राजू श्रीवास्तव की जीवन यात्रा के चार सन्देश

राजू श्रीवास्तव की जीवन यात्रा के चार सन्देश 

सुप्रशिद्ध हास्य कलाकार , राजू श्रीवास्तव, अचानक चले गए। उनका इस तरह से जानें के बाद संपूर्ण विश्लेषण में तीन सन्देश निकलते हैं :- 

1- जिंदगी का कोई भरोसा नहीं, अचानक आप को कभी भी मौत अपने आगोश में ले लेगी । अर्थात जो भी करना है , उसे तत्काल करो,कल पर कुछ मत छोड़ो ।

2-  जिंदगी में जो भी कमाया है, वह यहीं रह जाना है । धन दौलत कार बंगले सभी यहीं रहनें हैं, कोई भी साथ नहीं जाएगा। कंगाल हो या करोड़पति , यह शरीर तक यहीं रह जाता है । अर्थात कमाओ खूब मगर यह ध्यान रहे कि यह साथ नहीं जाता। इसलिये परमार्थ करो जो लंबे समय तक आपकी याद लोगों के दिलों में बनाय रखे ।

3- अपनी सफलता के लिए अपने को ही प्रयास करना होता है, स्वंय को ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती है । खुद को ही पुरषार्थ करना होता है। जब आप अपने को उस सांचे में ढाल लोगे , तभी दूसरा सहारा दे पाता है। अर्थात लक्ष्य के लिए स्वयं को तैय्यार करो । मेहनत भी तभी काम आती है।

4- कड़ी मेहनत सफलता दिलाती है। जिंदगी में जो भी प्राप्त करना चाहते हो उसके पीछे पड़ जाओ ...जब तक वह मिले नहीं तब तक पीछा करते रहो । आत्मविश्वास बना कर चलते रहो, सफलता जरूर कदम चूमेंगी।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

सफलता के लिए प्रयासों की निरंतरता आवश्यक - अरविन्द सिसोदिया

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश