भारत को अपनी मूल आजादी की अभी भी तलाश है - अरविन्द सिसोदिया
भारत का संविधान, ज्यादातर विधान और अंग्रेजों के समय से चल रही प्रशासन व्यवस्था सहित शिक्षण व्यवस्था, पाठ्यक्रम , पाठ्य पुस्तकें, इतिहास और अनेकों तरह की तमाम व्यवस्थाएं अभी भी अंग्रेजी सरकार के द्वारा लागू किये गए हैं वे ही अभी भी जारी हैं । और इसी तरह से भारत के सैकड़ों नगरों के नाम और अवैध कब्जे अभी भी इस्लामिक आक्रमणकारियों के द्वारा किये गये बदलाव वाले लागू हैं और अभी भी बने हुए हैं । जो कि गुलामी के घोतक हैं । ये हमें बताते हैं कि भारत वास्तविक रूप में अभी भी आजाद नहीं हुआ है । भारत को अपनी मूल आजादी अभी प्राप्त नहीं हुई है ।
भारत का वह स्वरूप जो आज से 1500 - 2000 वर्ष पूर्व था । जो उसकी शासन व्यवस्थाएं थी जो भाव था जो स्वरूप था जो परंपराएं थी । उन सबको आक्रमणकारियों ने प्रभावित किया, ध्वस्त किया और उन को थोपा । जबरिया अपनी मान्यताओं को, शासन व्यवस्थाओं को, विचार को और पूजा पद्धति सहित बहुत सारे अनर्गल तौरतरीकों को थोपा । जो अभी भी बने हुए हैं ।
किसी भी स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ यही होता है कि वह अपने मूल स्वरूप को प्राप्त करें और बिना किसी दबाव के आगे की यात्रा प्रारंभ करें । इस दृष्टिकोण से यह जरूरी है कि भारत की प्रशासनिक व्यवस्था, राजनीतिक व्यवस्था सहित देश पर अभी भी प्रभाव एवं वर्चस्व तथा व्यवस्थाएं पूरी तरह से हटाई जानी चाहिए । जो अभी भी कहीं ना कहीं अपने होनें से गुलामी को प्रदर्शित करती जैसे कि लखनऊ या अहमदाबाद यह नाम हमें गुलामी का अहसास करवाते हैं । क्योंकि ये हमारे नाम हैं ही नहीं । ऐसे बहुत सारे निर्माण हैं जिनको हमारे निर्माणों को ध्वस्त करके उसी सामग्री से खड़ा किया गया या सिर्फ उनका नाम बदल दिया गया था । काशी - मथुरा में मस्जिदें क्यों , वहीं पुष्कर में भी , ताज महल , कुतुब मीनार आदी अनगिनित ध्वस्त अवशेष अपनी आजादी मांग रहे हैं । देश स्वतन्त्र हुआ है इसलिए इन्हें भी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए । वास्तविक स्वतन्त्रता आनी चाहिये ।
देश जब स्वतन्त्र हुआ था तब एक कार्टून छपा था। जिस में एक गाय भारत के स्वरूप में थी जो जवाहरलाल नेहरू के रूपमें दर्शित की गई थी । और उसका असली बछड़ा दूर बंधा हुआ है । आजाद भारत रूपी गाय का दूध मुस्लिम लोग पी रहे हैं । यह कार्टून ही बता रहा है कि कांग्रेस ने आजादी के नाम पर हिन्दू को ठगा , मुसलमानों ने फायदा उठाया और यूं कहिये कि कार्टून बना दिया ।
स्वतन्त्रता आई है तो दिखनी भी चाहिए और महसूस भी होनी चाहिये ।
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