर कुछ समय बीता कर मीडिया से फोटो खींचवाते हैं. कांग्रेस ने
केवल पेट पर ही लात नहीं मारा है यह आपके स्वाभिमान पर भी चोट पहुंचाते
हैं. एसपी और बीएसपी पर कटाक्ष करते हुए कहते हैं यहां दोनों एक दूसरे की
पीठ खुजलाते हैं दिल्ली में पीठ सहलाते हैं.
आपको बता दें कि झांसी में 60 फीसदी ओबीसी वोटर हैं.
झांसी
की भौगौलिक स्थिति देखें तो वह तीन तरफ से एमपी से घिरा हुआ है. एमपी के
दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर और शिवपुरी जिलों की सीमाएं झांसी से जुड़ी हुई
हैं. यही कारण है कि शिवराज की तारीफ करने का मौका मोदी नहीं चुके.
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प्रधानमंत्री नहीं मुझे चौकीदार बनाओ: नरेंद्र मोदी
झांसी, एजेंसी 25-10-13
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां कहा कि जनता उन्हें
प्रधानमंत्री नहीं, चौकीदार बनाए। वह यहां पार्टी द्वारा आयोजित विजय
शंखनाद रैली को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने कहा, ''आप लोग मुझे प्रधानमंत्री नहीं चौकीदार बनाएं और मैं देश के
खजाने पर कोई भी पंजा नहीं पड़ने दूंगा।'' मोदी ने कहा कि इस देश में
गरीबों की झोपड़ी शहजादे (राहुल गांधी) के पूर्वजों के कारनामों के कारण
आबाद है।
मोदी ने कहा, ''आधी से पूरी रोटी तक आने में यदि 6० वर्ष का समय लगा तो
पूरी से भरपेट रोटी तक आने में 1०० साल का समय लगेगा। आप लोगों ने कांग्रेस
को 6० वर्ष तक शासन करने का मौका दिया। भाजपा को 6० महीने का समय दीजिए।
हम देश की तकदीर और तस्वीर दोनों ही बदल देंगे।''
मोदी ने कहा कि वह रोने और आंसू बहाने के लिए नहीं आएं हैं। वह गरीबों व किसानों के आंसू पोंछने का संकल्प लेकर आए हैं।
मोदी ने रैली में जनता से पूछा कि क्या बुंदेलखंड के लोगों के अंदर विकास
करने का दम नहीं है? इसका स्वयं ही जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि यहां के
किसानों में तो दम है, लेकिन लखनऊ और दिल्ली की सरकारों में दम नहीं है।
मोदी ने दिल्ली की केंद्र सरकार से पूछा कि जहां-जहां कांग्रेस की सरकार
है, वहीं पर क्यों सबसे अधिक किसानों ने आत्महत्या की। इसका कारण यह है कि
कांग्रेस की सरकार को गांव, गरीब और किसान की परवाह नहीं है। कांग्रेस
चुनाव में रेवड़ी बांटती है और पैकेज की बात करती है। बुंदेलखंड में यह
पैकेज उत्तर प्रदेश के नेताओं का मुंह बंद करने के लिए आया था।
मोदी ने इस मौके पर मुसलमानों और सिखों को भी लुभाने की कोशिश की। राहुल
गांधी के हाल में दिए गए बयान पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस
उपाध्यक्ष उन मुस्लिम नौजवानों का नाम बताएं जो पाकिस्तान की खुफिया
एजेंसी आईएसआई के संपर्क में हैं, अन्यथा उन युवकों से सार्वजनिक रूप से
माफी मांगें।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस के शहजादे राहुल गांधी ने मुजफ्फरनगर दंगे के
पीड़ित नौजवानों पर गंभीर आरोप लगाया है कि वहां शिविरों में रह रहे कुछ
मुस्लिम युवक आईएसआई के संपर्क में हैं।
उन्होंने राहुल से सवाल किया कि केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार है। ऐसे
में यदि इतना गंभीर मामला आ गया है तो सरकार क्या कर रही है? मोदी ने कहा
कि राहुल तत्काल ऐसे लोगों का नाम घोषित करें नहीं तो देश के उन नौजवानों
से माफी मांगें।
