हम भारत को जमीन नहीं 'मां' का दर्जा देते हैं- मुजफ्फर हुसैन
हम भारत को जमीन नहीं 'मां' का दर्जा देते हैं- मुजफ्फर हुसैन
व्याख्यानमाला : 'भारत के विकास की अवधारणा' पर पद्मश्री मुजफ्फर हुसैन ने कहा- भारत देवभूमि है, 2021 के बाद देश नई करवट लेगा
भास्कर न्यूज / कोटा
दुनिया के लोग अपने देश को जमीन, माटी या पत्थर का टुकड़ा समझते हैं, लेकिन हम अपने देश को मां का दर्जा देते हैं। इसीलिए हमें मातृभूमि से इतना प्यार है। हम टूटने या तोडऩे में नहीं, निर्माण में विश्वास करते हैं।
यह कहना है जाने-माने विचारक पद्मश्री मुजफ्फर हुसैन का। गुरुवार को स्वामी विवेकानंद सार्ध शती समारोह और भाविप के स्वर्ण जयंती वर्ष के मौके पर टीलेश्वर भवन में प्रथम व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता हुसैन ने धाराप्रवाह उद्बोधन में कहा कि हमारी अवधारणा एक राष्ट्र की है। जिस तरह शरीर का एक अंग काट दिया जाए तो असहनीय दर्द होता है, वैसे ही मातृभूमि का एक हिस्सा भी अलग हो तो हमें तकलीफ होती है।
उन्होंने कहा कि भारत देवभूमि है जहां लंबोदर की सवारी चूहा है। यह वैज्ञानिक अवधारणा थी। चूहा धरती के भीतर घुसकर कोई भी चीज निकालकर ला सकता है। आज के कंप्यूटर युग में 'माउस' भी एक क्लिक से सारी जानकारी लाकर दे देता है। हमारे सभी प्रतीक में साइंस थी। देश में 52 शक्तिपीठ ही जिले थे, 12 ज्योतिर्लिंग ही 12 प्रांत थे जो पूरे देश को नियंत्रित करते रहे। तब देश में 4 संसद थी, चारों दिशाओं के लोग कुंभ के रूप में आज भी प्रत्येक 4 साल में आपस में मिलते-जुलते हैं। यह संस्कृति दुनिया में और कहीं नहीं है। विशिष्ट अतिथि वीएमओयू के प्रो. पीके शर्मा, सीए अरविंद गोयल, भाविप के राष्ट्रीय महामंत्री प्रद्युम्न कुमार जैन ने भी विचार रखे। कार्यक्रम समन्वयक सीताराम गोयल व संयोजक दीपक कुमार गुप्ता ने आभार जताया।
ब्रह्म पुत्र और कन्याकुमारी दोनों एक समान: उन्होंने कहा कि हमारे देश में बेटे और बेटी में कभी अंतर नहीं समझा गया। उत्तर में ब्रह्मपुत्र और दक्षिण में कन्याकुमारी इसके प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि 33 वर्ष तक भगवान पाश्र्वनाथ अफगान में रहे। चीन के सरकारी भवनों पर आज भी अशोक चिन्ह दिखाई देते हैं। स्वामी विवेकानंद ने कहा था, 2021 के बाद देश नई करवट लेकर ऊपर उठेगा। उन्होंने कहा था जब देश का मस्तिष्क हिंदू और शरीर मुसलमान होगा तो हिंदू-मुस्लिम समस्या का समाधान स्वत: हो जाएगा।
वॉच मेरी गुरु:स्वामी विवेकानंद
हुसैन ने कहा कि एक छात्र ने स्वामी विवेकानंद से सवाल पूछा। जिसके जवाब में स्वामीजी ने कहा था कि दीवार पर लगी वॉच मेरी गुरु है। इसके शब्द डब्ल्यू- वॉच योर वर्क, ए-वॉच योर एक्शन, टी- वॉच योर थॉट, सी- वॉच योर केरेक्टर और अंतिम शब्द एच- वॉच योर हैबिट का संदेश देता है। जीवन में ये पांच शब्द हमारे गुरु हो सकते हैं। वॉच हर समय इसकी याद दिलाती रहती है।
टीलेश्वर भवन में गुरुवार को 'भारत के विकास की अवधारणा' व्याख्यानमाला को संबोधित करते जाने माने चिंतक पदमश्री मुजफ्फर हुसैन और मौजूद गणमान्य नागरिक।
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