स्पष्ट हो कि यह अकूत धन किस पार्टी को फायदा पहुचानें एकत्र किया गया था - अरविन्द सिसौदिया IT-Raid
स्पष्ट हो कि यह अकूत धन किस पार्टी को फायदा पहुचानें एकत्र किया गया था - अरविन्द सिसौदिया
It should be clear that this huge amount was collected to benefit which party - Arvind Sisodia
1- नशे और सौन्दर्य से सम्बंधित व्यवसाय के लोग अधिक टैक्स होनें और उस टैक्स की चोरी करने से मालामल होते है। इसलिये यह धन टैक्स चोरी का भी हो सकता है।
2- चुनाव में अनाप सनाप कालाधन खर्च करना पडता है। क्यों कि एक नम्बर में खर्च की सीमा बहुत कम है, इतने में तो दो दिन का चुनाव भी नहीं हो सकता। फिर लगभग एक माह लगातार पानी की तरह पैसा चुनाव में बहाया जाता है। वह सारा पैसा नम्बर दो का ही होता है। जिसे पहले ही एकत्र कर अलग अलग कई जगह रखा जाता है। यह अकूत धन चुनाव खर्च के लिये एकत्र किया हुआ प्रतीत हो रहा है।
महसूस यही हो रहा है कि यह चुनाव खर्च के लिये ही एकत्र किया हुआ पैसा है और इस तरह का पैसा अनेकों जगह और भी हो सकता है।
आयकर विभाग की कार्यवाही मात्र धन बरामदगी तक सीमित नहीं रहनी चाहिये बलिक इसके मकसद को भी धनस्वामी से उगलवाया जाये और सत्य समाज के सामनें लाया जाये।
हलांकी समाजवादी पार्टी अपने आप ही इससे अपने को अलग कर रही है। जो कि स्वयं संदिग्धता उत्पन्न करना है।
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कानपुर, उत्तर प्रदेश के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज स्थित आवास पर रेड में आयकर विभाग और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड को सूत्रों के मुताबिक, इस छापे में करीब 170 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की गई है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रही रेड की कुछ कथित तस्वीरों में पीयूष जैन के घर में बड़ी-बड़ी अल्मारियों में नकदी के ढेर दिखाई देते हैं.
कौन हैं पीयूष जैन
पीयूष जैन कन्नौज में इत्र के बड़े व्यापारियों में शुमार किए जाते हैं, वह 40 से ज्यादा कंपनियों के मालिक हैं, इनमें से दो कंपनियां मिडिल ईस्ट में हैं, कन्नौज में पीयुष की परफ्यूम फैक्ट्री, कोल्ड स्टोरेज और पेट्रोल पंप भी हैं। मुंबई में पीयूष का हेड ऑफिस है, साथ ही वहां उनका एक बंगला भी है। पीयूष जैन इत्र का सारा बिजनेस मुंबई से करते हैं, यहीं से इनका इत्र विदेशों में भी भेजा जाता है।
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