मोदी ने केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसियों पर भी सवाल उठाया और कहा कि जो
व्यक्ति मात्र सांसद है और जिसने गोपनीयता की कोई शपथ नहीं ली है, खुफिया
एजेंसियां उसे देश की गुप्त रिपोर्ट क्यों दे रही हैं।
मोदी ने सिख समुदाय की हमदर्दी बटोरने की भी कोशिश की। उन्होंने राहुल
गांधी के उस बयान की ओर इशारा किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब मेरी
दादी (इंदिरा गांधी) मारी गईं थीं तो मुझे बहुत गुस्सा आया था।
मोदी ने कहा कि यह सच है कि दादी की हत्या पर राहुल को गुस्सा आया होगा,
कांग्रेसियों को भी गुस्सा आया था, लेकिन उसके बाद जब उनके लोगों ने हजारों
सिखों को मौत के घाट उतार दिया और नौजवानों को जिंदा जला दिया तो क्या उस
पर भी उन्हें गुस्सा आया था? यदि आया होता तो आज तक इस मामले में किसी एक
भी दोषी को सजा क्यों नहीं मिली।
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झांसी में मोदी मंत्र
वासिंद्र मिश्र
संपादक, ज़ी रीजनल चैनल्स
http://zeenews.india.com/hindi/news/zee-special/modi-mantra-in-jhansi/193619
बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से नरेंद्र मोदी एक के बाद एक रैलियां करते जा रहे हैं। इन रैलियों में दिए उनके भाषणों के जरिए उनकी रणनीति सामने आने लगी है। एक खास बात और है नरेंद्र मोदी भाषण चाहे कहीं दें, उनकी बातें पैन इंडिया ही होती हैं। झांसी में नरेंद्र मोदी का भाषण अपने आप में उस फिल्म की तरह था जिसमें हर विधा की चीजें मौजूद थी, चाहे वो एक्शन हो, कॉमेडी हो या फिर इमोशन से भर देने वाले सीन।
नरेन्द्र मोदी ने खुद को गरीबी से जोड़ा, उन दिनों की याद दिलाई जब वो ट्रेन में चाय बेचा करते थे। मोदी ने कहा कि ये बीजेपी की महानता है कि एक चाय बेचने वाला व्यक्ति आज प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार है। मोदी ने ना सिर्फ इस बयान के जरिए सियासत में परिवारवाद पर निशाना साधा बल्कि उस हर गरीब के दिल में जगह बनाने की कोशिश की जो मेहनत-मजदूरी कर बड़े होने का ख्वाब देखता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत में ऐसे लोगों की तादाद ज्यादा है।
इस रैली में शायद पहली बार मोदी ने लाखों लोगों के सामने खुद को पिछड़ा वर्ग का बताया। झांसी में मोदी ने ये बात यूं हीं नहीं कही, दरअसल बुंदेलखंड का वो इलाका ऐसा है जहां पिछड़े वर्ग के लोगों की तादाद ज्यादा है। मोदी बोले कि वो पिछड़ा वर्ग से आते हैं ताकि पिछड़े वर्ग के तमाम लोग उन्हें अपना रहनुमा समझ सकें। ये बुंदेलखंड के लिहाज से खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां की सियासी बिसात पर पिछड़े वोंटो का अहम योगदान है। इस रैली में मंच पर नेताओं की मौजूदगी भी सियासत के इसी गणित के हिसाब से थी। मंच पर राजनाथ के बगल में कल्याण सिंह को जगह दी गई जो लोध जाति से हैं और बुंदेलखंड में लोध जाति के वोटर्स ज्यादा हैं। मंच पर इसके अलावा उमा भारती और विनय कटियार नज़र आए।
