भारत के सर्वोच्च राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी - अरविन्द सिसौदिया

 

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भारत के सर्वोच्च राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी - अरविन्द सिसौदिया

statesman-of-world-Atal-Bihari-Vajpayee : Arvind Sisodia

अटल बिहारी वाजपेयी सबसे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक थे, उन्हे राजनीति में भेजा गया था, डॉ श्यामाप्रसाद मुखजी के नेतृत्व में नये राजनैतिक दल भारतीय जनसंघ की स्थापना हेतु, वे जनसंघ सहित तीन नये राजनैतिक दलों के संस्थापक सदस्य थे। जनसंघ का विलय कर जनता पार्टी बनानें में उनका महत्वपूर्ण योगदान था तथा जब जनता पार्टी टूट गई, तब भारतीय जनता पार्टी का गठन उनकी अध्यक्षता में हुआ था। भारतीय जनसंघ संघ विचारधारा का पहला राजनैतिक दल था उसी का आधुनिक स्वरूप भारतीय जनता पार्टी है। 

वे भारत के तीन बार प्रधानमंत्री बनें, लोकसभा एवं राज्यसभा में रहे, केन्द्रीय मंत्री बनें, लोकसभा में अनेकों बार चुन कर गये। 

अटल बिहारी वाजपेयी भारत के तीन बार के प्रधानमंत्री थे। वे पहले 16 मई से 1 जून 1996 तक, तथा फिर 1998 मे और फिर19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिंदी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे,


उनमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की संकल्पशक्ति, भगवान श्रीकृष्ण की राजनीतिक कुशलता और आचार्य चाणक्य की निश्चयात्मिका बुद्धि  । वे अपने जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण राष्ट्रसेवा के यज्ञ में अर्पित कर रहे हैं ।

 उनका तो उद्‍घोष है -

"भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं है, यह जीता जागता राष्ट्रपुरुष है ।
ये वंदन की धरती है, ये अभिनन्दन की भूमि है ।
ये अर्पण की भूमि है ये तर्पण की भूमि है।
इसकी नदी-नदी हमारे लिए गंगा है, इसका कंकर-कंकर हमारे लिए शंकर है।
हम जिएंगे तो इस भारत के लिए और मरेंगे तो इस भारत के लिए,
और मरने के बाद भी गंगाजल में बहती हुई हमारी अस्थियों को कोई कान
लगाकर सुनेगा, तो एक ही आवाज आएगी-
"भारतमाता की जय"
माननीय_अटल_जी_की_कलम_से


