जवानों की मृत्यु पर हंसने वालों का सार्वजनिक विरोध होना चाहिये CDS-General-Bipin-Rawat
जवानों की मृत्यु पर हंसने वालों का प्रतिकार करने का समय…..
साभार - विश्व संवाद केन्द्र भारत
जवानों की मृत्यु पर हंसने वालों का प्रतिकार करने का समय
कम से कम अब तो अपनी चुप्पी तोड़नी होगी, वे पाकिस्तान से मैच हारने पर खुश होते हैं. वह पाकिस्तान द्वारा भारतीय सेना के जवानों के मारे जाने पर खुश होते हैं. वे अटल, सुषमा, अरुण जेटली, मनोहर पर्रिकर की दुःखद मृत्यु पर अट्टहास करते हैं. भारत में आतंकवादियों द्वारा तांडव मचाए जाने पर खुश होते हैं और वह आज भी खुश हो रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान और चीन को नाकों चने चबाने वाले महानायक, देश की सेनाओं को सबसे हाईटेक और मजबूत बनाने में अतुलनीय योगदान देने वाले भारत मां के वीर सपूत जनरल बिपिन रावत जी आज हमारे बीच नहीं रहे.
इनकी खुशी का कारण सिर्फ राजनीतिक विद्वेष नहीं, बल्कि भारत और भारतीयता से इनकी नफरत है. विकसित हो रहे भारत से इनकी नफरत है.
पर, क्या कभी विचार किया है कि ऐसे हालातों में समाज का क्या कर्तव्य बनता है, हम अपने ही देश में अपने राष्ट्रभक्त महानायकों का मजाक बनते हुए कब तक देखते रहेंगे? अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में देश के महानायकों पर कीचड़ उछाला जाता है, अब देश ऐसी हरकतें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा और करना भी नहीं चाहिए.
कोई भी देश अपनी सैन्य शक्ति के बल पर ही महान बनता है, अमेरिका आज सुपर पावर है उसका एकमात्र कारण सिर्फ उसकी सैन्य शक्ति है. सैन्य क्षेत्र में रूढ़िवादी बदलावों से इतर जाकर बिपिन रावत जी ने थोड़े से समय में ही भारतीय सेना को अत्याधुनिक और विश्व की बड़ी-बड़ी ताकतों से टक्कर लेने लायक बना दिया था.
अब हमें भी थोड़ी समझदारी करनी चाहिए. तुच्छ राजनीति छोड़कर राष्ट्र और समाजहित को सर्वोपरि रखते हुए एक सच्चे भारतीय के रूप में आपसी सहयोग और संगठन बढ़ाकर देश के भीतर काम कर रही देशद्रोही शक्तियों को समाप्त करने के लिए आगे आएं.
भारत के सच्चे सपूत और महानायक बिपिन रावत जी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि, आपके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे.
भारत मां ने आज अपना एक बहादुर लाल खोया है, पर हम रोएंगे नहीं. आप जैसे वीर सपूत पैदा करने वाली इस पावन धरा को देशद्रोहियों के रक्त से लाल करने का आपसे वादा करते हैं. ये हर सच्चे भारतीय का आपसे प्रण है. हमारे वीर जवानों के बलिदान हंसने वाले भितरघातियों का खुलकर प्रतिकार करिए.
“हम ढाई मोर्चों पर लड़ रहे हैं”
जनरल बिपिन रावत ने एक बार कहा था “हम ढाई मोर्चों पर लड़ रहे हैं”.
कल दुर्घटना में उनके दुःखद निधन के बाद खुश होते कुछ निकृष्टतम लोगों को देखकर उनकी यह बात याद आ गई..!
बाकी के दो मोर्चे तो हमारे वीर सैनिक संभाल रहे हैं और संभालते रहेंगे. लेकिन बचा हुआ आधा मोर्चा हम जैसे सामान्य नागरिकों को ही संभालना है..!
जनरल रावत और उनके जैसे तमाम वीर सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम ये आधा मोर्चा संभालकर उनकी मृत्यु पर हंसने वाले इन मनोरोगी दानवों को करारा जवाब दें….
दूसरी बात, जनरल रावत या पुलवामा पर खुश होकर तुम बार-बार सिद्ध कर देते हो कि तुम हमारे जैसे नहीं, हमारे बीच के नहीं, हमारे अपने नहीं….!
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सरकार ने जाँच के आदेश दे दिए हैं, जाँच से सच-झूठ सामने आ जाएगा, परंतु (जैसा मैंने कल भी वीडियो में कहा था) कुछ नेताओं ने ‘जब देश का सेनापति ही सुरक्षित नहीं है’ वाला राग अलापना आरंभ कर दिया है। ये वही लोग हैं जो चीन के पे-रोल पर हैं, भीतर से खुश हैं और प्रश्न भी कर रहे हैं।
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अहमदाबाद: CDS जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) की मौत को लेकर अपने फेसबुक पेज पर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले गुजरात के एक 44 वर्षीय व्यक्ति को अहमदाबाद साइबर क्राइम सेल ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया.