नरेंद्र मोदी अपने भाषण में राहुल गांधी के उस बयान का जिक्र करना नहीं भूले जिसमें उन्होंने अपनी दादी की हत्या के बारे में कहा था। राहुल गांधी के इस बयान के बहाने नरेंद्र मोदी ने 84 में हुए सिख विरोधी दंगों की चर्चा की। कांग्रेस की भूमिका पर सवाल खड़े किए और एंग्री यंगमैन की तरह सवाल किया कि क्या इसी गुस्से की प्रतिक्रिया के तौर पर सिख विरोधी दंगे हुए और आज तक गुनहगारों को सजा नहीं मिली। मोदी ने अपने इस बयान से ना सिर्फ कांग्रेस पर सवाल खड़े किए बल्कि सिख धर्म के लोगों को ये जताने की कोशिश भी की कि बीजेपी उनकी हमदर्द है। दरअसल इसके जरिए नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में सिख वोटों को बीजेपी के पक्ष में मोड़ने की कोशिश की है।
नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड के विकास के लिए अक्सर पैकेज के ऐलान को मुद्दा बनाकर लखनऊ और दिल्ली की सरकार पर भी सवाल खड़े किए। मोदी ने बताया कि पैकेज का जो हिस्सा मध्यप्रदेश में गया उससे विकास हुआ, उत्पादन तीन गुना बढ़ा और सारी व्यवस्था बेहतर हुई, लेकिन यूपी में पड़ने वाले बुंदेलखंड के हिस्से से दिल्ली और लखनऊ में बैठे लोगों की जेबें गर्म हुईं। इस मुद्दे के बहाने मोदी ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार की जमकर तारीफ की साथ ही बुंदेलखंड में पड़ने वाले 13 जिलों के मतदाताओं के दिलों में भी जगह बनाने की कोशिश की।
मोदी ने अपने भाषण में शायद पहली बार, भले ही परोक्ष रूप से, मुस्लिम युवकों को भी ये बताना चाहा कि वो उनके हमदर्द हैं। मुद्दा बना राहुल का बयान, जिसमें राहुल ने मुजफ्फरनगर और आईएसआई कनेक्शन की बात की थी। मोदी ने कई सवाल उठाए, मसलन एक सांसद को इंटेलिजेंस इतनी महत्वपूर्ण बातें क्यों बताता है? अगर मुजफ्फरनगर वाली बात सही है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? और अगर ऐसा नहीं है तो उन नौजवानों को बदनाम क्यों किया जा रहा है?
संपादक, ज़ी रीजनल चैनल्स
http://zeenews.india.com/hindi/news/zee-special/modi-mantra-in-jhansi/193619
बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से नरेंद्र मोदी एक के बाद एक रैलियां करते जा रहे हैं। इन रैलियों में दिए उनके भाषणों के जरिए उनकी रणनीति सामने आने लगी है। एक खास बात और है नरेंद्र मोदी भाषण चाहे कहीं दें, उनकी बातें पैन इंडिया ही होती हैं। झांसी में नरेंद्र मोदी का भाषण अपने आप में उस फिल्म की तरह था जिसमें हर विधा की चीजें मौजूद थी, चाहे वो एक्शन हो, कॉमेडी हो या फिर इमोशन से भर देने वाले सीन।
नरेन्द्र मोदी ने खुद को गरीबी से जोड़ा, उन दिनों की याद दिलाई जब वो ट्रेन में चाय बेचा करते थे। मोदी ने कहा कि ये बीजेपी की महानता है कि एक चाय बेचने वाला व्यक्ति आज प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार है। मोदी ने ना सिर्फ इस बयान के जरिए सियासत में परिवारवाद पर निशाना साधा बल्कि उस हर गरीब के दिल में जगह बनाने की कोशिश की जो मेहनत-मजदूरी कर बड़े होने का ख्वाब देखता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत में ऐसे लोगों की तादाद ज्यादा है।
इस रैली में शायद पहली बार मोदी ने लाखों लोगों के सामने खुद को पिछड़ा वर्ग का बताया। झांसी में मोदी ने ये बात यूं हीं नहीं कही, दरअसल बुंदेलखंड का वो इलाका ऐसा है जहां पिछड़े वर्ग के लोगों की तादाद ज्यादा है। मोदी बोले कि वो पिछड़ा वर्ग से आते हैं ताकि पिछड़े वर्ग के तमाम लोग उन्हें अपना रहनुमा समझ सकें। ये बुंदेलखंड के लिहाज से खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां की सियासी बिसात पर पिछड़े वोंटो का अहम योगदान है। इस रैली में मंच पर नेताओं की मौजूदगी भी सियासत के इसी गणित के हिसाब से थी। मंच पर राजनाथ के बगल में कल्याण सिंह को जगह दी गई जो लोध जाति से हैं और बुंदेलखंड में लोध जाति के वोटर्स ज्यादा हैं। मंच पर इसके अलावा उमा भारती और विनय कटियार नज़र आए।