भारत रत्न से सम्मानित अटलजी एक तेजस्वी पत्रकार और ओजस्वी कवि थे। उनकी वक्तव्य शैली की कोई सानी नहीं है। उनके व्यंग की कोई मिशाल नहीं है। शब्दों के जादूगर और विषय की गहराई की समझ में आज भी उनके आसपास कोई नहीं ठहरता। संसद के सदन से सडकों तक जिनकी रोम रोम से भारतीय संस्कृति उद्दाम लहरें लेती थी।
वे भारत माता का सच्चा सपूत थे उन्होनें
1-देश को परमाणु शक्ति सम्पन्न बनाया,
2-पाकिस्तान को कारगिल युद्ध में हराया,
3-संयुक्त राष्ट्रसंघ में हिन्दी में सम्बोधन देकर मातृभाषा का मान बढाया।
4-किसानों की उन्नती और उद्धार की कम ब्याज दर के किसान क्रेडिट कार्ड योजना,कृषि फसल बीमा, फसल का समर्थन मूल्य देकर सरकारी खरीद सहित तमाम योजनायें बनवाईं,
5-प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के द्वारा गांव गांव पक्की सडकों से जोडे ,
6-देश को दो बडे कारीडोर और चारो महानगरों को जोडनें वाली स्वर्ण चतुभुज सडक परियोजना दी।
7-मोबाईल क्रांती के वे जनक थे, तो
8- रसोई गैस कनेक्शन एवं उपलब्धता ।
9-एक बार उनकी सरकार में आलू प्याज की महंगाई हुई तो उन्होन जमाखोरों पर इस तरह का सिकंजा कसा की फिर कभी उनके राज में महंगाई नहीं आई।
10 - सरकारी चिकित्सालयों में मुफत दवायें एवं जांच उपलब्धता के लिये केन्द्र की मदद प्रारम्भ की 
11-एक सौ वर्ष से भी ज्यादा पुराने कावेरी जल विवाद को सुलझाया।
12-संरचनात्मक ढाँचे के लिये कार्यदल,
13-सॉफ्टवेयर विकास के लिये सूचना एवं प्रौद्योगिकी कार्यदल,
14-विद्युतीकरण में गति लाने के लिये केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग आदि का गठन किया।
15-राष्ट्रीय राजमार्गों एवं हवाई अड्डों का विकास;
16-नई टेलीकॉम नीति तथा
17-कोकण रेलवे की शुरुआत करके बुनियादी संरचनात्मक ढाँचे को मजबूत करने वाले कदम उठाये।
18-राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, आर्थिक सलाह समिति, व्यापार एवं उद्योग समिति भी गठित कीं।
19-आवश्यक उपभोक्ता सामग्रियों के मूल्यों को नियन्त्रित करने के लिये मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन बुलाया।
20-उड़ीसा के सर्वाधिक निर्धन क्षेत्र के लिये सात सूत्रीय निर्धनता उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया।
21- आवास निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए अर्बन सीलिंग एक्ट समाप्त किया।
22-ग्रामीण रोजगार सृजन एवं
23-विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिये बीमा योजना शुरू की।

अटलजी के हजारों लेख एवं व्यंग सहित सैंकडों कवितायें है, जिस कवि सम्मेलन में अटलजी होते थे वह रात भर चलता था भोर की किरणों के साथ ही समाप्त होता था। उनकी कुछ प्रमुख प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार से हैं -
- रग-रग हिन्दू मेरा परिचय
- 15 अगस्त कहता है आजादी अभी अधूरी है
- न दैन्यं न पलायनम् / अटल बिहारी वाजपेयी (कविता संग्रह)
- मेरी इक्यावन कविताएँ / अटल बिहारी वाजपेयी (कविता संग्रह)
- अंतरद्वंद्व / अटल बिहारी वाजपेयी
- अपने ही मन से कुछ बोलें / अटल बिहारी वाजपेयी
- आओ फिर से दिया जलाएँ / अटल बिहारी वाजपेयी
- ऊँचाई / अटल बिहारी वाजपेयी
- एक बरस बीत गया / अटल बिहारी वाजपेयी
- क़दम मिला कर चलना होगा / अटल बिहारी वाजपेयी
- कौरव कौन, कौन पांडव / अटल बिहारी वाजपेयी
- क्षमा याचना / अटल बिहारी वाजपेयी
- जीवन की ढलने लगी साँझ / अटल बिहारी वाजपेयी
- झुक नहीं सकते / अटल बिहारी वाजपेयी
- दूध में दरार पड़ गई / अटल बिहारी वाजपेयी
- दो अनुभूतियाँ / अटल बिहारी वाजपेयी
- पुनः चमकेगा दिनकर / अटल बिहारी वाजपेयी
- मनाली मत जइयो / अटल बिहारी वाजपेयी
- मैं न चुप हूँ न गाता हूँ / अटल बिहारी वाजपेयी
- मौत से ठन गई / अटल बिहारी वाजपेयी
- हरी हरी दूब पर / अटल बिहारी वाजपेयी
- हिरोशिमा की पीड़ा / अटल बिहारी वाजपेयी
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-मृत्यु या हत्या
-अमर बलिदान (लोक सभा में अटल जी के वक्तव्यों का संग्रह)
-कैदी कविराय की कुण्डलियाँ
-संसद में तीन दशक
-अमर आग है
-कुछ लेखः कुछ भाषण
-सेक्युलर वाद
-राजनीति की रपटीली राहें
-बिन्दु बिन्दु विचार, इत्यादि।

 

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