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राष्ट्रवादी सुनीत
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32मि॰
कितना दुखद बात है सीडीएस रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश में हुई मौत को नेशनल हेराल्ड यानी कांग्रेस का मुखपत्र के एक पत्रकार ने इसे दैवीय चमत्कार बताया है।
देश का दुर्भाग्य है कि हमें बोर्डर पार के लोगों से नहीं देश के अंदर के लोगो से ही ज्यादा खतरा है।
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अपना नापाक चेहरा देखाने से बाज नहीं आ रहे हैं
दरअसल जैसे ही हैलीकॉप्टर क्रैश की खबर सामने आई कांग्रेस और उसके सरपस्त सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए। ट्विटर पर जहर उगल कर बताया कि वो किस तरह देश और सेना से नफरत करते हैं। कांग्रेसियों ने अपनी भड़ास निकालने के लिए इस दुर्घटना को राफेल सौदे से जोड़ दिया। मधेपुरा यूथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से सबसे हैरान करने वाला ट्वीट किया गया। इसमें लिखा गया, “दुर्भाग्य है कि रक्षा मंत्री पारिकर के बाद अब राफेल विमान खरीद प्रक्रिया में शामिल सीडीएस बिपिन रावत भी शायद अब इस दुनिया में नहीं रहे। राफेल घोटाला फ्रांस में खुलेगा उतनी भारत में दुर्घटनाएं होना लाजमी….।” जब लोगों ने कांग्रेस की इस गद्दारी के लिए लताड़ लगानी शुरू की तो इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया।
हिन्दुफोबिया से ग्रसित द नेशनल हेराल्ड की पत्रकार एश्लिन मैथ्यू ने भी इस दुर्घटना पर अपनी अंदर की नफरत को उजागर किया। उसने ट्वीट कर इसे Divine Intervention यानि ईश्वरीय सज़ा का परिणाम बताया। हालांकि इस ट्वीट को लेकर जब लोगों ने लताड़ लगानी शुरू की तो एश्लिन ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। गौरतलब है कि द नेशनल हेराल्ड द एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड द्वारा प्रकाशित एक भारतीय समाचार पत्र है। यह गांधी परिवार और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ी एक कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड के स्वामित्व में है।
प्रधानमंत्री मोदी से नफरत करते करते लोग देश की सेना से भी नफरत करने लगे हैं। जैसे ही जनरल रावत के हेलिकॉप्टर के क्रैश होने की खबर आई, कश्मीर और चीन सीमा में एलओसी पर सेवा देने वाले एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी कर्नल बलजीत बख्शी ने अपने ट्विटर हैंडल से तंज कसते हुए लिखा, “मोदी के चेहरे पर व्याप्त कपटपूर्ण दुख को देश को कभी नहीं भूलना चाहिए। और देश को इसके लिए उन्हें माफ नहीं करना चाहिए।” जैसे ही लोगों ने बख्शी के इस नीच हरकत के लिए लताड़ लगाई, बक्शी ने भी इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।
सोशल मीडिया में हैलीकॉप्टर क्रैश की तस्वीर शेयर किया गया। धू-धू कर जलते हैलीकॉप्टर के पार्ट-पुर्जों की तस्वीरें देखकर लोग काफी दुखित है और इस दुर्घटना के शिकार लोगों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस के सरपरस्तों और देश के गद्दारों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। किसी ने इमोजी के जरिए ‘हाहा’ का रिएक्शन देकर अपना देशद्रोही चेहरा दिखाया, तो किसी ने नफरत से भरा ट्वीट किया।
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कुछ अन्य हादसे...
संजय गांधी,
सबसे ज़्यादा विवाद और चर्चा में रहा संजय गांधी के विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना. इंदिरा गांधी के छोटे बेटे और राजीव गांधी के भाई संजय गांधी का विमान 23 जून, 1980 को दिल्ली में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. वो अपना विमान ख़ुद उड़ा रहे थे.
माधवराव सिंधिया,
सितंबर 2001- कांग्रेस के नेता माधवराव सिंधिया का उत्तरप्रदेश के मैनपुरी ज़िले की भोगांव तहसील के समीप मोता में एक विमान हादसे में निधन हो गया था. माधवराव सिंधिया को कांग्रेस के अग्रणी नेताओं में शुमार किया जाता था. उनकी गिनती उन नेताओं में की जाती थी जो युवा थे और लोगों के बीच लोकप्रिय थे. राजनीतिक हल्कों में माना जाता था कि कांग्रेस में उनका भविष्य काफ़ी उज्जवल है.
वाईएस राजशेखर रेडडी,
सितंबर 2009- को आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाइएस राजशेखर रेड्डी तथा चार अन्य लोगों को लेकर एक हेलिकॉप्टर नल्लामाला वन क्षेत्र में लापता हो गया था. सेना की मदद से इस हेलिकॉप्टर की खोज की गई. तीन सितंबर को हेलिकॉप्टर का मलबा कुरनूल से 74 किमी दूर रूद्रकोंडा पहाड़ी के शिखर पर पाया गया था.
दोरजी खाडूं,
अप्रैल 2011- अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी. खांडू चार सीटों वाले एक इंजन के पवन हंस हेलिकॉप्टर एएस-बी350-बी3 में सवार थे. उनका हेलिकॉप्टर तवांग से उड़ान भरने के 20 मिनट बाद ही लापता हो गया था. चार दिनों तक उनका हेलिकॉप्टर लापता रहा. पाँचवें दिन खोजी दल को दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर का मलबा मिला और उसमें सवार पाँचों लोगों के शव भी मिल गए.
जीएमसी बालयोगी,
मार्च 2002- लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष जीएमसी बालयोगी की आंध्रप्रदेश के पश्चिमी गोदावरी ज़िले में एक बेल 206 हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने पर मौत हो गई थी.
ओपी जिंदल
ओपी जिंदल उस समय हरियाणा के ऊर्जा मंत्री थे और देश के अग्रणी उद्योगपतियों में उनकी गिनती होती थी.
के हेलीकाफटर भी दुर्घटनाग्रस्त हुये है।
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