नरेंद्र मोदी अपने भाषण में राहुल गांधी के उस बयान का जिक्र करना नहीं भूले जिसमें उन्होंने अपनी दादी की हत्या के बारे में कहा था। राहुल गांधी के इस बयान के बहाने नरेंद्र मोदी ने 84 में हुए सिख विरोधी दंगों की चर्चा की। कांग्रेस की भूमिका पर सवाल खड़े किए और एंग्री यंगमैन की तरह सवाल किया कि क्या इसी गुस्से की प्रतिक्रिया के तौर पर सिख विरोधी दंगे हुए और आज तक गुनहगारों को सजा नहीं मिली। मोदी ने अपने इस बयान से ना सिर्फ कांग्रेस पर सवाल खड़े किए बल्कि सिख धर्म के लोगों को ये जताने की कोशिश भी की कि बीजेपी उनकी हमदर्द है। दरअसल इसके जरिए नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में सिख वोटों को बीजेपी के पक्ष में मोड़ने की कोशिश की है।
नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड के विकास के लिए अक्सर पैकेज के ऐलान को मुद्दा बनाकर लखनऊ और दिल्ली की सरकार पर भी सवाल खड़े किए। मोदी ने बताया कि पैकेज का जो हिस्सा मध्यप्रदेश में गया उससे विकास हुआ, उत्पादन तीन गुना बढ़ा और सारी व्यवस्था बेहतर हुई, लेकिन यूपी में पड़ने वाले बुंदेलखंड के हिस्से से दिल्ली और लखनऊ में बैठे लोगों की जेबें गर्म हुईं। इस मुद्दे के बहाने मोदी ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार की जमकर तारीफ की साथ ही बुंदेलखंड में पड़ने वाले 13 जिलों के मतदाताओं के दिलों में भी जगह बनाने की कोशिश की।
मोदी ने अपने भाषण में शायद पहली बार, भले ही परोक्ष रूप से, मुस्लिम युवकों को भी ये बताना चाहा कि वो उनके हमदर्द हैं। मुद्दा बना राहुल का बयान, जिसमें राहुल ने मुजफ्फरनगर और आईएसआई कनेक्शन की बात की थी। मोदी ने कई सवाल उठाए, मसलन एक सांसद को इंटेलिजेंस इतनी महत्वपूर्ण बातें क्यों बताता है? अगर मुजफ्फरनगर वाली बात सही है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? और अगर ऐसा नहीं है तो उन नौजवानों को बदनाम क्यों किया जा रहा है?
दरअसल मोदी ने ये बात यूं हीं नहीं कही, मोदी ने इसके जरिए एक साथ दो निशाने साधे, राहुल और इंटेलीजेंस एजेंसी पर सवाल खड़े किए ही, बिना सीधे तौर पर कहे मुज़फ्फरनगर के पीड़ित नौजवानों को भी ये जता दिया कि बीजेपी उनके साथ है। इसके साथ ही मोदी ने खुद पर गोधरा मामले में अल्पसंख्यक विरोधी होने के दाग को धोने की कोशिश भी की। मोदी ने झांसी के इस मंच पर अंग्रेजों के अत्याचार की तुलना कांग्रेस के अत्याचार से की।
मोदी ने कहा कि 1857 में जो नारा झांसी की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने दिया था वही नारा आज भी लोगों को देना चाहिए। लक्ष्मीबाई ने कहा था नहीं देंगे, नहीं देंगे, अपनी झांसी नहीं देंगे, आज लोगों को कहना चाहिए नहीं देंगे, नहीं देंगे, देश बेइमानों को नहीं देंगे। मोदी ने कहा- हम आंसू बहाने नहीं पोंछने आए हैं, जनता ने देश को 60 साल कांग्रेस के हाथ में सौंपा है अब 60 महीने के लिए हमें दे, हम आपकी तकदीर भी बदलेंगे और देश की तस्वीर भी बदलेंगे।
First Published: Friday, October 25, 2013, 21:13
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